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मुझे क्रिसमस से प्यार है − डॉ जॉन आर राइस के संदेश से रूपान्तरित

I LOVE CHRISTMAS – ADAPTED FROM DR. JOHN R. RICE
(Hindi)

द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की संध्या, १८ नवंबर, २०१५ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल
में किया गया प्रचार किया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Evening, December 18, 2011

''और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना थैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई।'' (मत्ती २:११)


डॉ जॉन आर राइस (१८९५−१९८०) एक बहुत अच्छे और समझदार मसीही जन थे। आज संध्या में उनके संदेश, ''मुझे क्रिसमस से प्यार है'' के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु आप के समक्ष रखूंगा। इस संदेश को छोटा किया गया है और इसके शब्दों को थोड़ा बदला गया है। डॉ राइस ने कहा था:

मुझे क्रिसमस का मौसम पसंद है मुझे से संबंधित विषयों जैसे स्वर्गदूत, गड़रिये, चरनी, कुंवारी कन्या से यीशु का जन्म, ज्योतिषयों का वर्णन करने में आनंद मिलता है। मुझे क्रिसमस के कैरोल्स गाने में बड़ा आनंद आता है। घर में भी आनंद व उल्लास के साथ आराधना करने व पूरे क्रिसमस भर परमेश्वर को धन्यवाद देने का भाव बना रहता है। मुझे इस उत्सव पर परिवार व मित्रों के साथ एकत्रित होना अच्छा लगता है। इस उत्सव पर मुझे उपहार देना और अपने मित्रों द्वारा स्मरण किया जाना अच्छा लगता है। (डॉ जॉन आर राइस, मुझे किसमस से प्यार है, सोर्ड आँफ दि लार्ड, १९५५ पेज ७)

परंतु डॉ राइस संकेत देते हैं उन लोगों की ओर ''जो इस त्यौहार के प्रति कुछ कड़वाहट, कलह, और आपत्तियों से भरे होते हैं'' (उक्त संदर्भित) । जो मसीह के जन्म की खुशी को मनाते हैं वे उनकी आलोचना करते हैं।

१. प्रथम, उनका कथन है कि क्रिसमस मसीह का जन्मदिन नहीं है।

यह सत्य है कि हमें मसीह के जन्म की निश्चत तारीख पता नहीं है। बाइबल हमें यह नहीं बताती है। पर क्रिसमस के दिन मसीह के जन्म को याद करना गलत नहीं है अथवा कोई पाप नहीं है।

डॉ राइस एक छोटी लड़की को जानते थे जिसका जन्म २९ फरवरी, लीप वर्ष में हुआ था। चूंकि यह दिन हर चार साल में एक बार आता है, तो बालिका के माता पिता के लिये यह बिल्कुल गलत नहीं है, कि वह उस जन्मदिन को प्रति वर्ष २८ फरवरी को मनाये जबकि यह उसके जन्म की असली तारीख नहीं है।

हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि २५ दिसंबर मसीह के जन्म की बिल्कुल नजदीकी तारीख है। हम प्रिय यीशु मसीह को प्यार करते हैं और इसलिये चाहते हैं कि हर व्यक्ति उनके जन्म २५ दिसंबर को स्मरण रखे। हम हमारे बच्चों को चरनी के बालक के बारे में, पूर्व देशों से उन्हें प्रणाम करने आये विद्वानों के बारे में, कि मरियम को स्वर्गदूत ने जो संदेश दिया उसके विषय में, और स्वर्गदूतों ने गड़रियों (के सामने) जो गीत गाया उस विषय में सिखाना चाहते हैं। साथ ही २५ दिसंबर दूसरे दिनों के समान अच्छा दिन क्यों नहीं है? क्या आप सोचते हैं कि यह गलत हैं कि किसी नजदीकी दिन पर मसीह के जन्म को स्मरण रखें या इसे मनाये?

२. दूसरा, उनका कथन है कि यह कईयों के लिये कैथोलिकों द्वारा मनाये जाने ख्रीस्तयाग उत्सव है।

वे कहते हैं कि क्रिसमस ख्रीस्तयाग से निकला है जो कैथोलिक्स ने प्रारंभ किया था। इसलिये प्रोटेस्टैंट लोगों को इसे नहीं मनाना चाहिये। यह आपत्ति मुझे थोड़ी मूर्खतापूर्ण लगती है।

