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आत्मा जीतने की तरस

SOUL WINNING COMPASSION

डो.आर.एल.हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 14 अगस्त, 2011,
को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, August 14, 2011

“जब उसने भीड़ को देखा तो, उसको लोगों पर तरस आया” (मती 9:36)।


“तरस” के लिये ग्रीक षब्द अनुवाद किया गया है उसका अर्थ है “सहानुभूति, दया, महसूस करना और नर्म मन की दया से चलना” (स्ट्रोन्ग) स्पर्जन ने कहा कि ये ग्रीक षब्द “स्मरण करने के योग्य है। यह प्रथम श्रेणी के ग्रीक मे नही मिलता। यह सेप्ट्युअजिन्ट (पुरानी नियमावली का ग्रीक अनुवाद) मे नही मिलता। हकीकत ये है कि, यह सुसमाचार प्रचारक (मती, मरकुस, और लूका) द्वारा मुद्रित किया हुआ षब्द है। उन्हे पूरी ग्रीक भाशा मे उनके लक्ष्य के योग्य (षब्द) नहीं मिला, और इसलिये उन्हे ये बनाना पडा। यह गहरी भावना का सूचक है; (मन) का प्रयत्न - अंतरमन के दयालु स्वभाव की अनुकम्पा... (मसीह का) मन दया के साथ फिरने के लिये तैयार था, जो उनकी आखों ने देखा था उनके षोक के लिये। वो तरस के साथ चले... उनके सामने जो तडपनेवाले थे उनके लिये... अगर आप मसीह के पूरे चरित्र को जमा करो... यह षायद एक वाक्य मे जमा हो सकता है, ‘उसको लोगो पर तरस आया'” (सी. एच. स्पर्जन, “यीषु की तरस”, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1979 की प्रत, भाग LX, पृश्ठ. 613; पाठ, मीत 9:36)।

मै सौचता हूँ की मुझे पता है कारण वहाँ पर गं्रीक भाशा मे “तरस” का वर्णन बनाने के लिये कोई षब्द नहीं था। ग्रेको-रोमन (Greco - Roman) विष्व को इस तरह के षब्द की आवष्यकता नहीं थी क्योंकि ये वह भावना महसूस नही करते थे। यह सभ्यता थी जो २द्यहीन क्रूरता मे नश्ट हो गई थी। प्रेरितो पौलुस इस अषिश्ट लोगो का वर्णन इस प्रकार करते है “निर्बुद्धि, प्रेेम न करनेवाला, विष्वासघाती (अक्षम्य), मयारहित (तरस बिना का)” (रोमियो 1:31)। प्रेम न करनेवाला, अक्षम्य, दयारहित और तरस बिना का - जो पहली सदी के ग्रेको-रोमन विष्व मे संग्रह करता है। डो. चार्ल्स होडझ ने कहा “ये चित्रित तसवीर के प्रकार काला, यह इतना भी काला नही जो सबसे ज्यादा प्रसिध्ध ग्रीक और लेटीन लेखक द्वारा दिया गया था, उनके अपने वतन के लोगो (पहली सदी मे) को प्राचीन लेखको से भाश्यकारने पुस्तक के अंष के भयजनक व्यूह रचना जमा की थी, जे प्रेरितो द्वारा (रोमियो 1) दिये गये हिसाब से ज्यादा सहारा देती है” (चार्ल्स होडझ, पीएच. डी., ए कोमेन्ट्री ओन रोमन्स, ध बेनर ओफ द ट्रुथ ट्रस्ट, 1997 की प्रत, पृश्ठ.43; रोमियो 1:29-31 पर टीप्पणी)।

इस छोटे धार्मिक प्रवचन में मैं सिर्फ रोमी लोगो की क्रूरता याद करा सकता हूँ, और कोलीष्युम मे उनकी लहूभरी क्रूरता, जहाँ लोग षराब पीकर, मतवाले बनकर, चील्ला रहे थे जब तलवार चलानेवाले और छोटे बच्चे भी; टूकडो मे काटे गये जंगली भालु और ष्ोर द्वारा। मैं आपको सिर्फ याद करा सकता हूँ कि ये सामान्य अभ्यास था इन मूर्तिपूजक लोगो के लिये नवजात बच्चो को “खुल्ला” करना, हजारो अनचाहे बच्चो को खेत और जंगल मे मरने के लिये छोड देना; गर्भपात के असभ्य तरीको मे।

