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कलीसियाओं में स्वधर्म त्याग -
बाइबल की भविश्यवाणी में पहले कहा हुआ

APOSTASY IN THE CHURCHES –
FORETOLD IN BIBLE PROPHECY

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 10 जुन, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, June 10, 2012

‘‘किसी रीति से किसी के धोखे में न आना, क्योंकि वह दिन न आएगा जब तक धर्म का त्याग न हो ले, और वह पाप का पुरूश अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो’’ (2 थिस्सलुनीकियों 2:3)।


डो. डबल्यु ए. क्रीसवेल, टेक्सास, डल्लास के पहले बेपटीस्ट कलीसिया के दीर्घकाल के मषहूर प्रतिश्ठित याजक ने कहा,

वाक्यखंड ‘‘त्याग न हो ले’’ षायद अनुवाद किया जाए ‘‘स्वधर्मत्याग’’ । क्रियापद का इस्तेमाल दर्षाता है कि पौलुस के अपने मन में विषेश स्वधर्म त्याग है। लपेट है ‘‘प्रभु के दिन के’’ सामने, वहाँ पर चिन्ह होगा स्वीकृत विष्वासुओं की गिरावट का (ध क्रीसवेल स्टडी बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1979. 2 थिस्सलुनीकियों 2:3 पर टीप्पणी)।

‘‘स्वधर्मत्याग’’ षब्द ग्रीक षब्द ‘‘अपोस्टेसीया’’ से है जिसका अर्थ है ‘‘धर्मत्याग’’ या ‘‘छोड़ देना’’ ‘‘विष्वास जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था (यहूदा 3) के लिये। ध्यान दिजीये कि प्रेरितों हमें कहता है यह ‘‘पहले होना ही चाहिये, आदमी के पाप से पहले, मसीह विरोधी, ‘‘उद्घाटित’’ है। इसलिये, विष्वास से विषेश स्वधर्म त्याग ‘‘पहले’’ होना ही चाहिए, बडे़ क्लेष में मसीह के विरोधी (षत्रु) के सामने उद्घाटित किए गए है। डो. चार्ल्स, सी. रायरीने कहा कि स्वधर्म त्याग ‘‘आक्रमण करनेवाला ... प्रभु के विरूद्ध राजद्रोह करना. जो रास्ता बनाएगा पाप के आदमी के लिये प्रत्यक्ष होने के लिये’’ (ध रायरी स्टडी बाइबल, मुडी प्रेस, 1978 : 2 थिस्सलुनिकियों 2:3 पर टीप्पणी)।

आखरी स्वधर्म त्याग क्लेष के समय में एकाएक प्रत्यक्ष नहीं होगा। ये षुरू हुआ ‘‘संस्कार’’ “Enlightenment” की मुहिम के साथ, जो अठ़ारवी सदी में उठी और दोश बतलाते है जैसे ‘‘विचार षक्ति का युग’’। इस मुहिम में आदमी का विचार बाइबल में विष्वास को उद्घाटित करता है प्रभु के वचन की तरह। उनकी किताब ध न्यू पेगानीझम, में डो. हेरोल्ड लीन्डसेल (1913-1998) ने कहा कि संस्कार ‘‘... पलटाएगा जो पहले के कलीसिया ने किया था और युरोप और पष्चिम में लाये सामान्य नये मूर्तिपूजा में; ये नयी धार्मिक और सांस्कृतिक परिस्थिति से और लाये जो अब कहते है मसीही के बाद का काल (युग)। (संस्कार के परिणाम स्वरूप) पष्चिमी विष्व में मसीही विष्वास मूर्तिपूजा के सागर में अस्तित्व में है और हालांत बेहतर नहीं हो रहे है। ये और भी बुरे हो रहे है’’ (हेरोल्ड लीन्डसेल, ध न्यू पेगानीझम, हार्पर और रो, 1987, पृश्ठ 45)। पीछले तीन सौ वर्षो में ‘‘संस्कार ने मसीहीता से युद्ध किया जीवन और मृत्यु के परिश्रम में’’ (लीन्डसेल, ibid)। आज भी हम उस ‘‘जीवन और मृत्यु के परिश्रम’’ में जी रहे है।

