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मसीही शिष्य बनने की कीमत क्या होती है

WHAT IT COSTS TO BECOME A CHRISTIAN DISCIPLE
(Hindi)

डॉ आर एल हायमर्स‚ जूनि॰
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

ल्यॉस ऐंजीलिस के बैपटिस्ट टैबरनेकल में फरवरी १७‚ २०१९ रविवार की संध्या को
दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, February 17, 2019

‘‘तुम में से कौन है कि गढ़ बनाना चाहता हो‚ और पहिले बैठकर खर्च न जोड़े कि पूरा करने की बिसात मेरे पास है कि नहीं?" (लूका १४:२८)


अब मेरे साथ मत्ती के अध्याय १६ में से पद २४ को निकाल लीजिए।

‘‘तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४)

आजकल अधिकतर युवाओं द्वारा किसी के पीछे चलने का कोई कारण नहीं है ना ही जीवन का कोई उददेश्य। वे केवल एक दिन से अगले दिन तक का जीवन जी रहे हैं। देखा जाए तो युवा‚ मिनिट दर मिनिट का जीवन जीते देखे जा सकते हैं। जीवन को इस अंदाज में जी रहे हैं मानो टेलीविजन पर चैनल बदल रहे हों — पूरा कार्यक्रम देखे बिना‚ दूसरा चैनल बदल देने की प्रवृत्ति के समान।

इस आदत का खतरा यह है कि आप पूरी कहानी समझ ही नहीं पाते हैं। कई युवा हमारे बैपटिस्ट टैबरनेकल चर्च को भी इसी तरीके से लेते हैं। आप ‘‘चैनल बदलने" जैसा कार्य करते है — अर्थात कभी कभी चर्च आते हैं। एक रविवार लॉस वैगस जाएंगे तो अगले रविवार चर्च आ जाएंगे। परंतु ऐसा करने से आप को पूरी बात समझ में नहीं आती है। आप को केवल थोड़ी थोड़ी बातें ही समझ में आती हैं। उदाहरण के लिए‚ एक बार आप विकासवाद के बारे में सुनते हैं लेकिन जब अंत समय‚ उद्धार‚ शैतान और ऐसे कई सारे विषयों से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है तो आप उस समय चर्च से अनुपस्थित रहते हैं।

मसीही के सच्चे अनुयायी बनने के लिए आप को स्वयं को पूरी तरह से यीशु मसीह के ऊपर निर्भर हो जाना चाहिए:

‘‘तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४)

अगली बात है कि उद्धार अनुग्रह से मिलता है। उद्धाररहित व्यक्ति वह कभी नहीं कर सकता जिसे यीशु करने को कहते हैं‚ ‘‘यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४) परमेश्वर आप को इस चर्च तक लेकर आये हैं कि आप यीशु का सुसमाचार सुनें। प्यूरीटन थॉमस वाटसन ने सही कहा था‚ ‘‘जब परमेश्वर खींचना आरंभ करते हैं तभी हम अनुसरण कर सकते हैं।" हो सकता है कि आप मन के भीतर अनुसरण नहीं भी करने का सोच सकते हैं‚ किंतु तौभी कहीं गहराई में आवाज उभरती है कि आप को यीशु का अनुसरण करना चाहिए।

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उद्धाररहित व्यक्ति अनेक विरोधाभासों से भरा हुआ होता है। आप चर्च आते हैं और संदेश सुनाने वाले व्यक्ति और बाइबल के प्रति आप के भीतर अंर्तद्धंद चलता रहता है। अपने हृदय में आप कहते है‚ ‘‘मैं बाइबल पर विश्वास नहीं करता हूं। फिर अगले ही पल विचार आता है‚ ‘‘मैं जीवन में विफल रहा हूं‚ इस अवस्था में मेरे लिये कोई आशा नहीं है।" आप के विचार चढ़ते उतराते रहते हैं। आधे मन से आप यहोवा के विरूद्ध जाते हैं‚ आधा मन आप को यह विश्वास दिलाता है कि यहोवा में ही आशा विद्यमान है। तो एक अंर्तद्धंद सा चलता रहता है। इस संध्या यह संदेश सुनने वाला हर व्यक्ति ऐसे अंर्तद्धंद से गुजर चुका होता है।

