Print Sermon

इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।

इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।

जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net. .



उपदेश आरंभ होने से पूर्व गीत गाया: ‘‘हायर ग्राउंड’’
            (रचयिता जॉनसन ओटमन, जूनि, १८५६—१९२६)


क्या कोरोनावायरस हमें रोक पाएगा?

SHALL THE CORONAVIRUS STOP US?
(Hindi)

डॉ आर. एल. हायमर्स‚ जूनि‚
पास्टर एमेरीटस
by Dr. R. L. Hymers, Jr.,
Pastor Emeritus

बैपटिस्ट टैबरनेकल लॉस ऐंजीलिस में १० मई‚ २०२० को रविवार की
दोपहर दिया गया उपदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Afternoon, May 10, 2020


कृपया‚ लूका के अध्याय २१: ८—११ को खोल लीजिए।

‘‘उस ने कहा; चौकस रहो‚ कि भरमाए न जाओ‚ क्योंकि बहुतेरे मेरे नाम से आकर कहेंगे कि मैं वही हूं; और यह भी कि समय निकट आ पहुंचा है: तुम उन के पीछे न चले जाना। और जब तुम लड़ाइयों और बलवों की चर्चा सुनो‚ तो घबरा न जाना; क्योंकि इन का पहिले होना अवश्य है; परन्तु उस समय तुरन्त अन्त न होगा। तब उस ने उन से कहा‚ कि जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा। और बड़ें बड़ें भूईडोल होंगे‚ और जगह — जगह अकाल और मरियां पड़ेंगी‚ और आकाश में भयंकर बातें और बड़े बड़े चिन्ह प्रगट होंगे’’ (लूका २१: ८—११)

अब मत्ती २४: ४—८ (पेज १०३३) को खोल लीजिए।

‘‘यीशु ने उन को उत्तर दिया सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे‚ कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे देखो; घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है‚ परन्तु उस समय अन्त न होगा। क्योंकि जाति पर जाति‚ और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा‚ और जगह जगह अकाल पड़ेंगे और भुईंडोल होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी’’ (मत्ती २४: ४—८)

मैं चाहता हूं कि आप ऊपर पैरा में — ‘‘मरियां’’ — शब्द पर ध्यान दीजिए। उसके बाद मत्ती २४:८ में लिखा हुआ है कि‚ ‘‘ये सब बातें पीड़ाओं का आरंभ होंगी।’’

+ + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + +

हमारे उपदेश अब आप के सेल फोन पर उपलब्ध हैं
WWW.SERMONSFORTHEWORLD.COM पर जाइए
हरे रंग के बटन जिस पर ‘‘एप" शब्द लिखा हुआ है उस पर क्लिक कीजिए।
जो निर्देश आते हैं उनके अनुसार चलिए।

+ + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + + +

यह ‘‘मरियां’’ शब्द बहुत महत्वपूर्ण है‚ इसे यूनानी भाषा के लॉयमॉस (बहुवचन) शब्द से लिया गया है। उंगर बाइबल कमेंटरी कहती है कि यह शब्द ‘‘प्लैग पर…….. लागू होता है।’’ यीशु ने ऐड्ज़ नामक महामारी को पूर्व में बताया था। यही शब्द कोरोनावायरस महामारी को भी बताता है। यह बात ध्यान देने लायक है कि मसीह ने पद ८ में इन सब महामारियों के लिए कहा था ‚ ‘‘ये सब बातें पीड़ाओं का आरंभ होंगी।’’ यूनानी भाषा में इसका अर्थ है ‘‘जच्चा को होने वाले दर्द का आरंभ’’ (मैकआर्थर)।

आज के दिनों के बारे में बोलते हुए जे. एन. डर्बी ने कहा था‚ ‘‘एक समय एक समय झूठे चर्च सामने आएंगे: अकाल, महामारी और भूकंप होंगे।’’ वाईंस एक्सपोजिटरी डिक्शनरी महामारी की परिभाषा देती है ‘‘कोई भी घातक संक्रामक बीमारी‚ लूका २१:११ में बहुवचन रूप में जिसका उल्लेख मिलता है।’’

