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हो सके बाइबल की भविष्यवाणी आप को प्रेरित करे!

LET BIBLE PROPHECY MOTIVATE YOU!
(Hindi)

डॉ आर एल हायमर्स जूनि द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की संध्या २० मई‚ २०१८ को लॉस ऐंजीलिस के
बैपटिस्ट टैबरनेकल में दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, May 20, 2018

“सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो"
(१ थिस्सलुनिकियों ४:१८)


थिस्सलुनिकियों पुस्तक के इन पदों में प्रेरित पौलुस विश्वासी जन के “बादलों में उठा लिये जाने" का वर्णन करते हैं। उसके बाद इस पद में वे कहते हैं‚

“सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो"
   (१ थिस्सलुनिकियों ४:१८)

“पैराक्लियो" यूनानी शब्द का अनुवाद किया गया है “एक दूसरे को शांति दिया करो।" अर्थात “सांत्वना दिया करो" और “प्रेरित किया करो" (एन आय वी संस्करण)।

अब इस संपूर्ण गधांश के पद १३ से लेकर पद १७ तक पर‚ हम ध्यान करेंगे। युग के अंत में प्रभु यीशु के सच्चे विश्वासी जनों के “बादलों में उठा लिये जाने" का उल्लेख इस पद में किया गया है। उस समय रोमी नास्तिक और अविश्वासी यहूदियों द्वारा थिस्सलुनिके शहर में प्रभु यीशु के सच्चे विश्वासियों पर अत्याचार जारी थे। इस अत्याचार के कारण कुछ ने दम तोड़ दिया। वे सत्य और धर्म के लिये मरने वाले कहलाये! उनके मरने से थिस्सलुनीके शहर के लोग व्यथित हो गये। तब पौलुस ने उनका उत्साह बढ़ाते हुए “बादलों पर विश्वासियों के उठा लिये जाने" का वर्णन किया। डॉ थॉमस हेल “बादलों में उठा लिये जाने का" अर्थ हमारे लिये इस तरह प्रस्तुत करते हैं:

“मसीह के दुबारा इस धरती पर आगमन के समय जो जीवित विश्वासी होंगे वे बादलों में उठा लिये जायेंगे और स्वर्ग ले जाये जायेंगे........कि वहां उनसे पहले मृतक लोगों से जुड़ सकें........ऐसी बातें कहते हुए एक दूसरे को सांत्वना दिया करो" (दि अप्लाइड न्यू टेस्टामेंट कमेंटरी; १ थिस्सलुनीकियों ४:१७‚ १८ पर व्याख्या)

आज मैं इस अंश पर संदेश दूंगा और “बादलों पर विश्वासियों के उठा लिये जाने" के उपर विस्तार से अगली बार चर्चा करूंगा। आज रात मेरा उददेश्य आप को यह प्रकट करना है कि बाइबल की भविष्यवाणियों का एक महत्वपूर्ण अभिप्राय लोगों को सांत्वना देना और उत्साहित करना है।

“सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो"
   (१ थिस्सलुनिकियों ४:१८)

१॰ पहिली बात‚ मसीह के दुबारा आगमन के चिन्ह हमें उत्साहित करते हैं।

जब मैं युवा था‚ तब संसार में बहुत उथल पुथल मची हुई थी। १९६० के दशक की बात थी। सदैव परमाणु सर्वनाश का खतरा मंडराता रहता था। रूस किसी भी क्षण हमारे शहरों के उपर बम वर्षा कर सकता था। वियतनामी जंग गहराती जा रही थी। मैं डर रहा था कि मुझे अनिवार्य तौर पर भर्ती करके जंगल में मरने के लिये न भेज दिया जाये। जंग अंतहीन एवं बेमतलब थी। मैं कॉलेज से अपनी ग्रेजुएट डिग्री पूर्ण करना चाह रहा था। उसी समय दंगे