तीन आदमी उठे संस्कार से; जोहान्न सेमलर (1725-1791), चार्ल्स डार्वीन (1809-1882) और चार्ल्स जी. फिनेय (1792-1875)। सेमलर ऐतिहासिक - टीका करने की पद्धति के पिता थे, जिसने बाइबल के अधिकार को अस्थिर किया। डार्वीन स्वााभाविक विस्तार के सिद्धांत के पिता थे, जिसने बाइबल के मत कि आदमी का सृजन विषेश रचना थी को अपने स्थान से हटा दिया। फिनेय निर्णायक्ता के पिता थे, जिन्होंने मुक्ति को इंसानी सामर्थ्य के अनुग्रह के साथ बदला, जो प्राचीन पेलागीयस की नास्तिकता पर लौटता है (सी. 354-418 एडी)।

बाइबल की टीका, विस्तार का स्वीकार और निर्णायक्ता के संकट ने कलीसिया को अपरिवर्तित लोगों से भर दिया - जो पीछले दो सौ वर्शों से विष्वास से जल्दी से अलग किए जाते है - परिणाम है आज का स्वधर्म त्याग अंग्रेजी बोलनेवाले संसार में। इस धार्मिक प्रवचन में मैं ‘‘मुख्यरेखा’’ ‘‘mainline’’ कलीसिया में पूरी तरह से स्वधर्मत्याग को संक्षिप्तरूप से विवाद करता हूँ, और सुसमाचार प्रचार में बढ़ता स्वधर्म त्याग ‘‘क्योंकि वह दिन न आएगा, जब तक धर्म का त्याग न हो ले’’ (2 थिस्सलुनीकियों 2:3)।

1. पहला, ‘‘मुख्यरेखा’’ ‘‘Mainline’’ कलीसिया में पूरी तरह स्वधर्म त्याग।

‘‘मुख्यरेखा’’ से मेरा अर्थ है बड़ा नाम रखना (उपाधि) जैसे युनाइटेड प्रेसबायटेरीयनस, युनाइटेड मेथोडीस्ट, इपीस्कोपेलीयनस (Episcopalians) : मसीह का युनाइटेड कलीसिया (जिसने बराक ओबामा को प्रस्तुत किया), लुथर के सिद्धांतो की मुख्य षाखाएँ, और अमरीकन बेपटीस्ट और ‘‘परिमित’’ ‘‘moderate’’ दक्षिणी बेपटीस्ट, जीमी कार्टर जैसे लोगों से रचा हुआ। 2 पतरस 2:1 कहता है,

‘‘परन्तु जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविश्यवक्ता थे; उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेषक होंगे, जो नाष करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप - छिपकर करेंगे, और उस स्वामी का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेेंगे, और अपने आप को षीघ्र विनाष में डाल देंगे’’ (2 पतरस 2:1)।

