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चीन में सफलता का रहस्य

THE SECRET OF SUCCESS IN CHINA

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, 18 सीतंबर, 2011
को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, September 18, 2011

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...'' (प्रकाशितवाक्य 2:9)।


याजक वान्ग मिन्गडाओ बीसवीं सदी में चीनी मसीहीता के एक आदरणीय व्यक्ति थे। वे 1958 में पकडे़ गये थे सुसमाचार प्रचार करने के लिये और कुल मिलाकर 22 वर्ष जेल में बिताये। वान्ग मिन्गडाओ की जीवनी लिखनेवाले, थोमस एलन हारवे ने कहा,

चीनी सरकार क्या राजनीति जारी रखती है उससे बिना परवाह किये, चीन में कलीसिया सारे संसार में आनेवाली पीढीयों के लिये मसीहीता के आकार को गंभीरता से असर करेगी। (करीबन) सत्तर सो लाख आत्माओ के साथ और सालाना 7 फीसदी बढोतरी के साथ, चीन में मसीही क संख्या पृथ्वी के सारे राष्ट्र के मसीही संख्या को छोटा करती है। सारे प्रगतिशील संसार में मसीही की तरह, चीनी मसीही सादृश करते है कलीसिया के सेना प्रमुख (आगे के पद) इक्कीसवी सदी में (थोमस एलन हारवे, एक्वान्टेड वीथ ग्रीफ, ब्राझोस प्रेस, 2002, पृश्ठ. 159)

डेवीड ऐकमन, अपनी किताब ‘‘यीशु बीजींग में'', कहा

ये संभावना समझना योग्य होगा कि सिर्फ क्रमानुसार ही नहीं, परंतु मानसिक बुद्धि संबंधी केन्द्र ... मसीहीता के लिये शायद निश्चितरूप से चले जाये युरोप और उत्तर अमरिका से बाहर क्योंकि चीन में मसीही बनना जारी है और जैसे चीन विश्वव्यापी महाशक्तिशाली बन रहा है ... क्रिया शायद चीन के घर कलीसिया के आगेवान के काम और आशा में पहले से शुरू हो चुकी होगी (डेवीड ऐकमन, यीशु बीजींग में, रीजनेरी प्रकाशन, 2003, पृपृश्ठ. 291, 292)।

स्मुरना में कलीसिया के मसीह के वर्णन में बताया गया है कि ‘‘घर कलीसिया'' मुहीम में आज चीन में क्या हो रहा है,

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...''
    (प्रकाषितवाक्य 2:9)।

स्मुरना में कलीसिया के संदर्भ में, डो. जेम्स. ओ. कोम्बस ने कहा,

स्मुरना, उत्तर इफिसुस, याजक समुदाय पोलीर्काप द्वारा दशको तक और जो 155 ए.डी. में शहीदो की तरह उनके 90 वे वर्ष में ... उन्होंने बहुत तड़प और सांसारिक चीजों का पूरा अपहरण सहा, परंतु वे आत्मिकरूप से धनी थे (जेम्स ओ. कोम्बस, डी.मीन., लीट.डी., रेइनबोझ फ्रोम रीवेलेशन, ट्रीबुन प्रकाशन, 1994, पृश्ठ. 33)।

स्मुरना के कलीसिया की तरह, विश्वासु मसीही चीन में घर कलीसिया के बहुत बडे बाधा और ‘‘क्लेश'' में तडपे फिर भी वे आत्मिकरूप से इतने ‘‘धनवान'' है कि उनका सुसमाचार प्रचार प्रगति का दर ‘‘7 फीसदी सालाना'' उत्पन्न करता है (थोमस एलन हारवे, ibid.)। इस प्रकार, चीन में मसीही की आबादी पहले से ‘‘छीन लेता है सबसे ज्यादा मसीही पृथ्वी के ज्यादातर राष्ट्र में।'' मै सोचता हुँ कि चीन में 700 लाख मसीही से ज्यादा संख्या में सच्चे परिवर्तित है, और वहाँ पर चीन में पहले से ही ज्यादा मसीही है युनाईटेड स्टेटस, केनेडा और आधे मेक्सिको से। यह लुढकान है! हमे अपने आप से पूछन चाहिये, ‘‘उनकी सफलता का क्या कारण है? उनके सुसमाचार प्रचार का क्या रहस्य है?'' उनके लिये ऐसा क्यों कहा जा सकता है,

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...''
    (प्रकाषितवाक्य 2:9)।

जब हम वो हकीकत देखते है कि सुसमाचार प्रचारित मसीहीता अमरिका में थोडी सी भी नहीं बढ रही है, और हकीकत है कि बहुत से यह भी कहते है कि यहाँ सुसमाचार प्रचारित मसीहीता मर रही है, हमें अमरिका में यह गहराई से सोचना चाहिये कि उनके पास जो नहीं है जो हमारे पास है और उनके पास क्या है जो हमारे पास नहीं है।

I. पहला, उनके पास जो नहीं है वो हमारे पास है।

उनके पास कलीसिया की इमारत नहीं है! सिर्फ साम्यवादी - पीठबल ‘‘थ्री सेल्फ'' कलीसिया के पास इमारत है। परंतु ‘‘घर कलीसिया'' है जो बढ रहे है और बहुत ही कम कलीसिया इमारत है। उनमें से ज्यादातर लोगो के पास कलीसिया की इमारत नहीं है जैसे हमारे पास है!

