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सच्चे परिवर्तित का फल!

THE FRUIT OF A REAL CONVERT

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में षनिवार षाम, 21 अगस्त 2010
को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Saturday Evening, August 21, 2010

‘‘और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते है : कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा’’ (मरकुस 4:20)।


‘‘बोनेवाला वचन बोता है’’ (मरकुस 4:14)। ये मसीह का निर्देष करता है उनकी सांसारिक सेवा के दौरान, और अब उनको, जो उनके वचन (रोमियों 10:14) का प्रचार करते है। ‘‘बोना’’ निर्देष करता है प्रभु के वचन के प्रचार और खासकरके यीषु के जीवित वचन सुसमाचार प्रचार को, ‘‘वचन देहधारी हुआ, और हमारे बीच में डेरा किया’’ (यूहन्ना 1:14)। अब वहाँ पर चार प्रतिवचन है मसीह के सुसमाचार प्रचार का।

।. पहला, वे जिसका वचन षैतान द्वारा तुरंत ही ले लिया गया।

‘‘और जो मार्ग के किनारे के हैं जहाँ वचन बोया जाता है, ये वे हैं कि जब उन्होंने सुना, तो षैतान तुरन्त आकर वचन को जो उनमें बोया गया था, उठा ले जाता है’’ (मरकुस 4:15)।

इस प्रकार के लोग प्रचार के द्वारा स्थिर और परेषान नहीं किये गये है। वो तटस्थ और अपना स्वार्थ न रखनेवाला है। षैतान ‘‘तुरन्त’’ वचन उठा लेता है जो उसके मनमें बोया गया था। फिर वो चला जाता है और हम उसे फिर से कभी नहीं देखते।

॥. दूसरा, वे जो थोडे ही दिनों के लिये द्रढ है, परन्तु असंतुश्ट और गिरते है जब परेषानी होती है।

‘‘और वैसे ही जो पथरीली भूमि पर बोए जाते है, ये वे हैं जो वचन को सुनकर तुरन्त आनन्द से ग्रहण कर लेते हैं। परन्तु अपने भीतर जड़ न रखने के कारण वे थोडे़ ही दिनों के लिये रहते है, इसके बाद जब वचन के कारण उन पर क्लेष या उपद्रव होता है, तो वे तुरन्त ठोकर खाते हैं’’ (मरकुस 4:16-17)।

वे आनंद से वचन ग्रहण कर लेते है (‘‘आनन्द से’’ लूका 8:13)। मैं सोचता हूँ वीलीयम मेकडोनाल्ड सच्चे थे जब उन्होंने कहा, ‘‘ये ज्यादा अच्छा होता अगर वो इसे गहराई से ग्रहण करे ... पष्चाताप ... परन्तु यह सिर्फ मानसिक स्वीकृति है’’, भावना (वीलीयम मेकडोनाल्ड, बीलीवर्स बाइबल कोमेन्ट्री, थोमस नेल्सन प्रकाषक, 1995 की प्रत, पृश्ठ. 1330; मरकुस 4:16-17 पर टीप्पणी)। जब वो परेषानी या ‘‘बाधा’’ का अनुभव करते है जतानेवाले मसीह के लिये वो ‘‘असंतुश्ट’’ है। लूका और कहते है, ‘‘जो थोडी देर तक विष्वास रखते है (सिर्फ मानसिकरूप से) और परीक्षा के समय बहक जाते है।’’ ‘‘बहक जाते है’’ का रेइनकर के अनुसार अर्थ है ‘‘चले जाना, खींच लेना’’ (फ्रीटझ रेइनकर, ए लीन्गीस्टीक की टु ध ग्रीक न्यु टेस्टामेन्ट, झोन्डरवन प्रकाषन घर, 1980 की प्रत, पृश्ठ. 161 : लूका 8:14 पर टीप्पणी)। वे ‘‘चले जाते, खींच लिये जाते’’ है स्थानीय कलीसिया से। वे षायद दूसरे किसी कलीसिया में जाए कुछ दिनों के लिये उनके अंतःमन को बचाने, परन्तु वे ज्यादा समय तक वहाँ नहीं रहेंगे क्योंकि वे ‘‘अपने भीतर जड न रखते है’’ (मरकुस 4:17), वो है, वे अपरिवर्तित है; वे कभी भी ‘‘उसी में जड़ पकडते और बढ़ते है’’ (कुलुस्सियों 2:7)।