उस पद का संदर्भ करते हुए, डो. जोन एफ वालवुर्ड (1910-2002) ने कहा,

      यह भविश्यवाणी ना सिर्फ अविष्वासु विष्व में अविष्वास करने का अन्दाज है ... ये भविश्यवाणी है कि मसीही षिक्षकों के आकृति में वहाँ पर कलीसिया के इतिहास के व्यवहार में उठते है. वे जो इसकी जरूरी षिक्षा का अस्वीकार करते है। इस वाक्यखण्ड में (2 पतरस 2:1 में) हमारा ध्यान उस हकीकत की ओर खींचा गया है कि वे विनाषकारी नास्तिकता सीखाएँगे, जो नश्ट करेगा विष्वास को, षिक्षा जो होगी ... प्रभु का अस्वीकार जो उन्हें लाये... एक व्यक्ति जो (1) यीषु मसीह के व्यक्ति का अस्वीकार करता है और (2) अस्वीकार करते है कि वे क्रूस पर हमारे पापो के लिये मरे और वे हमें लाये उनके बहुमूल्य लहू द्वारा, वो दूशित करनेवाला नहीं है कुछ अनावष्यक या किनारे की मसीही षिक्षा; वे बहुत मन से व्यवहार करते है। एक व्यक्ति जो अस्वीकार करता है व्यक्ति और यीषु मसीह के बाइबल के वर्णन के काम का, वो कदापि मसीही नहीं है। वो मसीही विरूद्ध है; वो सुसमचार का विरेधी है; वो नास्तिक है, बिना बचाया हुआ व्यक्ति ...
      वहाँ पर पढ़ाई है कि यीषु मसीह प्रभु के पुत्र नहीं है, कि उनकी क्रूस पर की मृत्यु का, प्रभु की माफी, हमारे पापो के साथ कोई संबंध नहीं ... महाविद्यालयों और विष्वविद्यालयों के बाइबल विभाग के षिक्षकों न, मुक्त प्रकार से अपने स्वयं को आस्तिक घोशित किया है ... ईष्वर - निन्दा कलीसिया षाला के बाइबल विभाग में वो हमारी सदी में नया है। बहुत से मसीही नहीं मानते प्रसार और अविष्वास की गहराई को जिसने कलीसिया को बेधा है, और बड़ा फैला हुआ निशेध मसीह के व्यक्ति और उनके क्रूस पर के काम की केन्द्र की षिक्षा का अस्वीकार। पतरस ने यह बहुत पहले देख लिया था। वहाँ आवष्यकता नहीं है (पतरस के भविश्यवाणी) को परिपूर्ण करने विलम्ब करना। यह पहिले से परिपूर्ण हो चुकी है।
      ना सिर्फ थीयोलोजी के लोगों ने घोशणा कि है कि वे नास्तिक है, उन्होंने वो भी घोशणा की थी कि बाइबल के प्रभु मर चुके है और स्थायी नहीं हुए क्योंकि हकीकत में वे कभी भी स्थायी नहीं हुए थे। वे वह पढ़ाते है कि बाइबल की प्रेरणा मर चुकी है। वे दावा करते है कि सद्व्यवहार की आज आवष्यकता है जो हमारे आधुनिक हालांतों को अनुरूप हुआ है। वे वकीलात करते है पुराने सद्विचार को फेंकते हुए, खास करके जैसे यह षरीरसुख और आधुनिक या ढीला नियम को। हमारा विष्व बहुत आतुर है यह सुनने उनसे जो दावा करते है कलीसिया के महत्वपूर्ण हिस्से की तरह, क्योंकि ये उन्हें देता है आदाजी वहाँ मैदान में रहने की जहाँ पषु रहते है बजाय प्रभु के स्वरूप और उनकी इच्छा द्वारा बने हुए आदमी के। हम ऐसे दिनों मे जी रहे है जब अधर्म धर्म की तरह घोशित किया जाता है, और जब दवा किया जाता है जीवन के नये सिद्धांत की जो उपेक्षा करता है जो बाइबल सीखाता है उसकी (जोन एफ. वालवुर्ड, टीएच.डी. प्र्रोफेसी एन्ड ध सेवेन्टीस में, चार्ल्स एल. फेइनबर्ग टीएच.डी., पीएच.डी., द्वारा; ठीक कया हुआ, मुडी प्रेस, 1971 पृपृश्ठ 112-115)।

डो. वालवुर्ड ने वह 40 वर्शों पहले लिखा था। वे बहुत बडे उच्चे माननीय थीयोलोजी के सिद्धांतवादी थे और डल्लास थीयोलोजीकल धार्मिक पाठषाला के राश्ट्रपति। मैं उन्हें जानता था और वे हमारे कलीसिया में बोले थे। मैं जानता हूँ कि जो उन्होंने कहा था वो पूरी तरह सच था, क्योंकि मैंने उस समय दो थीयोलोजीकली उदार धार्मिक पाठषाला से स्नातकता की थी। ये षायद कुछ लोगों को आष्चर्यकारक लगे कि कहे जानेवाले ‘‘मुख्यरेखा’’ कलीसिया अब वकालत करते है वर्गीकरण करने का सजातीय और गे विलासी विवाहों का। परन्तु इससे मुझे आष्चर्य नहीं हुआ। मैं जानता था कि वे इस दिषा में 40 वर्श पहले से थे।