मैं अभी इस रात की आराधना में चर्च की प्रत्येक पंक्ति में जा जाकर आप को यहां बैठे युवाओं की कहानियां सुना सकता हूं। हरेक का एक आंतरिक संघर्ष है। ये बिल्कुल आप के संघर्ष के समान नहीं हो सकता है‚ किंतु तौभी कुछ समानताएं तो होती है। एक ओर इच्छा होती है आप पुनः चर्च आना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि एक यहोवा परमेश्वर और उनके द्वारा दिये जाने वाला उद्धार मेरे लिए उपलब्ध है। दूसरी तरफ आपकी एक इच्छा होती है जो यहोवा‚ बाइबल और संदेश सुनाने वाले का का विरोध करती है।

आप के भीतर चलने वाला संघर्ष कहां से उपजता है? पहिला उत्तर है‚ संसार‚ जिसमें (माता पिता‚ मित्र और आमोद — प्रमोद सम्मिलित है) । उसके बाद आप के शरीर का स्थान आता है (आप ल्योस एंजीलिस के इस चर्च में नहीं आना चाहते हैं, आप उन्मुक्त सैक्स में लिप्त होना चाहते हैं, आप मर्जी का कार्य करना चाहते हैं)। उसके बाद एक तरफ शैतान का स्थान आता है। दूसरी तरफ, यहोवा के आत्मा का स्थान आता है। यह वह छोटा सा स्वर होता है जो आप के विवेक से बात करता है। यह स्वर आप को यीशु मसीह के पास बुलाना चाहता है, वह चाहता है कि आप इस स्थानीय बैपटिस्ट चर्च में आएं। आपकी आत्मा द्धंद में फंस जाती है। एक तरफ यहोवा की पुकार दूसरी तरफ पाप और संसारी आनंद आप को अपनी ओर खींचते हैं।

बाइबल में लिखा है‚ ‘‘तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे.......और चाहे एमोरियों के (अमेरिकियों के) देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा" (यहोशु २४:१५)। चुनाव आप को करना है। दुर्भाग्य से आप में से अधिकतर गलत निर्णय लेंगे। इस प्रचार कार्य में मेरा ६० सालों का अनुभव कहता है कि आप शायद गलत निर्णय लेंगे। बाइबल में वचन कहता है वे‚

जीवन से मृत्यु ही को अधिक चाहेंगे (यिर्मयाह ८:३)

आप का क्या निर्णय है?

दूसरी बात‚ आप को क्यों सही निर्णय लेना चाहिए? आप को क्यों इस स्थानीय बैपटिस्ट टैबरनेकल चर्च में आना चाहिए और हर रविवार आना चाहिए? आप को क्यों मसीह पर विश्वास लाना चाहिए और मन परिवर्तित करना चाहिए?

१॰ ये आप को जीने की वजह देगा।

२॰ ये आप की हताशा को बदल कर रख देगा। जो मसीह को पा लेते
हैं वे कभी हताश नहीं होते।

३॰ ये आप को भविष्य के लिए आशा दिखाएगा।

४॰ ये आप के अपराध बोध को हर लेगा और आप को भरपूरी व
शांति के जीवन में प्रवेश करवाएगा।

जिंदगी की सारी तकलीफों के बावजूद सबीना वर्मब्रैन्ड एक प्रफुल्लित‚ प्रसन्नचित्त महिला थी क्योंकि उसने यीशु मसीह को वैयक्तिक तौर से जान लिया था। सबीना हमारे चर्च में बहुत पहिले आया करती थी जब हम स्वतंत्र बैपटिस्ट चर्च के रूप में नहीं जाने जाते थे। मेरी पत्नी और मैंने‚ पास्टर वर्म ब्रैन्ड के साथ उनके घर में रात्रि भोज किया था। सबीना ने मसीह के लिए सब कुछ त्याग दिया। उनकी जैसी प्रसन्नचित्त महिला मैंने कभी नहीं देखी।

