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मसीह के घाव

THE WOUNDS OF CHRIST
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की सुबह, २६ जून, २०१६ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल
में किया गया प्रचार संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Morning, June 26, 2016

''यह कहकर उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)


मैं मसीह के घावों के उपर प्रचार करने जा रहा हूं। उन्हें क्रूस पर कीलों से ठोका गया था। मरके जी उठने के बाद भी उनके हाथ और पैरो में घाव दिखाई देते थे। जब वह पुर्नजीवित हुए उन्होंने अपने घाव चेलो को दिखाए। वह आप के पापों की पूरी कीमत चुकाने के लिये क्रूस पर कीलों से ठोके गये। आप अपने पापों से मुक्त किये जायें इसके लिये आप को मसीह पर विश्वास रखना आवश्यक है।

पर जब तक आप को अपने पापों के प्रति पाप बोध नहीं उत्पन्न होगा आप यीशु पर कभी विश्वास नहीं कर पायेंगे। आप एक अच्छे व्यक्ति बनकर स्वयं को बचाना चाहेंगे। पर आप यह स्वीकार नहीं करेंगे कि आप एक भटके हुए पापी जन हैं। आप यह स्वीकार नहीं करना चाहते कि यीशु ही एकमात्र जन है जिसने आप को पापों से मिलने वाले दंड से बचाने के लिये स्वयं को क्रूस पर बलिदान कर दिया। आप यह नहीं स्वीकार करना चाहते कि आप कैयी पंग जैसे पापी हैं। कैयी ने कहा था, ''मैं जानती हूं मैं पापी हूं। मैंने अच्छा बच्चा बनने का प्रयास किया, पर कितना ही प्रयास किया मैं स्वयं को बदल नहीं पाई। मैंने महसूस किया कि मैं पतित पापी हूं मैंने परमेश्वर के विरूद्व पाप किया........मैं ने महसूस किया कि मैं हताश थी।'' मैंने मेरे पिछले रविवार के संदेश में ये शब्द पढ़े कि मैं अपने को बदल नहीं पाई। मैंने यह महसूस किया कि मैं पापी हूं। मैंने यह महसूस किया कि मैं हताश थी। यघपि कुछ ही घंटो पश्चात मैंने एक चीनी लड़की से यह पूछा कि क्या उसको उद्वार प्राप्त हुआ है। उसने उत्तर दिया ''हां।'' मैंने उससे पूछा कि वह कैसे बचायी गई। उसने कहा कि उसने स्वयं को बहुत परिवर्तित कर लिया और एक अच्छा इंसान बन गई। उसने बताया कि अब वह माता पिता की आज्ञा मानती है। उसने अब स्वयं को अच्छा इंसान बना लिया है! मुझे विश्वास नहीं हुआ कि वह ऐसा कह सकती है। उसने स्वयं को बदल लिया है। उसने स्वयं को अच्छा इंसान बना लिया है! अविश्वसनीय बात है!

वह हमारे चर्च में लंबे समय से है। उसने मेरा प्रचार बार बार सुना है, मैं सदैव दोहराता हूं कि अपने को बदलने से, अच्छा व्यक्ति बनाने से उद्वार प्राप्त नहीं कर सकते। उसने मुझे यह प्रचार करते बार बार सुना है कि आप यीशु के द्वारा ही उद्वार प्राप्त कर सकते हैं जो क्रूस पर आप के पापों का दंड चुकाने के लिये मरा। पर मेरे इतने सारे प्रचार करने से उसका कोई फायदा नहीं हुआ! वह तो इसी विचारधारा में बढ़ती गयी कि वह स्वयं को बदल सकती है और अच्छा व्यक्ति बन सकती है। उसने यीशु का कोई वर्णन नहीं किया। उसने पाप शुद्व करने वाले यीशु के रक्त का कोई वर्णन नहीं किया! एक बार भी नहीं! उसने एक बार भी यीशु के नाम का उल्लेख नहीं किया!

मैं आज सुबह आप से कहता हूं & आप कभी भी अपने पापों से मुक्ति नहीं पा सकते जब तक कि आप यह मान न लें कि आप एक हताश पापी जन हैं। अगर आप स्वयं को आशारहित पापी जन नहीं मानेंगे तो आप यीशु की आवश्यकता भी अपने जीवन में महसूस नहीं करेंगे & जो क्रूस पर आप के पाप का दंड चुकाने के लिये मरा। मेरे आज सुबह के संदेश का भी आप के लिये कोई अर्थ नहीं रह जायेगा & जब तक कि पवित्र आत्मा आप के भीतर पापी होने का बोध न देवे और आप की सारी उम्मीद जाती न रहे। आप के भीतर पापी व हताश होने का भाव उत्पन्न होने पर ही आप इसका अर्थ समझ पायेंगे कि क्यों यीशु ने अपने हाथ और पैरो में कीलों के कारण बने घाव बताये।

''यह कहकर उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

उसने क्यों अपने हाथ और पैर के घाव उन्हें दिखाए? क्या कारण था? क्यों उसने उन्हें अपने घाव दिखाए? मैं आप को तीन कारण बताउंगा क्यों,