आइए, अब इस बात पर विमर्श करते हैं कि कोविड महामारी के पश्चात लोग ‘‘चर्च कैसे आएंगे।’’ इस संबंध में onenewsnow.com (२४ अप्रैल, २०२०) की एक रिपोर्ट का शीर्षक था ‘‘कोविड आपदा के पश्चात लोग ‘चर्च कैसे आएंगे?’’’ इसमें कहा गया है कि कई लोग ‘‘ऑनलाईन सविसेज में भाग लेंगे।’’ इसमें यह भी कहा गया है कि ‘‘चर्च का जीवन इस महामारी के बाद स्पष्ट तौर पर पहिले से अलग होगा।’’ ‘‘४२% का कहना है कि जितना दान महामारी पूर्व मिलता था, उसका अनुपात बुरी तरह प्रभावित होगा।’’ ‘‘एक चिंताजनक स्थिति चर्च के अगुवों में व्याप्त है जो यह सोचकर भयभीत हैं कि लॉकडाउन खुलने पर उन्हें किस चीज का सामना करना होगा?’’ ‘‘विशाल चर्चेस में जाने वाले अधिकतर लोगों को लेकर‚ संपूर्ण अमेरिका के चर्च अगुवों के मन में आशंका जन्म ले रही है।’’ ‘‘व्यवहार वैज्ञानिकों के रूप में‚ हम इस बात की आशंका से इंकार नहीं कर सकते हैं कि ‘इसकी जगह पर’ अब क्या होगा — बस इसी बात को लेकर कई पास्टर्स चिंतित हैं।’’ ‘‘इस सभ्यता ने लोगों को………. मांग पर चीजें उपलब्ध होती हैं, यह सिखाया है।’’

इस सेवकाई में ६२ वर्ष बिताने के पश्चात‚ मेरा मानना है कि इन सारे भय का उठना स्वाभाविक है । मैं सोचता हूं कि २ थिस्सलुनीकियों २:३ में अंत समय की भविष्यवाणी में कहा गया एक हिस्सा इन आशंकाओं से जुड़ा हुआ है‚ ‘‘किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा‚ जब तक धर्म का त्याग न हो ले’’ (ही एपोस्टेसिया — दि एपोस्टेसी)। डॉ मैरिल एफ. उंगर का कथन था‚ ‘‘जैसे कि पहले विश्वास में थोड़ी कमी‚ ज्यादा कमी को जन्म देती है — ईसाई जगत द्वारा सक्रिय आस्था का संपूर्ण रूप से त्याग कर देना’’ (बिब्लीकल डैमनोलॉजी‚ पेज २०७) अगर हम धर्मशास्त्र के इस महत्वपूर्ण पद को मानने में असफल रहते हैं तब क्या हम सच्चे मसीही कहलाएंगे?

‘‘और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें‚ जैसे कि कितनों की रीति है‚ पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो‚ त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो’’ (इब्रानियों १०:२५)

डॉ. डब्ल्यू. ए. क्रिसवेल ने इस पद के विषय में कहा था‚ ‘‘इब्रानियों के लेखक इस बात पर जोर देते हैं कि मसीहियों की इकट्ठे होने की आदत बढ़ना चाहिए........जैसे — जैसे मसीह के आगमन का दिन करीब आता जाता है.......स्थानीय चर्च का महत्व और उसकी आवश्यकता पर जोर डाला जाना चाहिए ताकि प्रत्येक मसीही स्थानीय संतों की संगति करने में विश्वसनीय बने’’ (दि क्रिसवेल स्टडी बाइबल; इब्रानियों १०:२५ पर व्याख्या)

मैं मानता हूं आज ये शब्द बड़ा अर्थ रखते हैं‚ जैसे — जैसे हम मसीह के दूसरे आगमन के दिन को नजदीक आते देखते हैं। लेकिन नये इवेंजलीकल्स इस पद को नहीं मानते हैं। जैसे — जैसे हम उस भारी क्लेश की ओर आगे बढ़ेंगे‚ यह इंकार और बढ़ता जाएगा। शैतान जानता है कि सच्चे मसीहियों को स्थानीय चर्च से दूर बनाए रखना अवश्य है ताकि उन्हें कमजोर करते जाएं और वे एक दिन मसीह के शत्रु के सामने आत्म समर्पण कर दें।

मैं यह जानकर बहुत खिन्न हूं कि डेविड जेर्मयाह जैसे लोग उनके स्थानीय चर्च में नियमित उपस्थिति पर ज्यादा जोर नहीं देते हैं। मैं यह जानकर उदास हूं कि डॉ. जेर्मयाह अपने श्रोताओं को आने वाले भारी क्लेश के लिए कैसे तैयार रहें, यह बताने में विफल हो जाते हैं।

