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पापियों की रोटी के लिये याचना

ASKING BREAD FOR SINNERS
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, 14 अक्टुबर, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, October 14, 2012


मेरे साथ लूका 11:5 पर फिरो। यह स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल के पृश्ठ क्रमांक 1090 पर है। मेहरबानी करके मेरे साथ खड़े रहो प्रभु के वचन पढ़ने।

‘‘तब उसने उनसे कहा, तुम में से कौन है कि उसका एक मित्र हो, और वह आधी रात को उसके पास जाकर उस से कहे, हे मित्र, मुझे तीन रोटीयाँ दे; क्योंकि एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है? और वह भीतर से उत्तर दे, मुझे दुःख न दे; अब तो द्वार बन्द है और मेरे बालक मेरे ास बिछौने पर है, इसलिये मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता, मैं तुम से कहता हूँ, यदि उसका मित्र होने पर भी उसे उठकर न दे, तौ भी उसके लज्जा छोडकर माँगने के कारण उस जितनी आवष्यकता हो उतनी उठकर देगा। और मैं तुम से कहता हूँ कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा, ढूँढो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई माँगता है, उसे मिलता है; और जो ढूँढता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। तुम में से ऐसा कौन पिता होगा, कि जब उसका पुत्र रोटी माँगे, तो उसे पत्थर दे; या मछली माँगे, तो मछली के बदले उसे साँप दे? या अण्डा माँगे तो उसे बिच्छू दे? अतः जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता, अपने माँगनेवालो को पवित्र आत्मा क्यों न देगा?’’ (लूका 11:5-13)।

आप बैठ सकते हो।

पिछले हफते मैंने पढ़ा अभ्यास प्यु फोरम (Pew Forum) द्वारा धर्म पर और जन जीवन पर जो कहता है, कुछ प्रोटेस्टन्ट अमरिका में 14% कम हुए है पिछले चालीस वर्शो में। 1972 में 62% अमरिका के लोग प्रोटेस्टन्ट थे। आज क्रमांक गिरा है 48% पर, इतने समय काल की अवधि में 14% की गिरावट। युनाइटेड मेथोडीस्ट कलीसिया सिकुड़ा, करीबन 800 हजार पिछले दस वर्शों में ही (लोस एंजलिस टाइम्स, 10 अक्टुबर 2012, पृश्ठ एए.1)। परिणाम ने कहा कि वे जिन्होंने कलीसिया जाना बंद कर दिया है ‘‘अतिप्रबलता से सूचित किया जादू टोने के प्रभाव से छुड़ाना धार्मिक संस्थाओं के साथ ज्यादा चिन्तित पैसो, सामर्थ्य, कायदे और राजनिति के साथ।’’ परिणाम ने सूचित किया कि बहुत से लोग महसूस नहीं करते उनकी आध्यात्मिक आवष्यकताओं को वे उस प्रोटेस्टन्ट कलीसियाओं छोडते है समुदाय में।

पवित्रषास्त्र का अध्याय जो हमने अभी पढ़ा, कारण देता है क्यों इतने सारे युवा लोग कलीसिया छोड़ते है। पद छ में यीषुने कारण दिया,

‘‘एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है’’ (लूका 11:6)।

कैसा स्वीकार! ‘‘उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है’’। यही है जो बहुत से युवा लोग महसुस करते है, जब वे आज कलीसिया की मुलाकात लेते है। वे सिर्फ महसूस करते है कि उनको जो कुछ भी आवष्यकता है उसे कलीसिया नहीं देता। सब जो वे सुनते है वो है पैसा, कायदा और राजनीति की बाते! कलीसिया के पास उनको संतुश्ठ करने के लिये कुछ भी नहीं है, कुछ भी नहीं उनके सामने रखने, कुछ राजनिति की चिन्ता के अलावा, या बाइबल की पद के बाद पर की जीवनरहित पढाई! कुछ भी नहीं उनके सामने रखने! सामर्थ्य नहीं! हकीकत नहीं! जीवन नहीं! कुछ भी नहीं उनके सामने रखने!