किसी से भी पूछिए जो यहां कुछ सालों से हैं! सबीना से पूछिए जो अब स्वर्ग में है! लोगों से पूछिए वे बताएंगे कि यह बात सच है! आप को इस स्थानीय बैपटिस्ट चर्च में आने का निर्णय लेना चाहिए व यीशु पर विश्वास लाना चाहिए क्योंकि यही सही चुनाव है। इसीलिए आप के ज़मीर में भी एक मंद आवाज उठ रही है जो कहती है कि‚ ‘‘तुम्हें पता है वह सही कह रहे हैं।"

अब तीसरी बात‚ मुझे आप को बता देना आवश्यक है कि वास्तविक मसीही जीवन जीने के लिए आप को कुछ चीजों को त्याग देना होगा और कुछ चीजों को करना आरंभ करना होगा।

यीशु का कथन पढ़िए:

‘‘तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४)

जब आप बाइबल पढ़ते हैं तो आप जानने लगते हैं कि यहोवा आप से पूर्ण समर्पण चाहते हैं। देखिए यहोवा ने अब्राहम से क्या मांगा था। परमेश्वर ने एक दिन कहा‚ ‘‘अब्राहम‚ मैं चाहता हूं कि तू मोरियाय पहाड़ी पर जा और मैं चाहता हूं कि तू अपने छोटे पुत्र को भी अपने साथ ले जा‚ वह पुत्र जो कई सालों के इंतजार के बाद हुआ‚ वह पुत्र जिसे तू इस दुनिया में सबसे अधिक चाहता है और मैं चाहता हूं कि तू इस पुत्र को वेदी पर बलि चढ़ा दे।"

अब्राहम ने यहोवा की आज्ञा मानी और पहाड़ी पर गया और पुत्र को वेदी पर लिटाया और एक तेज चाकू लिया कि यहोवा की आज्ञा मानते हुए पुत्र के सीने में उतार दे। परंतु बीच हवा में ही यहोवा ने उसके हाथ को रोक दिया। यहोवा ने कहा‚ ‘‘बहुत हुआ‚ अब्राहम! मैं जानता हूं कि तू अब जीवन भर मेरे साथ चलने को तैयार है।"

या मूसा का उदाहरण ले लीजिए। सम्राट फिरौन की पुत्री का धात्रेय पुत्र था मूसा। मिस्र की राज-गद्दी का उत्तराधिकारी बनने वाला था। उसके युग में संसार के सबसे विशाल साम्राज्य का सम्राट होने का अवसर संभवतः उसको मिलता। सारी दौलत, ताकत और प्रतिष्ठा जो एक आदमी पा सकता है, मूसा के पास हो सकती थी। परंतु वह इस जिंदगी से मुंह फेर कर चला आया कि यहोवा के लोगों के साथ दुख उठाए। परमेश्वर की मांग थी कि उनके उददेश्य को पूर्ण करने के लिए मूसा को सब कुछ छोड़ना होगा। तब परमेश्वर ने उसे मरूस्थल के पिछली तरफ ठहरा दिया कि वह स्थितियों का अध्ययन करे, प्रार्थना करें और सीखे।

या युसुफ से सीखिए। भाईयों ने युसुफ को गुलाम बनाकर बेच दिया गया। उसे मिस्र जाना पड़ा और पोतीफर नामक व्यक्ति के घर काम करना पड़ा। अपने परिवार और मित्रों से दूर हो गया। एक किशोर बालक ही था वो। वह भी कोई समझौता कर सकता था। यहोवा के अतिरिक्त कौन जान पाता। पोतीफर की पत्नी बहुत खूबसूरत थी। उसने युसुफ को हमबिस्तर होने का प्रस्ताव रखा। वह जानता था कि पोतीफर की पत्नी के सहयोग से वह मिस्र के शासन में उंचे पद पर जा सकता था — किंतु उसने यह संबंध बनाने से इंकार कर दिया। जब उस स्त्री ने उसके वस्त्र पकड़ने की चेष्टा की‚ वह अपना चोगा छोड़ कर भागा। यह वस्त्र उसके जेल जाने का कारण बना और मृत्युदंड की सजा उसको सुनाई गयी। यहोवा उसकी परीक्षा ले रहे थे कि वह वास्तव में कितना सच्चा इंसान है। उसके बाद वह जेल से आजाद होता है और मिस्र में दूसरे स्थान में सर्वोच्च पद पर पहुंचता है।