इस प्रकार, आज हम देखते है पूरा स्वधर्म त्याग ‘‘मुख्यरेखा’’ के वंषजों का। वहाँ षायद कुछ बिखरे हुए थोड़े सच्चे मसीही होंगे उस कलीसिया में, परन्तु वे थोड़े और थोड़े ही बढ़ते है वर्शों तक भी। जैसे डो. वालवुर्ड ने कहा एक के बारे में जिसने सुसमाचार की मुख्य पढ़ाई का अस्वीकार करता है, ‘‘(वो) कदापि मसीही है ही नहीं ... वो नास्तिक है, बिना बचाया हुआ व्यक्ति।’’ जब आप जाते हो पासडोना, केलिफोर्निया के रासतों पर, और देखते हो उस बड़े पुराने कलीसिया इमारतों को, वे ज्यादातर सारे आदमीयों (और औरतों) द्वारा पादरी नियुक्त किए गए जो कभी भी बचाए नहीं गये थे और वो भी बढ़ता हुआ सच है कुलर धार्मिक पाठषाला, पासोडाना में प्राध्यापकों का, जब से ये नीचे आया है थीयोलोजीकल उदारमत सिद्धांत के अंधेरे में।

‘‘किसी रीति से किसी के धोखे मे न आना, क्योंकि वह दिन न आएगा जब तक धर्म का त्याग न हो ले...’’
   (2 थिस्सलुनीकियों 2:3)।

पीछे 19 वी सदी मे स्पर्जन (1834-1892) ने कहा, ‘‘कलीसिया दफनाया जा रहा है आधुनिक नास्तिकता के उबलते कीचड के फुव्वारे के नीचे’’ (‘‘लहू बहाया गया बहुतों के लिये’’ ‘‘The Blood Shed for Many’’, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1974 में फिर से छपा हुआ, पृश्ठ 374) 1901 मे वीलीयम बुथ (1829-1912), मुक्ति सेना के षोधक, ऐसा फिर, कहा गया था,

      20 वी सदी का मुख्य खतरा होगा पवित्र आत्मा के बिना धर्म, मसीह के बिना मसीहीता, पष्चाताप बिना माफी, मुक्ति बिना नये जन्म के, प्रभु के बिना राजनिति और स्वर्ग बिना अधोलोक (ध वोर क्राय, 6 जनवरी, 1901, पृश्ठ 7)।

वे दो आदमी उन्नीसवी सदी से, उन्होंने दिया भविश्यवाणी जो हमारे समय के कलीसिया में सच हुई है।

2. दूसरा,  सुसमाचार प्रचार संबंधी कलीसियाओं में बढ़ता हुआ स्वधर्म त्याग।

सुसमाचार प्रचार संबंधी, वर्तमान वर्शों तक ने घोशणा की थी मूलाधार संबंधी बाइबल की षिक्षा व्यक्ति पर और मी हके काम पर। कैसे भी आज बहुत से सुसमाचार प्रचार में सब कुछ अच्छा ही है ऐसा नहीं है। मैंने अपनी आँखो से देखा है निम्नलिखित छह भविश्यवाणी पीछले पच्चास वर्शों मे सच होते हुए। ये मुझे बहुत दर्द देता है इस सुचि के साथ बढ़ती हुई निरर्थकता बहुत से सुसमाचार प्रचार कलीसिया मे।

1. बहुत से सुसमाचार प्रचारक कभी भी परिवर्तित नहीं हुए थे। दस कवाँरों का दृश्टांत स्पश्ट करता है इस भयानक सच को अन्त के दिनो में। ‘‘उनमें पाँच मूर्ख और पाँच समझदार थी। मूर्खों ने अपनी मषाले तो ली, परन्तु अपने साथ तेल नहीं लिया’’ (मती 25:2-3)। उनमें से आधे लोगो के पास पवित्र आत्मा नहीं थी, जो तेल द्वारा प्रमाणित की गयी थी। यही उनमें से आधे बचाये नहीं गए थे। जब मसीह, दुल्हा, लौटा वो मूर्ख कहा गया, ‘‘मैं तुम्हें नहीं जानता’’ (मती 25:12)। दुःखकारक, इन बुरे दिनो में, महान् बहुत से सुसमाचार प्रचारक परिवर्तित नहीं है। और जब यीषु लौटेंगे वे तैयार नहीं होंगे। डो. डब्ल्यु ए. क्रीसवेल ने कहा कि 75% कलीसिया सदस्य खोए हुए है। डो. ए. डबल्यु टोझर ने कहा क 90% बिना बचाए हुए है। युवा बीली ग्रेहाम ने कहा कि 85% सुसमाचार प्रचारक खोए हुए है। यह अंदाजा मसीही नेताओं की ओर से, दिखाता है आज के सुसमाचार प्रचार की विलापयुक्त परिस्थिति।

