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यूसुफ और उसके भाई

(उत्पति की किताब पर धार्मिक प्रवचन क्रमांक 74)
JOSEPH AND HIS BROTHERS
(SERMON #74 ON THE BOOK OF GENESIS)
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 10 मार्च, 2013 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, March 10, 2013


मैं नहीं जानता कैसे कोई भी उत्पति के आखरी थोड़े पाठ से प्रचार कर सकते है यूसुफ और मसीह के बीच समरूपता दिखाए बिना। तुलना इतनी अवष्य है कि इसे छोड़ देना बाइबल का एक बड़ा खज़ाना छोड़ने समान है।

पहले इस्टर के रविवार, जल्दी सुबह में यीषु मृत्यु से उठे। उसी दिन दोपहर में उन्होंने इम्माऊस के रास्ते पर दो चेलो से बात की। बाद में उसी दिन, यीषु ऊपर के कक्ष में अपने चेलो को दिखाई दिये। उन्होंने वहाँ उनके साथ खाया, और विषिश्ट भोज खत्म हुआ था, यीशु ने उनको सारी बातें समझायी पुरानी नियमावली के पवित्रषास्त्र में जिसकी उन्हें चिन्ता थी। जब वे उत्पति की किताब के पास आये उन्होंने निष्चयरूप से यूसुफ से संदर्भ किया; उन्होंने निष्चय ही उनके स्वयं और याकूब के बेटे के बीच समान्तरता दिखाई, बाइबल में मसीह के समान की प्रतिमा! उस संबंध में, यूसुफ प्रतिरूप द्वारा मसीह को पापियों के उद्धारक के समान सूचित करते है।

परंतु हम वहाँ जाए उससे पहले, मैं आपको यूसुफ की यीषु को समानता का चित्रण दूंगा वहाँ तक जब उसने उनके भाईयों का सामना किया। यीषु की तरह, यूसुफ के पिता ने उससे प्रेम किया था। यीषु की तरह, वह अपने भाईयों द्वारा नफरत किया गया था और उनके द्वारा इर्श्या किया गया था। और भी, उसके विरूद्ध शडयंत्र रचा गया था, अपमानित किया गया। उसके कपड़े फाड़े गए थे, और गड्हे में फेंका गया था, जैसे यीषु को कब्र में रखा गया था। उसके अंगरखे पर लहू छिड़ककर उसे पिता याकूब को दिया गया था, जैसे यीषु का लहू उनके पिता को स्वर्ग में पेष किया गया था।

यूसुफ गुलामों की तरह मिस्त्र में बेचा गया था, जैसे यीषु की कीर्ति नहीं दी गई थी और उनके स्वर्गीय पिता के बाद की जगह में संसार की ऊँची जगह से भेजा गया था। युसूफ की तरह, परमेष्वर यीषु के साथ थे, जब वे धरती पर आए और हर एक चीज जो उन्होने की। यूसुफ की तरह, यीषु परखा गया था, और फिर भी उसने पाप नहीं किया। यूसुफ की तरह, यीषु झूठी तरह से पकड़ा गया था, उन्होंने अपने स्वयं का बचाव नहीं किया, वे जेल में फेंके गये थे, तीव्रता से तड़पे, दो अपराधीयों के साथ किया गया, वो कब्र के कारावास से छुटे परमेष्वर के हाथ से, उसे संसार की सबसे ऊँची स्थिति में ऊँचा किया गया, वो तीस वर्श के थे जब उन्होंने उनके जीवन का काम षुरू किया, सारे लोगो के उद्धारक बने, उनके पास अमर्यादित साधन थे सब की आवष्यकताओं से मिलने (पूरा करने)। कैसा चित्र यूसुफ ने पेष किया पेषगी में प्रभु यीषु मसीह का। परंतु अभी हम रोषनी डालेंगे यूसुफ को उसके भाईयों के साथ रिष्ते पर - जैसे चित्र में यीषु का पापियों के साथ रिष्तेदारी में। ऐसा करने में, मैं विष्‍ोश करके आधारित हूँ डो. आइ. एम. हेल्डमन, पहले बेपटीस्ट कलीसिया, न्यूयोर्क षहर के दीर्घकाल याजक की लिखावट पर। यहाँ है थोड़े समरूप यूसुफ और उसके भाईयों बीच, और यीषु और पापीयों के बीच।