आइए, अब मत्ती की पुस्तक से अध्याय २४:६—८ खोल लीजिए।

‘‘तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है‚ परन्तु उस समय अन्त न होगा। क्योंकि जाति पर जाति‚ और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा‚ और जगह — जगह अकाल पड़ेंगे‚ और भुईंडोल होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी’’ (मत्ती २४:६‚७‚८)

‘‘उस समय अन्त न होगा’’ (मत्ती २४:६)

‘‘क्योंकि जाति पर जाति‚ और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा‚ और जगह — जगह अकाल पड़ेंगे‚ और भुईंडोल होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी’’ (मत्ती २४:७‚८)

‘‘ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी’’ (मत्ती २४:८)

यहां मैं डॉ. जे. वर्नान मैगी से सहमत हूं कि २४:९ बड़े क्लेश का आरंभ है। डॉ. ए. डब्ल्यू. टोजर ने कहा था‚

‘‘अवश्य दिन बुरे हैं‚ देर होती जा रही है समय (बढ़ता जा रहा) है‚ हम देर कर रहे हैं। परंतु सच्चे मसीही चौकन्नें रहते हैं। उन्हें पहिले से ही ऐसे कठिन समयों की चेतावनी दे दी जाती है और वे जानते हैं कि ऐसे दिन आएंगे’’ (‘‘ऑफ गॉड एंड मैन’’‚ पेज १३१)

जब मैं मत्ती २४:७—१४‚ पेज १०३३ पढ़ता हूं‚ कृपया खड़े हो जाइए।

‘‘क्योंकि जाति पर जाति‚ और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा और जगह जगह अकाल पड़ेंगे‚ और भुईंडोल होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी। तब वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे‚ और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे। तब बहुतेरे ठोकर खाएंगे‚ और एक दूसरे से बैर रखेंगे। और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे‚ और बहुतों को भरमाएंगे। और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा। परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा‚ उसी का उद्धार होगा। और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा‚ कि सब जातियों पर गवाही हो‚ तब अन्त आ जाएगा’’ (मत्ती २४:७—१४)

अब मुझे आपको यह बताना जरूरी है कि भारी क्लेश प्रारंभ होने से पहले ही विश्वासी बादलों में उठा लिए जाएंगे, मैं नहीं मानता हूं। मैं यह मानता हूं कि परमेश्वर के क्रोध के पृथ्वी पर उड़ेले जाने के पूर्व अवश्य बादलों पर सच्चे मसीहियों के उठा लिए जाने की घटना होगी। सामान्यतः मेरा ऐसा मानना है कि क्रोध के उड़ेले जाने के पूर्व चर्च में प्री रेथ रेप्चर का समय आएगा‚ मार्विन रोजेंन्थॉल अपनी पुस्तक दि प्री रेथ रेप्चर ऑफ दि चर्च में कुछ इसी प्रकार से कहते हैं (थॉमस नेल्सन पब्लिकेशंस, १९९०)। रोजेंन्थॉल की पुस्तक को पहिले पढ़िए फिर इसके बारे में आप जो कहना चाहें कह सकते हैं।

मार्विन जे. रोजेंन्थॉल भारी क्लेश आने के पूर्व चर्च के रैप्चर में मेरे समान ही पक्का विश्वास करने रखने वालों में से थे। मि. रोजेंन्थॉल अपनी पुस्तक से यह सिखाते हैं कि विपत्ति के कटोरे के उड़ेले जाने वाली बात जिसका वर्णन प्रकाशितवाक्त १६ में है‚ उसके पूर्व रैप्चर आएगा। इस तरह‚ मैं रैप्चर में तो विश्वास रखता हूं लेकिन प्रकाशितवाक्य १६ में कटोरे से उड़ेले जाने वाली विपत्ति के घटने के ठीक पूर्व यह होगा‚ ऐसा मैं नहीं मानता हूं। यह झूठी शिक्षा नहीं हैं बल्कि बाइबल की ही शिक्षा है। चीन के महान इवेंजलिस्ट जॉन संग इसको मानते थे। वैसे ही डॉ. तिमोथी लिन‚ २४ वर्ष तक मेरे सलाहकार और पास्टर रहे‚ उनका भी यही मानना था। डॉ. क्रिस्टोफर एल. कैगन भी यही मानते हैं।