उनके पास सरकार की मान्यता नहीं है। उन्हें चीन की साम्यवादी सरकार द्वारा बाधित किया गया है। उनके पास धर्म की स्वतंत्रता नहीं है जैसी हमारे पास है।

उनके पास याजको के सिखाने धार्मिक पाठशालायें नहीं है जैसी हमारे पास है। याजको को चीन में जो प्रशिक्षण होता है सिर्फ वही मिलता है किसी के घर में - और ये बहुत कम होता है और बहुत ज्यादा स्पष्ट भी नहीं। उन्हें थोडा सा प्रशिक्षण मिलता है जो कलीसिया ‘‘चलाने के समय'' मिल सकता है। चीन मे युवा याजको को उनका प्रषिक्षण वृध्ध और दुसरे बड़े याजको से मिलता है जो हकीकत में सीखने का बहुत अच्छा तरीका होता है!

उनके पास रविवार की शाला की इमारत नहीं है। उनके पास बस नहीं है ‘‘बस सेवा'' के लिये। उनके पास ‘‘मसीही दूरदर्शन (टी.वी.)'' नहीं है। उनके पास ‘‘मसीही रेडियो'' नहीं है। उनके पास मसीही प्रकाशन घर नहीं है। उनके पास टी.व्ही. प्रोजेक्टर नहीं है प्रचारक को बडे पडदे पर दिखाने के लिये। उनके पास ‘‘मसीही रोक बेन्ड'' नहीं है। उनके पास बाज़ा नहीं है और सामान्यतः उनके पास पीयानो भी नहीं होते। उनके पास रविवार शाला के लिये छपी हुई पुस्तिका इत्यादि भी नहीं है। कई बार उनके पास सब के लिये बाइबल या गीतो की पुस्तिका भी नहीं होते। नहीं, उनके पाास वो नहीं है जो हमारे पाास है। बजाय, उनके पास बाधायें और क्लेश ही होता है साम्यवादी सरकार से। उन्हें कभी कभी मसीही होने के कारण जेल भी जाना पडता है। यहाँ पर सदा एक भय होता है जो गंभीरता से मसीही बनते है उनके लिये। चीनी मसीहीयों पर बाधाओं के बारे में पढ़ने के लिये www.persecution.com पर जायें। और फिर भी चीन के मसीही बहुत सफल है खोयी हुई आत्माओं को जीतने के लिये। चीन में मसीही की संख्या बढते ही जा रही है, आधुनिक इतिहास के बडे पुनःउद्धार में!

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...''
    (प्रकाषितवाक्य 2:9)।

मुझे डर है कि अमरिका में हमारे बहुत से कलीसिया अच्छी तरह से वर्णन किये गये है, जो यीशु ने कहा था लोदीकिया के कलीसिया में उसके द्वारा,

‘‘तू कहता है कि मैं धनी हूँ और धनवान हो गया हूँ और मुझे किसी वस्तु की धटी नहीं; और यह नहीं जानता कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अंधा और नंगा है'' (प्रकाशितवाक्य 3:17)।

II. दूसरा, उनके पास जो है वो हमारे पास नहीं है।

यहाँ बताया है जो उनके पास है पर हमारे पास नहीं। और यहाँ है उनकी सफलता का रहस्य - और हमारी निष्फलता का कारण!

उनके पास तडप है - और इस प्रकार वे क्रूस को सहने के लिये सीखते है! अमरिका के ज्यादातर मसीही हफते की एक शाम प्रार्थना सभा के लिये गवाँना पसंद नहीं करते। ज्यादातर अमरिकी मसीही आत्मा जीतने के लिये जाने को हफते की एक शाम का नुकसान उठाने के लिये तैयार नहीं होते। ज्यादातर अमरिकी मसीही रविवार शाम का आराम कलीसिया में आकर खोना नहीं चाहते! अमरिका में बहुत से याजको को वजन कम करने की आवश्यकता है। हमें कुछ चर्बी कम करने की आवश्यकता है। परंतु चीन में प्रवक्ता दूबले है। इसलिये वे उत्साह से प्रचार कर सकते है। हमें वजन कम करने की जरूरत है, या हम प्रचार उत्साह और जोश के साथ नहीं कर सकते। चीन में उनके पास दूबले पतले लोग है जो जब भी प्रचार करते है तब आत्माओं से भर जाते है। मैंने कभी भी चीनी ‘‘घर कलीसिया'' का प्रचारक नहीं देखा जो ज्यादा वजन वाला हो। कोई आश्चर्य नहीं की चीन में घर कलीसिया में बडा पुनःउद्धार होता है, जब कि अमरिका और पूरे पश्चिमी संसार में मसीहीता सूख रही है और नष्ट हो रही है। ये अभ्यास करने कुछ तडप की जरूरत होती है। यह खाना कम खाने और परहेज करने की तडप तक ले जाता है जब तक आप वजन कम न कर लो! ये आपको ऐसा व्यक्ति बनाने की तडप तक ले जाता है जैसा परमेश्वर आपको देखना चाहते है! बडे चीनी सुसमाचार प्रचारक डो. जोन सन्गने कहा,

