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कलीसिया केन्द्रिंत सुसमाचार!

CHURCH CENTERED EVANGELISM!

डॉ.आर.एल.हायमर्स, जुनि.
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एजंलिस के बेप्टीस टबरनेफल कलीसिया में 25जनवरी,2009 को प्रभुके
दिन की सुबह, को दिंया गया धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Morning, January 25, 2009

“इसिलिये तुम जाओ,सब जातियों के लोगों को चेला बनाओं; और उन्हें पिता,और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हेंं आज्ञा दी है,मानना सिखाओः और देखो,मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संंग हूँ | आमीन!’’ (मती 28:19-20) |


बहुत लोग सोचते है कि सुसमाचार कुछ लोंगों के व्दारा कलीसिया में होना चाहिए, षायद पादरी और सेवक या कोई और खास व्यक्ति | लेकिन नया नियम यह नहीं सिखाता हैं। मती28ः19-20 को श्रेष्ठ उपदेष हर व्यक्ति को हर स्थानिय नये नियम के कलीसिया मे दीये गये! डॉ.डबल्यु.ए.क्रीसवेल ने सच ही कहाँ है,

यीषु के उपदेष हर युग के हर कलीसिया के लिये थे! उपदेष मे जरूरी ाब्द है “ हर जातियों के लोगों को सिखाओ” ज्यादा स्प"टता से कहाँ गया हैं “चेले बनाओं”(डबल्यु.ए.क्रीसवेल, पी.एच.डी घ कीसवेल स्टडीज बाइबल,थोमस नेल्सन, 1979,टीप्पणी मती 28:19-20) |

“यीषु क उपदेष हर कलीसिया के लिये थे| ” कलीसिया के हर व्यक्ति के लिये यीषु का उपदेष है की सुसमाचार का कार्य करें | हर व्यक्ति को बुलाकर और हर जातियों के लोगों को चेला बनाने का उपदेष देकर, जो आपके संपर्क में आते हैं उनको सुसमाचार प्रचार दिजिए | यहीं कारण हैं हम हर-व्यक्ति के सुसमाचार को मानते हैं, हकीकत में हम मानते हैं की हर व्यक्ति, जो अब तक सदस्य नहीं है, वें भी यीषु कें लिये यें जरूरी कार्य में अपने आपको षामिल करें | सुसमाचार अपने कलीसिया के हर कार्यकम के मुख्य में होना चाहिए | इसीलिये हम यीषु के लिये जो भी करते है | उसमें सुसमाचार को सबसे ज्यादा प्राधान्य देते है | कलीसिया के लिये हम जो कार्य करते है उसमे सुसमाचार एक मात्र मुख्य जरूरत हैं | हमारे पास प्रार्थना है,जो हर षनिवार रात को सुसमाचार के बाद किया जाता है | हम हर रविवार दोपहर में सुसमाचार करते है ,सुबह की सभा के पष्चात | हम हर बुधवार और गुरूवार रात को सुसमाचार करते है | जैसे डाँ.क्रीसवेल ने कहाँ है,“यीषु के उपदेष कलीसिया के सभी लोगों के लिए थे|”

“इसलिये तुम जाओ,सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ ; और उन्हेें पिता, और पुत्र,और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो” मती ( 28:19) |