क्या रोजेंथॉल सही बोल रहे हैं? मेरे हिसाब से वह सही होने के बिल्कुल करीब हैं। इसके पहिले कि आप रोजेंथॉल को खारिज करें‚ उनकी पुस्तक का अध्याय ‘‘दि कमिंग एंड दि ऐंड’’ आपको पढ़ना एवं अध्ययन करना चाहिए।

इस संदेश के माध्यम से मेरा उद्देश्य यह दिखाना है कि अगर ‘‘मसीही’’ उस बड़े महाक्लेश के दिनों के आने से पूर्व इस ‘‘महामारी’’ के दिन का सामना नहीं कर पा रहे हैं‚ तो जब सच में महाक्लेश आएगा‚ तो कैसे सामना कर पाएंगे?

‘‘क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा‚ जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ‚ और न कभी होगा। और यदि वे दिन घटाए न जाते‚ तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएंगे’’ (मत्ती २४:२१‚२२)

ये पद उस ‘‘भारी क्लेश’’ को दर्शाते हैं। डॉ. जे. वर्नान मैगी ने कहा था‚ ‘‘हम प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में पढ़ते हैं कि भारी क्लेश के समय पृथ्वी की एक तिहाई जनसंख्या नष्ट हो जाएगी.......उस अवधि में जनसंख्या को बहुत नुकसान पहुंचेगा। एक समय था जब ये बातें अतिश्योक्ति पूर्ण लगती थी। लेकिन‚ अब कई देशों के पास एटम बम हैं जो विश्व की जनसंख्या को बर्बाद कर सकते हैं‚ अब इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं लगती’’ (थ्रू दि बाइबल; मत्ती २४:२२ पर व्याख्या)

यीशु ने बताया, ‘‘सो जब तुम उस उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को जिस की चर्चा दानिय्येल भविष्यद्वक्ता के द्वारा हुई थी‚ पवित्र स्थान में खड़ी हुई देखो‚ (जो पढ़े‚ वह समझे)’’ (मत्ती २४:१५)। डॉ. मैगी का कहना था, ‘‘हमारे प्रभु निस्संदेह ही.........मसीह विरोधी की बात कर रहे हैं (पढ़िए दानियेल १२:११) जिसकी प्रतिच्छाया मंदिर (पुनः निर्मित) में स्थापित की जाएगी।’’

‘‘क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा‚ जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ‚ और न कभी होगा। और यदि वे दिन घटाए न जाते‚ तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएंगे’’ (मत्ती २४:२१‚२२)

डॉ. मैगी ने यह भी कहा था‚ ‘‘परमेश्वर मनुष्य जगत को आत्महत्या नहीं करने देंगे। इस कारण से यह अवधि एक थोड़े समय की होगी’’ (मैगी‚ उक्त संदर्भित‚ मत्ती २४:२२ पर व्याख्या)। इस बात पर भी गौर करें कि ‘‘चुने हुए’’ मसीही यहीं पर रहेंगे, जैसा मार्विन जे. रोजेंन्थॉल अपनी पुस्तक‚ दि प्री रेथ रेप्चर ऑफ दि चर्च में लिखते हैं।

अब जरा २ थिस्सुलुनीकियों २:३ निकाल लीजिए (पेज १२७२)

‘‘किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा‚ जब तक धर्म का त्याग न हो ले’’ (२ थिस्सलुनीकियों २:३)

‘‘अविश्वास पहिले दिखाई देगा’’ (आधुनिक अनुवाद)

अविश्वास के दिनों में क्रेटन और वॉलड्रिप जैसे प्रचारक १ तिमोथी ४:१‚२ में दी हुई चेतावनी को भूल जाते हैं। आइए १ तिमोथी ४:१‚२ को पढ़ते हैं (पेज १२७६)

‘‘परंतु आत्मा स्पष्टता से कहता है कि आने वाले समयों में कितने लोग भरमाने वाली आत्माओं‚ और दुष्टात्माओं की शिक्षाओं पर मन लगाकर विश्वास से बहक जाएंगे। यह उन झूठे मनुष्यों के कपट के कारण होगा‚ जिन का विवेक मानों जलते हुए लोहे से दागा गया है’’ (१ तिमोथी ४:१‚२)

चूंकि वे सारी भविष्यवाणी भूल जाते हैं‚ इसलिए वे ‘‘भरमाने वाली आत्माओं और दुष्टात्माओं की शिक्षा (असुर) पर कान लगाने लगते हैं; झूठे मनुष्यों के कपट के कारण‚ उनका विवेक भी ऐसा हो जाता है मानो जलते लोहे से दागा गया है।’’ इसलिए इनके जैसे मनुष्य चर्च में विभाजन करवाने लगते हैं। क्यों ? क्योंकि वे ‘‘अंधे होकर शैतान की शिक्षा पर ध्यान लगाते हैं‚’’ इसलिए!