उसी तरह मैंने महसूस किया था जब में तरूणावस्था में पहली बार कलीसिया गया। पडोंष के लोग मुझे बेपटीस्ट कलीसिया ले गये जब मैं तेरह वर्श का था। मैंने थोड़े वर्शो तक कलीसिया में जाना जारी रखा था युवा लोगों के लिये वहाँ काम करने थे इस कारण। परन्तु मैंने प्रभु के बारे में बहुत कम सोचा। हकीकत में वहाँ पर मुझे आध्यात्मिक रूप से आकर्शित करे ऐसा कुछ भी नहीं था। आखिरकार मैं करीबन तैयार हो गया था कलीसिया नहीं जाने। परन्तु मैंने जेम्स हडसन टेयलर, चीन के मार्गदर्षक धर्मप्रचारक की जीवनी पढ़ी, और जोन वेस्ली के जरनल का गाढ़ा पद पढ़ा। में दास बन गया था जीवित मसीहीता मैंने पढ़ी उस दोनो किताबो में। मेंने महसूस किया पीलग्रीम प्रोगे्रस में युवा आदमी की तरह जो चिल्लाया था जीवन! जीवन!’’ जैसे ही वो नाष हुए षहर से भागे, मसीह को ढूँढने। आध्यात्मिक जीवन ढूँढने; मैं चीनी बेपटीस्ट कलीसिया में जुड़ा। वो कलीसिया में जुड़ने के थोड़े समय बाद, डो. तीमोथी लीन याजक बन गये थे। डो. लीन ने दृढ किया प्रार्थना करना, मसीह के दोबारा आने, पुनःउद्धार, और दूसरे आध्यात्मिक विशयों को। करीबन उस समय में बायोला महाविद्यालय की प्रार्थना सभा में परिवर्तित हुआ था, जब मैंने डो. चार्ल्स से वुडब्रीज द्वारा मसीह के दोबारा आने पर जोरदार धार्मिक प्रवचन सुना। उस सभा में, और चीनी कलीसिया में, मैंने आखिरकार आध्यात्मिक खाना ढूँढा। उससे पहले, जब मैं दूसरे बेपटीस्ट कलीसिया में गया था, उनके पास मेरे सामने रखने कुछ भी नहीं था। कलीसिया सिर्फ षास्त्रोक्त था, और धार्मिक प्रवचन और बाइबल की पढ़ाई में उनमें जीवन नहीं था, मेरी आत्मा को खिलाने कुछ भी नहीं! यह एसा लगता था जैसे हरएक बात मध्यवर्शीय औरते और उनके पतियों को प्रसन्न करने बनायी गयी है। ये षक्तिषाली ललकारता हुआ धर्म नहीं था। कलीसिया में जाना वहाँ सूखा और मृत अनुभव था। वहाँ पर मुझ जैसे युवा आदमी को प्रसन्न करने लायक नहीं था। वो ले जाता है हमें हमारे पवित्रषास्त्र के अध्याय पर, जो स्कोफिल्ड स्टड़ी बाइबल कहता है, ‘‘हठी मित्र का दृश्टांत’’।

इस दृश्टांत में आदमी का मित्र उसे मध्यरात्रि को मुलाकात करने आता है। उनके पास उसके सामने रखने कुछ भी नहीं था, ना रोटी थी उसके मेहमान को उस रात देने। इसलिये वो करीब मित्र के घरज ाता है और दरवाजे पर दस्तक देता है, और कहता है, ‘‘मित्र, मुझे तीन रोटियाँ दे।’’ आदमी के घर के पिछले बंद द्वार से, वो पड़ोषी को कहते सुनता है कि वो बिस्तर पर है और उसे उठना नहीं है। परन्तु आदमी जवाब के लिये ना नहीं लेगा! वो दरवाज़े पर खटखटाते रहा जब तक उसका पड़ोषी उठे और उसे रोटियाँ दे जो उसे अपने मेहमान के लिये चाहिए थी। यीषुने दृश्टांत लागु करते हुए कहा

‘‘और मैं तुम से कहता हूँ कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढो, तो तुम, पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है उसे मिलता है; और जो ढूँढता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिए खोला जाएगा।’’ (लूका 11:9-10)।

और यीषु ने दृश्टांत पूरा किया हमें कहते हुए जो रोटी प्रतिनिधित्व करती है - ‘‘अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालो को पवित्र आत्मा क्यों न देगा?’’ (लूका 11:13)। रोटी प्रतिनिधित्व करती है पवित्रआत्मा का।