बहुत और लोग सोचते है कि सुसमाचार “ पुस्तिका” बांटना या लोगों को काल्पनिक “पापीयों की प्रार्थना”के लिये लाना है | लेकिन हमें यह जरूर याद रखना चाहिए की हमारा लक्ष्य “निर्णय पाना” नहीं है, लेकिन “चेला बनाना” है | जैसे डाँ.क्रीसवेल ने सच ही कहाँ हैै,“ सभी जातियो के लोगो को सिखाओ |” ज्यादा स्ष्टता से “ चेला बनाओ ” यहीं बताता है की श्रेष्ठ उपदेष स्थानीय कलीसिया केंन्द्रित है | पुस्तिका बांटना और लोगों को “पापीयो की प्रार्थना” कहने के लिये लाना किसी को स्थानीय कलीसिया मे नही लाता है | इस “ लिये ज्यादातर कलीसिया यह रीत छोंड रहे है, क्योंकि यह खास असरकारक नहीें है | लेकिन और भी अच्छा रास्ता है ”! जीसे हम “स्थानीय कलीसिया सुसमाचार”कहेते है | आप बाहर जाकर लोगों के नाम और फोन नंबर लाओ, फिर हमारे कलीसिया के अनुयायी उन्हें फोन करके कलीसिया मे आने के लिये निमंत्रित करेंगे | आप अपनी गाडी लेकर उन्हे लेने जाइयें | जब वे कलीसिया मे आते है, हम उन्हें एक प्रभावषाली संदेष प्रवचन देते है | इस तरह लोगों के दिलो को जीतकर उन्हें चेले में परिवर्तित करते है | यह तरीका कामियाब रहा | दुसरा तरीका कामियाब नही था | आप स्थानीय कलीसिया सुसमाचार की ज्यादा जानकारी के लिए मुझे ई-मेल भी कर सकते है | मेरा ई मेल वेब साईट के पहले पुष्ठ के बायें हाथ की ओर के बटन मे हैं | या फिर आप मुझे फोन कर सकते है (818) 352 -0452 | पीछली कुछ पीढियो मे निर्णायकता का तरीका सिर्फ “निर्णय पाना”था न की लोगों को स्थानीय कलीसिया में लाना | लेकिन जब लोग नहीं “मिलतें” है तो निर्णय “मिलनां” किस काम का? यदी लोगों की मंडली को बढाना है तो उन्हे स्थानीय कलीसिया मे लाकर श्रेष्ठ उपदेष को मानना है | यहीं पर वे परिवर्तित होकर चेले बनेंगें | जो लोग हकीकत मे कभी परिवर्तित नहीं हुए हैं उनके “पीछे भागने” के बजायें हमेंं बाहर जाकर उन्हे स्थानीय कलीसिया में लाना चाहिए | यहाँ ये स्थानीय कलीसिया मे वे संदेष प्रवचन सुनेंगे | यहीं स्थानीय कलीसिया मे वे प्रभु यीषु मसीह के चेले बनेंगे |महेरबानी करके लुका 14:23 देखिये, जहाँ यह एकदम से स्पष्ट किया है | चलिए खडे होकर हम यह जोर से पढते है |

“स्वामी ने दास से कहा, सडको पर और बाडो की और जा और लोगों को विवष करके ले आ , ताकि मेर घर भर जाए” (लुका 14:23) |

आप बैठ सकते है |

यह तरीका है मती 28:19-20 के श्रेष्ठ उपदेष को व्यवहारिक आचरण में लाने का | “हर जातियो के लोगों को सिखाने मैं कहाँ जाउं”? जवाब - राष्टीय मार्गो ओर बाडो में - सडको और गलींयो मे - बाहर “दुनिया” में (मरकुस 16:15 )जब मै खोए हुए लोगों को सुसमाचार दूंं तब मै क्या करूं? जवाब - “उन्हें अन्दर आने के लिए विवष करें ताकि मेरा घर भर जाए”| सरल है! स्थानीय कलीसिया केन्द्रिंत सुसमाचारःउन्हे संदेष सुनने के लिए कलीसिया में लाए उन्हें परिवर्तित करे, और उन्हें यीषु के चेले बनाये|

अब, अध्याय 23 के षुरूआत दो षब्दों पर ध्यान दिजीए और दो षब्द ंंअंत के पास|

“ बाहर जाओ ”
“ अंदर आओ ”

सरल है ! “ बाहर जाओ ” और उन्हे लेकर “ अंदर आओ ” इसी तरह आप हर जातियो के लोगो को सिखाओ ” | इसी तरह आप उन्हे स्थानीय कलसिया के अंदर स्थानिय कलीसिया व्दारा परिवतित करके | चेला बना सकते है |

