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स्नान करो और शुद्ध हो जाओ! −
मन परिवर्तन के लिये अध्ययन

WASH AND BE CLEAN! – THE TYPOLOGY OF CONVERSION
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

दि बैपटिस्ट टैबरनेकल ल्योस ऐंजीलिस में रविवार प्रातः
१५ अक्टूबर‚ २०१७ को दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, October 15, 2017

‘‘जा कर यरदन में सात बार डुबकी मार‚ तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा और तू शुद्ध होगा" (२ राजा ५:१०)


यह एक साधारण कहानी है। परंतु इसका अर्थ गहरा है। अगर आप ने अभी तक पापों से मुक्ति नहीं पाई है तो आप को इस कहानी को ध्यानपूर्वक सुनना आवश्यक है। आप को इस पर क्रियान्वयन करना चाहिये। सच्चे रूप में मुक्ति पाने के लिये एकमात्र मार्ग यह आप को बताती है।

यह कहानी बाइबल में दी गयी थी कि बचाये जाने का एकमात्र मार्ग आप पर प्रकट करे और आप सच्चे मसीही जन बन सकें।

नामान एक महान व्यक्ति था। वह सीरिया की सेना का सेनापति था। वह शूरवीर सैनिक था। उसका राजा उसका सम्मान करता था और वह बहुत गर्व करने वाला मनुष्य था। परंतु भयानक कोढ़ की बीमारी ने उसे जकड़ रखा था। वह कोढ़ से बहुत परेशान था‚ यह बात वह जानता था। उसने सारे प्रयास कर लिये परंतु किसी भी उपाय से कोढ़ ठीक नहीं हुआ। नामान के घर में एक छोटी इब्रानी लड़की काम करती थी। उसने बताया कि इजरायल में एक भविष्यवक्ता है जो उसके कोढ़ को ठीक कर सकता है। नामान सारे इलाज करवा चुका था और कोई भी इलाज अभी तक सफल नहीं हुआ। अंततः उसने सोचा‚ हो सकता है‚ ‘‘यह भविष्यवक्ता मुझे ठीक कर सकता है।" ठीक होने का यह उसका अंतिम अवसर है‚ इसलिये वह परमेश्वर के भविष्यवक्ता‚ एलीशा के पास पहुंचता है।

परंतु भविष्यवक्ता परमेश्वर के सच्चे जन थे। अगर वह उनके घर से बाहर जाते और नामान के लिये प्रार्थना करते तो नामान सोच सकता था कि भविष्यवक्ता ने उसे ठीक किया है। भविष्यवक्ता चाहते थे कि नामान यह जान ले कि यह परमेश्वर थे‚ जिन्होंने उसे ठीक किया‚ उन्होंने नहीं। इसलिये नामान अपने रथ पर सवार होकर भविष्यवक्ता के घर के द्वार पर पहुंचता है। परंतु भविष्यवक्ता उससे मिलने द्वार पर नहीं जाते हैं। इसके बदले वे एक संदेश भेजते हैं‚

‘‘जा कर यरदन (नदी) के भीतर (में) सात बार डुबकी मार‚ तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा और तू शुद्ध होगा" (२ राजा ५:१०)

इस बात ने नामान को क्रोधित कर दिया‚ ‘‘क्यों यह भविष्यवक्ता मुझे देखने बाहर भी नहीं आये! वह स्वयं को आखिर क्या समझते हैं?" नामान ने सोचा था कि वे बाहर आयेंगे‚ ‘‘अपने हाथ से उस स्थान को स्पर्श करेंगे और कोढ़ जाता रहेगा।" उसने सोचा कि भविष्यवक्ता बैनी हिन के समान होगा और एक बड़ा प्रदर्शन होगा और पीड़ित व्यक्ति सोचेगा कि यह भविष्यवक्ता कितना बड़ा चंगाईकर्ता है। परंतु यहां यह भविष्यवक्ता सारा सम्मान परमेश्वर को देना चाहते हैं। उन्होंने नामान को एक संदेश भिजवाया‚

‘‘जा कर यरदन (नदी) के भीतर (में) सात बार डुबकी मार‚ तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा और तू शुद्ध होगा" (२ राजा ५:१०)

नामान बहुत क्रोधित हुआ। और वह गुस्से में वहां से जाने के लिये तत्पर हुआ!

