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चीन - प्रभु की आत्मा द्वारा मुहर किया हुआ !

CHINA – SEALED BY GOD’S SPIRIT!

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, 25 सितंबर, 2011 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, September 25, 2011

‘‘जब तक हम अपने परमेष्वर के दासों के माथे मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ो को हानि न पहुँचाना” (प्रकाषितवाक्य 7:3)।


बीजींग मे खेला हुआ ओल्मपीक खेल संसार के लाखो लोगों द्वारा टेलीव्हीझन पर देखा गया था। चीन का अर्थतंत्र फैल रहा है, संसार के किसी भी और राश्ट्र से ज्यादा तेजी से। आज रात पूरे विष्व की दृश्टि चीन पर है। परन्तु चीन के बारे मे सबसे आष्चर्ययुक्त चीज है पीछले पच्चीस वर्शो मे मसीहीता का विकास।

डेवीड ऐकमन, टाइम पुस्तिका के बीजींग ब्युरो के भूतपूर्व प्रधान, उनकी किताब यीषु बीजींग में, (रीजनेरी प्रकाषन, आयएनसी., 2003) में कहा,

चीन मसीह धर्म का देष बनने के कार्य मे है। इसका अर्थ ये नही कि सारे चीनी मसीही बन जायेंगे, या उनकी बहुमती होगी। परन्तु मसीही बनने के विकास दर को वर्तमान संख्या में, देष, षहरो और खास करके चीन के अंदरूनी सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थापन मे यह संभव है कि मसीही निर्माण होंगे... चीन की जन संख्या के 30 फीसदी अगले तीन दषको मे (अब बावीस वर्शो मे, जब से किताब लिखी गई 2003 में)... सालाना 7 फीसदी विकास दर के साथ, चीन मे मसीही की संख्या ज्यादातर राश्टा्रे मे मसीही की संख्या को छोटा करती है। जेसे समस्त (दूसरे भागो मे) मसीही प्रगतिषील संसार मे, चीनी मसीही सादृष करते है इक्कीसवी सदी मे कलीसिया के सेना प्रमुख (पहली रेखा) को... चीन का फैलाव ऐषिया और दक्षिण गोलार्ध मे पीछले दो दषको मे संभवतः मसीहीता को असर करेगा विष्वव्यापी श्रेणी मे। यह बहुत अच्छा उजागर किया गया है फिलीप जेन्कीन्स द्वारा उनकी किताब ध नेक्स्ट क्रीस्टेन्डम (The next Christendom) में... यह संभावना मानने योग्य है कि सिर्फ क्रमांकानुसार ही नही, परन्तु मानसिक बुध्धि अनुसार केन्द्र है मसीहीता की आकर्शण षक्ति षायद निष्चित रुप से युरोप और उत्तर अमरिका के बाहर चले जैसे चीन की मसीहीता जारी है और जैसे चीन वैष्विकरूप से सर्वषक्तिमान बन रहा है... क्या इक्कीसवी सदी संसार मे चीन की सदी होगी?... यह किताब का विवाद का विशय होगा की मसीहीता चीन का स्वभाव बदलेगा बहुत प्रकार से अगले कुछ दषको मे, और ऐसा करने मे, विष्व बदल जायेगा जिसमे हम रहते है (डेवीड ऐकमन, यीषु बीजींग में : कैसे मसीहीता चीन को बदल रही है और षक्ति का वैष्विक समतोलन बदल रहा है, रीजनेरी प्रकाषन, आयएनसी., 2003, पृपृश्ठ. 285, 291, 292)।

परन्तु हमें याद कराया जाना आवष्यक है कि बडा पुनः उद्धार जो चीन मे हो रहा है वो आसानी से नहीं आया। दूसरे विष्व युध्ध मे चर्चील के षब्दो का इस्तेमाल, ये सिर्फ आये, “लहू, परिश्रम, आँसू और पसीने” के साथ। चीन मे बडा पुनः उद्धार आया, षेतान के साथ के खूनभरे युध्ध द्वारा जो करीब 100 वार्शो तक चला। मैं आपको कह सकता हुँ 1900 के बोक्सर राजद्रोह के बार में। रीले के. स्मीथ ने कहा,