“बाहर जाओ ” “ उन्हे अंदर आने को विवष करो ” |

I. पहलाए कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार की षुरूआत होती है श्बाहरश् जाने से द्य

हम दुनिया के लागों की अपने आप आने की प्रतीक्षा नही कर सकते | हाँ, मैं मानता हुँं की प्रभु सर्वश्रेश्ठ है | लेकिन सर्वश्रेष्ठ प्रभु अपना कार्य पूरा करने के लिए कुछ जरींया उपयोग करते है | अगर हम कलीसिया जैसे मती 28:19-20 और लुका 14:23 में यीषु की आज्ञा नहीं मानते , तो हमे प्रभु के आषिर्वाद की आषा नही रखनी चाहिए | किसी भी कलीसिया में श्रेष्ठ उपदेष को मानना सफलता की कुंंजी है | हम षायद प्रार्थना करें - और यह भी अच्छा है | हम षायद बाइबल सिखें और सिखाये - और यही भी अच्छा है | हम षायद दिल से प्रभु की प्रार्थना के गीत गाये - यह भी अच्छ है | लेकिन अगर हम “बाहर जाओ”, और “उन्हें अंंदर आने के लिए विवष” ! करने में निष्फल होते है | अगर हम “बाहर जाओ”, और “उन्हें अंंदर आने के लिए विवष” ! करने में नि"फल होते है , तो हम यीषु की अंतिम आज्ञा मानने से नि"फल होंते है हमे बाहर जाना ही है और खोये हुओं को अपने कलीसिया मे लाना ही है | वरना हमने अपने परमेष्वर को नाकाम कीया है , हमने उनकी आज्ञा गंभीरता से नहीं मानी , हमनें उनकी आवाज नहीं मानी ,हम उनकी दी हुई आज्ञा पुरी नही कर रहे है | और इसीलिये , मै अपनी पूरी षक्ति से कहता हूँॅ ,

“बाहर जाओ ”...और लोगो को विवष करके ले आ, ताकि मेरा घर भर जाए’ ( लुका 14:23 ) |

कुछ लोग षायद वृध्ध और अषक्त हो | कुछ षायद बहुत छोटे और बालक हो | लेकिन बडे सदस्य कलीसिया में आये और छाटे बच्चों को देखे - और इस तरह हमारे साथ मिलकर परिश्रम करके और उनको मातापिता को बाहर जाने के लिए स्वतंंत्र करें | ये बडे व्यक्ति जो अब ज्यादा बाहर नहीं जा सकते हर सुसमाचार प्रचार के लिए, वे अपने मातापिता का हाथ पकड कर, जैसे अेराने और हर ने मोझेस का हाथ पकडा | आप मातापिता को उनके बच्चो के साथ आप की जगह जाने के लिए स्वतंत्र करके “लोगों को विवष करके ले आओ,ताकि (प्रभु) का घर भर जाए” के लिए एक महत्तवपुर्ण भूमिका बजा सकते हो ! यह किजीये ! चाहे जो भी हो, आपको कोई भी त्याग करना पडे, सुसमाचार के लिए लोगों को यीषु के कलीसिया में लाने के लिये | आप को अपनी ईच्छा से यह करना है | कलिसीया में सभी लोगों को जो वे कर सकते है वो करना चाहिए ,अपने तरीको से, अपने स्थानीय कलीसिया में यीषु मसीह की आज्ञा को मानने के लिये,और “बाहर जाओ...और लोगों को विवष करके ले आओ|” यह किजीए ! कलसिया मे पुरू"ा और स्त्री, लडका और लडकी सभी को मदद करके साथ मिलकर काम करें, यीषु मसीह को मानने , और “उन्हे विवष करे अंदर आने के लिए ताकि उनका घर भर जाए | ”

आप अपने पूरे जोष और षक्ति से आगे बढीये | यीषु के लिए कदम बढाइये | अपनी षारिरिक और जोष भरी षक्ति को बढाइये, और अपने अस्तव्यस्त जीवन को सुसमाचार के चुंबकीय षुभ प्रवाह के तरफ बढाइये, द्रुड वचन से , किसी भी किंंमत पर , श्रेष्ठ उपदेष को पुरा करेंगे , और “बाहर जाओ - और लोंगों को विवष करके ले आओ ”| कलीसिया में सभी लोगों को सुसमाचार प्रचार के पवित्र कर्तव्य और पावन बुलावा देने के लिए यहीं पहला मुदा है जीस पर हमे जोर देना है | यह बाहर जाने से षुरू होगा | अगर आप बाहर नहीं जाते हो वे अंदर नही आएगें - और प्रभु का घर नही भरेगा |“बाहर जाओ ... और लोगों को विवष करके ले आओ ” | इसकी षुरूआत आपसे होती है अपने मन मै कहीयें, मै यह करूंंगा और चाहे मुझे जो भी परीषानी यां सहेनी पडे| इन सबके बावजुद - मै बाहर जाउंगा | यीषु ने मुझे आदेष दिया है यह करने के लिये, और मैं उनकी आज्ञा मानूंगा मै | “बाहर जाउंगा | ”