नामान के सेवकों ने उससे कहा‚‘‘कि अगर भविष्यवक्ता ने तुझसे कोई भारी कार्य करने के लिये कहा होता‚ तो क्या तू उसे न करता? जो वह कहता है‚ उसे क्यों नहीं करता है‚ ‘स्नान करके शुद्ध हो जा?’" तब नामान ने सोचा‚ ‘‘ठीक है जैसा भविष्यवक्ता ने कहा मैं वैसा करूंगा।" वह यर्दन नदी पर गया ‘‘और सात बार डूबकी मारी और उसका शरीर छोटे लड़के का (सा) हो गया उौर वह शुद्ध हो गया" (२ राजा ५:१४) ।

धर्मशास्त्र के इस भाग को लेकर अनेक बड़े संदेशों का प्रचार हुआ है। वे महान प्रचारक जैसे स्पर्जन ने बिल्कुल सही कहा था कि नामान के कोढ़ से शुद्ध होने की तस्वीर यीशु के कूस पर बहाये गये रक्त द्वारा आप को पापों से शुद्ध करने के चित्रण के समान है। सुनिये और नामान की कहानी आप को बतायेगी कि कैसे आज सुबह अपने पापों से शुद्व होंवे और छुटकारा पावें!

१॰ उसको कोढ़ की बीमारी थी।

‘‘परन्तु कोढ़ी था" (२ राजा ५:१)

ऐसे ही आप हैं। आप पाप के कोढ़ से पूरी रीति से ग्रसित हैं! पाप के कोढ़ की यह बीमारी आनुवांशिक है जो आप को पहले पापी मनुष्य आदम से मिली है। प्रेरित पौलुस ने कहा था,

‘‘इसलिये जैसा एक मनुष्य (आदम) के द्वारा पाप जगत में आया और पाप के द्वारा मृत्यु आई और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई" (रोमियों ५:१२)

आज सुबह आप का किस प्रकार का वर्णन है! डॉ वाटस एक भक्ति गीत के द्वारा आप की दशा प्रकट करते हैं‚

प्रभु यहोवा‚ मै घृणित जन हूं गर्भ से ही पापी जन्मा हूं‚
   अपवित्र और अशुद्ध पैदा हुआ हूं;
उस मनुष्य का वंशज हूं जिसके पाप ने
   सारी जाति को भ्रष्ट और कलंकित कर दिया।

देखिये‚ मैं आप के सामने नतमस्तक हूं‚
   केवल आप का अनुग्रह मेरी शरण है;
कोई बाहरी मार्ग मुझे शुद्ध नहीं कर सकते;
   कोढ़ बहुत
गहरे में उतरा है।
(डॉ आयजक वाटस‚१६७४−१७४८)

पाप रूपी कोढ़ आप के भीतर ‘‘बहुत गहराई से" वास करता है! आज सुबह यह आप का वर्णन कर रहा है! ‘‘पाप रूपी कोढ़ गहराई से" आप के भीतर व्याप्त है! यीशु ने कहा‚

‘‘क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से‚ बुरी बुरी चिन्ता‚ व्यभिचार। चोरी‚ हत्या‚ पर स्त्रीगमन‚ लोभ‚ दुष्टता‚ छल‚ लुचपन‚ कुदृष्टि‚ निन्दा‚ अभिमान‚ और मूर्खता निकलती हैं। ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं " (मरकुस ७:२१−२३)

यह आप के हृदय की तस्वीर है। बुरे विचारों से भरी हुई। आप का हृदय पाप के कोढ़ से भरा हुआ है!

कोई बाहरी मार्ग (आप को) शुद्ध नहीं कर सकते;
   कोढ़ बहुत गहरे में उतरा है−

क्या ऐसा नहीं है? क्या ऐसा नहीं है? आप जानते हैं कि ऐसा ही है! और ‘‘कोई बाहरी मार्ग (बाह्य कर्मकांड) आप को शुद्ध नहीं कर सकते! किसी प्रकार का निर्णय या प्रार्थना का दोहराव आप को शुद्ध नहीं कर सकता! आप के द्वारा कुछ महसूस करना या कुछ सीखने से आप शुद्ध नहीं हो सकते! और आप यह बात जानते हैं! ‘‘(पाप) रूपी कोढ़ गहराई" से आप के हृदय में बसा है! और आप इसे जानते हैं - क्या आप नहीं जानते?