बडी तडप बडे पुनःउद्धार लाता है ... प्रभु पाते है उनके लिये बडा उपयोगी ... जो सबसे कठीन वातावरण मे तेज किया हो... ज्यादा तडप ज्यादा फायदे लाती है... चेलो का जीवन जैतुन की तरह होता है : जितना ज़ोर से हम दबाते है, उतना ज्यादा तेल हम मे से लिख लेगा। सिर्फ जो तडप से गुजरे है वे ही देख सकते है स्नेह (प्रेम) और दुसरो को आष्वासन (जोन सन्ग, पीएच. डी., ध जरनल वन्स लोस्ट, उत्पति की किताबे, 2008, पृश्ठ. 534)।

“यीशु, मैंने मेरा क्रूस लिया है” इसे गाइये।

यीशु मैंने मेरा क्रूस लिया है,
   सब छोडने और आपका अनुकरण करने;
निराश्रय, तिरस्कृत, त्यागा हुआ तू तू किया हुआ,
   अब से, मेरा सब कुछ भी।
हर आसक्त इच्छाओ को नष्ट करो,
   सारी जो मैंने देखी, और आशी की और जानी;
फिर भी, मेरी अवस्था कितनी धनवान है,
   प्रभु और स्वर्ग अभी भी मेरे अपने है!
(“यीशु, मैंने मेरा क्रूस लिया है” हेन्री एफ. लायटे, द्वारा 1793-1847)।

ये डो. जोन आर. राइस का सबसे पसंदीदा गीत था। प्रभु करे यह गीत हमारे लिये हकीकत बन जाये! फिर हम देखेंगे प्रभु को हमारे बिच चलते जैसे वे चीन मे है! इसे फिर सक गाइये!

यीशु मैंने मेरा क्रूस लिया है,
   सब छोडने और आपका अनुकरण करने;
निराश्रय, तिरस्कृत, त्यागा हुआ तू तू किया हुआ,
   अब से, मेरा सब कुछ भी।
हर आसक्त इच्छाओ को नष्ट करो,
   सारी जो मैंने देखी, और आशी की और जानी;
फिर भी, मेरी अवस्था कितनी धनवान है,
   प्रभु और स्वर्ग अभी भी मेरे अपने है!

यीशु ने कहा,

‘‘यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले'' (मती 16:24)।

इसे फिर से गाइये!

यीशु मैंने मेरा क्रूस लिया है,
   सब छोडने और आपका अनुकरण करने;
निराश्रय, तिरस्कृत, त्यागा हुआ तू तू किया हुआ,
   अब से, मेरा सब कुछ भी।
हर आसक्त इच्छाओ को नष्ट करो,
   सारी जो मैंने देखी, और आशी की और जानी;
फिर भी, मेरी अवस्था कितनी धनवान है,
   प्रभु और स्वर्ग अभी भी मेरे अपने है!

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...''
    (प्रकाषितवाक्य 2:9)।

चीन में उनके पास तडप है! इसलिये उनके पास पुनःउद्धार में प्रभु के आशीर्वाद की संपति है! चलिये यहाँ हमारे कलीसिया में हमारे स्वयं का अस्वीकार करे और हमारे क्रूस उठा ले मसीह का अनुकरण करने - चाहे जो भी किंमत हो।

फिर, ओर भी, उनके पास आसू होते है जब वे खोये हुओ के लिये प्रार्थना करते है। एक भाई, जो जानता है, मुझसे कहा, ‘‘वहाँ चीन में बहुत से आसूँ है''। वो एकदम सच है। वे राते है जब वे खोये हुओ के लिये प्रार्थना करते है। चीन में खोये लोग भी रोते है जब वे पापो के अपराध भाव के अधीन आते है। कोई आश्चर्य नहीं कि वहाँ पर इतने सारे परिवर्तित है मसीह में। बाइबल कहता है,

‘‘जो आँसू बहाते हुए बोते है, वे जय जयकार करते हुए लवने पाएँगे'' (भजनसंहिता 126:5)।

गाइये, ‘‘पुनःउद्धार की किंमत'' डो. जोन आर. राइस, द्वारा!