2. ‘‘जब दूल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊँधने लगी और सो गई’’ (मती 25.5)। ध्यान दिजीये कि मसीहने कहा, ‘‘वे सब ऊँघने लगी और सो गई।’’ डो. जोन एफ. वालवुर्ड ने कहा, ‘‘वहाँ कलीसिया है आज जो ठंडे और मरे हुए है रविवार रात को-एक जो बहुत पहले नहीं समृद्ध षाम की सभा थी। आज बहुत सारे कलीसिया एक सभा रखते है ‘‘हफते में, रविवार सुबह में ... हम ऐसे समय में जी रहे है जब कलीसिया में बहुत सी मुष्किलें है’’ (ibid, पृश्ठ 112)। और भी, आत्मा जीतनेवाले कहाँ है? लोस एंजलिस में मैं हमारे कलीसिया के अलावा दूसरे कलीसिया को नहीं जानता जहाँ हर सदस्य आत्मा जीतनेवाला कार्यक्रम होता है। मुझे स्मरण है जब ऐसा किस्सा नहीं था, परन्तु अब है। प्रभु हमें सहाय करो! ‘‘वे सब ऊँघने लगी और सो गई’’ (मती 25:5)।

3. ‘‘अधर्म के बढ़ने से बहुतो को प्रेम ठण्डा पड़ (बढ़ना) जाएगा’’ (मती 24:12)। हमारे ज्यादातर कलीसिया में थोड़ा या थोड़ा भी नहीं होता समागम, और न हफते का आत्मा जीतने का छल। यही है, सदस्यों को एक दूसरे के लिये प्रेम नहीं होता, और खोए हुओं के लिये भी प्रेम नहीं होता! मेरे दीर्घ-काल याजक डो. तीमोथी लीन, जो एक धार्मिक पाठषाला के प्राध्यापक और एक धार्मिक पाठषाला के राश्ट्रपति भी थे। डो. लीन ने कहा, ‘‘हमारे परमेष्वर में विष्वास करना एकदम आवष्यक है, और एक दूसरे को प्रेम करना भी एकदम आवष्यक है ... प्रभु करे अन्त दिनो के कलीसिया इसके बारे में तीन बार सोचे’’ (तीमोथी लीन, पीएच.डी. ध सीक्रेट ओफ चर्च ग्रोथ, पहला चीनी बेपटीस्ट कलीसिया, 1992, पृपृश्ठ 28, 29)। ‘‘अधर्म के बढ़ने से बहुतो को प्रेम ठण्डा पड़ (बढ़ना) जाएगा’’ (मती 24:12)।

4. ‘‘तो भी मनुश्य का पुत्र जब आएगा, तो क्या वह पृथ्वी पर विष्वास पाएगा?’’ (लूका 18:8)। डो. लीनने कहा, ‘‘इस पद का सन्दर्भ स्पश्टता से दर्षाता है कि षब्द ‘विष्वास’ ‘faith’ यहाँ संदर्भ करता है प्रार्थना में विष्वास को। और हमारे परमेष्वर का कथन विलाप है कि उनका कलीसिया प्रार्थना में विष्वास को खो देगा उनके दोबारा आने के प्रसंग पर’’ (ibid, पृपृश्ठ 94, 95) फिर से, डो. लीनने कहा, ‘‘लोग कई बार कहते है कि ये कुछ फर्क नहीं करता, चाहे ... घर पर अकेले प्रार्थना करो या कलीसिया में भाइयों और बहनो के साथ। ऐसे कथन सिर्फ स्व-आष्वासन होता है आलसी लोग का, या ... एक जो प्रार्थना की षक्ति से अन्जान है!’’ (ibid, पृश्ठ 92)। लूका 18:8 दिखाता है कि अन्तिम दिनों में मसीही प्रार्थना सभा की और खानगी प्रार्थना की भी उपेक्षा करेंगे। अब बहुत से कलीसिया में हफते के बीच बाइबल का अभ्यास होता है प्रार्थना सभा के बजाय। कितना दुःखद है कि अन्तिम दिनो में यह सत्य है!