आप में से थोड़े आज यहाँ इस सुबह पहली बार आए हो। आप में से थोड़े ज्यादा यहाँ कलीसिया आते है कुछ हफ्तो से। हमें आपके सामने स्वीकार करना ही है हमारे पास कि पास भी आपके सामने रखने कुछ कहा नहीं है जो आपकी आत्मा को संतुश्ट करे, और आपको मसीह के चेले बनने को प्रोत्साहित करे। दृश्टांत में आदमी की तरह, हमारे पास आपको देने के लिये कुछ भी नहीं है, जो आपकी आध्यात्मिक भूख को संतुश्ट करे! अगर हम हमारे स्वयं पर अवलंबित है, हमारे पास आपके लिये थोड़े गीत, धार्मिक प्रवचन और जन्मदिन की मेजबानी के अलावा कुछ भी नहीं है! बस इतना ही हमारे पास है आप जैसे मित्रो के लिये! हमारे पास कुछ भी जोरदार और जीवन बदलनेवाला नहीं है आपको देने। इसलिये हमने परमेष्वर के सामने स्वीकार किया,

‘‘एक यात्री मित्र ... मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है’’ (लूका 11:6)।

और जब हम आपके लिये प्रार्थना करना षुरू करते है, परमेष्वर हमें कहते हुए लगते है, ‘‘मुझे दुःख न दे; अब तो द्वार बन्द है ... मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता’’ (लूका 11:7)। प्रभु हमें जवाब नहीं देते है, चाहे हम आपके लिये हर षनिवार उपवास और प्रार्थना करते है। मुझे आपको कहना ही चाहिए की हमें कभी छोड़ देने के समान महसूस हुआ है। दुश्टात्मा ने हमारे सामने एक के बाद दूसरे अवरोध फेके है जैसे हम उपवास और प्रार्थना करते है प्रभु से, आपको रोटी देने। ये ऐसा लगता है षैतान ने हर दूसरे हफ्ते के आखीर में नये अवरोध रखे है, हमारी प्रार्थनाओं का जवाब मिलने से रोकने पिछले हफ्ते के अंत में उसने अक्षरषः प्रयत्न किया मुझे मार डालने का एक अकस्मात में, मुझे षाम की सभा में आग्रह युक्त प्रार्थना पर प्रचार देने से रोकने। हमें ये बहुत मुष्किल लगता है ‘‘षैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सको’’ (इफिसियों 6:11)। और प्रभुने लगता है अभी तक हमारी आपके लिये प्रार्थनाओं का जवाब नहीं दिया। परमेष्वर कहते हुए लगते है, ‘‘मुझे दुःख न दे; अब तो द्वार बन्द है ... मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता’’ (लूका 11:7)।

परन्तु हमारे मसीही भाई और बहनों को आवष्यकता है स्मरण जो यीषु ने हमें कहा दृश्टांत में,

‘‘मैं तुम से कहता हूँ, यदि उसका मित्र होने पर भी उसे उठकर न दे, तौ भी उसके लज्जा छोड़कर माँगने के कारण उसे जितनी आवष्यकता हो उतनी उठकर देगा’’ (लूका 11:8)।

षब्द ‘‘लज्जा छोडकर’’ (importunity) का ग्रीक पाठ में अर्थ है ‘‘षर्म बिना का आग्रह’’ (Shameless Persistance)’’। डो. आर सी. एच. लेन्सकीने कहा,

     इस भिक्षुक को षर्म नहीं थी इस प्रकार मित्र को परेषान करने में; वो मित्रता को दूर तक खींच रहा था; फिर भी वो सफल हुआ उसके बहुत षर्मबिना के कारण। ये दृश्टांत मजबूत प्रोत्साहन है प्रार्थना को, हमें किसी भी चीज से ड़राने प्रार्थना करने से; और प्रोत्साहन रहता है सूचित वचन में कि हमारी प्रार्थना करने का जवाब मिलेगा ऐसे भी जैसे यीषु पद 9 में स्पश्टता से कहते है (आर. सी. एच. लेन्सकी, पी.एच. डी., ध इन्टरप्रीटेषन अॉफ लूकास गोसपल, (लूका के सुसमाचार का भाशांतर), अगसबर्ग प्रकाषन घर, 1961 की प्रत, पृपृश्ठ 625-626)।

‘‘उसको (लज्जा छोड़कर) माँगने के के कारण उसे जितनी आवष्यकता हो उतनी उठकर देगा’’। आमीन! हमें लज्जा छोड़कर जारी रखना चाहिए। हाँ! पद 9 और 10 में यीषु ने स्पश्टता से कहा,

‘‘और मैं तुम से कहता हूँ कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढो, तो तुम, पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है उसे मिलता है; और जो ढूँढता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिए खोला जाएगा।’’ (लूका 11:9-10)।