(कैलीफोर्निया में कई कस्बों व शहरों के नाम कैथोलिक मूल से निकले हैं। लॉस ऐंजीलिस स्वयं मूलत: एक कैथोलिक नाम है। पर जब हम ''लॉस ऐंजीलिस'' नाम लेते है तो कैथोलिक का विचार नहीं करते हैं। जब हम ''सैन डिएगो'' ''सैन फ्रांसिस्कों'' या ''सेक्रामेंटो'' कहते हैं तो कैथोलिक्स के विषय में नहीं सोचते हैं) । नाम के अर्थ हुआ करते हैं, न कि उनका मूल क्या है यह इतना महत्वपूर्ण है।

सेवंथ डे एडवेंडिस्ट वाले भी इस पर तर्क प्रस्तुत करते हैं कि हम रविवार को आराधना करते हैं, जब कि रविवार रवि अर्थात सूर्य की आराधना से जुड़ा है। मेरा जवाब उन लोगों के लिये यह है कि शनिवार का दिन भी तो एक प्राचीन देवता शनिदेव की पूजा से जुड़ा है! आज जब लोग ''रविवार'' शब्द कहते हैं तो कोई भी सूर्य के विषय में नहीं सोच रहा होता है। जो लोग क्रिसमस मनाते हैं व उनके मन व विचारों में कुछ बात नहीं भी हो तो उनके सामने यह बनावटी भेदभाव पैदा करना मूर्खता है। जनवरी का नाम रोमी देवता जैनुस के नाम पर है। क्या मसीही लोग जनवरी माह नाम का उच्चारण करते हैं तो पाप करते हैं? हर समझदार व्यक्ति के लिये, क्रिसमस का साधारण सा अर्थ सिर्फ क्रिसमस है। इसका अर्थ मिस्सा या ख्रीस्तयाग नहीं है। कैथोलिक इसे मिस्सा विधि के साथ मना सकते हैं, लेकिन प्रोटेस्टैंट नहीं।

३. तीसरा, वे कहते हैं कि क्रिसमस पूर्व में मूर्तिपूजकों का एक त्यौहार था ।

मैं सोचता हूं कि पूर्व में क्रिसमस मूर्तिपूजकों का एक त्यौहार था। यह तर्क इतना महत्वपूर्ण नहीं हैं। मूर्तिपूजक तो हर दिन कुछ न कुछ मनाते रहते हैं। उनके तो फसल बोने और काटने पर, संक्राति और नये चांद से संबंधित भी अनेक त्यौहार होते हैं। अगर मूर्तिपूजक २५ दिसंबर को मूर्तिपूजा के लिये प्रयुक्त कर सकते हैं तो अब मसीही इस दिन को यीशु मसीह को सम्मान देने के लिये क्यों प्रयुक्त नहीं करना चाहिये? हम कोई सा भी दिन मसीह के जन्म को स्मरण रखने के लिये के लिये प्रयुक्त करें हो सकता है वह किसी ओर के लिये बुरे कारण से उपयोग में आने वाला दिन हो। परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि हर दिन अब यीशु मसीह का है, कोई दिन किसी पूर्व देवता का नहीं है, यहां तक कि २५ दिसंबर भी! २५ दिसंबर का दिन भी किसी एक या अनेक तरीकों से उन्हें सम्मान देने के लिये होना चाहिये।

४. चौथा, वे कहते हैं कि क्रिसमस ट्री और सजावट अशुद्ध या घृणित वस्तु हैं।

कुछ लोग कहते हैं कि बाइबल यिर्मयाह १०:३−४ में मना करती है कि क्रिसमस ट्री का उपयोग नहीं करना चाहिये। पर यह पद क्रिसमस ट्री के लिये नहीं कहता है। यह लकड़ी से बनाई गयी मूर्ति के लिये कहता है, जो सोने चांदी से ढंकी है। शेष अध्याय वर्णन करता है कि मूर्ति कितने विस्तार से कीमती सोने व चांदी की चीजों और बैंगनी वस्त्रों से सजाई गयी है। (डॉ हिमर्स की व्याख्या है: कि यह अध्याय क्रिसमस ट्री के लिये दो कारणों से नहीं हो सकता (१) यिर्मयाह के दिनों में क्रिसमस का पेड़ या क्रिसमस नहीं हुआ करता था। (२) आज क्रिसमस की कोई पूजा नहीं करता है। तो बाइबल क्रिसमस ट्री के लिये मना नहीं करती है। (यह इससे अधिक पापमय नहीं है जितना कि हमारे घरों और चर्चेस में क्रिसमस के समय फूलों के गुलदस्ते हुआ करते हैं)।