अब समय है आत्मा की फसल को लाने | का अगर हम नाकामियाब होते है, हम निराष और पराजीत होंगे | लेकिन अगर हम कामियाब होते है | हम बहुत से चमकते चेहेरे , महाविद्यालय के विद्यार्थी हमारी षाला से सुसमाचार प्रभावित होते देख सकते है, और जिस रास्ते और महोल्लो से हम यह संदेष ले जाते है, उन्हें खुषी से अपने कलीसिया में आते देख सकते है | परमेष्वर देखेंगे की आप यह खुषी भरे दुष्य को हकीकत बनाने में हमारी मदद करेंगे | अपने मनमें कहो “हर कोई मौके पर, मैं यीषु आज्ञा का पालन करूंगा| मै उत्सुकता भरे कदमो से “बाहर जाउंगा | ”और जोष भरे हदय से यीषु मसीह के लिए यह करूंगा, जीस ने मेरी आत्मा को पाप और नर्क से बचाने के लिए मृत्यु पायी ! मै “बाहर जाउंग |”

इसकी षुरूआत बाहर जाने से होती है | इसतरह हमें यीषु के आदेष को पुरा करना है | आप जिन जिन के नाम और फोन नंबर ला सकते हो वह लाइये, और उन्हें कलीसिया के अनुयायी के पास लाओ, ताकि वे फोन करके और उन्हे लाने की सहुलियत करके रविवार की सभा के लिए लाओ |

II. दुसराए उन्हे श्अंदरश् लाने से कलीसिया केन्दित सुसमाचार होता हैएद्य

उनको हाथो मे पुस्तिका या पर्चा देना काफी नही है | हमे लंबे अनुभव से पता है की कुछ लोग षायद इस तरह अपने कलिसिया मे आएगे | हमे यह भी पता है की “पापीयों की प्रार्थना” उनके घर के दरवाजे पर या रास्तों पर करना - उन्हें अंंदर लाने को असकारक और प्रभावषाली नहीं है | यह तरीका षायद “निर्णायको”के लिए आसान होगा, लेकिन हमने लंबे अनुभव से जाना की यह तरीका बहुत कम लोगों को स्थानिय कलीसिया में ला सकता है हमे इससे, ज्यादा बहुत ज्यादा करना है | यीषु ने कहाँ

“बाहर जाओ ... और लोगो को अंदर आने को विवष करो, ताकि मेरा घर भर जाए ” |

उन्हे प्रभु के घर में आने के लिये “विवष” करना चाहिए | उन्हे अंंदर आने के लिए “विवष” करना चाहिए ! उन्हें समजाए , मजबूर किजीए ,हमे उन्हें अंंदर लाने के लिए काम करना चाहिए यही ग्रीक षब्द “विवष” बताता है ! जैसे मि.ग्रीफिथ ने कुछ समय पहेले गाया,

उन्हे लाओ , उन्हें लाओ,
पापों के खेत से उन्हे लाओ ;
उन्हे लाओ , उन्हें लाओ,
भटके हुओं, को यीषु के पास लाओ
(“उन्हें लाओ” अेलेक्सेनाट थोमस, 19 वी सदी )|

लेकिन वे “अंंदर” नही है जब वे कुछ ही सभा के लिए आते है | वे “अंंदर”नही है जब तक वे यीषु “मसीह मे” (I कुरिन्थिीयो1:30) नही है | इसलिए हमें यह नही सोचना है कि हमारा सुसमाचार का कार्य पूर्ण हुआ अगर कोई व्यक्ति कुछ हफते या महीने कलीसिया मे आते है| वे तब तक “अंंदर” नहीं है जब तक वे यीषु के सच्चे परिवर्तन के साथ जुडे नही है | हमें लगातार “उन्हें अंंदर आने के लिए विवष” करना है जबतक वे पुरे प्रवचन न सुने की वे खोए हुअे है | जबतक वे पापों को जाने , और यीषु के साथ विष्वास की क्षण में तुरंंत जुड नही जाते | उनके परिवर्तन के बाद भी हमें उनके साथ कार्य करना है और उनको मसीह यीषु के सार्मथ्यवान चेला बनाने में मदद करनी है |

“उन्हे सब बातें जो मै ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ ःऔर देखो मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ ”| ( मती 28:20)

