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मेमनें की चुप्पी

(यषायाह 53 से आठवाँ संदेष )
THE SILENCE OF THE LAMB
(SERMON NUMBER 8 ON ISAIAH 53)
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

इस संदेष का प्रचार लोस एंजलिस में बप्तीस टबरनेकल में
प्रभु का दिन मार्च 24, 2013 षाम को किया गया था।
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, March 24, 2013

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरवेके समय चुपचाप षान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।


ईसाई षहीदों के अंतिम षब्द सुनने से प्रोत्साहित होते है। उनके अंतिम समय के षब्द सुनकर हमारे हृदय में उठ जाते है। दूसरी सदी में पोलिकॅर्प नामक एक प्रचारक था। अंग्रजी में उनका नाम पोलिकॅर्प था, लैटिन में पोलिकॅर्पस। पोलिकॅर्प प्रेरित यूहन्ना के विद्यार्थी थे। कई सालों बाद वे बुतपरस्त न्यायाधीष के सामने खडे थे, जिसने कहा, ‘‘तुम बूढे हो, जरूरी नहीं है कि तुम मरो...षपथ लो और मैं तुम्हें छुटकारा दूँगा। ‘प्रभु सीझर,' कहने में क्या दिक्कत है और धूप चढाने में? तुम्हें सीझर के नाम से षपथ लेनी है फिर मैं खुषी से छोड दूँगा। मसीह को इनकार करो और तुम जी लोगे।''

पोलिकॅर्पस ने उत्तर दिया, ‘‘छियासी वर्श तक मैंने सेवा (मसीह) की है, उसने मेरे साथ कुछ गलत नहीं किया। मैं मेरे राजा, जिसने मुझे बचाया है, उसकी निंदा कैसे करू?'' न्यायाधीष ने कहा, ‘‘मैं तुम्हें आग से जला दूँगा।'' पोलिकॅर्पस ने कहा, ‘‘जिस आग की मुझे धमकी दे रहे हो वह मुझे घंटो में जला कर बुझ जाएगी। क्या तुम्हें पता नहीं है कि गवाँए हुए लोगो पर फैंसले की आग आकर हमेषा के लिए सजा देने आनेवाली (लोस) है? किंतु आप क्यों देर कर रहे हो? आओ, जो चाहे कर लो।''

इस पर न्यायाधीष ने संदेषवाहक से कार्यक्षेत्र में लोगो को घोशणा करवाई, ‘‘पोलिकॅर्प ने ईसाई होने का दावा किया है!'' ‘‘उसे जिंदा जला दिया जाए!'' लोगों की भीड ने चिल्लाया। आग जलायी गयी। वधिक ने पोलिकॅर्प को दाँव पर लगाने के लिए कीले मारें। पोलिकॅर्प ने षांतिपूर्वक कहा, ‘‘मैं जिस तरह हूँ, मुझे छोड दो। जिसने मुझे आग में जाने की अनुमति दी है, वही मुझे ज्वाला से बचाएगा, तुम्हारी इच्छानुसार किसी भी सुरक्षा के बिना।''

पोलिकॅर्प ने प्रार्थना के लिए अपनी आवाज़ उठायी, और स्तुति की क्योंकि ‘‘वह मरने के योग्य था।'' आग जलायी गयी और उसकी चारों ओर ज्वाला प्रकटी। जब ज्वाला से उसका षरीर नहीं मुरझा, तो वधिक ने भाले से घोपा। इस तरह पोलिकॅर्पस के जीवन का अंत हुआ, स्मरना के पासबान और प्रेरित यूहन्ना के विद्यार्थी (see James C. Hefley, Heroes of the Faith, Moody Press, 1963, pp. 12-14).

र्स्पजन ने “जेन बॉच्यर, हमारे यषस्वी बाप्टीस्ट यषस्वी षहीद के बारे में बताया...जब उसे क्रॉमनर और रीदली के समक्ष लाया गया था,'' इंग्लँड की कलोषिया के दो विषपो ने, इस बाप्टीस्ट को जलाने की सजा़ दी, यह कहकर कि जलाने से आसानी की मोत आती है। उसने उनको कहा, ‘‘तुम्हारी तरह मैं भी मसीह की सच्ची सेविका हूँ; अगर आप तुम्हारी बेचारी बहन को मारोगे, सावधान रहिए (संभालना) नही ंतो परमेष्वर आप पर रोम के भेडिए छोडेगा, और तुम्हें भी परमेष्वर के लिए भुगतना पडेगा।'' कितनी सही थी वो, ये दोनों भी व्यक्ति कुछ ही दिनों में षहीद हो गए! (see C. H. Spurgeon, “All-Sufficiency Magnified,” The New Park Street Pulpit, volume VI, pp. 481-482).