क्या घर को हॉली, मिसल्टो या किसी सदाबहार वृक्ष से सजाना पाप है? थैंक्सगीविंग पर घर को कददू या कार्नस्टार्क से सजाने से बढ़कर तो पाप नहीं है! मेमोरियल डे पर कब्र को फूलों से सजाने से बढ़कर पाप तो नहीं है! अगर हम परमेश्वर द्वारा दी गयी नैसर्गिक सुंदरता पर ध्यान देते हैं तो परमेश्वर इससे अप्रसन्न थोड़े ना होंगे।

(डॉ हिमर्स की व्याख्या है: क्रिसमस ट्री का उदगम उस समय से कहा जाता है कि एक बार मसीह के जन्म की याद मनाने के लिये प्रोटेस्टैंट संस्कारक मार्टिन लूथर अपने घर में पेड़ लाये, और उसे मोमबत्ती से सजाया, तारों की रोशनी उसकी पत्तियों पर पड़ रही थी, जो उस तारे की याद दिला रहा था जो मसीह के जन्म के समय चमका था। तो यह किंवदंती अधिक सही है कि क्रिसमस ट्री प्रोटेस्टैंट मूल की है)।

मुझे क्रिसमस और क्रिसमस की सजावट से प्यार है, मैं नहीं मानता कि वे गलत हैं। यह मेरे भीतर उस आनंद को प्रगट करना है जब मै सोचता हूं कि कैसे परमेश्वर मनुष्य बनें हमारे रचनाकार ने शिशु रूप धारण किया यह इसलिये हुआ ''क्योंकि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो, कि वह धनी होकर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ'' (२ कुरूंथियों ८:९) ।

५. पांचवा, वे इसलिये क्रिसमस पर आपत्ति लेते हैं क्योंकि की छुटिटयों में बहुत अधिक आमोद प्रमोद और संसारीपन प्रगट होता है।

यह सही है कि इस समय बहुत से लोग यीशु मसीह का सम्मान नहीं करते हैं। मैं सोचता हूं कि वे बड़ा पाप करते हैं। कभी कभी लोग सांता क्लॉज के लिये झूठ कहते हैं और छोटे बच्चों को उनसे जुड़ी मिथ्या कहानियां सुनाकर छलते हैं जबकि उन्हें बच्चों को यीशु मसीह की कहानियां सुनाना चाहिये। मैं सोचता हूं कि यह दुष्टता है। परमेश्वर के सामने झूठ सदैव गलत और घृणास्पद ही होता है। यीशु के जन्म के समय इस तरह छलना उनको महिमा देने का सबसे निम्नतम तरीका है। निश्चित छोटे बच्चों को सांता क्लॉज के प्रति ऐसे झूठ बोलकर छल करना पाप है। किसी भी मसीही को इसकी अनदेखी नहीं करना चाहिये। हां, लोग अक्सर परमेश्वर का इस तरह क्रिसमस पर अपमान करते हैं। मुझे दुख है लोग ऐसा करते हैं। मैं उम्मीद करता हूं जो यहां इस संदेश को सुन रहे हैं वे इस तरह के पापों से परमेश्वर को दुखी नहीं करेंगे।

हमें क्रिसमस को शैतान और दुष्ट लोगों की ओर नहीं मोड़ देना चाहिये क्योंकि कुछ लोग क्रिसमस के दिन पाप भी करते हैं। क्या हमें रविवार को त्याग देना चाहिये चूंकि लोग अक्सर इस दिन का दुरूपयोग करते हैं? अक्सर सप्ताह के दूसरे दिनों की तुलना में रविवार के दिन लोग अधिक मदिरापान करते हैं। आमोद प्रमोद चरमोत्कर्ष पर होता है। तो क्या लोगों को रविवार का त्याग करके इसे शैतान का दिन घोषित करना चाहिये? बिल्कुल नही! ऐसे भी कई महान लोग हैं जो शिक्षा देते हैं कि उद्वार के लिये बपतिस्मा आवश्यक है। वे मसीह के रक्त से बढ़कर जल को अधिक महिमा देते हैं। यह गलत है। चूंकि अनेक लोगों ने इस पर अनावश्यक जोर दे दिया है और इस के बारे में गलत शिक्षायें प्रचारित कर रखी हैं तो क्या हमें यीशु मसीह की बपतिस्मे के प्रति दी गयी आज्ञा का अनादर करना चाहिये? बिल्कुल नही!

मसीह के द्वितीय आगमन का भी बहुत उपहास उडाया जाता है और अनेक भ्रष्ट शिक्षायें व्याप्त हैं। अनेक गलत पंथ पनप गये हैं जिन्होंने भ्रांत शिक्षाओं का जाल फैला रखा है। लोगों ने तारीखें निकाल रखी है। तो क्या हम शेष बचे लोगों को, मसीह के आगमन संबंधी बाइबल में दी हुई स्पष्ट शिक्षा की उपेक्षा करना चाहिये? बिल्कुल नही!