बोक्सर को मसीही के लिये भ्रश्ट तिरस्कार था... उसने (राजा की चाची या मामी, (आन्ट Aunt), टझु सी Tzu Hsi) को समझाया कि धर्मप्रचारक चीनी आत्माओ को चुराते है और चीनी बच्चो की आँखे खोद कर नीकालते है उनकी औशधि मे इस्तेमाल करने। महारानी की संपत्ति ने “विदेष) ष्वेत दुश्टात्मा” के विरूध्ध मुकदमा किया, और 21 जून, 1900 को खानगी आदेष जारी किया सारे विदेषियो को मार देने का। संहार षुरू हुआ... बोर्क्सस ने षहरो को लूटना षुरू किया... उन्होने कलीसिया की बारी बारी से काम करनेवालो की सूचि को जप्त किया और घर घर जाकर धर्मप्रचारक और चीनी मसीही दोनो को काटने और वध करने लगे... सान्क्षी की राजधानी ताइयुन मे एक बडे खूनी कत्लेआम ने जगह ली। षहर के द्वारा बन्द करने के आदेष के साथ, सारे विदेषी पकडे गये।
      जून 1900 के अंत मे, नीच मनुश्योने ब्रीटीष बेपटीस्ट और षाओ यान्ग मीषन के बाडे मे आग लगायी। धर्मप्रचारक और चीनी मसीही के समुदाय ने बेपटीस्ट लड़को की षाला मे आश्रय लिया आधे माइल की दूरी पर। उनके आने के बाद, एक धर्मप्रचारक, एडीथ कुम्बस ने जाना की उसने षाला की दो चीनी लडकियों को पीछे छोड दिया था। जलती हुई इमारत की ओर दौडकर जाकर, उन्होने लडकियों को बचा लिया, परन्तु वो नीच मनुश्यो द्वारा पकडी गयी और जलती हुई इमारत मे फेंक दी गयी। एडीथ की अंतिम क्रिया थी घुटनो के बल बैठना (प्रार्थर्ना करना) जो उसे खा गयी आग मे...
      सोपींग में... धर्मप्रचारक और चीनी मसीही उनके साथ पकड़े गये, पत्थर मारकर मारे गये, और सिर काटे गये। उनके कटे हुए मस्तक षहर की दिवारो पर टाँगे गये सबको चेतावनी देने के लिये... एक ऐसा धर्मप्रचारक था कार्ल लुन्डबर्ग, जिसने उनके साथी धर्मप्रचारक और उनके बच्चो के साथ मेन्गोलिया भाग जाने का प्रयत्न किया... उसने लिखा, “अगर हम बचने मे असफल हुए, हमारे मित्रो को कहना कि हम जीये और मरे परमेष्वर के लिये। मुझे चीन आने का पस्तावा नही है। प्रभु ने मुझे बुलाया और उनका पूरा अनुग्रह है... मेरी लिखावट के लिये मुझे क्षमा करना, मेरे हाथ काँप रहे है।” वे और दूसरे (जल्द ही) मारे गये।
      चीनी मसीही संहार से बचे नहीं थे। ज्यादातर मसीही को आजादी दी जा सकती थी अगर वे मसीह का त्याग करे तो। कुछ वापस फिरे, बहुतोने नही किया। एक जिसने अस्वीकार किया वो आदमी जाना गया था “विष्वासु” येन, जो उसकी पत्नी के साथ मूर्ति पूजक मंदिर मे खंभे के साथ बांधा गया था... बोर्क्सर्सने दंडे से क्रूरता से उन्हे मारा और फिर उनमे आग जलाने आगे बढा, उनके पाँव जलाये। परन्तु उस युगल ने फिर भी मसीह का त्याग करने से इन्कार किया (आखिरकार) पागलव्यक्ति (बोर्क्सस) ने श्रीमती येन को छोड़ा, परन्तु उनके पति इतने भग्याषाली नही थे। बोर्क्सस ने उसके षरीर को चिता (लकड़े के ढेर) पर फेंका और उसे जालाया (आग पर)। जैसे उसका षरीर ज्वाला मे जलने लगा (एक सैनिकने उसे बचाने का प्रयत्न किया)। वो सैनिक को टूकडो मे काटा गया। अनावष्यक साहस मे कुपित सैनिक ने फिर बोर्क्सस को मंदिर के बाहर खींचा और श्रीमान येन को बचा लिया, जला हुआ परन्तु अभी भी मुष्किल से जीवित, न्यायाधीष के पास, जिसने (श्रीमान येन) को जेलमे फेंका जहाँ... वो मर गया।
      जब आखिरकार संहार रूका, 30,000 से भी ज्यादा चीनी मसीही षहीद हुए थे। ध चायना मार्टायर्स ओफ 1900 मे, रोर्बट कोवेन्ट्री फोरसायथे ने लिखा कि “बोर्क्सस का मनुश्य-संहार ने ज्यादा प्रोटेस्टन्ट षहीद उत्पन्न किये सारे पहले के दषको के चीन के प्रोटेस्टन्ट कलीसिया के इतिहास से... बहुतो से बिना कहे यातना मे तडपे और बहुतो ने स्वधर्म त्याग से मरना पसंद किया” (रीले. के. स्मीथ, चायना : ध बल्ड-स्टेइन्ड ट्रेइल, लीव्हीग सक्रीफाइस बुक कम्पनी, 2008, पृपृश्ठ. 46, 47, 49, 50, 51)।