‘‘तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४)

या दानिएल का उदाहरण उठाकर देख लीजिए। आदेश पारित हो गया था‚ ‘‘दानियेल‚ अब बेबीलोन में तुम प्रार्थना नहीं कर सकोगे। अगर करोगे तो सीधे शेरों की मांद में फेक दिए जाओगे।"

किंतु दानिएल तो खिड़की खुली रखकर तीन समय प्रार्थना किया करता था। भले ही वह उस देश का प्रधानमंत्री था, उसे शेरों की मांद में फेंक दिया गया। दानियेल नहीं जानता था कि यहोवा उन शेरों का मुंह बंद कर देने वाले हैं। यहोवा चाहते थे कि वह कीमत चुकाए और वह इस कीमत को चुकाने को तैयार था।

इस संध्या यीशु आप से कह रहे हैं‚

‘‘यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे‚ तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले" (मत्ती १६:२४)

इसका अर्थ है आप दूसरे लोगों से अलग प्रतीत होंगे। आजकल अधिकतर युवा एक जैसे कपड़े पहनते हैं। वे एक जैसे दिखते हैं। वे एक जैसी हरकत करते हैं। वे कुछ अलग करने से डरते हैं। अगर आप के कुछ मित्र है जिन्होंने सिर मुंडा लिया है और नाक छिदवा कर उसमें छल्ला पहन लिया है‚ तो आप भी सिर मुंडा लेंगे और नाक छिदवा कर छल्ला पहन लेंगे — ताकि आप अलग न दिखें — ताकि आप भी उनके साथ तालमेल बिठा सकें। किंतु बाइबल तो आप को कुछ अलग बनने के लिये पुकार रही है — भीड़तंत्र में से निकल आइए और मानसिक व आध्यात्मिक तौर पर एक अलग इंसान बन जाइए।

जब दूसरे कह रहे होते हैं कि यहोवा का कोई अस्तित्व नहीं है या यहोवा मायने नहीं रखता‚ तो आप को उठ खड़े होना चाहिए और कहना चाहिए कि यहोवा बहुत अर्थ रखते हैं‚ वे प्रासंगिक हैं‚ और यहोवा मेरे जीवन के केंद्रबिंदु हैं! सबीना ने यही किया भले ही उसके दो भाई‚ बहिन और उसके दोनों माता पिता द्वितीय विश्व युद्व में यहूदियों को रोमानिया से बाहर ले जाने के आरोप में हिटलर के यातना शिविर में मौत के घाट उतार दिए गए।

जब आप से कोई कहे‚ ‘‘उस बैपटिस्ट चर्च में अब वापिस मत जाना। आओ मेरे साथ। हम कहीं और चलते हैं।" तो आप को तत्परता के साथ कहना चाहिए‚ ‘‘नहीं‚ मै वापिस उसी चर्च में जाउंगा। मुझे यहोवा चाहिए। मुझे हर हाल में यीशु मसीह चाहिए! मैं उन क्रांतिकारी प्रचारक को फिर सुनना चाहूंगा। बैपटिस्ट टैबरनेकल चर्च में लोगों के पास जो है मुझे वही अमूल्य वस्तु चाहिए!"


अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।

(संदेश का अंत)
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जैक नन द्वारा संदेश के पूर्व एकल गान प्रस्तुत किया गया:
‘‘मास्टर हैज कम" (सारा डूडने‚ १८४१—१९२६)