आप जानते हैं कि यह सत्य है। आप के द्वारा कोई बाहरी पाप किये जाने से पूर्व आप जानते थेआप ने जानबूझकर यह पाप किया! आप बिल्कुल जानते थे कि आप क्या कर रहे थे। जब यह गलत था तो आप ने क्यों ये किया? अपनी अपरिवर्तित अवस्था में आप ने अंधकार से प्रेम किया। आप ने पाप का आनंद लिया। पाप करते हुए आप प्रसन्न थे। आप को इसका स्वाद अच्छा लगा। भले ही यह गलत था तौभी आप को यह अच्छा लगा! इसलिये अपने पापपूर्ण की सच्चाई सुनना आप को नापसंद है! जब मैं आप के इुष्ट की सच्चाई बताता हूं आप मुझे नापसंद करते हैं - क्या नहीं करते हैं? सच सुनना आप की भर्त्सना करता और आप को तकलीफदेह लगता है! कोढ़ गहराई तक व्याप्त है! आप का दूषित और भ्रष्ट हो गया है। आप को पाप का आनंद आ रहा है बजाय जो बात अच्छी और सही है उसे गले लगाने के। आप के दुष्ट अविश्वासी हृदय में कोढ़ गहराई से व्याप्त है! मैंने इसे नहीं कहा। मैं डॉ मार्टिन ल्योड जोंस जो मेडीकल डॉक्टर हैं, जो आप जैसे लोगों को जानते हैं, उनकी कही गयी बातों में से कह रहा हूं!

२॰ दूसरा‚ वह नाराज हो गया जब भविष्यवक्ता उसे शुद्ध होने का मार्ग बताता है।

जब भविष्यवक्ता ने उसे जाकर ‘‘नदी में शुद्ध होने के लिये" कहा‚ वह नाराज हो गया। उसने कहा‚ ‘‘मैंने सोचा कि (भविष्यवक्ता मेरे लिये प्रार्थना करेगा)।" ‘‘मैंने सोचा।" आप सोचते हैं कि आप जानते हैं कि छुटकारा पाने के लिये क्या किया जाना चाहिये। ‘‘मैंने सोचा।"

अपनी झूठी सोच से दूर हो जाइये! आप की सोच के अनुसार पापों से मुक्ति पाने के प्रयास करने से छुटकारा पा जाइये। आप इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं! मूडी ने कहा था,

नामान की अपनी बीमारी थी − घमंड और कोढ़। घमंड को भी कोढ़ जैसी सफाई चाहिये। जब उसे शुद्ध होने के लिये कहा गया तब नामान को अपने घमंड के रथ से उतरने की आवश्यकता थी।

और यही आज सुबह आप के साथ होने की आवश्यकता है। अगर आप को पापों से मुक्ति चाहिये तो आप को भी यही करना होगा। ‘‘आप जो सोचते हैं" उससे छुटकारा पा जाइये। अपने घमंड और पापों से अपनी सोच का प्रयोग कर छुटकारा पाने का विचार छोड़ देना चाहिये। जैसा बताया गया है वैसी रीति से शुद्ध होने की आवश्यकता है। जा कर‚ ‘‘स्नान कर.........और तू शुद्ध हो जायेगा।" यीशु के पास एक भटके हुए पापी जन के समान आइये। यीशु के पास आइये और वह क्रूस पर बहाये गये लहू से आप के पापी को धोकर शुद्ध कर देगें! ‘‘उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सारे पापों से मुक्त करता है" (१ यूहन्ना १:७) ‘‘धुलकर शुद्ध हो जाइये!" परमेश्वर यही बात आप को इसी समय बता रहे हैं! ‘‘स्नान करके शुद्ध हो जाइये!"