या मैं आपसे कह सकता हूँ बाधा के बारे मे जो जपान के हठधर्मी द्वारा, जिन्होने बहुत से मसीही को मारा था जब उन्होने चीन पर चढाई की थी दूसरे विष्वयुध्ध के आरंभ में। मेरे भूतपूर्व याजक, डो. तीमोथी लीन, (उनके बारे में पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करे), चीन मे अनाथालय के मुख्य अधिकारी थे। जैसे जपान के लोग समीप आ रहे थे, डो. लीनने अनाथो, उनकी पत्नी, और उनकी बेटी को जमा किया एक नांव मे बचने के लिये। जपान का हवाई जहाज उड़ा और नांव मे बैठे बहुत लोंगो को गोली मार दी, डो. लीन की पत्नी और बेटी को मारते हुए। डो. लीन नांव मे चढने से पहले गिर गये और उनकी गरदन तूट गई, और इस प्रकार वे गोली से बच गये। वे तूटी हुई गरदन के कारण करीब करीब मर गये थे, परन्तु जिवित रहे और अन्त में अमरिका आये, जहाँ वे मेरे याजक और षिक्षक थे चौबीस वर्शो तक। याजक वुर्मब्रान्ड की तरह, डो. लीन जीवित षहीद थे, आदमी जो षहीदी के करीब से जीवित बचा। परन्तु मसीह से बात करने बच गया।

या मै आपसे कह सकता हूँ, चीन मे उन लोगो के बारे मे जो तड़पे और मरे साम्यवादी षासक माओ त्से तुंग के बाधा के अधीन 1966 - 1969 “सांस्कृतिक राज्य - परिवर्तन” के दौरान। परन्तु मैं याजक रीचर्ड वुर्मब्रान्ड को यह करने कहूँगा। मैं याजक रीर्चड वुर्मब्रान्ड को अच्छी तरह जानता हूँ। उन्होने हमारे कलीसिया मे बोला है। वे आदरणीय षोधक थे “षहीदो की आवाज” के। याजक वुर्मब्रान्ड की वेबसाईट पर क्लिक करे www.persecution.com, चीन मे मसीही की तड़प के बारे में पढ़ने के लिये। याजक वुर्मब्रान्ड, भी, जीवित षहीद थे, चौदा साल रूमानिया की साम्यवादी समाधि पडाव मे बिताये। उनमें से तीन वर्श तक वे सताये गये अेकान्त में बन्दी बनाकर, कभी भी आदमी की आवाज तक नहीं सुनी या सूर्य प्रकाष भी नहीं देखा। हम याजक वुर्मब्रान्ड को आपसे कहने देंगे चीनी मसीहीयों की तड़प माओ त्से तुंग के अधीन, “सांस्कृतिक राज्य परिवर्तन” के दौरान। याजक वुर्मब्रान्ड ने कहा,