फैल गये। शिकागो शहर में एक लोकतांत्रिक सभा के दौरान दंगाइयों ने शहर के अधिकतम हिस्सों को आग में झोंक दिया। जॉन एफ कैनेडी की हत्या कर दी गयी। बॉबी कैनेडी, डॉ मार्टिन लूथर किंग, मॉल्कम एक्स, जॉर्ज वॉलेस पर हुए प्राणघातक हमलों ने इन सबकी जान ले ली। उसके पश्चात नशीली दवाओं का चलन आया। वुडस्टॉक और बीटल्स संगीत का जमाना था। पूर्वी धर्मों का प्रभाव था और शैतान व दुष्टात्माओं के हमले जारी थे। जैसा हिप्पियों का एक वाक्य हुआ करता था, “इसने मेरा दिमाग घुमा कर" रख दिया। यह समय वैसा ही दिमाग घुमा देने वाला‚ बहुत गड़बड़ी, अराजकता और भय पैदा करने वाला था।

इस निरंकुश समय में मसीह के पुनः आगमन के “संकेतों" ने मेरे विचार और हृदय को स्थिरता देने का कार्य किया।

रात गहरी थी‚ पाप से युद्व जारी था‚
   दुख का कितना ही भारी बोझ हमने सहा;
किंतु अब हम देखते हैं उनके पुनः आगमन के चिंन्हों को;
   भीतर हृदय दमक उठते हैं‚ आनंद का प्याला छलकने लगता है!

आइये‚ अपने स्थानों पर खड़े होकर यह कोरस मेरे साथ गाइये!

वे पुन: आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   वही यीशु जिन्हें मनुष्यों ने ठुकरा दिया था;
वे पुन: आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   अपने ईश्वरत्व और कीर्ति के साथ‚ दुबारा आने वाले हैं!
(“वे दुबारा आने वाले हैं" मैबल जॉनस्टन कैंप‚ १८७१—१९३७)

आप अपना स्थान ग्रहण कर सकते हैं। कुछ “चिंन्हों" का वर्णन मैं कर रहा हूं जिन्होंने मुझे उत्साहित किया!

     १॰ १९४८ में स्थापित‚ इजरायल राष्ट्र में संसार भर से यहूदी‚ यहोवा परमेश्वर द्वारा प्रदत्त अपने देश में लौट रहे थे।

प्रभु यीशु का कथन था‚ “वे तलवार के कौर हो जाएंगे और सब देशों के लोगों में बन्धुए होकर पहुंचाए जाएंगे और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो‚ तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा" (लूका की पुस्तक २१:२४)। “हे मेरी प्रजा के लोगो‚ देखो‚ मैं तुम्हें इस्राएल के देश में पहुंचा दूंगा" (यिजकेल की पुस्तक ३७:१२)। “बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा‚ जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे"(यिजकेल की पुस्तक ३८:८) ।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कुछ दिनों पहले यरूशलेम को इजरायल की राजधानी घोषित किया। यहूदी इजरायल को लौट रहे हैं जो इस युग के अंत होने एवं मसीह यीशु के दुबारा आगमन का एक सशक्त चिंन्ह है!

परमेश्वर यहोवा की जय हो! मसीह दुबारा शीघ्र आ रहे हैं!

वे पुनः आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   वही यीशु जिन्हें मनुष्यों ने ठुकरा दिया था;
वे पुनः आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   अपने ईश्वरत्व और कीर्ति के साथ‚ दुबारा आने वाले हैं!

     २॰ मसीहियों और यहूदियों पर बढ़ता अत्याचार भी एक “चिंन्ह" है।

“तब वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर (रखेंगे)" (मत्ती २४:९) । मुस्लिमों का लक्ष्य इजरायल को नष्ट करना और यहूदियों को खत्म करना है। अमेरिका में एसीएलयू चर्च को खामोश करने और मसीहत को कमजोर करने के सारे प्रयास कर रहा है। अमेरिका में “स्थानापन्न" धर्मविज्ञान — का प्रचलन प्रसिद्धी पर है जो कहता है कि बाइबल की सारी प्रतिज्ञाएं प्रभु यीशु के अनुयायियों के लिए है —किंतु श्राप सारे यहूदियों के लिए है! तो इस तरह कई सुधारवादी चर्चेस एक अजीब प्रकार के गैर यहूदी वाद को गले लगा रहे हैं। सचमुच यहोवा परमेश्वर हमारी सहायता करें।

यह भविष्यवाणी हमें प्रेरणा देती है क्योंकि यह हमारी आंखों के सामने पूर्ण हो रही है! परम प्रतापी यहोवा परमेश्वर परम सत्ता हैं!

“सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो"
   (१ थिस्सलुनिकियों ४:१८)

आइये‚ इस अंतरे को गाते हैं!

वे पुनः आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   वही यीशु जिन्हें मनुष्यों ने ठुकरा दिया था;
वे पुनः आने वाले हैं‚ वे दुबारा आने वाले हैं‚
   अपने ईश्वरत्व और कीर्ति के साथ‚ दुबारा आने वाले हैं!

अपने स्थानों पर बैठ जाइये।

     ३॰ अंत समय में शुभ संदेश त्याग का उदय होना।

“क्योंकि वह दिन न आएगा‚ जब तक (“धर्म का त्याग" — क्रिसवेल) न हो ले"
    (२ थिस्सलुनीकियों २:३)

“और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे और बहुतों को भरमाएंगे।और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा (हो जाएगा)" (मत्ती २४:११‚ १२) यह बात अंत समय के ईश्वरविहीन चर्चेस के लिये कही गयी है। अंत समय का स्वधर्म त्याग अपने आप में शैतानवाद का आरंभ है‚ “परन्तु आत्मा स्पष्टता से कहता है कि आने वाले समयों में कितने लोग भरमाने वाली आत्माओं और दुष्टात्माओं की शिक्षाओं पर मन लगाकर विश्वास से बहक जाएंगे। यह उन झूठे मनुष्यों के कपट के कारण होगा‚ जिन का विवेक मानों जलते हुए लोहे से दागा गया है" (१ तिमोथि॰ की पुस्तक ४:१‚२) अंतिम युग में शुभ संदेश का त्याग उन धर्मपुरोहितों के कारण पैदा हो रहा है जो स्वयं प्रभु यीशु के सच्चे अनुयायी नहीं है एवं बाइबल का इंकार करते हैं। “नया धर्मविज्ञान" और “नयी नैतिकता" शुभ संदेश को त्यागने से पैदा हुए नये उत्पाद हैं। इन्होंने चर्चेस को बर्बाद करके रख दिया है और उद्धार विहीन भटके हुए लोगों की भीड़ से चर्च भरे हुए हैं। इसको आरंभ करने वाला था चार्ल्स जी फिनी‚ जिसकी शिक्षा का असर मुख्य धारा वाले चर्चेस में व्याप्त हो गया और इसने बहुत से परंपरागत चर्चेस पर भी असर डाला। “शुभ संदेश त्याग" ने अंतत: बाइबल में प्रकाशितवाक्य की पुस्तक १७ अध्याय में उल्लेखित “उस बड़ी वेश्या" को जन्म दिया है‚ “जो पोप की सत्ता के अधीन क्रिश्चियनिटी कहलाती है" (स्कोफील्ड)

वर्तमान में प्रचलित आंकड़े दर्शाते हैं कि लगभग ४ प्रतिशत किशोरावस्था वाले बच्चे ही बड़े होने तक सच्चे अनुयायी रह पायेंगे — जिसका यह अर्थ होगा कि आज के ३४ प्रतिशत अनुयायी अगले कुछ सालों में ४ प्रतिशत तक सिमट जायेंगे। “हम आध्यात्मिक विनाश की ओर बढ़ रहे हैं।" (डॉ जैक डब्ल्यू हैफोर्ड‚ अगस्त १६‚ २००६) । जॉन एस डिकरसन की “दि ग्रेट इवेंजलीकल रिसेशन" को पढ़िये। “अमेरिका के चर्च को छ: तथ्य बुरी तरह परास्त करके रख देंगे।" यह उपशीर्षक‚ डिकरसन की पुस्तक में मिलता है। क्रिश्चियन परिवारों में पलने वाले लगभग ८८ प्रतिशत किशोर बालक बालिकाएं हाई स्कूल से ग्रेजुएट होने के बाद क्रिश्चियन नहीं बने रहना चाहते हैं। शीघ्र ही हमारा देश उनके हाथों संचालित होगा — परिणाम एक गैर ईसाई अमेरिका सामने आयेगा!