यहां मैं कुछ ‘‘अगुओं’’ के लक्षणों के बारे में आपको बता रहा हूं जो चर्च में बंटवारे का काम करते हैं। ये लक्षण डॉ. रॉय ब्रेंसन ने उनकी पुस्तक‚ चर्च स्प्लीट में दिए हैं (पेज २९—३१)


१. वे अहमवादी होते हैं। वे यह मानने को तैयार नहीं होते कि उनसे बुद्धिमान भी कोई हो सकता है, यहां तक कि पास्टर को भी वे नहीं गिनते।

२. वे स्वार्थी होते हैं। वे अपनी मर्जी से चलना चाहते हैं, भले ही इस वजह से कितने ही लोगों को परेशानी उठानी पड़े।

३. जब वे गलत होते हैं, तो वे स्वीकारते नहीं हैं। यह अहमवादी होने का दूसरा चिंन्ह है।

४. वे स्वयं की प्रतिष्ठा और सम्मान के भूखे होते हैं

५. वे अधीन नहीं समझते हैं। बाइबल ने पास्टर को अधिकार दिया है और उनका अनुसरण करने, उनके पीछे चलने की सलाह दी है। वे कहते हैं कि वे मसीह के प्रति वफादार हैं। वे कहते हैं कि पास्टर एक क्रूर तानाशाह होता है।

६. वे कपटी होते हैं। वे ऐसा दिखाते हैं कि उन्हें चर्च की चिंता है लेकिन सच्चाई यह है कि वे केवल अपने नियंत्रण तथा पद को महत्व देते हैं।

७. वे शब्दों का गलत प्रयोग करते हैं‚ ‘‘वे कहते हैं कि मुझे पास्टर अच्छे लगते हैं’’ लेकिन........ फिर उनका आक्रमण पास्टर पर शुरू हो जाता है।

८. वे पास्टर की बातों को गलत ढंग से पेश करते और गलत उददेश्य बताते हैं

९. वे पास्टर के हरेक कार्य को गलत उद्देश्य वाला ठहराते हैं

१०. वे शिक्षा को नहीं स्वीकारते। बाइबल की शिक्षा के साथ ‘‘तालमेल’’ नहीं बिठाते हैं।

११. पास्टर के विरूद्ध अन्य लोगों की शिकायतों को प्रमुखता के साथ ढाल बनाते हैं। इस तरह‚ चर्च बंटवारे के लिए वे पहले से विरोधियों का चुनाव करने लग जाते हैं।


ये सभी लक्षण क्रेटन और वॉलड्रिप ने जब चर्च के दो भाग किए‚उनमें दिखाई दिए।

मैं प्रचार करते समय खड़े नहीं रह पाता था। इसके कारण क्रेटन को बल मिला। जबकि वह एक डरपोक आदमी था‚ वह मुझसे नाराज था कि मैं उसे मुख्य प्रचारक क्यों नहीं बनाता हूं। उसने बार — बार बताया कि वह परेशान नहीं था। यहां तक कि उसने डॉ. कैगन को भी लिखकर बताया कि उसे सिर्फ ‘‘संतुष्ट होने’’ के लिए प्रचार नहीं करना है। मैंने उसे प्रचार नहीं करने दिया क्योंकि उसके अंदर प्रचार करने का वरदान नहीं था। उसने यह भी कहा कि वह मुझसे सहमत है। परंतु यह उसका झूठ था। जैसे बहुत से जवान बच्चों के अपने पिता से संबंध खराब रहते हैं‚ उसके भी अपने पिता से संबंध बिगड़े हुए थे। इसलिए जब मैं बीमार पड़ा‚ उसने पिता के प्रति भरा गुस्सा मेरे उपर निकाला। किंतु ये काम उसने चुपचाप किया। मेरे से बोलने के बजाय वह दूसरे प्रचारक जॉन वॉलड्रिप के संग गुप्त बैठकें करने लगा। मैं उसकी इन बैठकों से अनजान था। इन सारी बैठकों में वॉलड्रिप उसका ‘‘मित्र’’ बन गया।