चीनी (घर कलीसिया) की तड़प सारी मन की कल्पना को बढ़ाती है... डो. डी. रीस, चीन के भूतपूर्व धर्मप्रचारक, हकीकत की खोज करनेवाली सफर से लौटते समय, हमे लिखा, “मेरे सारे चीनी मित्र मारे गये या जेल मे भेजे गये थे। एक को अंधा बनाया गया, दो क्षय के कारण मर गये; और दूसरे, जब वष मे किये गये; अपने मनसे बाहर गये और खण्डन का दस्तखत किया। जब उसका कारण लौटा, उसने खण्डन के दस्तावेज फाड दिये।” परन्तु चीनी कलीसीया हजारो मे विकसीत हो रहे है...
      भारती चिकित्सक कुमान चंदा, उनके पाँव काटे गये और उनकी आँखे निकाली गई थी लाल चीनी की एक जेल मे।
      ऐसी ही एक घटना मे, लेडमीन टाटीस्टषेव, एक रषियन, को पकडा गया (चीन में) षांघहाई मे। चीनी (साम्यवादी) यातना देनेवालेने लोहे की रस्सी उसके पाँव के साथ कील और हथोडे से बाँधी जबतक उसकी हड्डीया तूटी, उनके काल्पनिक जुर्म का स्वीकार करने। जब उसने इन्कार किया, साम्यवादी पुलीस उनके घर गयी। अफसर ने (उसकी) बच्ची को उठाया और माँ से कहा कि, “अगर वो अपने पति के विरूद्ध अपराध पर दस्तखत नहीं करेंगी, तो हम आपकी बच्ची का सिर कुचल देंगे”। माँ ने .... इन्कार किया। फिर पुलिस अफसर, औरत स्वयं ने, दिवार पर पटककर बच्ची का सिर कुचल दिया... और दूसरे साम्यवादी ने माँ को मार डाला।
      रेडियो मोस्को ने कहा, 7 अप्रैल, 1970 को, “दस वर्शों की अवधि मे, 250लाख से भी ज्यादा (मसीही) लोग चीन मे ज़ड से उख़ाडे गये। (दूसरे) लाखो अतिविषाल समाधि पड़ाव मे डाले गये।”
      मोस्को समाचारपत्र क्रास्नाइया झ्वेझ्डा (7 मई, 1969) मे लिखा, “चीनी साम्यवादी संगठन... मे लोगो की आँखो को उबलते पानी और सल्फ्युरिक एसीड से जला दिया, (पाँव) तोडे छोटे चाकु से और खोपडी को पत्थर से मारकर खुल्ला कर दिया और... गंदे षब्दो से।”
      हमारे बहुत से चीनी भाई अब अंघपेन मे टटोलते है या अपने पेट के बल से रेंगते है, उनके (पैर और बाजु) काट दिये गये है। (फिर भी) भूमि के भीतरी भाग में छत्रक (mushroom) की तरह (विकास के साथ) विकसित हो रहे है (याजक रीर्चड वुर्मब्रान्ड, टीएच. डी., व्हेर क्राइस्ट इझ स्टील टोेरर्चड, (जहाँ मसीह को अभी भी यातना ही जाती है), मार्षल्स पेपरबेकस, लंदन, 1982, पृपृश्ठ. 130, 131)।

जब पीछले रविवार रात, चीन मे मसीह की अनकही तड़प और यातना के बारे मे सुनते समय, कोई व्यकित जो हमारी कलीसिया मे आया था उसे कहते हुए सुना, “चीन मे इतने सारे लोग क्यो मसीही बन रहे है इतनी यातना और जेल मे डालने के बावजूद भी?” जवाब हमारे पाठ मे आता है। बडे क्लोष के आने के दौरान प्रभु के र्स्वगदूत कहेंगे,

‘‘जब तक हम अपने परमेष्वर के दासों के माथे मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ो को हानि न पहुँचाना”
   (प्रकाषितवाक्य 7:3)।

यह पद बात करता है 1,44,000 यहूदियों की जो मसीह की ओर फिरेंगे और उनके माथे (उनके मनमे) पवित्र आत्मा द्वारा मुहर लगायी जायेगी। हमें इफिसियो 1:12-13 मे कहा गया है कि “मुहर करना” क्या है,

“हम, जिन्होंने पहले से मसीह पर आषा रखी थी, उसकी महिमा की स्तुति के कारण होः और उसी मे तुुम पर भी, जब तुम ने सत्य का वचन सुना जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है और जिस पर तुम ने विष्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी” (इफिसियों 1:12-13)।

जब कोई व्यक्ति सच्चे परिवर्तन का अनुभव करता है, फिर वो पवित्र आत्मा द्वारा मुहर किया जाता है। जैसे क्लेष मे 1,44,000 यहूदि विष्वासु, वे “हमारे परमेष्वर के दासो के माथे” (प्रकाषितवाक्य 7:3) द्वारा मुहर किये गये है। जब नूह जहाज पर आया महा जल प्रलय से पहले, बाइबल कहता है, “यहोवा ने जहाज का द्वार बन्द कर दिया” (उत्पति 7:16)। नूह का जहाज पर मुहर करना एक तरह से सच्चा परिवर्तन है “प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी” (इफिसियो 1:13)। यहूदी जो क्लेष में परिवर्तित हुए थे वे अपने माथे पर मुहर किए जायेगे, जैसे नूह को मुहर किया गया था पवित्र आत्मा द्वारा जहाज पर। एकबार आप अपने मन मे “बन्द करो” और “मुहर लगा दिये” जाते हो प्रभु की पवित्र आत्मा द्वारा फिर पृथ्वी पर कुछ भी आपको आपकी मुक्ति खोने का कारण नही बन सकता। आप अनंतता तक सुरक्षित हो, “प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप” द्वारा (इफिसियों 1:13)। कितनी भी बाधाएँ, या यातना भी, आपको मसीह से अलग नही कर सकती जब आप “मुहर किए गये” हो आपके “माथे” पर।