परन्तु जब मसीह आये उनके अनुकरण करनेवालोने बहुतो को बचाया जो क्रूरता मे रहे थे जिसका उन्होने मल्लभूमि मे अनुभव किया था। और यह सामान्य था उन मसीहीयों के लिये खेत और जंगल मे जाकर रोते हुए बच्चो को छुडाना, जो वहाँ मरने के लिये छोडे गये थे। इन पहले के मसीहीयो की तरस पहली सदी के ग्रेको-रोमन संसार मे नयी चीज थी। और यह एक बडा लक्षण था नये धर्म का जिसने दस हजार लोगो को कलीसिया मे खींचा। उस पहले के मसीहीने स्वयं यीषु से सीखा था तरस रखना! अब मैं हमारे पाठ से आत्मा जीतने पर दो मुददे दूंगा,

“जब उसने भीड़ को देखा तो, उसको लोगों पर तरस आया” (मती 9:36)।

I. पहला, आत्मा को जीतनेवाला बनने आपको महसूस करना ही चाहिये जो यीषु ने महसूस किया था।

“अच्छा”, कोई कहता है, “वे यीषु थे। मैं यीषु नही हूँ।” मैं जानता हूँ की आप यीषु नही हो। परन्तु मैं ये भी जानता हूँ, अगर आप सच्ची तरह से परिवर्तित हो, आपको उन्हे अपने आदर्ष की तरह मानना चाहिये, क्योंकि वे आये, “एक आदर्ष दे गया है कि तुम भी उसके पद-चिन्हों पर चलो” (1 पतरस 2:21)। मसीह हमारे द्रश्टांत है। प्रेरितो पौलुस ने कहा, “जैसा मसीह यीषु का स्वभाव था वैसा हो तुम्हारा भी स्वभाव हो” (फिलिप्पियों 2:5)। हमे सोचने और महसूस करने के लिये प्रयत्न करने चाहिये जैसे यीषु ने किया,

“जब उसने भीड़ को देखा तो, उसको लोगों पर तरस आया”
    (मती 9:36)।

हम खोये हुओ के प्रति उनकी सहानुभूति और दया, यीषु की तरस के बारे मे सामान्य अवलोकनवाले सुसमाचार मे बार-बार पढ़ते है।

“और उसने निकलकर एक बड़ी भीड देखी और उनपर तरस खाया...” (मती 14:14)।

“यीषु ने अपने चेलों को बुलाया और कहा, मुझे इस भीड़ पर तरस आता है...” (मती 15:32)।

“यीषु ने तरस खाकर...” (मती 20:34)।

“उसने उस पर तरस खाकर हाथ बढा़या....” (मरकुस 1:41)।

“और उसने उतर कर बड़ी भीड देखी, और उन पर तरस खाया...” (मरकुस 6:34)।

“मुझे इस भीड पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ है, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं”
   (मरकुस 8:2)।

“और उसे देख कर प्रभु को तरस आया, और उससे कहा, मत रो” (लूका 7:13)।

जब मैं तेरह वर्श का था हालातो ने मेरे लिये मेरी प्रिय माता के साथ और ज्यादा रहाना नामुमकीन कर दिया था। अनिच्छा से मेरे अंकल ने मुझे उनके घर मे रहने दिया। परन्तु मैंने वहाँ स्वागत महसूस नही किया। और भी, घर पूरा लडाई और वाद-विवाद से भरा था। इसलिये षाला के बाद, दोपहर मे, मैं पीछले द्वारा से जाता था घर के पीछे चलकर, चहारदिवारी पर चढ़कर और फिर डॉ. और श्रीमती मेकगोवन हमारे पडोषी, के बेटे के साथ खेलता था। जैसे सूर्य अस्त होने लगता था, माइक और मैं घर के अंदर टी.वी. देखने जाते थे। बहुत बार श्रीमती मेकगोवन कहती थी, “रोबर्ट, तुम हमारे साथ रात का खाना क्यों नही खाते?” अनगिनत बार मैंने उनके साथ उनकी रसोई मे खाना खाया था। एक दोपहर श्रीमती मेकगोवनने कहा, “रोबर्ट, क्या तुम हमारे साथ आज रात पुनःजीवन की सभा मे जाना प्रसंद करोगे?” मैंने कहा, “जरूर” और उस षाम उनके साथ केलीफोर्नीया के हन्टींगटन पार्क के पहले बेपटीस्ट कलीसिया मे गया। उसके बाद मैं हर रविवार उनके साथ गया। मैं कुछ वर्शो तक बचाया नही गया था, परन्तु मैंने उनके साथ कलीसिया जाना जारी रखा।