साथ ही, हमें बाइबल में दी गई पवित्र आत्मा की परिपूर्णता की शिक्षा की भी उपेक्षा नहीं करना चाहिये चूंकि बहुत से लोग इसे अन्य भाषा बोलने से और पापरहित सिद्वता से जोड़ते हैं।

इसी तरह, हम बहुत मूर्ख कहलायेंगे अगर हम क्रिसमस के त्यौहार को शैतान व संसारी लोगों की तरफ मोड़ देंगे। अगर संसार इस दिन निरंकुश पार्टियां देता है तो हमें इस दिन मसीही प्रेम और सौहार्दता का प्रगटीकरण करना चाहिये जिससे उस दिन मसीह को महिमा मिल सके!

क्या अन्य लोग मात्र दिखावे बतौर उपहार देते हैं? ऐसा मसीहियों के बीच में नहीं होना चाहिये। उन्हें ऐसे उपहार देने चाहिये जो वास्तव में प्रेम को प्रगट करे।

क्या आनंद के दिन को मनाना गलत है? क्या क्रिसमस का भोजन रखना और दूसरों को कुछ भाग पहुंचाना गलत है? बिल्कुल नही! जब नहेमायाह के नेतृत्व में, इजरायल के उत्तरजीवी शेष बचे लोग बेबीलोन की दासता से छूटकर वापस अपने देश लौटे, तो शास्त्र पढ़ा गया और समझाया गया, और लोग रोये। पर यह रोने के स्थान पर आनंद मनाने का दिन था, इसलिये नहेमायाह ने कहा:

''तब नहेमायाह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये विलाप न करो और न रोओ। क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे। फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।'' (नहेमायाह ८:९−१०)

इसके बाद पद में लिखा है:

''तब सब लोग खाने, पीने, बैना भेजने और बड़ा आनन्द मनाने को चले गए, क्योंकि जो वचन उन को समझाए गए थे, उन्हें वे समझ गए थे।'' (नहेमायाह ८:१२)

इजरायलियों ने आनंद और भोज का दिन मनाकर व दूसरे लोगों को भोज को बांटकर परमेश्वर को महिमा प्रदान की क्योंकि परमेश्वर की आराधना का आरंभ फिर से उस देश में होना शुरू हो गया था। तो आज हम मसीही भी सही हैं कि हम हमारे मसीहा के जन्मदिन पर हर्षोल्लास मना रहे हैं!

हां, मुझे क्रिसमस से प्यार है! मैं क्रिसमस के समय परमेश्वर के और अधिक समीप महसूस करता हूं। मैं क्रिसमस के समय परमेश्वर के वचन से प्रेम करता हूं। मैं इस दिन पापियों से अपील करता हूं कि इस दिन परमेश्वर द्वारा प्रदत्त यीशु रूपी महान उपहार को इस दिन ग्रहण करें।

तब एक बहुत उल्लासपूर्ण किसमस होगा, और इस दिन मसीह को सर्वोच्च महिमा दें जिनके स्मरण में हम इस दिन को मनाते हैं!


अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।

(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व डॉ क्रेटन एल चान द्वारा धर्मशास्त्र से पढा गया: मत्ती २:१−१२
संदेश के पूर्व बैंजामिन किन्केड गिफिथ द्वारा एकल गान गाया गया:
''यीशु बालक यीशु'' (डॉ जॉन आर राइस, १८९५−१९८०)


रूपरेखा

मुझे क्रिसमस से प्यार है − डॉ जॉन आर राइस के संदेश से रूपान्तरित

I LOVE CHRISTMAS – ADAPTED FROM DR. JOHN R. RICE

द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

''और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना थैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई।'' (मत्ती २:११)

१. प्रथम, उनका कथन है कि क्रिसमस मसीह का जन्मदिन नहीं है।

२. दूसरा, उनका कथन है कि यह कईयों के लिये कैथोलिकों द्वारा मनाये जाने
''ख्रीस्तयाग'' उत्सव है।

३. तीसरा, वे कहते हैं कि क्रिसमस पूर्व में मूर्तिपूजकों का एक त्यौहार था।

४. चौथा, वे कहते हैं कि क्रिसमस ट्री और सजावट अशुद्ध या घृणित
हैं, २ कुरूंथियों ८:९

५. पांचवा, वे इसलिये क्रिसमस पर आपत्ति लेते हैं क्योंकि की छुटिटयों में
बहुत अधिक आमोद प्रमोद और संसारीपन प्रगट होता है,
नहेमायाह ८:९−१०, १२