यह सिर्फ कुछ भी वही नही है जो यहूदी परिवर्तितों को होगा आने वाले क्लेष मे। ये अभी हो रहा है सेंकड़ो, हजारो को साम्यवादी चीन मे। और ये आपको भी हो सकता है।

मसीह के पास आओ। उन पर विष्वास करो। आपके पूरे मन से उन पर भरोसा करो। जब आप ये करते हो, तो आप फिर से जन्म लेंगे। परमेष्वर आपके मन को मुहर करेगे ताकि ना कोई परेषानी या बाधा, या मुष्किल कभी भी फिर से आपकी मुक्ति ले सके और आप अनंतता के लिये सुरक्षित होगें मसीह यीषु मे, कोई बात नही आपको कुछ भी हो! यही रहस्य है यहूदी षहीदों का क्लेष मे। यही रहस्य है चीनी षहीदो का आज। वे यीषु मे विष्वास करते है और वे अनंतता के लिये बचाये गये है। कोई बात नहीं कि क्या परेषानी और बाधाएँ उनको आती है, वे कभी भी षेतान को नहीं देंगे या संसार मे लौटकर नही जायेंगे।

मसीह क्रूस पर मरे आपको पापो का दण्ड चुकाने। उन्होने उनका लहू बहाया आपको पापो से षुध्ध करने। उनके पास आओ! उन पर विष्वास करो! वे आपको सदा के लिये बचायेंगे, और आप कभी भी खोये हुए नही रहेेंगे। कोई बात नही जीवन मे आप पर कोई भी कोषिश करे, आप कभी भी अपना कलीसिया नही छोडे़गे और मसीह को भी नही छोड़ेगे!

हम प्रार्थना करते है कि प्रभु आपको पाप के अपराध भाव के अधीन लायेंगे। हम प्रार्थना करते है कि प्रभु आपको यीषु तक ले जायेगें। हम प्रार्थना करते है कि आप जल्दी ही फिर से जन्म लोगे, मसीह में प्रभु की षक्ति के द्वारा परिवर्तित होगे! आमिन। आपके गीत के पर्चे का 8 वे गीत पर फिरे, “यीषु, मैंने मेरा क्रूस लिया है,” डो. जोन आर. राइस का सबसे पसंदीदा गीत।

यीषु, मैने मेरा क्रूस लिया है,
   सब छोड़ने और आपका अनुकरण करने;
निराश्रय, तिरस्कृत, त्याग हुआ, तूतू किया हुआ,
   अब से मेरा सब कुछ भी।
हर आसक्त इच्छाओ को नश्ट करो,
   सारी जो मैंने देखी, और आषा की और जानी;
फिर भी, मेरी अवस्था कितनी धनवान है,
   प्रभु और स्वर्ग अभी भी मेरे अपने है!

चाहे संसार मेरी धृणा करे और मुझे छ़ोड दे,
   उन्होने मेरे उद्धारक को भी छोडा था;
इंसानी मन और दृश्टि मुझे धोखा देती है;
   आपका काम ऐसा नही, इंसानो जैसा, जूठा;
और, आप की मुस्कान मुझ पर आती है,
   इच्छा, प्रेम और षक्ति का परमेष्वर,
षत्रु षायद नफरत करे, और मित्र षायद मुझे छोड दे,
    आपका चहेरा दिखाइये, और सब कुछ प्रकाषमान होगा।

इंसान षायद मुझे यातना और पीडा दे,
    यह होगा परन्तु मुझे अपनी छाती तक ले जाइये;
जीवन कठिन परिश्रम के साथ् षायद मुझे दबा देगा,
    स्वर्ग मेरे लिये मीठा आराम लायेगा।
ओ ‘ये षोक मे मुझे नुकसान करना नही है,
   जब आपका प्रेम मुझ पर छोडा हो;
ओ’ जहाँ आनंद मुझे आर्कशित नही करता,
   जहाँ आनंद आपके साथ मिला न हो।
(“यीषु, मैने मेरा क्रूस लिया है” हेन्री. एफ लायटे द्वारा, 1793-1847)।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : इफिसियों
1:5-13।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
(“यीषु, मैने मेरा क्रूस लिया है” हेन्री. एफ लायटे द्वारा, 1793-1847)।