पीछले रविवार मैंने वो कहानी बतायी। बाद मे मैने श्रीमान ग्रीफिथ से कहा की मै आज 57 वर्श के बाद याजक नही होता, अगर श्रीमती मेकगोवन ने मुझे खाना खिलाकर यह नही कहा होता, “रोबर्ट, क्या तुम हमारे साथ आज रात पुनः जीवन की सभा मे जाना पसंद करोगे?” फिर मैने श्रीमान केरोन से कहा, “हमारे इस कलीसिया मे कोई भी नही होता!” डो. और श्रीमती मेकगोवन को जो तरस थी अकेले, खोये हुए तेरह साल के लड़के के लिये, परिणाम दो कलीसिया मे षुरू हुआ, बहुत से लोग बचाये गये, और यह धार्मिक प्रवचन विष्व के हजारो लोगों तक 14 भाशाओ मे दिया जाता है, इन्टरनेट पर।

“जब उसने भीड़ को देखा तो, उसको लोगों पर तरस आया”
    (मती 9:36)।

“मुझे आषिर्वाद करें!” इसे गाओ!

मुझे आषिर्वाद करे, मुझे आषिर्वाद करे,
    मेरे जीवन मे षायद यीषु चमक;
मुझे आषिर्वाद करे, ओ उद्धारक,
    मैं प्रार्थना करता हूँ,
मुझे आषिर्वाद करें किसीको आज।
      (“मुझे आषिर्वाद करे” इरा. बी. वील्सन द्वारा, 1880-1950)।

आत्मा जीतनेवालो को जरूर महसूस करना ही चाहिये जो यीषु ने महसूस किया था। अगर आपको तरस, सहानुभूति, या दया महसूस नही होती खोये हुए व्यक्ति के लिये, तो आपके पास बहुत थोडा मौका है की आप उनको जीत सको।

II. दूसरा, आत्मा जीतनेवाला बनने आपको वो करना चाहिए जो यीषु ने किया।

यीषु को खोये हुओ के लिये सिर्फ तरस महसूस नही हुई-उन्होने इसके बारे में कुछ किया! चेलोने यीषु को सामरिया मे याकूब के कुअे के पास छोडा जब वे खाना खरीदने गये। जब वे लौटकर आये तो यीषु सामरिया के लोग जो परिवर्तित हो गये थे उनसे घिरे हुए थे। चेलो ने यीषु को रूकाकर खाना खिलाने की कोषिश की। यीषु ने कहा वे खाना खा चुके,

“मेरा भोजन यह है कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूँ और उसका काम पूरा करूँ। क्या तुम नहीं कहते, कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े है? देखो, मैं तुम से कहता हुँ, अपनी आँखे उठाकर खेतों पर दृश्टि डालो कि वे कटनी केे लिये पक चुके है” (यूहन्ना 4:34-35)।

जब मै 17 वर्श का था परमेष्वरने मुझे सुसमाचार प्रचार करने बुलाया। उन्होने मुझे हन्टींगटन पार्क के कलीसिया मे प्रचार देने का परवाना दिया। मैंने तब से ही प्रचार देना षुरू किया, परन्तु मैं अभी भी खोया हुआ था। मै याद किये हुए सुसमाचार प्रचार करता था, परन्तु मै मसीह को जानता नहीं था। प्रभु ने मुझे प्रचार करने बुलाया मेरे बचाये जाने से पहले! मै मेरी माता के साथ लोस एंजलिस के एको पार्क परिसर में वापस गया।