1. पहला, यूसुफ के भाई ऐसी भूमि में रहते थे जहाँ अन्न नहीं था।

मेहरबानी करके उतपति 42:5 पर फिरो,

‘‘इस प्रकार जो लोग अन्न मोल लेने आए उनके साथ इस्त्राएल के पुत्र भी आए; क्योंकि कनान देष में भी भारी अकाल था'' (उत्पति 42:5)।

वहाँ उनके देष में उनको जीवित रखने कुछ भी नहीं था। वहाँ रहना जारी रखने का अर्थ था मृत्यु। इसलिए इस्त्राएल ने उसके पुत्रो से मिस्त्र जाकर अन्न खरीदने को कहा, ‘‘जिससे हम न मरें, वरन् जीवित रहें'' (उत्पति 42:2)। इसी रीति से, सारे पापी इस संसार में रहते है जो आध्यात्मिक अकाल द्वारा हमला किए गए है, इस संसार में जहाँ आत्मा के लिये खाना नहीं है। हर एक खोया आदमी मुक्ति पाता है, पहले प्रत्यक्ष करता है, अतिव्ययी पुत्र के समान, कि वहाँ पर है ‘‘उस देष में बड़ा अकाल पड़ा'' - और उसके लिये यहाँ कुछ भी नहीं परंतु ‘‘फलियां जिन्हें सूअर खाते है...'' (लूका 15:14,16)। जहाँ तक खोए लोग सोचते है वहाँ इसे संसार में कुछ भी है जो उसे संतुश्ट कर सके और उसकी आत्मा को खिलाए, वो यीषु के पास नहीं आयेगा, जिसने कहा, ‘‘जीवन की रोटी मैं हूँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा, और जो मुझ पर विष्वास करता है वह कभी प्यासा न होगा'' (यूहन्ना 6:35)।

2. दूसरा, यूसुफ के भाईयों को जो उन्हें मिला वह खरीदना था।

उत्पति 42:3 को देखो,

‘‘अतः यूसुफ के दस भाई अन्न मोल लेने के लिये मिस्त्र गए'' (उत्पति 42:3)।

‘‘मोल लेना'' (buy) षब्द इस पाठ के पहले दस पदो में पांच बार दिखता है। यह दिखाता है कि उन्हें अन्न मुफ्त मिलने का विचार नहीं था। यह चित्रिण करता है खोए लोगो के मन का। वे सोचते है उन्हें मुक्ति खरीदनी पड़ेगी प्रभु को प्रसन्न करने कुछ करने के द्वारा। हरएक खोया आदमी सोचता है वो प्रभु को प्रसन्न करने के लिये कुछ करने के द्वारा मुक्ति ‘‘खरीद'' सकता हैं अतिव्ययी पूत्र ने कहा, ‘‘मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले'' (लूका 15:19), वह है, एक व्यक्ति जो काम करता है जिसके लिए वह पाता हैं। खोए आदमीयों को मुष्किल है मानना कि वे बचाए जा सकते है, ‘‘बिना रूपए और बिना दाम'' (यषायाह 55:1)। यह उन्हें असंभव लगता है कि यीषु उन्हें बचाएँगे अगर वे सरलता से उनमें विष्वास करे। यहीं तो था यूसुफ के भाईयों के साथ और हर खोए आदमी और औरत के साथ। परंतु बाइबल कहता है, ‘‘उसने हमारा उद्धार किया, और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार'' (तीतुस 3:5)।