यह पादरी अकेले का काम नही है बाइबल मै कहाँ है,

“प्रेम ओर भले कामो मेंं उस्काने के लिये हम एक दूसरे की चिन्ता किया करे, और एक दूसरे के साथ इकठठा होना न छोडे ,जैसे कि कितनों की रीति है ,पर एक दूसरे को समझाते रहे ; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो” ! (इब्रानियों10:24-25)|

और हमे नये लोग जो कलीसिया में थोडे समय से आते है उनके बारे में नही भूलना चाहिए | हमे उन्हे लगातार “ प्यार और अच्छे कार्य के लिये ‘उस्काना’ चाहिये”और यह हमें यीषु के प्यार और धैर्य से करना चाहिये |

मैं सोचता हॅूं कभी कभी हम श्रेष्ठ उपदेष जल्दबाजी में पढते है, हकीकत मे षब्दों के वि"ाय मे सोचे बगैर | चलिये खडे होकर यह फिर से पढते है ,जोर से, मती 28:19-20से|

“इसलिये तुम जाओ , सब जातियो के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हे पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,और उन्हे सब बातें जो मै ने तुम्हें आज्ञा दी है ,मानना सिखाओ ः और देखो, मै जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ |” आमीन

आप बैठ सकते है | इसके ध्यानपूर्वक वांचन से यह जरूर पता चलता है की जो मैने कहाँ है वह श्रेष्ठ उपदेष में यीषु के आदेष में है | सच्चा सुसमाचार सिर्फ बाहर जाने तक सिमित नही है | उसमे उन्हें “अंंदर आने” के लिये दबाव डालना भी षामिल है (लूका 14:23) जरूर इस का मतलब है की उनको प्यार करो और उन्हें अपने आप को सुसमाचार करने के लिये सिखाओ हर एक मौके पर | जो सुसमाचार स्थानीय कलीसिया में लोंगो को जमा नही कर सकता वह मुष्किल से नये नियम को मानने वाला कहाँ जाता है | बाइबल के प्रेरितो के काम के पुस्तक व्दारा सुसमाचार से स्थानीय कलीसिया में अनेक लोग जुड गये | येेरूस्लेम के कलीसिया में हम यह देख सकते है |

“ अतः जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हजार मनुष्यांें के लगभग उनमे मिल गए” (प्रेरितो के काम 2:41)

“और परमेष्वर की स्तुति करते थे,और सब लोग उनसे प्रसन्न थे ः और जो उध्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था ” (प्रेरितो के काम 2:47) |

“ मनुष्यांेंं को जीतना ” इस से लोग कलीसिया मे बढते नही है , जैसे वे येरूस्लेम के स्थानीय कलीसिया में जमा हुअे थे , यह सुसमाचार का नया नियम नहीं है !

III. तीसरा, कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार से प्रभु का घर भरता है |

zयीषुने कहाँ ,

“स्वामी ने दास से कहाँ, सडको पर और बाडो की ओर जा और लोगों को विवष करके ले आ ताकि मेरा घर भर जाए”| (लुका 14:23) |

मै इसे स्थानीय कलीसिया का झरीया मानता हूँ |

“यदि मेरे आने में देर हो, तो तू जान ले कि परमेष्वर के घराने मे जो जीवते परमेष्वर की कलीसिया है और जो सत्य का खंंंभा और नींव है , कैसा बर्ताव करना चाहिए” ( I तीमुथियुस 3:15 ) |”

मेरा घर भी भरेगा |” मेरे लिये यह निरर्थक है अगर यह स्थानीय कलीसिया को लागु नही पडता है | परमेष्वर का घर जो “जीवित परमेष्वर की कलीसिया है ”| ( I तीमुथियुस 3:15 )|

हाँं, मुझे पता है, अगर हम यीषु के आदेष मानते है तो सभा मे बहुत नये , अषिक्षित और अपरिवतिर्त लोग होंगे ं| मै जानता हूॅ ंकी इसके कारण कईं परीषानीयाँ और मुसीबते हो सकती है | लेकिन क्या सुसमाचार इसी के बारे में नहीं है, यीषु ने कहाँ,

“यीषु ने फिर उनसे कहा , तुम्हें षांन्ति मिले ; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मेंं भी तुम्हें भेजता हॅूं” (यूहन्ना 20:21 )|