हालाँकि कई सदियों से, पोलिकॅर्प और जेन बॉच्यर अलग हुए थे, जिन्हो ने बहुत ही मजबूत आस्था का बयान दिया था, जब उन्हें जलाया था। तथापि प्रभु यीषु मसीह ने ऐसा नहीं किया जब उसे ताडना और मृत्यु की धमकी दी गई थी! हाँ, उसने मुख्य याज़क से कहा था। हाँ उसने रोम के राज्यपाल पोन्टीयस पाईलट से कहा था। किंतु जब उसे क्रूस पर कीलों से ठोक कर अर्ध मृत्युवस्था में छोडा था, नबी यषायाह, ने इस बात की बहुत ही अद्भूत रीति से वर्णन किया है कि वह चूप था!

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरवेके समय चुपचाप षान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।

उसका पीटने पर भी उसने एक षब्द न कहा! क्रूस पर कीलों से ठोकने पर भी उसने एक षब्द न कहा! चलों हम अपने संदेष को देखकर तीन प्रष्न गहराई में पुछकर उसके उत्तर जाने।

।. पहला, यह यीषु नामक व्यक्ति कौन था?

यह कौन था जिसके बारे में नबी ने बोला, यह कहकर,

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला..''? (यषायाह 53:7)।

पवित्र षास्त्र हमें कहता है कि वह महीमा का प्रभु था, पवित्र त्रीमूर्ति का दूसरा व्यक्ति था, परमेष्वर का पुत्र मानव रूप में! संप्रदाय कहता है, ‘‘सही में परमेष्वर ही है।'' हमें यह कभी नहीं सोचना है कि यीषु मात्र मनुश्य रूप में षिक्षक या मात्र नबी था! उसने हमें मात्र उसके बारे में यही सोचने के लिए नहीं है, क्योंकि उसने कहा,

‘‘मैं और मेरे पिता एक है'' (यूहन्ना 10:30)।

फिर से, उसने कहा,

‘‘पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूँ : जो भी कोई मुझ पर विष्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौ भी जीएगा'' (यूहन्ना 11:25)।

अगर कोई अन्य व्यक्ति ने यह कहा होता तो हम उसे ष्‍ौतानिक, खयालोमें खोया हुआ, भटका हुआ धुनी या तो पागल बुलाते थे! किंतु जब यीषु ने कहा कि वह और पिता परमेष्वर एक है, और उसने कहा, ‘‘पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूँ,'' ऐसे षब्द, हम सोचे और, हम में से सबसे खराब, ताजुब करेगा कि षायद वह बिलकुल सही नहीं हो!

हालाँकि मैं हमेषा C. H. Lewis के मुझों पर सहमत नहीं होता हूँ, हम यीषु मसीह के प्रसिद्ध बयान को कैसे असहमत कर सकते है? C. H. Lewis ने कहा,

लोग कईबार सही में उसके बारे में मूर्खता भरी बातें करते है, उसे रोकने की कोषिष करता हूँ : ‘‘मैं यीषु को महान नैतिक षिक्षक स्वीकार करता हूँ, किंतु अपने आपको परमेष्वर कहने की बात अस्वीकार करता हूँ।'' यह बात अवष्य हमें नहीं कहनी चाहिए। एक व्यक्ति मात्र एक आदमी ही है और कई तरह की बातें करता है यीषु ने कहा वह महान नैतिक है षिक्षक नहीं हो सकता। वह या तो पागल हो सकता है-मनुश्य के स्तर से वह सिकी अँडे जैसा है-नहीं या नरक का ष्‍ौतान है। हमें चुनाव करना है। या तो यह व्यक्ति था, और है परमेष्वर का पुत्र : या तो पागल या तो उससे भी बद्तर। मूर्ख कहकर चूप करा सकते है, उस पर थूक कर, ष्‍ौतान मान कर मार डाल सकते है; या तो आप उसके चरणों में गिरकर उसे प्रभु परमेष्वर कह सकते हो। किंतु उसे महान मानव षिक्षक कहकर उसके बारे में बकवास के साथ न आएँ। यह उसने अपने लिए नहीं छोडा है। उसका यह उद्देष्य नहीं था (C. S. Lewis, Ph.D., Mere Christianity, Harper Collins, 2001, p. 52).