3. तीसरा, यूसुफ के भाईयों को जख्मी होने की आवष्यकता थी उन्हें चंगा करने से पहले।

जब वे यूसुफ के पास आए उनके भाई उसे पहचान न सके। उन्होंने उसको मिस्त्र में गुलाम की तरह बेचा था। अब उसने सिर मुंडवा लिया था, दाढ़ी नहीं थी, मिस्त्रीयों की तरह तैयार हुआ था, और अब वो सारे मिस्त्र का प्रधानमंत्री था। जब उनको जानकारी नहीं थी कि वो उनका भाई था, वे षायद ड़रे होंगे। परंतु फिर भी, वे उनके पास आए स्व-धर्मी अवस्था के साथ। फिर यूसुफ बोला ‘‘उनके सामने कठोर बनके'' (उत्पति 42:7)। ध्यान दीजिये वो उनके साथ इस प्रकार क्यों बोला। उन्होंने कहा, ‘‘हम सीधे मनुश्य है'' (उत्पति 42:11)। आधुनिक वर्णन इसका अनुवाद करता है, ‘‘हम प्रमाणिक आदमी है''। हाँ, सही है! सच्चे प्रमाणिक आदमी! परंतु यूसुफ बेहतर जानता था! उसे पता था उन्होंने करीबन उसे मार डाला था, और उनके पिता से झूठ कहा था, यह कहते हुए कि वह मर गया था! सच्चे प्रमाणिक आदमी!

और यीषु आपके बारे में भी सब कुछ जानते है! वे जानते है आपके मन और आपके जीवन में हरएक पाप को। आप उनको मूर्ख नहीं बना सकते, वे यूसुफ को मूर्ख बना सके उससे और अधिक! ‘‘हम प्रमाणिक आदमी है'', ‘‘हम सीधे मनुश्य है।'' ठीक है, वह उनमें से निकाल बाहर करना चाहिए! इसी प्रकार प्रभु उनके काम षुरू करते है पापीयों पर। वे चंगा करने से पहले जख्मी करते है। वे व्यवस्था द्वारा ‘‘कठोरता'' से बातें करते है। वे आपकी अंतःमन को कहते है, ‘‘आप दोशी हो! आप पापी हो! आप सच्चे आदमी नहीं हो!''

पापी कैसे उसे प्रतिसाद देते है? सबसे पहले वे उनको स्वयं का न्याय करते है। परंतु आखरी में वे उनका पाप जानते है। मेहरबानी करके खड़े रहो और इक्कीसवाँ पद जोर से पढ़ो,

‘‘उन्होंने आपस में कहा, निःसन्देह हम अपने भाई के विशय में दोशी है, क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ाकर विनती की, तब भी हम ने यह देखकर कि उसका जीवन केसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े है'' (उत्पति 42:21)।

आप बैठ सकते हो। खोए लोगो को उनके पाप की जानकारी करानी चाहिए। वो कहना ही चाहिए, ‘‘मैं अपराधी हूँ''। उसे बताना ही चाहिए की वो प्रमाणिक आदमी नहीं है, सच्चा आदमी नहीं - वो पापी है! इसीलिये पवित्र आत्मा आपको पाप में दोशी ठहराती है। आपको जख्मी करना ही चाहिए आपको चंगा कर सकने से पहले। आपको पाप का कम से कम थोड़ा अपराधभाव होना ही चाहिए - या आपको यीषु आवष्यक नहीं लगते!

मेरे पास थोड़े लोग थे मुझे पूछताछ कक्ष में कहते हुए कि उनको पाप का पर्याप्त अपराध-भाव नहीं है बचाए जाने के लिये। यह बहुत सामान्य दोश है। जोसेफ हार्ट ने इसका अच्छा जवाब दिया,

‘‘अगर आप विलम्ब करो जब तक आप बेहतर हो,
   आप कभी भी आओगे ही नहीं''
(‘‘आओ, तुम पापीयों'' जोसेफ हार्ट द्वारा, 1712-1768)।

अगर आप बेहतर हो तब तक आप विलम्ब करते हो, या जबतक आपको ज्यादा अपराध भाव हो - आप कभी भी आओगे नहीं! सारा अपराधभाव आपको आवष्यक है वो अपराधभाव है जो सिर्फ यीषु आपको आपके पाप से बचा सके। अगर आप पर्याप्त अपराधी ठहरते हो महसूस करने, आपकी यीषु के लिये आवष्यकता को आप उनके पास अभी इसी समय, आज रात आ सकते हो! परंतु अगर आप सोचो आप जैसे हो वैसे अच्छे हो, आप कभी भी बचाए बिना नश्ट हो जाओगे!