मैंने हडसन टेलर, चीन के बडे मार्गदर्षक धर्मप्रचारक के बारे मे छोटी किताब पढ़ी। मैंने महसूस किया कि मुझे चीनी लोगो के लिये धर्मप्रचारक बनना चाहिये। मैं 1961 मे लोस एंजलिस के पहले बपतीस कलीसिया मे जुड़ गया। मैं 19 वर्श का था। मैंने यह सिध्ध नहीं किया, परन्तु मैं अभी भी अपरिवर्तित था। वहाँ पर बहुत कम युवा लोग थे मेरी उम्र के उस समय कलीसिया मे। फिर वह बहुत छोटा कलीसिया था, डो. टीमोथी लीन के याजक बनने से पहले। परन्तु मर्फी और लोर्ना लुम, कलीसिया में युवा युगल ने मुझे वहाँ स्वागत महसूस कराया। वे मुझे षाम की सभा के बाद श्रीमान जेने वील्कर्सन के साथ खाना खाने बाहर ले गये। वे मुझे अपने घर ले गये। गिरावट मे मैं बायोला महाविद्यालय (अब विष्वविद्यालय) मे गया। मर्फी, टेबलोट धार्मिक पाठषाला बायलो के साथ जुटा हुआ, मे वर्ग लेते थे। सुबह मैं मर्फी लुम के बाजु मे बैठा था, मैं बचाया गया, 28 सीतंबर, 1961 को।

जैसे मैं आधी सदी के पीछे देखता हुँ, मैं सिध्ध करता हुँ कि मैं मसीही नही होता या याजक नही होता अगर डो. और श्रीमती लुम को मेरे लिये तरस नही होती। उन्होने पूरी चिन्ता की मेरी आत्मा को मदद करने जबतक मैं मसीह मे अकेले खडे रहने के लिये सक्षम नहीं था। मैं कह सकता हुँ मेरे बडे द्रढ विष्वास के साथ कि उन चार लोगोने मेरी आत्मा जीती मसीह के लिये। वे मुझे जल्दी से “पापीयो की प्रार्थना” कहने और मुझे जाने के लिये नहीं लाये। नही, उन्होने उससे बहुत ज्यादा किया! उन्होने मेरी आत्मा के लिये चिन्ता की! उन्होने मेरी आत्मा जीती, उनकी तरस अकेले, खोये हुए कुमार के द्वारा। यह “जीवन जीवन जीने के तरीके” का सुसमाचार प्रचार नही है। नही! वो मसीह की तरस का सुसमाचार प्रचार है! वे मुझ से अच्छे थे और उन्होने मुझे सहाय की थी कलीसिया मे रहने हर रविवार सुसमाचार प्रचार सुनने के लिये। मैं आषा करता हूँ आप भी खोये हुए युवा लोग जो हमारी कलीसिया मे आते है उनके साथ वही करेंगे।

“जब उसने भीड़ को देखा तो, उसको लोगों पर तरस आया”
    (मती 9:36)।

“मुझे आषिर्वाद करें!” इसे गाओ!

मुझे आषिर्वाद करे, मुझे आषिर्वाद करे,
    मेरे जीवन मे षायद यीषु चमक;
मुझे आषिर्वाद करे, ओ उद्धारक,
    मैं प्रार्थना करता हूँ,
मुझे आषिर्वाद करें किसीको आज।

डो. जोन. आर. राईस ने कहा,

     स्वाभाविक्ता से जरूरत है खोये हुओ के लिये तरस... प्रभु यीशु का परम बलिदान, उनका मरता हुआ प्रेम, हमारे मन को पीघलाने उचित है। उद्धारकने कैसे स्वर्ग छोडा, उनकी दीनता, उनकी नम्रता, उनका विश्वासघात, उनका लहूभरा पसीना गतसमनी मे, उनकी क्रूस पर मरती हुई पीडा की कहानी ऐसे द्रश्टांत है जो आत्मा की गहरी चाल के बिना सच्ची तरह परीक्षण नही कर सकते। कैसी प्यार, धन्यता, पवित्र समर्पण, भव्य सेवा की बाढ़ वे जागृत करते है सच्चे विष्वासु मे!...