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

१. प्रथम, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि हम जान जाए कि वह वही व्यक्ति है जिसने क्रूस पर अपने प्राण दिये।

रहस्यवादी विधर्मी कहते हैं कि मसीह सचमुच क्रूस पर मरे ही नहीं। मुस्लिमों की कुरान कहती है कि यीशु क्रूस पर नहीं मरे। आज कई लोग हैं जो यह मानने को तैयार नहीं कि परमेश्वर अपने पुत्र को इतनी भयानक मौत मरने देगा। यीशु जानते थे कि उनके क्रूसीकरण को लेकर लोगों में अविश्वास पैदा होगा। यह पहला कारण है कि क्यों,

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

यीशु चाहते थे कि प्रत्येक जन यह जान ले कि उन्होंने क्रूस पर दुख उठाया है। इसलिये उन्होंने चेलों को अपने घाव दिखाए और उन्हें स्पर्श भी करने दिया। प्रेरित यूहन्ना जो एक चश्मदीद गवाह था उसने इस प्रकार लिखा है ''उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा और हाथों से छूआ'' (१ यूहन्ना १:१) । डॉ वाटस ने एक सुंदर गीत रचा,

देख, उसके सिर हाथ और पैरों को,
   दुख और प्रेम उससे बहता यूं:
क्या दुख और प्रेम का संगम यूं देखा है,
   वह कांटे एक अनोखा मुकुट रचते?
(''वेन आय सर्वे दि वंडरस क्रास'' आयजक वाटस, डी डी, १६७४−१७४८)

क्रूस में ही, क्रूस में ही,
   मेरे लिये सदा महिमा है;
जब मेरी उत्साहशील आत्मा को मिलेगा
   उस नदी के पार विश्राम।
(''नीयर दि क्रास'' फैनी क्रासबी, १८२०−१९१५)

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

२. दूसरा, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि हम जान जाए कि यीशु हमारे पापों के लिये हमारे स्थान पर दुख उठाने वाले बनेंगे।

यूहन्ना बपतिस्मादाता ने कहा था,

''दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है'' (यूहन्ना १:२९)

पर उसने यह नहीं बताया कि यीशु कैसे हमारे पापों को अपने उपर ले लेगें। जब तक यीशु मरकर जीवित नहीं हुए वे इस बात को नहीं समझे।

''.......वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया'' (१पतरस २:२४)

ये तभी हुआ जब उन्होंने उसके हाथ और पैरों पर कीलों के निशान देखे और वे जान गये,

''इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात अधमिर्यों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुख उठाया ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुंचाए'' (१पतरस ३:१८)

यह दूसरा कारण है,

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

वह हमें निश्चय करवा देना चाहता था कि हमारे पाप के लिये क्रूस पर उसने दुख उठाया और प्राण दिये ताकि हम पाप और नरक से बच सके। वह हमें उसके हाथ और पैरों पर कीलों की छाप दिखाना चाहता था ताकि हम जान लें कि परमेश्वर का क्रोध क्रूस पर बरसा था, कि हम समझ सके

''....... परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया'' (रोमियों ३:२४−२५)

इसलिये,

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

डॉ वाटस का गीत गाइये!

देख, उसके सिर हाथ और पैरों को,
   दुख और प्रेम उससे बहता यूं:
क्या दुख और प्रेम का संगम यूं देखा है,
   वह कांटे एक अनोखा मुकुट रचते?

''क्रूस ही में'' इसे गाइये!

क्रूस ही में, क्रूस ही में,
   मेरे लिये सदा महिमा है;
जब मेरी उत्साहशील आत्मा को मिलेगा
   उस नदी के पार विश्राम।

“'उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

३. तीसरा, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि, हम जान जाए वह सदियों से मसीहा है।

मसीह अपने घावों और रक्त को लेकर स्वर्ग में पहुंचे ताकि हमें शाश्वत काल तक छुटकारा प्रदान कर सके।

''क्योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्र स्थान में जो सच्चे पवित्र स्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया, पर स्वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के साम्हने दिखाई दे'' (इब्रानियों ९:२४)

स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने हाथ विराजमान होकर, यीशु के घाव परमेश्वर और स्वर्गदूतों के सामने सदा स्मरणीय हैं कि,

''और वही हमारे पापों का प्रायश्चित्त है और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी।'' (१ यूहन्ना २:२)

तौभी बहुत से लोग आज इस संसार में मसीह का इंकार करते हैं। आज लोग अपने पुण्य कार्यो और अपने धर्म की आस्था के बल पर स्वयं को मोक्ष दिलाना चाहते हैं। इसलिये वे यीशु का इंकार करते हैं जो कि मोक्ष देने के लिये परमेश्वर द्वारा किया गया इंतजाम है। परमेश्वर तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग यीशु है क्योंकि एकमात्र उन्होंने ही दुख उठाया और हमारे पापों के बदले दंड चुकाने के लिये मरे। कोई अन्य धार्मिक नेता ने ऐसा नहीं किया − कन्फयूशियस, बुद्, मुहम्मद, युसफ स्मिथ किसी एक ने भी नहीं ऐसा नहीं किया! केवल यीशु ही के लिये यह कहा जा सकता है,

''परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।'' (यशायाह ५३:५)

केवल यीशु ही के लिये यह कहा जा सकता है,

''मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया'' (१ तीमुथियुस १:१५)

केवल यीशु ही के लिये यह कहा जा सकता है,

''परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा'' (रोमियों ५:८)

इसलिये,

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

डॉ वाटस का गीत पुनः गाइये!