अगर वे मसीही माता पिता द्वारा कलीसिया में लाये गये थे, वे षायद वहाँ रहे तब तक जब तक उनके माता पिता उनकी सारी चीजों के लिये चुकाते है, परन्तु बाद में जब वे उन पर निर्भर नहीं होते, वे ‘‘चले जाते’’ है जब चीजें उनके लिये थोडी भी कठिन होती है।

उन सब के साथ जो इस परिस्थिति में है कहा जा सकता है, ‘‘वो मसीही होने का दावा करता है जब तक ऐसा करना मषहूर होता है, परन्तु बाधा उनकी सच्चाई खोल देती है’’ (वीलीयम मेकडोनाल्ड, ibid., मरकुस 4:17 पर टिप्पणी)। हमारे याजक डो. केगनने कहा कि इस प्रकार के लोग ‘‘सुसमाचार के वचनों के साथ सहमत होंगे, और मुस्कुराएगें - और फिर वहीं जायेंगे जहाँ वे पहले थे। वे इस में से सच्चाई ग्रहण नहीं कर पायेंगे, या इस प्रकार उनके जीवन नहीं जीयेंगे।’’

॥।. तीसरा, वे जो इस संसार की परवाह और उनकी ज्यादा पैसा कमाने की चाह के द्वारा रोके गये है।

इसे जोर से पढ़ीये।

‘‘और जो झाडियों में बोए गए ये वे हैं जिन्होंने वचन सुना, और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और अन्य वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निश्फल रह जाता है।’’ (मरकुस 4:18-19)।

वीलीयम मेकडोनाल्डने कहा, ‘‘ये लोग आषाजनक षुरूआत भी करते है। सारे बाहरी दिखावट को, वे सच्चे माननेवाले लगते है। परन्तु फिर वे पहिले से व्यवसाय के साथ लीन हो जाते है, सांसारिक चिंताओं के साथ, धनवान बनने की इच्छा में। वे आध्यात्मिक चीजों से रूचि खो देते है, जबतक आखिरकार वे मसीही होने का दावा त्याग देते है’’ (मेकडोनाल्ड, ibid; मरकुस 4:18-19 पर टीप्पणी)।

डो. मेकगीने कहा, ‘‘वे माननेवाले है ही नहीं! उन्होंने वचन सुने और इसे पाने सिर्फ स्वीकृत होते है’’ (जे. वेरनोन मेकगी, टीएच.डी., थ्रु ध बाइबल, थोमस नेल्सन प्रकाषन, 1983, भाग 4, पृश्ठ 73; मती 13:22 पर टीप्पणी)। जीवन स्वयं दिखाता है कि इस प्रकार के लोग कभी भी परिवर्तित नहीं होते। कई बार बच्चे मसीही घर में बडे होते है वे परिवर्तित दिखते है। परन्तु जब वे ‘‘अपने आप पर’’ है, वे अपने तरीको से चुकाते है क्योंकि अब उनके पास नौकरी है, और वे अब और ज्यादा उनके मसीही माता पिता पर अवलंबित नहीं है, ‘‘इस संसार की परवाह’’ और पैसा बनाने की इच्छा, ‘‘वचन को दबा देती है’’, और जैसे डो. मेकगीने कहा, यह दिखाता है कि ‘‘वे माननेवाले कभी भी नहीं है!’’ (ibid, मती 13:22 पर टीप्पणी)। उन्हें सुसमाचार के वचन की जानकारी थी, परन्तु जीवन की परीक्षा और इच्छा उच्चतर चरित्र, ज्यादा और ज्यादा पैसो के साथ, ‘‘वचन को दबा देता है’’, दिखाते है कि वे कभी भी सच्ची तरह परिवर्तित नहीं थे।

IV. चौथा, वे जो सच्ची तरह से परिवर्तित है।

‘‘और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते है : कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा’’ (मरकुस 4:20)।

‘‘और जो अच्छी भूमि में बोए गए।’’ वो ‘‘अच्छी भूमि’’ क्या है? लूका और कहता है कि ये वे है जो वचन ‘‘भले और उत्तम मन में’’ (लूका 8:15) सुनते और ग्रहण करते है। डो. मेकगी ने कहा, ‘‘ये सुननेवाले है जो सत्यता से परिवर्तित है’’ (जे. वेरनोन मेकगी, टीएच.डी. ibid, भाग 4, पृश्ठ 281, लूका 8:15 पर टीप्पणी)।