अमेरिका में बहुत स्वार्थी लोगों को बच्चे नही चाहिये क्योंकी वे बहुत तकलीफ देते है | इसलिये वे खुषी से अपनी मृत्यु तक टी.व्ही.के सामने बैठे रहते है - अकेले | बच्चे होना और उनको पालपोष कर बडा करना उनके षांत और स्वार्थी जीवन के तकलीफ देंगा | और क्या इसी कारण कुछ कलीसिया के सदस्य हकीकत मे दुनिया से नये लोगो ंको उनको कलीसिया मे नहीं लाना चाहते? “ चलिये आगे बढते है और अपने खुद के कलीसिया के बच्चो को तैयार करते है और किसी व्यक्ती को बाहर से नहीं लाते है हमे तकलीफ देने के लीये ” वे कहते है | लेकिन यह विचार जो परमेष्वर के श्रेष्ठ उपदेष को नहीं मानते उन्ही से आते है ! वह हमें कहता है,

“ इसलिये तुम जाओ, सब जातियो के लोगो को चेला बनाओ” (मती 28:19)

हम यह कैसे कह सकते है की हम यीषु के आज्ञाकारी है जब हम उनका कहाँ करने से नि"फल होते है?

हमारा “कार्य क्षेत्र” हमारे आसपास ही है -रास्तो पर ,महाविद्यालयो मेंं महोल्लों में, और दुकानो “सब जातियो के लोग ” यही है - लोस एजंलिस के षहरी केन्द्र के आसपास की सात महाविद्य़ालयों के परिसर मे जहाँ कलीसया स्थित है | हमारे मुख्य प्रमुख यीषु मसीह है | उनकी आज्ञा स्पष्ट है,

“इसलिये तुम जाओ, सब जातियो के लोगों को चेला बनाओ ;

“और उन्हें पिता , और पुत्र,ओर पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो | ” (मती 28:19 ) |

“स्वामी ने दास से कहा , सडको पर और बाडों की और जा ओर लोगों को विवष करके ले आ, ताकि मेरा घर भर जाए ” (लूका 14:23) |

सुसमाचार में जाओ | कुछ भी आपको रोकेगा नहीं ! आप अपने आपको यीषु के कार्य में अर्पण किजीये ! “उन्हें अंदर आने को विवष करेंं, ताकि षायद (यीषु का ) घर भर जाए” !

यहाँ इस सुबह आप में से कुछ लोग अभी भी परिवतिर्त नही है | मै यह प्रवचन आप को यीषु के पास आने की बीनती किये बीना पूरा नहींं कर सकता | आप क पापों को चुकाने के लीये उन्होने क्रुस पर मृत्यु पायी | वो षारिरीक रूप से अपनी मृत्यु से उठे आपको अमर जीवन देने के लिये | वे उपर स्वर्ग मे जीवीत है आपके | आत्मा की मुक्ति के लिये प्रार्थना करने के लीये | उनके पास आओ | अपने आपको विष्वास से उनको सर्मपित करो | उनका रक्त आप के हर पापों को साफ करेगा और आपे साथ नया जीवन षुरू करेंगे , और उनके स्थानीय कलीसिया मे | आमीन |

(संदेश का अंत)
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डॉ.क्रेगल एल चान व्दारा प्रवचन के पहेले पढा गया पवित्र वाक्या ः यूहन्ना 20:19-21 |
प्रवचन के पहेले मीस्टर बेन्जामीन कीनकेड ग्रीफिथ व्दारा गाया हुआ गीत ः
“ उन्हे अंदर लाओ ” (एलेक्सनाट थॉमस, 19वी सदी)


रूपरेखा

कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार !

रूपरेखा

डॉ.आर.एल.हायमर्स, जूनि.

“ इसलिये तुूम जाओ , सब जातियो के लोगो को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हंें सब बाते जो मै ने तुम्हे आज्ञा दी है ,मानना सिखाओ ः और देखो मै जगत के अन्तं तक सदा तुम्हारें संंंग हूॅ ”| (मती 28:19-20)

(लूका 14:23;मरकुस 16:15)

I पहला, कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार “ बाहर” जाने से षुरू होता है ;
(लुका 14:23)

II दूसरा, उन्हें “अंंदर” लाने से कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार होता है ,
I कुरिंन्थयो 1:30; इब्रानियो 10:24-25; प्रेरितों के कामो 2:41,47 I

III तीसरा, कलीसिया केन्द्रित सुसमाचार से प्रभु का घर भरता है ,
I तीमुथियुस 3:15 यूहन्ना 20:21I