परंतु आप तब तक शुद्ध नहीं हो सकते जब तक आप के घमंड पर विजय न पा लेवें। आप के हृदय का बदलना बहुत आवश्यक है। जब तक आप पश्चाताप नहीं करेंगे आप को क्षमा नहीं मिलेगी। आप के का बदलना बहुत आवश्यक है। आप को अपने स्वार्थीपन को महसूस करना बहुत आवश्यक है। आप मुक्ति पाने की उत्कंठा रखते हैं। आप को आश्वासन चाहिये कि आप को मुक्ति मिल जायेगी। परंतु जो हैं‚ वह बदलना नहीं चाहते। आप मुक्ति चाहते हैं कि अपना वही पुराना स्वार्थी जीवन जीते रहें।

परिवर्तन अर्थात हृदय का पूर्ण बदलाव। आप का मूल स्वभाव ही गलत है। आप का मूल हृदय ही गलत है। आप का स्वभाव ही अनैतिक है। आप के भीतर का परिवर्तन इतना उग्र होना चाहिये कि आप स्वयं के प्रति मर जायें और एक संपूर्ण नये जीवन के लिये जीवित हो उठे‚ ऐसा जीवन जो आप को प्रसन्न करने के स्थान पर परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला हो।

उनके परिवर्तन के समय वे जिस संघर्ष से गुजर रहे थे‚ जॉन कैगन के उस अनुभव को सुनिये। ‘‘मैं जो कुछ था‚ उससे बहुत थक गया था। भले ही मेरे पाप का बोध मुझे हुआ‚ तौभी मेरे पास यीशु नहीं थे। मैं मुक्ति पाने का प्रयास कर रहा था। मैं मसीह पर विश्वास पाने का प्रयास कर रहा था परंतु मैं असफल रहा। मैं मसीही जन बनने का (निर्णय) नहीं कर पाया। इससे मुझे बहुत असहाय महसूस हुआ। मैं महसूस कर रहा था कि मेरे पाप मुझे नर्क की ओर धकेल रहे थे तौभी मैं हठी बनकर अपने आंसुओं को रोक रहा था। मैं इस द्वंद में फंस कर रह गया था।"

क्या इनमें से कुछ विचार आप भी महसूस कर रहे हैं? अगर ऐसा है‚ तो आप ऐसे क्यों हैं? ऐसा इसलिये है कि आप मुक्ति तो चाहते हैं परंतु बिना अपना हृदय बदले। आप चाहते हैं कि हम आप को बिना आप के हृदय परिवर्तन के मसीही जन स्वीकार ले। परंतु यह संभव नहीं है! आप को नया जन्म पाना आवश्यक है। आप के पास नया हृदय होना चाहिये जो आप के जीवन से बढ़कर परमेश्वर से प्रेम रखे। आप को पश्चाताप करना चाहिये। आप जो हैं अपने उस रूप से आप को घृणा हो जानी चाहिये! आप को अपना घमंड छोड़ देना चाहिये अन्यथा आप अपने पाप में मर जायेंगे। आप का हृदय पाप के कोढ़ से नियंत्रित है। जैक नैन का कहना था ‘‘परमेश्वर द्वारा आप को स्वयं से घृणा हो जाये ऐसा बनाया जाना आवश्यक है।"

कोई बाहरी मार्ग (आप को) शुद्ध नहीं कर सकते;
   कोढ़ बहुत गहरे में उतरा है−

मूडी ने सही कहा था,

नामान की अपनी बीमारी थी −घमंड और कोढ़। घमंड को भी कोढ़ जैसी सफाई चाहिये। जब उसे शुद्ध होने के लिये कहा गया तब नामान को अपने घमंड के रथ से उतरने की आवश्यकता थी।

जॉन कैगन ने कहा‚ ‘‘कि मैं अपने आप को अब और बर्दाश्त नहीं कर पाया। मुझे यीशु की सख्त आवश्यकता थी। जॉन कैगन ने कहा कि मैं अपने आप को अब और बर्दाश्त नहीं कर पाया। मुझे यीशु की सख्त आवश्यकता थी। उन क्षणों में मैंने यीशु का विरोध करना छोड़ दिया। अब यह इतना अधिक स्पष्ट हो गया था कि मुझे जो करना था वह सिर्फ मसीह पर विश्वास रखना था। मैं (स्मरण) कर सकता हूं कि जब मैंने मैं होना छोड़ दिया, तब केवल मसीह मेरे अंदर प्रबल थे......... मैंने अपने पाप से मुंह मोड़ लिया और केवल यीशु की ओर निहारा!......... यीशु ने (मेरे हृदय के पापों को) ले लिया बदले में मुझे अपने प्रेम से भर दिया......... यीशु ने मेरे सारे पापों को धो दिया। उन्होंने मुझे एक नया जीवन प्रदान किया।"