देख, उसके सिर हाथ और पैरों को,
   दुख और प्रेम उससे बहता यूं:
क्या दुख और प्रेम का संगम यूं देखा है,
   वह कांटे एक अनोखा मुकुट रचते?

''क्रूस ही में'' इसे पुनः गाइये!

क्रूस ही में, क्रूस ही में,
   मेरे लिये सदा महिमा है;
जब मेरी उत्साहशील आत्मा को मिलेगा
   उस नदी के पार विश्राम।

यहां तक कि यीशु जब दूसरी बार आयेंगे तब भी उनके हाथ और पैर में क्रूसीकरण के समय के घाव होंगे। मसीह ने, भविष्यवक्ता जर्कयाह के द्वारा यह कहा,

''तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात जिसे उन्होंने बेधा है और उसके लिये ऐसे रोएंगे'' (जर्कयाह १२:१०)

जो जीते जी मसीह की तरफ मुड़कर नहीं आयेंगे वे अनंतकाल तक नर्क में दुख भोगते रहेंगे। महान स्पर्जन ने कहा था, ''उसके खुल हाथ और छिदा हुआ बाजू आप के विरूद्व गवाही देगी आप के विरूद्व गवाही ठहरेगी अगर आप उसका इंकार करते हुए मर गये और दुष्टता के कार्य करते हुये मसीह के अनंत कालीन शत्रुओं के साथ प्रवेश कर गये'' (सी एच स्पर्जन, ''यीशु के घाव,'' दि न्यू पार्क स्ट्रीट पुल्पिट, पिल्ग्रिम पब्लिकेशंस, वाल्यूम ५, पेज २३७)

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

पर फिर, स्पर्जन ने कहा,

बेचारे पापी जन....... क्या तुम (मसीह के पास) आने से डरते हो? तो उसके हाथों को देखिये − उसके बाजु को देखिये, क्या ये आप को प्रेरित नहीं करते?....... उसके बाजु को देखिये, वहां से उसके दिल में जाने का आसान रास्ता है। उसका बाजु खुला है। उसका बाजु (आप के लिये) खुला है....... ओह पापी जन, आप उसके घावों पर विश्वास ला सकें! वे घाव कभी विनष्ट नहीं हो सकते; मसीह के घाव उसको चंगा कर देंगे जो उस पर विश्वास रखेंगे। (उक्त संदर्भित, पेज २४०)

''उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए'' (लूका २४:४०)

प्राचीन साल्वेशन आर्मी, की इवेंजलिन बूथ, ने कहा था,

मसीह के घाव बुलाते हैं,
   हे पापी जन, वे आप के लिये बने;
मसीह के घाव बुलाते हैं,
   वहां शरण लेने वाले आश्रय पाते हैं।
(''मसीह के घाव'' इवेंजलिन बूथ, १८६५−१९५०)

यीशु के पास आइये। यीशु के उपर विश्वास लाइये। आप के पापों का दंड चुकाने के लिये मसीह क्रूस पर मरे। यीशु के पास आइये। अपने बल पर अच्छा बनने का प्रयास करना छोड़ दीजिये। वे प्रयास आप को कभी नहीं बचा पायेंगे। केवल यीशु ही आप को पाप और नर्क से बचा सकते हैं! आमीन।


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐबेल प्रुद्योमे द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: यूहन्ना २०:२४−२९
संदेश के पूर्व बैंजमिन किंकेड ग्रिफिथ ने एकल गान गाया गया:
''दि वुंडस औफ क्राईस्ट'' (इवेंजलिन बूथ, १८६५−१९५०)


रूपरेखा

मसीह के घाव

THE WOUNDS OF CHRIST

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

''यह कहकर उस ने उन्हें अपने हाथ पांव दिखाए''
(लूका २४:४०)

(यूहन्ना १९:३४, ३५, ४१; २०:१,५, ६−७, ९, १९;
लूका २४:३७−४०; यूहन्ना २०:२७)

१. प्रथम, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि हम जान जाए
कि वह वही व्यक्ति है जिसने क्रूस पर अपने प्राण दिये,
१ यूहन्ना १:१

२. दूसरा, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि हम जान जाए कि
यीशु हमारे पापों के लिये दुख उठाने वाले बनेंगे, यूहन्ना १:२९;
१ पतरस २:२४; ३:१८; रोमियों ३:२४−२५

३. तीसरा, यीशु ने उन्हें अपने घाव दिखाए ताकि, हम जान जाए
वह सदियों से मसीहा है, इब्रा ९:११−१२, २४; १ यूहन्ना २:२;
यूहन्ना १४:६; यशायाह ५३:५; १ तीमु १:१५; रोमियों ५:८;
जर्कयाह १२:१०