उसके बाद क्रेटन ने चर्च में औरों को बताना शुरू किया कि वह मुझसे असहमत है। किंतु उसने मुझसे एक बार भी इन असहमतियों के लिए नहीं कहा । जब तक मुझे क्रेटन के विद्रोह के बारे में पता चलता तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसने इस चर्च के दो तिहाई युवाओं को अपनी तरफ मिला कर अपना एक अलग ‘‘चर्च’’ प्रारंभ कर लिया। हमारे पास केवल ३५ विश्वसनीय सदस्य बचे।

जिस समय चर्च का विभाजन किया‚ मैं लगभग ८० वर्ष का था और बहुत बीमार था। पहले भी मेरे साथ ऐसे अनुभव हो चुके हैं‚ इसलिए मुझे भरोसा था कि परमेश्वर अभी भी मेरे साथ रहेंगे‚ इसलिए मैंने इस बारे में ज्यादा चिंता नहीं की।

एक डीकन ने मेरे साथ मुक्केबाजी का प्रयास किया। दूसरे डीकन ने अपनी और एक महिला की पोर्नोग्राफिक तस्वीर उसकी वेबसाईट पर लगाईं। एक दूसरे अगुवे ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैं काले लोगों के प्रति कट्टर था। एक और अन्य ने मेरे बारे में शिकायत की कि मैंने गलियों में प्रचार कार्य इसलिए बंद कर दिया क्योंकि एलजीबीटीक्यू लोग आक्रमण कर रहे थे‚ क्योंकि उनको किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पायी थी।

जब यह सब बातें होने लगी‚ तब मैंने पास्टर पद से इस्तीफा दे दिया और डॉ. कैगन को पास्टर नियुक्त कर दिया। उनका खुद का बेटा‚ जिसे मैं अगला पास्टर बनने के लिए तैयार कर रहा था‚ छोड़कर चला गया‚ जबकि मैं उसे अपना करीबी मित्र समझता था।

और उसके बाद कोरोनावायरस का आक्रमण हुआ! तो हम पुरानी चर्च इमारत से निकल आए और घर में ही सभाएं होने लगी। मैं पास्टर एमेरीटस के रूप में प्रति रविवार टीवी पर उपदेश देने लगा और लोग अपने घरों से ही सुनने लगे।

हमने लॉस ऐंजीलिस के उपनगरीय इलाके में चर्च हेतु एक नयी इमारत खरीद ली है। मैं एक युवा चायनीज लड़के को सिखाउंगा ताकि जब मैं और प्रचार नहीं कर पाऊं‚ वह संभाल सके।

मेरी आलोचना की जाती है कि मैं बहुत अधिक दुष्टात्माओं के ऊपर एवं पिछले चर्च विभाजन पर बात करता हूं किंतु मेरे सुनने वालों में ‘‘तीसरी दुनिया’’ के देशों के प्रचारक बहुत बड़ी संख्या में हैं‚ जो विश्व भर में ४३ भाषाओं में मेरा संदेश सुनते हैं। चूकि चर्च विभाजन अब ‘‘तीसरी दुनिया’’ और साथ ही अमेरिका में भी हो ही रहा है‚ इसलिए मुझे महसूस होता है कि ये संदेश उनके लिए और हमारे लिए भी लाभप्रद होंगे। मैं अनुभव करता हूं कि परमेश्वर चाहते हैं कि जब हम नया चायनीज चर्च आरंभ करने जा रहे हैं, मैं इन विषयों पर प्रचार करूं।

मैं परमेश्वर का परम धन्यवादी हूं कि उन्होंने मुझे १९ वर्ष की आयु से चायनीज लोगों की सेवा के लिए सेवक नियुक्त किया। ६० वर्षो से ऊपर समय से अभी भी मैं वही कर रहा हूं जिसके लिए परमेश्वर ने मुझे इतने वर्ष पूर्व बुलाया था। मैं परमेश्वर के अनुग्रह से आज भी उनका सेवक हूं। बहुत समय पहले ही मैंने और कुछ होने का विचार त्याग दिया था! एक छोटी सी कविता यहां साझा कर रहा हूं है‚ जिसे जॉन वेस्ली ने अपने जर्नल में प्रकाशित किया था।

थोड़ा सा वैभव‚ थोड़ा सा अधिकार‚
ठंड में जैसे धूप की किरण‚
पालने से लेकर कब्र के बीच के जीवन में
क्या सारे महान और ताकतवरों के हिस्से में यही आता है!