‘‘बिना षर्म का आग्रह’’ जोरदार प्रार्थना का लेता है, वही जो कहा गया हो! मसीह ने हमें से कहा पूछने, ढूँढने, और खटखटाने प्रार्थना में। डो. जोन आर. राईस ने कहा, ‘‘हमें ये पद अनुवाद करना चाहिए, ‘‘मैं तुम से कहता हूँ; कि माँगो तो तुम्हें दिया जाएगा; खटखटाओ तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। हरएक के लिये जो माँगता वो पाएगा; और जो खटखटाएगा उसके लिये खोला जाएगा।’ ग्रीक भाशा में जो प्रकार लिया गया है उसमें सामिल है निरन्तर माँगना, ढूँढना, खटखटाना। भाग्यवान निष्चिंतता प्रभु यहाँ देते है कि हर एक जो माँगता रहता है पाता है, और हर एक जो हकीकत में ढूँढता रहता है वो खोज लेता है, और हर एक जो निरन्तर प्रभु के द्वार खटखटाता है पापियों की रोटी के लिये, उसके लिये द्वार खुलेंगे और रोटी भी दी जाएगी। हाँ अवष्य, पापियों के लिये जितने प्रेम करनेवाले उसे आवष्यक है प्रभु उनको भेजते है!’’ (जोन. आर. राइस, डी.डी., प्रार्थना : माँगना और प्राप्त करना, (प्रेयर : आस्कींग एन्ड रीसींवींग), स्वोर्ड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषक, 1970 की प्रत, पृपृश्ठ 94, 95)। उो. मार्टीन लोयउर् जोनेस ने कहा,

     मैं आपको आदेष देता हूँ उन आदमीयों की जीवनी पढ़ने जिसने पूरी सदीयों तक परमेष्वर का इस्तेमाल किया कलीसिया में, विषेश करके पुनःउद्धार में। और आप पाओगे यही समान पवित्र साहस ... ओह, वो ही तो प्रार्थना का पूरा रहस्य है, मैं कभी कभी सोचता हूँ। (पुरीटन) थोमस गुडवीन उनकी इफिसियों 1:13 में आत्मा की मुहर करने के काम का स्पश्टीकरण इस्तेमाल करता है अद्भूत षब्दो को। वो कहता है, ‘‘उस पर इसके लिये मुकदमा चलाओ, उस पर इसके लिये मुकदमा चलाओ।’’ उन्हें (प्रभु) अकेला मत छोड़ो। उसे कश्ट दो, जैसे यह था; उसके अपने वचन के साथ। उसे कहो जो उसने कहा है वो वह करनेवाला है। उसे पवित्रषास्त्र का कथन कहो... ये उसे प्रसन्न करता है। बालक षायद थोड़ासा अविनीत हो, इसकी कोई बात नहीं, उसके बजाय पिता को यह पसंद है। और प्रभु हमारे पिता है, और वे हमसे प्रेम करते है और उन्हें सुनना पसंद है हमारी याचना करना, उनके अपने वचन, उनके अपने षब्द उनको कहना, और कहना, इसकी रोषनी में, क्या आप दोहरा सकते हो (मुझे जवाब देने से)? ये प्रभु के मन को अति प्रसन्न करता है। उन पर मुकदमा करो! (वही है, माँगो कि वो आपको जवाब दे क्योंकि उन्होंने ऐसा करने का वचन दिया था!) (डी. मार्टीन लोयड - जोनेस, एम.डी. पुनःउद्धार, रीवाइबल, क्रोसवे बुक्स, 1987, पृश्ठ 197)।

और षुरूआत करने अच्छी जगह होगी पद 9 और 10 का कथन करना,

‘‘और मैं तुम से कहता हूँ कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढो, तो तुम, पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है उसे मिलता है; और जो ढूँढता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिए खोला जाएगा।’’ (लूका 11:9-10)।