परिवर्तित होने से पहले किसी के भी पास ‘‘भला और उत्तम मन’’ नहीं होता। भविश्यवक्ता यिर्मयाह ने कहा, ‘‘मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देनेवाला होता है’’ (यिर्मयाह 17:9)। डो. गीलने कहा, ‘‘ भला और उत्तम मन; जो किसी भी आदमी के पास स्वाभाविकरूप से नहीं होता; नाही कोई आदमी उसके मन को ऐसा बना सकता है : वो प्रभु का काम है, और वो उनके समर्थ अनुग्रह के कारण होते है ... यह नया और सच्चा मन है ... ताकि वो जो वचन सुनता, समझता और ग्रहण करता है, ऐसे सुननेवालो के द्वारा आगे लाया गया है, वो अनुग्रह और धार्मिकता का सच्चा फल है, और ये सारा मसीह की ओर से है आत्मा के प्रभाव के अधीन ... और प्रभु की भव्यता परिणाम देते है; और चाहे सब में समान मात्रा में आगे न आए, फिर भी ये समान गुणवत्ता का है; और ये आगे लाया गया है, जैसे लूका कहता है, धीरज के साथ और स्थिर, और निरन्तर ... और अंत तक ऐसा रहता है’’ (जोन गील, डी.डी., एन एक्सपोझीसन अॉफ ध न्यु टेस्टामेंट, ध बेप्टीस्ट स्टान्डर्ड बेरर, 1989 में फिर से छपा हुआ, भाग 1, पृपृश्ठ. 147-148; मती 13:23 पर टीप्पणी)।

इस प्रकार, हम मानते है कि व्यक्ति जो सच्ची तरह परिवर्तित है उसने मन को बदला है, या जैसे रीचर्ड बाक्सटर ने कहा, ‘‘स्नेह का बदलाव।’’ प्रभु ने भविश्यवक्ता यहेजकेल के द्वारा कहा,

‘‘मैं तुम को नया मन दूँगा, और तुम्हारी भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूँगा, और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकालकर तुम को मांस का हृदय दूँगा। मैं अपना आत्मा तुम्हारे भीतर देकर ऐसा करूँगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मानकर उनके अनुसार करोगे’’ (यहेजकेल 36:26-27)।

जब कोई आदमी सच्ची तरह से परिवर्तित होता है, वो ‘‘फल लाते है’’ (मरकुस 4:20)। ये मन का बदलाव समावेष करता है ‘‘आत्मा के फल का’’,

‘‘पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, षान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विष्वास, नम्रता, और संयम है; ऐसे ऐसे काम के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। और जो मसीह यीषु के है; उन्होंने षरीर को उसकी लालसाओं और अभिलाशाओं समेत क्रूस पर चढा दिया है’’ (गलातियों 5:22-24)।

मन का यह बदलाव डो. जोन. आर. राइसने जो कहा ‘‘मसीही का फल’’ - खोयी हुई आत्माओं को मसीह के पास लाने के फल का भी समावेष करते है (देखिये जोन. आर. राइस., डी.डी., ए वर्स - बाय-वर्स कोमेन्ट्री ओन ध गोसपल अॉफ जोन : ध सन अॉफ गोड, र्स्वोड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषक, 1976 की प्रत, पृपृश्ठ. 294 - 300)। यीषु ने कहा,

‘‘मेरे पिता की महिमा इसी से होती है कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे’’ (यूहन्ना 15:8)।

हम मानते है कि डो. राइस सच्चे थे, कि सच्चे चेले ‘‘बहुत सा फल लाओ’’ (यूहन्ना 15:8)। यीषु ने बात की फल को जमा करने की,

‘‘क्या तुम नहीं कहते, कटनी होने में अब भी चार महिने पडे है? देखो, मैं तुम से कहता हूँ, अपनी आँखे उठाकर खेतों पर दृश्टि डालो कि वे कटनी के लिये पक चुके है। काटनेवाला मजदूरी पाता और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें’’ (यूहन्ना 4:35-36)।

और वो आत्माओं का फल मसीह के पास लाया गया जो कहा जाता है ‘‘श्रेश्ठ आज्ञा’’ (The Great Commission),

‘‘इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ : और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ’’ (मती 28:19-20)।