२॰ दूसरा‚ अमल में लाया जाना।

कुछ प्रचारक हमारे सामने प्रकट होने वाली भयानक दशा का बखान करते हैं। परंतु इसका सामना कैसे करें‚ इसका हल वे नहीं जानते हैं। मैं सहमत हूं कि कुछ व्यवहारिक कार्य नहीं किया जाने वाला है। हमारी सभ्यता नष्ट हो जायेगी। हमारे युवा और असभ्य हो जायेंगे। अकल्पनीय भयावह बातें हमारा रास्ता देख रही होंगी।

हमें स्वयं को बहुत थोड़े अल्पसंख्यकों के समान रहने के लिये तैयार हो जाना चाहिये‚ जिनके उपर नास्तिकों का आक्रामक झुंड प्रहार करते रहेगा ठीक वैसे जैसे रोम के गैर ईसाई आरंभ के ईसाईयों को प्रताड़ित करते थे। कृपया १ थिस्सलुनिकियों अध्याय एक‚ पद पांच को निकाल लीजिए ।

“क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ के साथ पहुंचा है........" (१ थिस्सलुनिकियों १:५)

अवधि कम है। अब मूर्ख नहीं बने रहना चाहिये और न ही क्रिश्चयनिटी से खेलना चाहिये। युवाओं‚ आप सिर्फ बाइबल स्टडी के शब्दों के अर्थ को ही ग्रहण करने में मत रह जाना। सच्चे अनुयायी बनने के लिये सच्चे परिवर्तन की ओर देखिये। वास्तविक क्रिश्चियन जीवन को खोजिए!

अब पद ९ को पढ़िये‚

“क्योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ और तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो"
   (१ थिस्सलुनिकियों १:९)

अपने जीवन में जो आसक्ति पाले हुए हैं‚ जो बुत बना रखे हैं‚ उनसे मुंह मोड़ कर अब परमेश्वर यहोवा की ओर आ जाइये। अपने अस्तित्व के एक एक रेशे से जीवित परमेश्वर की सेवा कीजिए।

अवधि कम हैं। यीशु विरोधी प्रकट होने वाला है। सच्चे अनुयायी होने की कीमत आप को अपने जीवन में चुकानी पड़ेगी! मन में जो प्रतिमाएं या मोह पाल रखे हैं, उनसे छूट जाइये! जीवित यहोवा परमेश्वर की आराधना कीजिए! अब पद १० को पढ़ते हैं।

“और उसके पुत्र के स्वर्ग पर से आने की बाट जोहते रहो जिसे उस ने मरे हुओं में से जिलाया‚ अर्थात यीशु की‚ जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाते हैं" (१ थिस्सलुनिकियों १:१०)

बाट जोइये कि यहोवा परमेश्वर के पुत्र — यीशु‚ स्वर्ग से उतरेंगे। वे ही हमें परमेश्वर के कोप से छुड़ाते हैं। पास्टर वर्मबैंड की “टाचर्ड फॉर क्राईस्ट" पुस्तक पढ़िये। ऐसे व्यक्ति के समान जीवन जिये जो यीशु मसीह के कारण दुख सहने को तैयार हो। इस भटके हुए संसार में से बाहर निकल आइये। अपने भटके हुए मित्रों को चर्च आने का आमंत्रण दीजिए। अगर नहीं आते हैं तो उन्हें उनके हाल पर छोड़ दीजिए। हमारे चर्च के युवा जो उद्धार पा चुके हैं‚ उन्हें अपना मित्र बनाइये। प्रार्थना करने के लिये एकत्रित होइये। जब शुभ संदेश के प्रचार के लिये निकलते हैं तो उद्धार पाने के इच्छुक लोगों के नाम लेकर आइये। यहोवा के लिये जीवन जियें! यीशु के लिये जीवन जियें! समय कम है। न्याय भी आ पहुंचा है! “अपने यहोवा परमेश्वर से मिलने के लिये तैयार रहिये।" इससे पहिले कि देर हो जाये‚ यह तैयारी अभी कीजिए! चार्ल्स स्टड की ये पंक्तियां कितनी सही हैं —

केवल एक जीवन मिला है‚
   यह भी शीघ्र बीत जाने पर है।
मसीह के लिये जो किया
   बस वही अंत तक बना रहेगा!