4. चौथा, यूसुफ के भाई कुछ समय के लिये बन्दीगृह में डाले गए थे।

मैं कहानी के सारे विवरण में नहीं जा सकता। आपको इस धार्मिक प्रवचन के प्रत की नकल घर ले जानी होगी और वाक्यखण्ड आपकी बाइबल में पढ़ के कहानी पूर्ण करनी होगी। मेरे लिये इतना कहना पर्याप्त है कि यूसुफ ने उनसे कठोरता से पेष आना जारी रखा उन्हें उनकी अपनी दृश्टता देखने। स्मरण करो, उन्हें अभी तक जानकारी नहीं थी, वो उनका भाई था। पद सतरहवाँ देखो

‘‘और तब उसने उनको तीन दिन तक (बन्दीगृह में) रखा'' (उत्पति 42:17)।

यहीं था जिसके वो लायक थे। कभी कभी परमेष्वर खोए लोगों के साथ इस प्रकार व्यवहार करते है, उन्हें बन्दीगृह में रहने देते थे जब तक वे प्रत्यक्ष न करे कि वे सजा के अलावा किसी भी ओर चीज के योग्य नहीं है। इस पद्धति द्वारा वे देखे जाते है मसीह द्वारा माफ किया जाना कितना अद्भूत है। इस प्रकार, वे ऊँचे उठाने से पहले नीचा किये जाते है। जोन न्यूटन ने कहा,

वह अनुग्रह था जिसने मेरे मनको ड़रना सीखाया,
   और अनुग्रह ने मेरे ड़र को पुनःजीवित किया।
(‘‘अद्भूत अनुग्रह'' जोन न्यूटन द्वारा 1725-1807)।

वृद्ध न्यूटन जानते थे बन्दीगृह में चुप रहना क्या महसूस कराता है, यीषु में छुटकारा मिलने से पहले ड़रना।

5. पांचवाँ, यूसुफ के भाईयों ने सीखा की छुटकारा अनुग्रह के द्वारा ही है।

उनकें तीन दिन बन्दीगृह में गुजारने के बाद, यूसुफने उनको आज़ाद किया। उत्पति 42:25 में हम पढ़ते है, ‘‘तब यूसुफ ने आज्ञा दी कि उनके बोरे अन्न से भरो और एक एक जन के बोरे में उसके रुपये को भी रख दो, फिर उनको मार्ग के लिये भोजन वस्तु दो''। यह अद्भूत चित्र है उस हकीकत का कि मुक्ति मुफ्त है! बाइबल कहता है, ‘‘विष्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है; और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन् परमेष्वर का दान है। और न कर्मो के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे'' (इफिसियों 2:8,9)।

जैसे मैंने यह मुद्दे डो. हेल्डमन से सीखे, मैंने प्रत्यक्ष किया कि इस तरह का अनुभव बहुत से आधुनिक सुसमाचार प्रचारको द्वारा समझा नहीं गया होगा। आज ‘‘निर्णायकता'' के सफलता के कारण, खोया हुआ आदमी आमतौर पर कहा जाएगा ‘‘पापियों की प्रार्थना'' जल्दी से कहने को और कहते है कि वो बचाया गया था! डो. हेल्डमन परिवर्तन के बारे में पुराने तरीके का सुसमाचार प्रचार का विचार देते थे, और मैं मान चुका हूँ कि पुराना तरीका बेहतर तरीका था! (देखिये इयान. एच. मुरेय, ध ओल्ड इवान्जेलिकेलिझम, पुराना सुसमाचार प्रचार का तरीका, ध बेनर ओफ ट्रुथ ट्रस्ट, 2005)।

सिर्फ जब खोए पापी महसूस करते है पाप का अपराधी ठहरने से मुक्ति मिलेगी तब मसीह का मुफ्त अनुग्रह महत्वपूर्ण लगेगा! पुराने सुसमाचार प्रचारक चिल्ला सकते थे, ‘‘अद्भूत अनुग्रह! कितना मधुर स्वर है - जिसने मुझ जैसे दुश्ट को बचाया!'' या ‘‘अनुग्रह! यह मनोहर स्वर है!'' या,

अनुग्रह, अनुग्रह, प्रभु का अनुग्रह,
   अनुग्रह जो माफ करेगा और भीतर में षुद्ध;
अनुग्रह, अनुग्रह, प्रभु का अनुग्रह,
   अनुग्रह जो हमारे सारे पापो से अधिक महान् है।
(‘‘अनुग्रह हमारे पाप से अधिक महान्'' जुलीया एच. जोन्स्टोन द्वारा,
      1849-1919)।