‘‘आप उस पर थूक कर, ष्‍ौतान मान कर मार डाल सकते है; या तो आप उसके चरणों में गिरकर उसे प्रभु परमेष्वर कह सकते हो...तुम्हे अवष्य ही चुनाव करना है,'' क्योंकि यीषु ने कहा है,

‘‘मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ : बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता'' (यूहन्ना 14:6)।

यही पर मिल गया! आप यीषु के साथ बौध्ध धर्म, हिन्दु धर्म या तो इस्लाम धर्म मिला नहीं सकते क्योंकि यीषु ने ‘‘हमारे लिए खुला नहीं छोडा है। उसका यह उद्‌ेष्य नहीं था।'' मसीह ने हमारे लिए कोई विकल्प नहीं छोडा है। उसने कहा, ‘‘बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।'' जैसे सी. एस. लुईस ने कहा, ‘‘तुम उसके पर थूक सकते है और मार डाल सकते है...या तो उसके चरणों में गिरकर उसे प्रभु और परमेष्वर बुला सकते है...तुम्हें अवष्य चुनाव करना है।'' यह एक या तो दूसरा। वास्तव में कोई भी इस पर तटस्थ नहीं है। वे षायद दिखावा करे, किंतु वे कभी भी तटस्थ नहीं रह पाए। ‘‘उसने यह हमारे लिए खुला नहीं छोडा है।''

॥. दूसरा, जिन्होने यीषु को सताया और मार डाला उनका प्रतिकार करने में वह नाकामयाब क्यों रहा?

यह क्यों

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला''? (यषायाह 53:7)।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक Albert Einstein, ईसाई न होने पर भी कहा,

सही में यीषु की उपस्थिति को महेसूस किए बिना कोई भी (चार) सुसमाचार को नहीं पढ़ सकता। उसका व्यक्तित्व हर षब्द में दिखाई देता है। ऐसे जीवन के साथ कोई काल्पनिकता नहीं है। (Albert Einstein, Ph.D., The Saturday Evening Post, October 26, 1929).

फिर भी फटकारे गए और क्रूस पर लटकाए गए यीषु ने कुछ नहीं कहा! फिर मसीह क्यों जिन्होने उसे पीटा और मार डाला, उनके सामने प्रतिकार करने में क्यों नाकामयाब रहे? फ्रेंच दर्षनीक Rousseau, नास्तिक होने के बावजूद, अद्भूत रीति से उस प्रष्न के उत्तर तक गये जब उसने कहा,

जब सोक्रेट्स एक दर्षनीक की तरह जीये और मर गए, यीषु जीये और मर गए परमेष्वर की तरह (Jean-Jacques Rousseau, French philosopher, 1712-1778).

यीषु स्वयंने प्रतिकार नहीं किया क्योंकि धरती पर आकर पीड़ा सहन करके क्रूस पर मरने का उनका मकसद् था। यीषु ने क्रूस पर चढ़ने के एक वर्श पहले स्पश्ट किया था।

‘‘उसी समय से यीषु अपने चेलों को बताने लगा, अवष्य है कि मैं यरूषलेम को जाऊँ और पुरनियों, और प्रधान याजकों, और षास्त्रियों के हाथ से बहुत दुःख उठाऊँ, और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ'' (मती 16:21)।

The Applied New Testament Commentary कहता है,

पतरस ने अभी कबूल किया था कि यीषु मसीह था, मसीह, जीवंत परमेष्वर का पुत्र (मरकूस 8:29)। फिर भी (पतरस) नहीं समज़ पाया कि मसीह धरती पर किस लिए आया था। अन्य यहूदीयों कि तरह उसने भी सोचा, जैसे कि, मसीह धरती का राजा बनने आया था। इसलिए, जब यीषु ने उससे कहा कि (उसे) कई कुछ सहन करना पडेगा और...मरना पडेगा। पतरस ने यह स्वीकार नहीं किया। उसने इस बात को लेकर यीषु को डाँटा। यीषु ने यह भी कहा था तीन दिन के बाद (वह) जी उठेगा। यीषु को पता था, वह मात्र मरेगा ही नहीं किंतु तीसरे दिन मृत्यु से जी उठेगा। चेलों को यह बात बिल्कुल समझ नहीं आयी (Thomas Hale, The Applied New Testament Commentary, Kingsway Publications, 1996, pp. 260-261).