फिर कहो, ‘‘परमेष्वर, आपने वचन दिया है अगर मैं माँगता रहूँ आप मुझे देंगे जिसके लिये मैंने प्रार्थना की थी। आपने वचन दिया था कि अगर मैं प्रार्थना में खटखटाता रहूँ आप द्वार खोलेंगे ओर मुझे देंगे जो मैंने माँगा है। अब, प्रभु, मैं आपको पुकारता हूँ आपके वचन रखने। मैं माँगता हूँ। मैं खअखटाता हूँ। ओह प्रभु, मैं आषा करता हूँ आप द्वार खोलो और मुझे दो जो मैंने माँगा है। ओह परमेष्वर, आपने कहा था कि हरएक जो माँगता है वो पाता है। अब में करता हूँ जो आपने कहा; परमेष्वर। मैं आपसे माँगना निरन्तर रखता हूँ। आपने लूका 11:10 में वचन दिया था कि मैं प्राप्त करूँगा जो मैंने माँगा था। ओह प्रभु, मैं चाहता हूँ कि आप लूका 11:10 में दिया हुआ वचन रखो! मैं माँगता हूँ, आपसे मेरी विनंती मुझे देने। मैं इसके लिये आपके सामने मुकदमा करूँगा - आपके वचनो के आधार पर! मैं इसके लिये आपके सामने मुकदमा करूँगा! और मैं आपको आग्रह करता ही रहूँगा जब तक आप मुझे दो जिसकी मैंने प्रार्थना की थी!’’ उसी तरह से आदमी और औरतो ने पूराने दिनो में प्रार्थना की, जब प्रभु ने द्वार खोले स्वर्ग के और नीचे पुनःउद्धार बहाया। और उसी प्रकार आदमी और औरते आज प्रार्थना करते है पीपल्स रीपब्लीक चीन में। कोई आष्चर्य नहीं हज़ारो लोग परिवर्तित होते है चीन में हर हफ्ते! मसीही वहाँ बिना षर्म के स्वर्ग के द्वार खटखटाते है जब तक प्रभु उनको दे जो उन्होंने माँगा था!

और ‘‘रोटी’’ क्या है जो हठी आदमी ने माँगा मध्यरात्रि को उसके मित्र के द्वार पर ठोकर? क्यों, रोटीयाँ उसने निरन्तर माँगी थी, ढूँढी थी और खटखटाया, पवित्रआत्मा के लिये! और क्या था जो पापीयों को आवष्यक था? पद 13 के अंत में मसीह ने कहा, ‘‘स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालो को पवित्र आत्मा क्यों न देगा (लूका 11:13)। स्कोफिल्ड टीप्पणीयाँ यहाँ मुद्दा चुक जाती है। प्रार्थना के योद्धा पवित्र आत्मा को स्वयं अपने लिये नहीं मांगते। वे प्रार्थना करते है पवित्रआत्मा की, पद 6 में खोए हुए मित्र के लिये, जिसके लिये उसने कहा,

‘‘एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है’’।

हकीकत में, अगर परमेष्वर पवित्रआत्मा नहीं देते, आपकी प्रार्थना के जवाब में, आपके पास खोए पापियों को देने कुछ भी नहीं होता! डो. जोन आर. राइस ने कहा,

     यीषु ने ठीक ठीक वो ही षब्द नहीं रखे जब तक इस पाठ का अंत ... प्रार्थना करना, की वे चेलो को पवित्रआत्मा के लिये प्रार्थना करना सिखा रहे थे ... जो हकीकत में पुनःउद्धार लाते है, पापियों को दोशी ठहराते है और उन्हें परिवर्तित करते है, जो देता है इच्छा और सामर्थ्य और आगेवानी (नेतृत्व) परमेष्वर के आदमी को! जब हम प्रार्थना करते है पापियों के लिये रोटी की, हम हकीकत में चाहते है कि हमें आवष्यकता है ... परमेष्वर के पवित्रआत्मा की (राइस, ibid, पृश्ठ 96)।

अब मैं बात करता हूँ आप में से उनसे जो अभी तक खोए हुए है। पवित्रआत्मा रोटी द्वारा सूचित की गई है दृश्टांत में। पवित्रआत्मा वो है जिसकी अपको किसी और चीज से अधिक आवष्यकता है। जब तक पवित्रआत्मा हमारे कलीसिया सभा में नीचे नहीं आती है, आप कभी भी आपके पापो के लिये अपराधी नहीं ठहरोगे। यीषु ने कहा,

‘‘वह आकर संसार को पाप और धार्मिकता और न्याय के विशय में निरूत्तर करेगा’’ (यूहन्ना 16:8)।

हम प्रार्थना करते है पवित्रआत्मा को नीचे आने और आप जैसे खोए पापी के महसूस कराने आपके मन में भयानक पाप को, आपके महसूस कराने नीच और गहरे पाप भरे। अगर पवित्रआत्मा आपको कभी भी उस में से महसूस नहीं कराती कि आप कभी भी हकीकत में महसूस नहीं करेंगे, आपकी मसीह के लिये आवष्यकता को।