मैंने अपने ६२ वर्ष के प्रचार के जीवन में कई चर्चेस की शुरूआत ‘‘शून्य’’ से की है। मुझे पूरा विश्वास है कि परमेश्वर डॉ. कैगन और मेरी सहायता फिर से इसे आरंभ करने में करेंगे।

हांलाकि‚ यह आसान नहीं होगा। परमेश्वर के अनुग्रह से हम यह नया चर्च अनैतिकतावाद‚ अधार्मिकतावाद के विरोध में और नये इवेंजलीकलवाद के विरोध में प्रारंभ करने वाले हैं। इसमें आपको कड़े रूप में रूढ़िवादी होना पड़ेगा। यह आपसे इतना कड़ा होने की मांग करेगा कि कोरोनावायरस जैसी छोटी बात भी आपको यीशु मसीह के लिए सब कुछ बन जाने से न रोक पाए जैसे डॉ. तिमोथी लिन और पास्टर रिचर्ड वमैब्रैन्ड जैसे लोगों ने ऐसे कड़े जीवन को जिया। स्मरण रखिए‚ ‘‘हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा’’ (प्रेरितों के कार्य १४:२२)।

मैं आगे की ओर बढ़ने के लिए बाध्य हूं‚ हर दिन नयी ऊँचाईयां मैं छू रहा हूं;
  पर करूंगा दुआ हूं अनंत से बंधा‚ ‘‘प्रभु‚ मेरे पैरों को ऊँचे पर टिका दीजिए।’’
      प्रभु‚ मुझे ऊपर उठाइए और खड़े होने दीजिए‚ विश्वास से‚ स्वर्ग की समतल सतह पर‚
         एक ऊँचा समतल स्थान जो मैंने पाया है; प्रभु‚ मेरे पैरों को ऊँचे पर टिका दीजिए।

      मेरी कोई चाह नहीं कि मैं ठहरूं उस जगह जहां शक उपजते हों हो भय व्याप्त;
         इन जगहों पर भी रूकने वाले कोई होंगे‚ पर मेरी दुआ‚ मेरा लक्ष्य‚ ऊँचे स्थानों का है।
      प्रभु‚ मुझे ऊपर उठाइए और खड़े होने दीजिए‚ विश्वास से‚ स्वर्ग की समतल सतह पर,
         एक ऊँचा समतल स्थान जो मैंने पाया है; प्रभु‚ मेरे पैरों को ऊँचे पर टिका दीजिए।

मैं जगत से ऊपर उठकर रहना चाहता हूं‚ चूंकि शैतान के झपट्टे मुझे उछालते हैं;
         पर विश्वास से उन आनंदित स्वर में खो जाता हूं‚ संत जो उंचे स्थानों में गाते।
      प्रभु‚ मुझे ऊपर उठाइए और खड़े होने दीजिए‚ विश्वास से‚ स्वर्ग की समतल सतह पर,
         एक ऊँचा समतल स्थान जो मैंने पाया है‚ प्रभु‚ मेरे पैरों को ऊँचे पर टिका दीजिए।

मैं तो ऊँचे स्थानों में पहुंचना चाहता हूं और उस भव्य प्रताप को देखने का अभिलाषी हूं;
  पर करूंगा दुआ जब तक स्वर्ग न पहुंचु‚ ‘‘प्रभु मुझे ऊँचे स्थानों की ओर ले चलिए।’’
         प्रभु‚ मुझे ऊपर उठाइए और खड़े होने दीजिए‚ विश्वास से‚ स्वर्ग की समतल सतह पर,
         एक ऊँचा समतल स्थान जो मैंने पाया है‚ प्रभु‚ मेरे पैरों को ऊँचे पर टिका दीजिए।
      (‘‘हायर ग्राउंड’’ रचयिता जोनसन ओटमेन‚ जूनि‚ १८५६—१९२६)


अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।

(संदेश का अंत)
आप डॉ.हिमर्स के संदेश इंटरनेट पर प्रति सप्ताह पढ सकते हैं
www.sermonsfortheworld.com पर
''पांडुलिपि संदेशों'' पर क्लिक कीजिये।

पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना डॉ.
हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। यद्यपि डॉ.
हिमर्स के सारे विडियो संदेश का कॉपीराईट है और उन्हें
अनुमति से उपयोग में ला सकते हैं।