परंतु आज सुसमाचार प्रचारक कभी कभी ही इस प्रकार चिल्लाते है! मैं हकीकत में पढ़ता हूँ आधुनिक सुसमाचार प्रचारक के बारे में जिसने कहा, ‘‘अनुग्रह के बारे में इतना अद्भूत क्या है?'' कितना दुःखद! पाप का अपराधभाव और मसीह में मुक्ति सिर्फ परमेष्वर के अनुग्रह द्वारा ही आ सकती है। पापी अपने स्वयं को बचाने कुछ भी नहीं कर सकता। यीषु को सारा बचाव करना चाहिए। पापी को सिर्फ पष्चाताप करने और मसीह पर भरोसा करने कहा गया है!

यूसुफ के भाईयों ने कुछ भी नहीं चुकाया। मुक्ति खरीद नहीं सकते! यीषु के समान, यूसुफ ने उनके पैसे लौटाए और उनको माफ किया, ‘‘बिन रुपए और बिना दाम'' जैसे यषायाह ने इसे रखा! (यषायाह 55:1)।

6. छठ़ा, यूसुफ के भाईयों ने जाना वे अपने आपको ‘‘षुद्ध'' नहीं कर सके!

उत्पति 44:16 पर फिरो। वे यूसुफ की मौजूदगी में थे बिना उसे जाने। अब वे अपने रास्ते अन्न के साथ जा रहे थे जो उसने उनको दिया था। परंतु यूसुफ ने अपने दास को उनके पीछे भेजा उनको उसके पास वापस लाने। यूसुफ का दास पवित्र आत्मा का चिन्ह था। इस प्रकार, पवित्र आत्मा पापीयों को वापस लाती है मसीह की मौजूदगी में। अब देखो पाठ 44, पद 16,

‘‘यहूदा ने कहा, हम लोग अपने प्रभु से क्या कहें? हम क्या कहकर अपने को निर्दोश ठहराए? परमेष्वर ने तेरे दासों के अधर्म को पकड़ लिया है ...'' (उत्पति 44:16)।

उनके कहने से पहले वे ‘‘सच्चे इंसान'' थे। अब वे नहीं जानते क्या कहना! प्रभु ने उनके पाप पता कर लिये है, और वे अपने आपको ‘‘निर्दोश'' न कर सके! सिर्फ जब खोए लोग महसूस करते है कि वह नाष हो चुका है, और परमेष्वर की दृश्टि में अपने स्वयं को ‘‘निर्दोश'' नहीं कर सकता, तब मसीह उसकी एकमात्र आषा दिखेगी! और वह हमें सांतवे मुद्दे पर ले जाता है।

7. सांतवाँ, यूसुफ अपने स्वयं काी उसके भाईयों को पहिचान करायी।

मेहरबानी करके खड़े रहो और पाठ 45, पद 1, पढ़ो,

‘‘तब यूसुफ उन सब के सामने जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका, और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाईयों के सामने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ को संग और कोई न रहा'' (उत्पति 45:1)।

आप बैठ सकते हो।

ध्यान दिजीए कि हर एक आदमी उनके भाईयों के अलावा, कमरा छोड़ने को कहे गए थे। यह दिखाता है कि जब आप मसीह के पास आते हो कोई भी आपके साथ नहीं जा सकता। आपको उनके पास अकेले ही जाना है। जब वे अकेले थे, युसूफ ने अपने आपको उनके सामने प्रगट किया!

अब उत्पति 45:15 और 16 जोर से पढ़ो,

‘‘वह अपने सब भाईयों को दि चुनकर रोया, और इसके पष्चात उसके भाई उससे बाते करने लगे। इस बात का समाचार, की युसूफ के भाई आए है, फिरौन के भवन तक पहुँच गया और उसके कर्मचारी प्रसन्न हुए'' (उत्पति 45:15-16)।

हरएक आनंदित हुए! यूसुफ आनंदित हुआ। उसके भाई आनंदित हुए। फिरौन आनंदित हुआ। उसके दास आनंदित हुए। वही होता है जब यीषु अपने स्वयं को पापी के सामने प्रगट करते है! यीषु ने कहा,

‘‘मैं तुम से कहता हूँ कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विशय में परमेष्वर के स्वर्गदूतों के सामने आनन्द होता है'' (लूका 15:10)।

यह द्रश्टांत है अतिव्ययी पुत्र का जैसे पुरानी नियमावली में दिया गया है! हाँ! हाँ! यह कहानी है अतिव्ययी पुत्र की उत्पति की किताब में! पापी हमारे यूसुफ - जो यीषु है उसके द्वारा प्राप्त और पुनःमिलन किए गए! खोया हुआ मिल गया है! वहाँ मृत्यु से जीवन है!

