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डॉ. ए. डब्ल्यू. टोजर के पुर्नजागरण पर विचार

A. W. TOZER ON REVIVAL
(Hindi)

डॉ. हायमर्स आर. एल. जूनि द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लॉस ऐजींलिस के बैपटिस्ट टैबरनेकल में‚ रविवार दोपहर की आराधना‚
९ मई‚ २०२१ को सिखाया गया पाठ
A lesson taught at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Afternoon, May 9, 2021

शिक्षण के पूर्व गीत गायाः ‘‘मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए’’
   (एविस बर्जस क्रिश्चियनसन‚ रचयिता‚ १८९५—१९८५)


कृपया मेरे साथ यहोशु ७:१२ खोल लीजिए। जब मै पढ़ता हूं कृपया अपने स्थानों पर खड़े हो जाइए।

‘‘इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं‚ इसलिये कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे‚ तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा’’ (यहोशु ७:१२)

अब आप बैठ सकते हैं। इजरायली अपने इतिहास काल में अविश्वासियों के उपर विजय प्राप्त करने में आज तक बहुत सफल माने जाते हैं। एक बार इजरायलियों में से एक व्यक्ति ने युद्ध में जीते गए लूट के सामान में से कुछ वस्तुएं चुरा ली। इससे परमेश्वर उस निर्जन में उस कलीसिया पर क्रोधित हुए। आचन नामक इस व्यक्ति के कृत्य ने परमेश्वर से पूर्व में मिलती आ रही मदद को बंद करवा दिया। डॉ. स्कोफील्ड ने बिल्कुल सही कहा है‚

‘‘मसीह के उददेश्य को एक विश्वासी के पाप‚ उपेक्षा‚ अनआध्यात्मिकता ने घायल किया’’ (पेज २६६ पर नीचे अंतिम लेख में देखिए)

हम घंटों परमेश्वर यहोवा से पुर्नजागरण भेजने की प्रार्थना करते हुए बिता सकते हैं किंतु होता यह है कि हम उनके नियमों को तोड़ना जारी रखते हैं। परमेश्वर हमसे क्या चाहते हैं‚ इस बात की उपेक्षा करते हैं। देखिए‚ परमेश्वर ने यहोशु से क्या कहा‚

‘‘और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे‚ तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा’’ (यहोशु ७:१२)

जब एक कैथोलिक पृष्ठभूमिक व्यक्ति पाप करता है तब वह उसे स्वीकारना चाहता है। पर इस प्रकार पाप स्वीकारना अक्सर दुगुना बुरा होता है। नीतिवचन २८:१३ को निकाल लीजिए। अपने स्थानों पर खड़े होकर इस पद को जोर से पढ़िए।

‘‘जो अपने अपराध छिपा रखता है‚ उसका कार्य सुफल नहीं होता‚ परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है‚ उस पर दया की जायेगी’’ (नीतिवचन २८:१३)

अब आप बैठ सकते हैं। पाप करना नहीं छोड़ना और उसे केवल स्वीकारते जाना तो असल में बहुत ही बुरी बात है। क्यों? क्योंकि ऐसा करना एक विद्रोही व्यक्ति की बिल्कुल मदद नहीं करेगा!

कृपया यूहन्ना १४:२१ निकाल लीजिए।

‘‘जिस के पास मेरी आज्ञा है‚ और वह उन्हें मानता है‚ वही मुझ से प्रेम रखता है‚ और जो मुझ से प्रेम रखता है‚ उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा‚ और मैं उस से प्रेम रखूंगा‚ और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा’’ (यूहन्ना १४:२१)

अब आप यूहन्ना १४:१५ निकाल लीजिए‚

‘‘यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे’’

पुर्नजागरण के लिए डॉ. टोजर के बताए गए कदम इस प्रकार है।

(१) अपने आप से असंतुष्ट हो जाइए। अपना ध्यान अपने भीतर आंतरिक बदलाव की तरफ लगाइए।

(२) अपने आप को आशीष के स्थान पर रखिए। अपने अंदर आत्मिक जागरण की चाह रखना और उसी समय व्यक्तिगत प्रार्थना करने की उपेक्षा करना‚ ऐसा ही होगा‚ जैसे चाह किसी चीज की रखना और राह कोई और चलना।