5. ‘‘उसके आने की प्रतिज्ञा कहाँ गई? (2 पतरस 3:4)। 2 पतरस 3:1-9 के प्रकरण में, पतरस मसीहीयों को लिखते है, दूसरी बार आने की भविश्यवाणी का ‘‘मनभरके’’ ‘‘mindful’’ होना, कदाचित ऐसा न हो कि वे उनसे प्रभावित होंगे जो पूछते है ‘‘उसके आने की प्रतिज्ञा कहाँ गई?’’ डो. एड. डोबसन ने अन्तिम दिनों के चिन्ह के रूप में हकीकत दी कि वहाँ पर ‘‘दूर तक उपेक्षा फैली हुई है यीषु के आने के चिन्हों की’’ (डो. एड. डोबसन, ध अेन्ड, झोन्डरवान प्रकाषन घर, 1997, पृश्ठ 160)। मेरे सहपाठी डो. सी. एल. केगनने मुझे स्मरण कराया कि चालीस वर्शो पहले वहाँ पर बड़ी रूचि थी मसीह के दोबारा आने के चिन्हों पर सुसमाचार प्रचारकों के बीच। ‘‘परन्तु अब ऐसा है कि चिन्ह अक्षरषः करीबन रोज परिपूर्ण होते है, उन्हें भविश्यवाणी में बहुत कम रूचि है।’’ मसीह के दोबारा आने के चिन्हों की उपेक्षा सुसमाचार प्रचारकों के बीच स्वयं ही अन्तिम दिनो का चिन्ह है! और कलीसिया सदस्यों का सांसारिक लोभ के चिन्ह इस अन्तिम घंटे में।

6. ‘‘ऐसा समय आएगा जब लोग खरा उपदेष न सह सकेंगे’’ (2 तीमुथियुस 4:3)। प्रेरितो पौलुस हमें ‘‘प्रचार’’ (4:2) को कहते है। परन्तु उन्होंने भविश्यवाणी कि की कलीसिया के अन्तिम दिनो में लोग ‘‘द्रढ़ नहीं’’ होते सत्य प्रचार करने, परन्तु ‘‘खरा उपदेष न सह सकेंगे, कानों की खुजली के कारण।’’ पच्चास वर्श पहले वहाँ पर बड़ा प्रचार था हमारे बहुत से तख्तों पर। आज हमारे पास सिर्फ पद के बाद पद की ‘‘पढ़ाई’’ है हमारे ज्यादातर तख्तों में। डो. लीन ने कहा, ‘‘वेस्ट कोस्ट पर के सीस्टमेटीक थीयोलोजी धार्मिक पाठषाला से उन्होंने यह विचार दिया : मैं सोचता हूँ सीखाना और प्रचार करना एकदम समान है!’’ मैं और असहमत नहीं हो सकता। सीखाना और प्रचार करना दो भिन्न वर्ग से है। धार्मिक पाठषाला के प्राध्यापक की तरह, वे सीखाने और प्रचार करने में विभिन्नता नहीं कर सके। क्या फिर उनके विद्यार्थी प्रचार कर सकते है? जवाब स्पश्ट है ‘नहीं’। तख्त पर खड़े रहकर, बहुत से धार्मिक पाठषाला के स्नातक आज सिर्फ भाशण दे सकते है, परन्तु संदेष प्रचार नहीं करते। याजक को नहीं मालूम कि कैसे प्रचार करे वो ऐसा है जैसे खाना बनानेवाले को नहीं मालूम खाना कैसे बनता है! ... कलीसिया में अंतिम दिनों निर्जनता याजक की कमी के कारण नहीं है, परन्तु याजकों की प्रचुरता के कारण है जो (प्रभु के द्वारा बुलाए नहीं गये)’’ (ibid, पृपृश्ठ 20, 21)।


आज हम देखते है स्वधर्म त्याग की भयानक अवस्था मुख्यरेखा कलीसियाओं की, और ज्यादातर सुसमाचार प्रचारक कलीसियाओं की दयनीय अवस्था। हम बहुत निरूत्साही होंगे अगर हम बाइबल में ये अवस्था की भविश्यवाणी नहीं देखते। उनके आने के चिन्हों के बारे में सामान्यरूप में बोलते हुए, प्रभु यीषु मसीहने कहा,

‘‘जब ये बातें होने लगें, तो सीधे हाकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा’’ (लूका 21:28)।