‘‘और स्वामी ने दास से कहा, सडकों पर और बाडों की ओर जा और लोगों को विवष करके ले आ ताकि मेरा घर भर जाए’’ (लूका 14:23)।

आदमी जो सच्ची तरह से परिवर्तित है उनको नया स्वभाव होगा, नया स्वभाव जो गहराई से इच्छा करता है ना सिर्फ ‘‘वचन सुनकर ग्रहण करना’’ - परन्तु ‘‘फल लाना’’ (मरकुस 4:20) भी है। सच्चे परिवर्तित के पास होंगी नयी चिन्ता खोये हुओं के लिये, नया उत्साह सुसमाचार प्रचार में, नयी चिन्ता प्रार्थना में खोये हुओं के लिये, नयी इच्छा खोये हुओं का कलीसिया में स्वागत करने की और नया स्कुरण (Thrill) जब भी खोयी हुई आत्मा परिवर्तित होती है।

‘‘और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते है : कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा’’ (मरकुस 4:20)।

‘‘धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुश्य लोगों के मन को मोह लेता है’’ (नीतिवचन 11:30)।

मेहरबानी करके खडे रहीये और गाइये, सुसमाचार प्रचार कर! सुसमाचार प्रचार कर! डो. ओस्वाल्ड जे. स्मीथ द्वारा।

हमें घंटे के लिये सांकेतिक षब्द दो,
   रोमांचकारी षब्द, षक्ति का षब्द,
युद्ध की पुकार, जलती सांसे,
   जो पुकारती है विजय या मृत्यु को।
षब्द कलीसिया को आराम से उठाने,
   स्वामी की मजबूत विनंती को ध्यान देने।
बुलावा दिया गया है, आप यजमान,
   उठो, हमारा सांकेतिक षब्द है,
सुसमाचार प्रचार कर!

आनंदित मसीही मत की धर्म षिक्षा,
   अब घोशित करो, सारे संसार के द्वारा
यीषु के नाम में;
   यह षब्द बज रहा है आसमान से;
सुसमाचार प्रचार कर! सुसमाचार प्रचार कर!
   मरते हुए आदमी, गिरती हुई जाति को
सुसमाचार के अनुग्रह की भेंट को परिचित करता है,
   षब्द जो अब अंधेरे में है,
सुसमाचार प्रचार कर! सुसमाचार प्रचार कर!
(‘‘सुसमाचार प्रचार कर! सुसमाचार प्रचार कर!’’ डो. ओस्वाल्ड जे. स्मीथ के द्वारा षब्द
        1889 - 1986; ‘‘एन्ड केन इट बी?’’ चार्ल्स वेस्ली द्वारा 1707 - 1788 की तर्ज
        पर गाया हुआ)।

अब ‘‘उन्हें अन्दर लाओ’’ का समूहगान गाओ’’।

उन्हें अन्दर लाओ, उन्हें अन्दर लाओ,
   उन्हें अन्दर लाओ, पाप के खेतों से;
उन्हें अन्दर लाओ, उन्हें अन्दर लाओ,
   भटके हुओं को यीषु के पास लाओ।
(‘‘उन्हें अन्दर लाओ’’ एलेक्सकेनाह थोमस द्वारा, 19 वी सदी)।

(संदेश का अंत)
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रूपरेखा

सच्चे परिवर्तित का फल!

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते है : कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा’’ (मरकुस 4:20)।

(मरकुस 4:14; रोमियों 10:14; यूहन्ना 1:14)।

I. पहला, वे जिसका वचन षैतान द्वारा तुरंत ही ले लिया गया, मरकुस 4:15।

II. दूसरा, वे जो थोडे ही दिनों के लिये द्रढ है, परन्तु असंतुश्ट और गिरते
है जब परेषानी होती है, मरकुस 4:16-18; लूका 8:13; कुलुस्सियों 2:7।

III. तीसरा, वे जो इस संसार की परवाह और उनकी ज्यादा पैसा कमाने की
चाह के द्वारा रोके गये है, मरकुस 4:18-19।

IV. चौथा, वे जो सच्ची तरह से परिवर्तित है, मरकुस 4:20; लूका 8:15;
यिर्मयाह 17:9; यहेजकेल 36:26-27; गलातियो 5:22-24;
यूहन्ना 15:8; 4:35-36; मती 28:19-20; लूका 14:23; नीतिवचन 11:30।