स्वयं को मसीह को समर्पित कर दीजिए — आप के रास्ते में कोई रूकावट मत आने दीजिए। यीशु आप से प्रेम करते हैं! यीशु आप से प्रेम करते हैं! यीशु आप से प्रेम करते हैं!

गीत की पुस्तिका में से संख्या ५ गीत निकाल लीजिए। आइये, खड़े होकर इस गीत को गाते हैं! गाते हैं! गाते हैं!

सच्चे अनुयायी के कानों में कितना मधुर नाम लगता है यीशु
उसकी पीड़ा को कम करता‚ घावों को अच्छा करता‚ भय दूर करता
सारे भय को दूर करता।

वह प्यारा नाम‚ वह चटटान जिस पर मैं खड़ा हुआ‚ मेरी ढाल‚
मेरा छिपने का स्थान‚ कभी न असफल रहने वाला कोष!
असीम अनुग्रह से भरपूर!

यीशु! मेरे चरवाहे‚ भाई‚ मित्र; मेरे भविष्यकर्त्ता‚ पुरोहित‚ मेरे राजा
मेरे प्रभु‚ मेरा जीवन‚ मेरा मार्ग‚ मेरा अंत‚ जो प्रशंसा मैं लाया हूं‚
उसे स्वीकार कीजिए।

मेरे मन के प्रयास अशक्त हैं‚ मेरे जोशपूर्ण विचार भी ठंडे हैं;
पर जब मैं देखता हूं आप को परम सत्ता के रूप में
मैं आप की ऐसी ही प्रशंसा करूंगा

हर गुजरती सांस के साथ
मैं तेरे प्यार का बखान करूं
मौत के समय भी तेरे नाम का संगीत मुझे तरोताजा करे
   (“हाउ स्वीट इज दि नेम ऑफ जीजस साउंडस" जॉन न्यूटन‚ १७२५—१८०७
    “मैजेस्टिक स्वीटनैस सिटस एनथ्रोंड की धुन पर")


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(संदेश का अंत)
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पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना डॉ.
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संदेश के पूर्व मि बैंजामिन किंकेड ग्रिफिथ द्वारा एकल गान:
“क्राईस्ट रिटर्नथ" (एच एल टर्नर द्वारा रचित‚ १८७८)


रूपरेखा

हो सके बाइबल की भविष्यवाणी आप को प्रेरित करे!

LET BIBLE PROPHECY MOTIVATE YOU!

डॉ आर एल हायमर्स जूनि द्वारा

“सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो"
(१ थिस्सलुनिकियों ४:१८)

१॰ पहिली बात‚ मसीह के दुबारा आगमन के चिन्ह हमें उत्साहित करते हैं‚

          १॰ १९४८ में स्थापित‚ इजरायल राष्ट्र में संसार भर से यहूदी‚ यहोवा परमेश्वर द्वारा प्रदत्त अपने देश में लौट रहे थे‚ लूका २१: २४; यिजकेल ३७:१२; ३८:८

         २॰ मसीहियों और यहूदियों पर बढ़ता अत्याचार भी एक “चिंन्ह" है‚ मत्ती २४:९

         ३॰ अंत समय में स्वधर्म त्याग का उदय होना‚ २ थिस्सलुनिकियों २:३; मत्ती २४:११‚ १२; १ तिमोथी ४:१‚ २

२॰ दूसरा‚ अमल में लाया जाना‚ १ थिस्सलुनिकियों १:५‚ ९‚ १०