मसीह के आने के चिन्ह हमें प्रोत्साहित करने चाहिए इन स्वधर्म त्याग के अंधेरे दिनों में। जब लोग कहते है, ‘‘आप बहुत ज्यादा कलीसिया जाते हो,’’ स्मरण रखना कि उनकी षिकायत चिन्ह है कि यीषु जल्दी आएँगे। जब वे कहते है, ‘‘आप बहुत ज्यादा प्रार्थना करते हो’’ या ‘‘आप बहुत ज्यादा सुसमाचार प्रचार करते हो,’’ स्मरण रखना कि यह भी चिन्ह है कि यीषु आ रहे है! दूसरो को ऊँघने और सोने दो, जैसे उन कुवाँरो ने किया, परन्तु हम जागृत रहे! प्रार्थना सभा में जागृत! जब आत्मा जीतने जाने का समय हो तब जागृत रहे! प्रचार के दौरान जागृत रहे!

‘‘जब ये बातें होने लगें, तो सीधे हाकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा’’ (लूका 21:28)।

मेहरबानी करके खडे रहो और गीत क्रमांक 4 गाओ।

रात अंधेरी थी, पाप ने हमारे विरूद्ध युद्ध किया;
   षोक का भारी बोज हमने सहा;
परन्तु अब हम देखते है उनके आने के चिन्ह;
   हमारे मन हमारे अंदर चमकते है,
आनन्द का कटोरा ऊपर दौड रहा है!
वे फिर से आ रहे है, वे फिर से आ रहे है,
   वो ही समान यीषु, आदमीयों द्वारा अस्वीकारा हुआ
वे फिर से आ रहे है, वे फिर से आ रहे है,
   षक्ति और बड़ी महिमा के साथ, वे फिर से आ रहे है!
(‘‘वे फिर से आ रहे है’’ माबेल जोनस्टोन केम्प द्वारा, 1871-1937)।

और अगर आप अभी तक बचाए हुए नहीं हो तो यह आपके लिये पापो से जागृत होने का महत्वपूर्ण समय है, यीषु पर भरोसा करो और बचाए जाओ! बाइबल कहता है,

‘‘हे सोनेवाले जाग और मुर्दो में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी’’ (इफिसियों 5:14)।

सोनेवाले जाग और उद्धारक पर भरोसा कर। वे क्रूस पर मरे आपके पापो को चुकाने। वे स्वर्ग में जीवित है। उन पर भरोसा करो और वे आपको बचाएँगे, अभी भी, इस स्वधर्म त्याग के अंधेरे और बुरे दिनो में भी!

आपकी आँखे यीषु पर फिराओ,
   उनके अद्भूत चेहरे को पूरी तरह देखो;
और धरती की चीजें अचानक धुँधली दिखेगी,
   उनकी महिमा और अनुग्रह की रोषनी में।
(‘‘आपकी आँखे यीषु पर फिराओ’’ हेलन एच. लेम्मेल द्वारा, 1863-1961)।

जब हम वह समूहगान फिर से गाते है, मेहरबानी करके पीछे के कमरे में जाओ। डो. केगन आपको प्रार्थना और बातचीत करने षान्त जगह ले जाएँगे।

आपकी आँखे यीषु पर फिराओ,
   उनके अद्भूत चेहरे को पूरी तरह देखो;
और धरती की चीजें अचानक धुँधली दिखेगी,
   उनकी महिमा और अनुग्रह की रोषनी में।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : मती 25:5-13।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘इस समय के जैसे समय में’’ (रूथ काये जोनेस द्वारा, 1902-1972)।


रूपरेखा

कलीसियाओं में स्वधर्म त्याग -
बाइबल की भविश्यवाणी में पहले कहा हुआ

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘किसी रीति से किसी के धोखे में न आना, क्योंकि वह दिन न आएगा जब तक धर्म का त्याग न हो ले, और वह पाप का पुरूश अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो’’ (2 थिस्सलुनीकियों 2:3)।

(यहूदा 3)

1. पहला, ‘‘मुख्यरेखा’’ ‘‘Mainline’’ कलीसिया में पूरी तरह स्वधर्म त्याग,2 पतरस 2:1।

2. दूसरा, सुसमाचार प्रचार संबंधी कलीसियाओं में बढ़ता हुआ स्वधर्म त्याग, मती 25:2-3, 12, 5; 24:12; लूका 18:8; 2 पतरस 3:4; 2 तीमुथियुस 4:3, 2; लूका 21:28; इफिसियों 5:14।