हम प्रार्थना करते है कि कोई यहाँ, या कोई इन्टरनेट पर देखता हो, षायद यीषु के पास आए और उनका भरोसा करे! यीषु का भरोसा करो जैसे उन पाप भरे भाईयों ने यूसुफ का भरोसा किया! यीषु आपके पाप को माफ करेंगे। यीषु आपके पाप को उनके बहुमूल्य लहू द्वारा षुद्ध करेंगे। यीषु आपकी आत्मा को सारी अनंतता के लिये बचाएंगे। हम कैसे प्रार्थना करे कि आप आज रात उद्धारक का विष्वास करो! हम कैसे प्रार्थना करे ताकि यीषु अपने स्वयं को आपके लिये जानकार बनाये!

अगर आपको हमारे साथ यीषु पर भरोसा करने के बारे में बात करनी हो तो, मेहरबानी करके सभागृह के पीछे जाओ जब श्रीमान ग्रीफिथ गाते है ‘‘प्रभु, आपका अपना रास्ता हो!'' डो. केगन आपको षांत जगह पर ले जायेंगे जहाँ हम बाते और प्रार्थना कर सके।

आपका अपना रास्ता हो, प्रभु! आपका अपना रास्ता हो।
   आप कुम्भार की कला हो, मैं मिट्टी हूँ।
मुझे ढालो और अपनी इच्छानुसार बनाओ,
   जब मैं राह देखता हूँ, अधीन और षांत।

आपका अपना रास्ता हो, प्रभु! आपका अपना रास्ता हो।
   मुझे ढूँढो और मुझे परखो स्वामी, आज!
बर्फ से अधिक सफेद, प्रभु मुझे अभी षुद्ध करो
   जैसे आपकी मौजूदगी में नम्रतापूर्वक मैं प्रणाम करूँ।
(‘‘आपका अपना रास्ता हो, प्रभु!'' एडेलेइडे ए. पोल्लार्ड द्वारा, 1862-1934)।

डो. चान, मेहरबानी करके आओ और जिन्होंने प्रतिसाद दिया है उनके लिये प्रार्थना करो।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान एबेल प्रुद्योम्म द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र : उत्पति 45:1-9।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘आपका अपना रास्ता हो, प्रभु!'' (एडेलेइडे ए. पोल्लार्ड द्वारा, 1862-1934)।


रूपरेखा

युसूफ और उसके भाई

(उत्पति की किताब पर धार्मिक प्रवचन क्रमांक 74)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

1. पहला, यूसुफ के भाई ऐसी भूमि में रहते थे जहाँ अन्न नहीं था, उत्पति 42:5,2; लूका 15:14,16; यूहन्ना 6:35।

2. दूसरा, यूसुफ के भाईयों को जो उन्हें मिला वह खरीदना था, उत्पति 42:3; लूका 15:19; यषायाह 55:1; तीतुस 3:5।

3. तीसरा, यूसुफ के भाईयों को जख्मी होने की आवष्यकता थी उन्हें चंगा करने से पहले, उत्पति 42:7; 11,21।

4. चौथा, यूसुफ के भाई कुछ समय के लिये बन्दीगृह में डाले गए थे, उत्पति 42:17।

5. पांचवाँ, यूसुफ के भाईयों ने सीखा की छुटकारा अनुग्रह के द्वारा ही है, उत्पति 42:25; इफिसियों 2:8;9; यषायाह 55:1।

6. छठ़ा, यूसुफ के भाईयों ने जाना वे अपने आपको ‘‘षुद्ध'' नहीं कर सके, उत्पति 44:16।

7. सांतवाँ, यूसुफ अपने स्वयं की उसके भाईयों को पहिचान करायी, उत्पति 45:1, 15-16; लूका 15:10।