     हम बहुत बार सुनते है खोये हुए पापीयो द्वारा कहां हुआ, “वहाँ पर कलीसिया मे बहुत पाखण्डी है।” अच्छा, मैं माफी चाहता हूँ ये कहते हुए कि मुझे डर है वे सही है। कोई संदेह नही की वहाँ पर बहुत से पाखण्डी है कलीसिया मे। बारह प्रेरितो मे से एक पाखण्डी था... क्या आप जानते हो एक चीज, दुसरी कोई भी चीज से ज्यादा मसीही को पाखण्डी की तरह बताता है?... मैं मानता हूँ कि बचाये बिना के लोग जानते है जो वे पूरी तरह समजते नही, नाही षब्दो मे रखते है, कि अगर मसीही उचित है जो उसे होना चाहिये... वे अलग नही हो सकते ऐसी पवित्र बात के लिये जैसे पाखण्डी की मुक्ति के लिये। मैं सोचता हूँ कि खोये हुए पापी हर जगह जानते है की अगर वहाँ पर पाने के लिये स्वर्ग है और अधोलोक दूर रखने; अगर मृत्यु और अनतंता और मुक्ति और अधोलोक की यातना विशय है, ऐसे परिमाण का जैसे मसीह षिक्षक का सुसमाचार, फिर निष्चित फिर से जन्मा हुआ प्रभु का बालक... कुछ भी किंमत अदा करेंगे गरीब, षापित पापीयों को अधोलोक से बाहर रखने! (जोन आर. राईस, डी.डी., ध गोल्डन पाथ ओफ सकसेसफुल पसर्नल सोल वीनींग, स्वोर्ड ओफ ध लोर्ड प्रकाषन, 1961, पृपृश्ठ. 123, 124, 125)।

आत्मा जीतने की तरस मे उपेक्षा करना कलीसिया सदस्य को संसार की दृश्टि मे पाखण्डी साबित करता है। लोग समजते है, “अगर ये कलीसिया के लोग हकीकत मे मानते है जो वे कहते है, वे दूसरो के मसीही बनने मेे ज्यादा मदद करते थे।” आप जानते हो वे यह सोचते है! चलिये इस तिरस्कार को हटा दे खोयी हुई भीड़ से प्यार और चिन्ता द्वारा जो हमारे कलीसिया मे हर रविवार को आते है!

अगर आप को चाहिये कि आप अपने आपको फिर से समर्पित करो इस पवित्र कार्य के लिये, महेरबानी करके आओ और यहाँ तख्त के सामने घुटनो के बल बैठो। हम परमेष्वर से प्रार्थना करेंगे कि वे आपको खोये हुए लोग जिसे हम कलीसिया मे लाते है, उनके लिये तरस दे। (प्रार्थना)। “मुझे आषिर्वाद करे।” जैसे आप अपनी बैठक पर जाते हो, इस गाने को गाइये।

मुझे आषिर्वाद करे, मुझे आषिर्वाद करे,
   मेरे जीवन मे षायद यीषु चमक;
मुझे आषिर्वाद करे, ओ उद्धारक,
    मैं प्रार्थना करता हूँ,
मुझे आषिर्वाद करें किसीको आज।

मुझे यह सभा समाप्त नही करनी चाहिए कुछ शब्द कहे बिना जो अब तक खोये हुए है उनको। बाईबल कहता है, ‘‘परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परन्तु अनंत जीवन पाए'' (यूहन्ना 3:16)। यह हमारी प्रार्थना है जिसमे आप पाप से फिरोगे और सीधे यीशु मसीह के पास आयेंगे। वे अब बैठे है स्वर्ग में प्रभु के दाहिने हाथ पर। उनके पास विश्वास से आओ ! वे आपको आपके पाप से शुध्ध करेंगे उनके बहुमूल्य लहू द्वारा, और आपको अनंत जीवन देगे। आमीन।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्र षास्त्र : मती 9 : 35-38।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेजामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
“मै यहाँ हॅूं” (डो. जोन आर. राईस द्वारा, 1895-1980)।


रूपरेखा

आत्मा जीतने की तरस

डो.आर.एल.हायर्मस, जुनि. द्वारा

“जब उसने भीड को देखा तो, उसको लोगो पर तरस आया”
(मती 9 : 36)।

(रोमियो 1 : 31)

I. पहला, आत्मा को जीतनेवाला बनने आपको महसूस करना ही चाहिये जो यीशु ने मीहसूस किया था, 1 पतरस 2:21; फिलिप्पियों 2:5;
मती 14:14; 15:32; 20:34; मरकुस 1:41; 6:34; 8:2; लूका 7:13।

II. दूसरा, आत्मा जीतनेवाला बनने आपको वो करना चाहिये जो यीशु ने किया, युहन्ना 4:34-35;3:16।