(३) पाप से प्रायश्चित पूरा कीजिए। इसके लिए हड़बड़ी मत कीजिए।

(४) जब कभी संभव हो‚ स्वयं के पुर्ननिर्माण में लग जाइए।

(५) गंभीर विचार रखने वाले बनिए। अपने टी वी बंद कर दीजिए। आपकी आदतों में क्रांतिकारी बदलाव आना चाहिए, नहीं तो आपके आत्मिक जीवन में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

(६) अपने शौक को सीमित कर लीजिए। आपका हदय जी जाएगा जब आप संसार की बातों की तरफ से और पाप की ओर से इसे बंद कर लेंगे और मसीह के लिए हदय को खोल लेंगे।

(७) अपने ‘‘जीर्ण शीर्ण’’ होने से इंकार कीजिए। अपने पास्टर के लिए उपलब्ध रहिए और आपसे जो भी कार्य करने को कहा जाए‚ उसे पूरा कीजिए। आज्ञा मानना सीखिए।

(८) गवाही देना आरंभ कीजिए। अपने साथ रविवार की आराधना में किसी को लाना आरंभ कीजिए।

(९) बाइबल को धीमे धीमे पढ़िए। जब महान विद्धान डॉ. सेमूएल जॉनसन इंग्लैंड के राजा से मिलने पहुंचे, दोनों व्यक्ति कुछ समय के लिए बिल्कुल खामोश बैठे। अंततः राजा ने डॉ. जॉनसन से पूछा‚ ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि आप बहुत पढ़ते हैं।’’ ‘‘जी हां‚ सर।’’ डॉ. जॉनसन ने कहा‚ ‘‘बहुत पढ़ता हूं। किंतु सोचता उससे बढ़कर हूं।’’

(१०) परमेश्वर पर विश्वास रखिए। उनसे अपेक्षा रखना आरंभ कर दीजिए। परमेश्वर की ओर देखिए। वह आपकी ओर हैं। वह आपको निराश नहीं करेंगे।


परमेश्वर जानते हैं कि कितना अधिक आपकी कलीसिया को आत्मिक जाग्रति की आवश्यकता है। और यह केवल आपके जैसे नया जन्म पाए लोगों द्धारा ही आ सकती है।

मैं चाहता हूं कि आप जब घर लौटें तो अपने संग यह संदेश लेकर जाएं। जैसा डॉ. टोजर ने आत्मिक जाग्रति लाने के लिए समझाया है, वैसा ही कीजिए। स्वयं पहले नया जन्म प्राप्त कीजिए उसके पश्चात परमेश्वर आपको दूसरों के जीवन में आत्मिक जाग्रति लेकर आने में सहायक बनाएंगे। आइए, खड़े होकर यह भक्ति गीत गाते हैं।

मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, विनती है‚ मैं आज केवल यीशु को देखने पाऊँ;
   गहरी घाटियों से आप मुझे लेकर चलते हैं तौभी आपकी अलौकिक आभा मुझे घेरे रखती है।
अपने दर्शन से तब तक तृप्त करें, मेरे स्वर्गिक मसीहा, कि आपके तेज से मेरा आत्मा चमके।
   मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, कि सब आपकी पवित्र छवि को मुझमें देख सकें।

मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, प्रभु, कि मैं हरेक इच्छा आपकी महिमा के लिए रखूं,
   आत्मा प्रेरित हो, आपकी सिद्धता से, आपके पवित्र प्रेम से, मेरे मार्ग रोशन हो स्वर्गिय तेज से।
मुझे अपने दर्शन से तृप्त करें, स्वर्गिक मसीहा, आपकी महिमा से मेरा आत्मा चमकता रहे।
   मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, कि सब आपकी पवित्र छवि को मुझमें देख सकें।

मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, कि पाप मेरे भीतर की आभा को मद्दिम न करने पाए।
   मैं केवल आपका धन्य चेहरा देखने पाउं, आपके अनंत अनुग्रह से आत्मा का पोषण करता रहूं।
मुझे अपने दर्शन से तृप्त करें, स्वर्गिक मसीहा, आपकी महिमा से मेरा आत्मा चमकता रहे।
   मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए, कि सब आपकी पवित्र छवि को मुझमें देख सकें।
(‘‘मुझे अपने दर्शन से तृप्त कर दीजिए’’ एविस बर्जसन क्रिश्चियनसेन की रचना, १८९५—१९८५)


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(संदेश का अंत)
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