किंंतु हमें समझना है, पवित्र षास्त्र कहता है,

‘‘मसीह यीषु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया'' (1 तीमुथियुस 1:15)।

उसकी मृत्यु द्वारा हमारे पाप क्रूस पर हुई, और उसके पुनरूथ्थानसे हमें जीवन मिला। क्रूस पर फटकार खाने पर भी यीषु ने प्रतिकार के रूप में कुछ नहीं कहा क्योंकि उसने राजपाल पिलातुस को कहा था, ‘‘मैंने इसलिए जन्म लिया और इसलिए मैं संसार में आया हूँ'' (यूहन्ना 18:37)।

III. तीसरा, यीषु के चुपचाप सहने के बारे में संदेष क्या कहता है?

कृपया खडे हो जाईए और यषायाह 53:7 और एक बार जोर से पढ़े।

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरवेके समय चुपचाप षान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।

आप बैठ सकतें है।

‘‘वह सताया गया, तो भी वह सहता रहा।'' डॉ. यंग कहते है कि इसका यह भाशांतर किया जा सकता है, ‘‘वह खुद (अनुमति दी) पीड़ित हुआ।'' ‘‘पीड़ित होने में खुद ने ही स्वेच्छा से सहन किया...खुद के बचाव के लिए या विरोध में अपने मुँह से बात नहीं निकाली। कोई इसे (भविश्यवाणी) को पूर्ति की सोच के बिना नहीं पढ़ सकता, जब पीलातुस के फैसले की सीट के सामने सच्चे सेवक ने एक षब्द नहीं कहा। ‘जब वो निंदित हुुआ, फिर से निंदित न होगा' [जब वह पीडित हुआ, वह ड़रा नहीं]'' (Edward J. Young, Ph.D., The Book of Isaiah, Eerdmans, 1972, volume 3, pp. 348-349).

‘‘इस पर पिलातुस ने उसने कहा, क्या तू नहीं सुनता कि ये तेरे विरोध में कितनी गवाहियाँ दे रहे है? परन्तु उसने उसको एक बात का भी उत्तर नहीं दिया; यहाँ तक कि हाकिम को बड़ा आष्चर्य हुआ'' (मती 27:13-14)।

‘‘प्रधान याजक उस पर बहुत बातोें का दोश लगा रहे थे। पर उसने कुछ जवाब नहीं दिया। पिलातुस ने उससे फिर पूछा, क्या तू कुछ उत्तर नहीं देता देख ये तुझ पर कितनी बातों का दोश लगाते है? यीषु ने फिर कुछ उत्तर नहीं दिया; यहाँ तक कि पिलातुस को बड़ा आष्चर्य हुआ (मरकूस 15:3-5)।

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरवेके समय चुपचाप षान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।

यषायाह में मसीह की तुलना मेंमने से की है। पुराने करार में, लोग भेड़िये को परमेष्वर के पास बली चढ़ाने ले आते थे। भेड़िये का वध होने से पहले उसका ऊन कतरते थे। कतरने के समय मेंमना चुपचाप षांत खडा रहता था। जैसे वध किया जानेवाला भेड़िया कतरने और वध करने पर भी षांत रहता था, ‘‘वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।

यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने यीषु की तुलना वद्य किये जानेवाले मेंमने से की तब उसने कहा,

‘‘देखो, यह परमेष्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है'' (यूहन्ना 1:29)।

जब आप यीषु पर आस्था से भरोसा करते हो, क्रूस पर किया हुआ बलिदान आपके सारे पाप की भुगतान कर देता है, और आप परमेष्वर के सामने निदोशि खडे रहोगे। तुम्हारे दोशों का प्रायष्चित उसकी क्रूस पर की मृत्यु से हुआ है। वहाँ से बहते हुए उसके खून से तुम तुम्हारे पापों से षुद्ध हों गए हो।

डेवीड़ ब्रेन्नर्ड, एक अमेरिकन भारतीय सेवक, इस सच्चाई की घोशणा अपनी सेवकाई से की। जैसे उसने अमेरिकन भारतियों को प्रचार किया, उसने कहा, ‘‘मैं कभी भी यीषु और उसके सूली पर चढ़ने से दूर नहीं गया। मुझे पता चला, पहले यही लोग जो महान पकड़में...अपनी तरफ से मसीह के बलिदान का अर्थ, मुझे उन्हे अपने बर्ताव को बदलने की बहुत सूचना नहीं देनी पड़ी'' (Paul Lee Tan, ThD., Encyclopedia of 7,700 Illustrations, Assurance Publishers, 1979, p. 238).