पुनःउद्धार की किमंत, आत्मा जीतने का दाम,
प्रार्थना, बोज और आंसूओ के लंबे घंटे;
अकेले पापीयों के साथ विनंती, अपरिचित,
वो चुकाया जायेगा उपर वहाँ कटनी के समय
कटनी, स्वर्गीय कटनी। आत्मा ये जो नीचे
जीती गई थी उनके लिये।
(“पुनः उद्धार की किंमत” डो. जोन आर राईस,
द्वारा 1895 - 1980)।

प्रार्थना किजीये कि प्रभु आपको तूटा हुआ मन दे खोये हुओ के लिये! (सारे प्रार्थना करे)। “पुनः उद्धार की किंमत”। फिर से गाइये!

पुनःउद्धार की किमंत, आत्मा जीतने का दाम,
प्रार्थना, बोज और आंसूओ के लंबे घंटे;
अकेले पापीयों के साथ विनंती, अपरिचित,
वो चुकाया जायेगा उपर वहाँ कटनी के समय
कटनी, स्वर्गीय कटनी। आत्मा ये जो नीचे
जीती गई थी उनके लिये।

और भी वे खोये हुओ को अपने “घर कलीसिया” मे लाने के लिये सब कुछ करते है जो उनकी ताकत में है। डी. एल मुडीने कहा, “उनसे प्रेम करो।” इसी तरह से हमे चीन मे लोग मिलते है घर कलीसिया मे आने - और यहीं है जो हमे करना ही चहीये! “उनसे प्रेम करो”। आत्मा जीतना मसीह को चाहने वालो मे प्राथमिकता है - और स्थानीय कलीसिया मे। “उनसे प्रेम करो”। वो स्वतंत्रतावाद नही है। वो “जीवन जीने के प्रकार” का सुसमाचार प्रचार नही है। वो डी. एम मुडी है! मैं सोचता हूँ वो एकदम सच्चे थे। ये चीन मे असरकारक है - और ये यहाँ भी असरकारक होगा! “उनसे प्रेम करो।”

अगर हम सभा से दूर भागते है तो हम खोयी हुइ आत्माये नही जीतेंगे जो हमारे कलीसिया मे आती है। सिर्फ वो ही जो ज्यादा विलंब करता है। वो आत्मा जीत सकता है। सिर्फ वही जो सभा के पहले और बाद मे खोये हुओ से मित्रतापूर्वक है वो ही उनकी आत्माये जीत सकते है। वहाँ पर कोई ओर तरीका नही है खोयी हुई आत्मा को कलीसिया मे जमा करने का! हमे “उनसे प्रेम करना” ही चाहिये - जैसे वे चीन मे करते है! “मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाइये” इसे गाइयें!

मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाइये आज,
   मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाइये,
मैं प्रार्थना करता हूँ ; मेरा जीवन पूर्ण हुआ,
   मेरी सेवा आषीर्वाद,
मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाइये आज।
   (“मुझे आषीर्वाद की दिषा बनाइये आज”
हार्पर जी स्मीथ द्वारा, 1873-1945)

मुझे यह सभा आपको जो अभी तक परिवर्तित नही है उनको कुछ षब्द कहे बिना बंद नही करनी चाहीये। कलीसिया मे आने का अर्थ ये नही है कि आप परिवर्तित हो। सिर्फ बाइबल की पढ़ाई आपको परिवर्तित नही करेगी। आपको पापो के अपराधभाव के अधीन आना ही है। आपको आपके पापो का पष्चाताप करना ही होगा। आपको यीषु मसीह की ओर फिरना ही है और उनके पास आइये। यीषु पीड़ा और लहु मे क्रूस पर मरे आपकी आत्मा को पापो ओर दण्ड से बचाने। आपको उनके लहु द्वारा अपने पाप धोकर षुध्ध होना चाहीये। यीषु के पास आइये और पाप, मृत्यु और अधोलोक से बचाये जाओ। आपको फिर से जन्म लोना आवष्यक है ये हमारी प्रार्थना है की आपको वो अनुभव होगा। आमीन।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : प्रकाषितवाक्य 2:8-11।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
“कीतना कम समय” (डो.जोन आर. राईस द्वारा, 1895 - 1980)।


रूपरेखा

चीन में सफलता का रहस्य

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है) ...'' (प्रकाषितवाक्य 2:9)।

I.    पहला, उनके पास जो नहीं है, वो हमारे पास है, प्रकाषितवाक्य 3:17।

II.   दूसरा, उनके पास जो है वो हमारे पास नहीं है, मती 16:24;
भजनसंहिता 126:5।