फिर, और भी, हम प्रार्थना करते है प्रभु की आत्मा के लिये की आपको मसीह तक ले जाये पूरी मुक्ति ने। यीषुने कहा,

‘‘कोई मेरे पास नहीं आ सकता जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले’’ (यूहन्ना 6:44)।

इसलिये, हम परमेष्वर से प्रार्थना करते है उनकी आत्मा को भेजे आपको यीषु तक ले जाने, क्योंकि सिर्फ यीषु, आपको बचा सकते है पाप और अधोलोक से।

ऊपर अभी तक आपने सिर्फ सुनी है सुसमाचार की हकीकतें। आपने सिर्फ सुना है कि यीषु क्रूस पर मरे आपके पापो का दण्ड चुकाने। आप ने सिर्फ सुना है कि यीषु का लहू आपके सारे पापो को धोकर षुद्ध कर सकता है और प्रभु की दृश्टि मे ंआपको न्याय करा सकते है। आपने सिर्फ सुना है कि यीषु मृत्यु से उठे, और स्वर्ग में जीवित है, दूसरे परिमाण में, आपके लिये प्रार्थना करते हुए। आपने ये हकीकतें सिर्फ सुनी है, परन्तु आपने कभी भी अपने जीवन में इसका अनुभव नहीं किया। और आप कभी भी अनुभव नहीं कर सकते वो अद्भूत हकीकतें अगर आप सिर्फ कलीसिया में बैठते हो रविवार के बाद रविवार को और सिर्फ उसके बारे में सुनो। कुछ अधिक ज्यादा सिर्फ सुनते हो उस हकीकत के बारे में होना ही चाहिए या आप कभी भी बचाए नहीं जाओगे!

पवित्रआत्मा को नीचे आना ही चाहिए और आपको पाप भरा महसूस कराना चाहिए। पवित्रआत्मा को नीचे आना ही चाहिए और आपको यीषु तक ले जाना ही चाहिए। पवित्रआत्मा आपको दिव्य-आदमी का सामना कराना ही चाहिये जीवित मसीह के साथ। ये आपके लिये चमत्कार होगा मसीह के पास ले जाना। ये आपके लिये चमत्कार होगा फिर से जन्म लेना। और सिर्फ परमेष्वर की आत्मा कही आपके जीवन में वो चमत्कार कर सकती है। अगर पवित्रआत्मा आपकी आध्यात्मिक आवष्यकता को पूरा करने हाजिर नहीं होती है, हमारी सभा में हम सिर्फ कह सकते है,

‘‘एक यात्री मित्र ... मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है’’ (लूका 11:6)।

इसीलिये हमने कल उपवास और प्रार्थना कि आपकी मुक्ति के लिये। हम निरन्तर माँगते है। हम निरन्तर ढूँढते है। हम निरनतर खटखटाते है - जब तक प्रभु स्वर्ग खोले और उनकी पवित्र आत्मा को नीचे भेजे आपको परिवर्तित करने। यीषु ने कहा कि ‘‘पिता अपने माँगनेवालो को पवित्र आत्मा क्यों न (देगा)’’ (लूका 11:13)। और हम आपके लिये प्रार्थना करते है। हम परमेष्वर से माँगते है उनकी आत्मा भेजने आपको पाप के लिये दोशी ठहराने, और आपको मसीह के पास खींचकर ले जाने चमत्कारिक परिवर्तन के अनुभव में!

मेहरबानी करके खड़े रहो जैसे श्रीमान ली प्रार्थना करने आते है प्रभु से उनकी आत्मा भेजने आपको पाप से दोशी ठहराने, और आपको यीषु के पास ले जाने, आपके पाप को उनके बहुमूल्य लहू द्वारा धो कर षुद्ध करने। (श्रीमान ली प्रार्थना करते है)। ‘‘आपके लिये मैं प्रार्थना करता हूँ।’’ समूहगान गाओ!

आपके लिये मैं प्रार्थना करता हूँ,
   आपके लिये मैं प्रार्थना करता हूँ,
आपके लिये मैं प्रार्थना करता हूँ,
   मैं आपके लिये प्रार्थना करता हूँ।
(‘‘मैं आपके लिये प्रार्थना करता हूँ’’ एस. ओ. मेल्ली क्लफ द्वारा,
   1837-1910)।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा प्रार्थना।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘मैं आपके लिये प्रार्थना करता हूँ’’ (एस. ओ. मेल्ली क्लफ द्वारा, 1837-1910)।