मैं जानता हूँ कि आज भी यह सही है। जब आप देखोगे कि

‘‘पवित्रषास्त्र के वचन के अनुसार यीषु मसीह हमारें पापों के लिए मर गया'' (1 कुरिन्थियों 15:3)।

और एक बार आप सूलि पर चढ़कर मरनेवाले और जी उठनेवाले मुक्तिदाता की षरण में आ जाते हो तो, आप ईसाई हो। इसकी तुलना में ष्‍ोश बातें समझाने और समझने में आसान है। मसीह पर अस्था से विष्वास करो और आप बच जाओगे!

जब कि मृत्यु के समय, स्पर्जन ने कहा, ‘‘मैंने चार छोटे षब्दों में धर्मषास्त्र जाना है - ‘यीषु मेरे लिए मरा।' अगर मुझे फिर से उठना पडे तो मात्र यही प्रचार नहीं करूँगा किंतु इसी बात पर मरना बेहतर रहेगा। यीषु मेरे लिए मरा'' (Tan, ibid.) क्या आप कह सकते हो? क्या कह सकते हो, ‘‘यीषु मेरे लिए मरा''? अगर नहीं, तो क्या आप जी उठनेवाले मुक्तिदाता की षरण में आकर विष्वास करोगे आज रात को? क्या तुम कहोगे, ‘‘यीषु मेरे लिए मरा, मैं उसे सौंप देता हूँ और पूर्ण उद्धार के लिए भरोसा करते हुए जो उसके लहू और धार्मिकता से मिलती है''? यह करने के लिए परमेष्वर आपको सरल विष्वास दे। आमीन।

कृपया खडे हो जाएँ और भजनपत्रिका से छठवा गाना गाईए, ‘‘अेंड केन इट बी?'' चार्ल्स वेस्ली द्वारा।

एँड केन इट बी धेट आय षुड गेईन
एन इंटरेस्ट इन ध सेवियरस् ब्लड?
डाईड ही फॉर मी, हु कोस्ड हीस पेईन?
फॉर मी, हु हीम टु डेथ परस्युड?
अमेझींग लव! हाऊ केन इट बी,
धेट धाऊ, माय गॉड, षुडस्ट डाई फॉर मी?
अमेझींग लव! हाऊ केन इट बी,
धेट धाऊ, माय गॉड, षुडस्ट डाई फॉर मी?
(‘‘एँड केन इट बी?'' by Charles Wesley, 1707-1788)।

अगर आपको विष्वास हो गया है कि यीषु आपके पाप को माफ कर सकता है और आपकी रूह को बचा सकता है, हम आप से ईसाई बनने के बारे में बात करना चाहेंगे। कृपया आप अपने स्थान छोडकर पिछवाडे के कमरें में जाईए। डॉ. केगन आपको षांत ओर ले जाएँगे जहाँ आप बात कर सकें। अभी सभागृह के पिछवाडे जाईए। श्रीमान ली, कृपया आप आकर उत्तर देनेवालों के लिए प्रार्थना करें। आमीन।

(संदेश का अंत)
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संदेश से पहले पढ़ा हुआ वचन डॉ. क्रेग्टन एल. चॉन द्वारा : यषायाह 52:13-53:7।
संदेश के पहले श्री. बेंजामीन कीनकेइड ग्रीफिथ ने अकेले गाना गाया :
“A Crown of Thorns” (by Ira F. Stanphill, 1914-1993).


रूपरेखा

मेमनें की चुप्पी

(यषायाह 53 से आठवाँ संदेष )

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरवेके समय चुपचाप षान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला'' (यषायाह 53:7)।

।. पहला, यह यीषु नामक व्यक्ति कौन था? यूहन्ना 10:30; 11:25;
यूहन्ना 14:6।

॥. दूसरा, जिन्होने यीषु को सताया और मार डाला उनका प्रतिकार करने में वह नाकामयाब क्यों रहा? मती 16:21; 1 तीमुथियुस 1:15; यूहन्ना 18:37।

III. तीसरा, यीषु के चुपचाप सहने के बारे में संदेष क्या कहता है?
मती 27:13-14; मरकूस 15:3-5; यूहन्ना 1:29; 1 कुरिन्थियों 15:3।