जिस क्षण आप परमेश्वर के पुत्र यीशु पर विश्वास रखते हैं‚ ‘‘उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू (आप को) सारे पापों से मुक्त करता है" (१ यूहन्ना १:७) सारे पाप! संपूर्ण पाप − चाहे हृदय में बसे पाप हों या जो पाप आप ने किये हो − सारे पापों का यीशु के लहू के शुद्ध हो जाना आवश्यक है − केवल यीशु के लहू के द्वारा‚ जो परमेश्वर के पुत्र हैं। क्रूस पर उन्होंने अपना लहू बहाया कि आप को शुद्ध कर देवें। वह अपने लहू से आप के बुरे कर्मो को धोकर शुद्ध करना चाहते हैं!

मेरे पाप कौन धो सकता है?
   केवल प्रभु यीशु ख्रीष्ट का लहू;
मुझे कौन ठीक कर सकता है?
   केवल प्रभु यीशु ख्रीष्ट का लहू।
कैसा अनमोल सोता है
   मुझे बर्फ जैसा श्वेत कर देता है;
कोई दूसरा सोता न जानूं‚
   केवल प्रभु यीशु ख्रीष्ट का लहू।
(‘‘केवल प्रभु यीशु ख्रीष्ट का लहू" राबर्ट लॉउरी‚ १८२६−१८९९)।

आप लंबे समय से पाप करते जा रहे हैं। आप की इच्छा है कि आप भी जॉन कैगन के समान पापों से मुक्ति पा जाते। आप ने उनके समान बनने की चाह भी की। परंतु आप ने सोचा कि यह तो असंभव है। आप ने सोचा कि आप तो बहुत विचित्र हैं। आप सोचते हैं कि आप बहुत पापी हैं। आप ने सोचा कि आप के लिये कोई आशा नहीं बची। परंतु आप गलत सोचते थे! यीशु आप से प्रेम करते हैं। वह आप से बहुत प्रेम करते हैं जितना आप ने कभी पाया नहीं होगा। लोगों को अगर यह ज्ञात हो कि आप के दिल में पाप है‚ तो वे आप से प्रेम करना छोड़ देंगे। परंतु कैसी भी अवस्था क्यों न हों‚ यीशु आप से प्रेम करते हैं। यीशु कहते हैं‚ ‘‘मेरे पास आइये − मैं अपने लहू से आप के पापों को धोकर शुद्ध कर दूंगा।" यीशु कहते हैं‚ ‘‘धुलकर शुद्ध हो जाओ।" जो वह चाहते हैं कि आप घमंड को त्याग देवें और उन पर विश्वास कीजिये। तब किसी दिन आप स्वर्ग में यह गीत गायेंगे‚

‘‘जो हम से (मुझ) से प्रेम रखता है और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें (मुझे) पापों से (मेरे) छुड़ाया है" (प्रकाशित १:५)

‘‘धुलकर शुद्ध हो जाओ।" मि ग्रिफिथ आइये और हम ‘‘यस आय नो" गीत को पुनः गायेंगे।

अगर आप शुद्ध होना चाहते हैं तो इन आगे की बैठकों पर बने रहिये और हम आप से यीशु पर विश्वास लाने के लिये बातचीत करेंगे।

डॉ चान आइये और उनके लिये प्रार्थना कीजिए और तब फैलोशिप हॉल में होने वाले भोज के लिये धन्यवादी प्रार्थना कीजिए। आमीन।


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व बैंजामिन किंकेड ग्रिफिथ का एकल गान:
‘‘यस आय नो!" (एना डब्ल्यू वॉटरमैन‚ १९२०)


रूपरेखा

स्नान कर और शुद्ध हो जाओ! −
मन परिवर्तन के लिये अध्ययन

WASH AND BE CLEAN! – THE TYPOLOGY OF CONVERSION

डॉ आर एल हिमर्स

‘‘जा कर यरदन में सात बार डुबकी मार‚ तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा और तू शुद्ध होगा" (२ राजा ५:१०)

(२ राजा ५:१४)

१॰ उसको कोढ़ की बीमारी थी‚ २ राजा ५:१; रोमियों ५:१२; मरकुस ७:२१−२३

२॰ दूसरा‚ वह नाराज हो गया जब भविष्यवक्ता उसे शुद्ध होने का मार्ग बताता है‚
१ यूहन्ना १:७; प्रकाशित १:५