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वर्तमान में दुष्टात्मायें

DEMONS TODAY
(Hindi)

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की प्रातः, २३ अक्टोबर, २०१६ को लॉस ऐंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल
में दिया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord's Day Morning, October 23, 2016

‘‘और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे। और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला'' (मरकुस ५:१−२)


मैंने कभी भी किसी पास्टर को गदरेनियों की दुष्टात्मा पर प्रचार करते नही देखा। बिली ग्राहम इस पर प्रचार करते थे − पर किसी पास्टर ने प्रचार नहीं किया। ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिये क्योंकि कहानी दुष्टात्मा के उपर है। यह मसीह और शैतान के संघर्ष के उपर है। चर्च में कुछ महिलाओं को इसके वर्णन से भय लगता है। डेविड मरों ने इसके उपर एक पुस्तक लिखी थी। इसका शीर्षक था व्हाय मैन हैट गोइंग टू चर्च (नेल्सन बुक्स, २००५) मैं चाहता हूं प्रत्येक पास्टर को इसे पढ़ना चाहिये! मरो लिखते हैं कि पुरूष और युवा जन १८ से २९ साल के, चर्च में कम आना चाहते हैं उनका कहना था (पेज १८) कि पुरूष और युवा ‘‘चुनौती लेने वाले'' होते हैं। उनके लिये मुख्य मूल्य हैं रोमांच, जोखिम, साहस और द्वंद। ‘‘वे चाहते हैं कि निर्भिक, रोमांचक और यहां तक कि खतरनाक भी दिखाई देवें।'' दूसरी और ‘‘कई महिलाएं और बड़ी उम्र के पुरूष सुरक्षा के प्रति सतर्क'' होते हैं (पेज १९) ।

मसीह ने बहुत साहसिकता के कार्य किये। वह बड़े निर्भिक थे और जोखिम लेने से और द्वंद का सामना करने से नहीं डरते थे। मैं सोचता हूं डेविड मरो ने सही कहा था। कुछ महिला और कुछ बड़ी उम्र वाले पुरूष ऐसे होते हैं। यह त्रासदी है कि वे ही चर्च में माहौल को पैदा करते हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि इसलिये शैतान और दुष्टात्माओं के उपर उपदेश नहीं दिये जा सके। वे ऐसा कोई टकराव नहीं चाहते हैं।

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि बहुत सारे युवा उग्र मुस्लिम बनते जा रहे हैं। उनके नेता कहते हैं कि जाओं और जाकर धर्म कि लिये दुनिया जीत लो। वे जैसे टैनिसी के २४ वर्षीय अमेरिकन व्यक्ति के समान हैं जिसने चार नौसैनिकों को मार डाला। यही चीजें तो प्रतिदिन दोहराई जा रही है। इन युवा लोगों को कुछ विश्वास करने के लिये चाहिये। वे उनके जीवन में कारण और उददेश्य ढूंढते हैं!

इस्लाम के उग्र रूप का कोई अर्थ नहीं है! न ही चर्च में नरम और स्त्रीत्व प्रकार की मसीहत को प्रस्तुत करने का कोई अर्थ है। परंतु मैं आप को यीशु का अनुयायी बनने के लिये कह रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आप प्रभु यीशु मसीह के उग्र चेले बन जायें! इसमें संघर्ष है। चेले बनने पर हम युद्वरत हो जाते हैं। पर यह युद्व दिखाई नहीं देता है। यह तो आत्मिक युद्व है। महान ब्रिटिश प्रचारक मार्टिन ल्योड जोंस ने (१८९९−१९८१) इस बड़े संग्राम के विषय में कहा था। उनका कथन था, ‘‘जब हम मसीहत में आ जाते है हम परमेश्वर की ताकत और नर्क की ताकत के बीच के उस महान संघर्ष का हिस्सा बन जाते हैं.......इस संसार में हमारा जीवन आत्मिक संग्राम है.......शैतान के कारण'' (लाईफ इन गॉड, क्रासवे बुक्स, पेज १०५,१७९) मैं उनसे पूर्ण रूप से सहमत हूं!

यीशु और इस दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति की कहानी अलग है। परमेश्वर ने नये नियम में तीन जगह इसे प्रगट किया − मत्ती, मरकुस, और फिर लूका। आतंकवाद और आत्मिक संग्राम में इस समय जीवन बिता रहे युवा लोगों के लिये इसमे बड़ा सबक है!

कहानी सरल है। यीशु एक छोटी नाव में गलील के पार गये। वह उस झील को पार करके गदरेनियों के देश में आये। मैं और मेरी पत्नी कई साल पहले वहां गये थे। वह स्थान हमने अपनी आंखों से देखा था, जहां यह घटना हुई थी।

‘‘और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला'' (मरकुस ५:२)

अब, मैं इस जवान लड़के की कुछ बातें और मसीह से उसका सामना होने की घटना का विवरण देना चाहूंगा।

१. प्रथम, यह युवा जन दुष्टात्माग्रस्त था।

क्या मैं दुष्टात्मा में विश्वास रखता हूं? हां मैं रखता हूं − बिल्कुल रखता हूं! बाइबल बताती है कि दुष्टात्मा कई प्रकार की होती है। प्रेरित पौलुस ने उनके बारे में कहा था,

‘‘क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु उस .......दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है'' (इफिसियों ६:१२)

उसने इस पद में कई प्रकार की दुष्टात्मायें और शैतान के बारे में कहा है। डॉ ल्योड जोंस का कथन था, ‘‘दुष्टात्मायें अधिकता से हैं हजारों, लाखों हैं'' (क्रिश्चियन यूनिटी, बैनर ऑफ ट्रूथ ट्रस्ट, १९८०, पेज ५८)

अगर आप शैतान और दुष्टात्मा में विश्वास नहीं करते हैं, तो आप आतंकवाद उपभोक्तावाद और अमेरिका के पापों को कैसे परिभाषित करेंगे?

इस जवान लड़के को शैतान ने जकड़ रखा था। वह दुष्टात्मा के नियंत्रण में था। मैंने इस दशा से ग्रस्त लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर सामना किया है। मैं जानता हूं कि जब कोई युवा जन ड्रग लेने लगता है, काला जादू, तंत्र मंत्र करता है तब ऐसी दशा हो सकती है।

जिन्होंने नया जन्म नहीं पाया है उनके भीतर शैतानवाद का कम स्तर उन्हें नियंत्रित करता है। प्रेरित पौलुस इस शैतानियत के लिये कहते हैं, ‘‘वे आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है'' (इफिसियों २:२)। एक समय था जब मेरा स्वयं का दिमाग दुष्टात्माओं द्वारा अंधा बनाया गया था। यह हर उस व्यक्ति के लिये सही है जिसने यीशु से उद्वार प्राप्त नहीं किया है। जब तक प्रभु यीशु मसीह आकर हमारी आत्मा को बचा नहीं लेते हैं, हम सब इसी दशा में पाये जाते है। यीशु मसीह सच्चा परिवर्तन करते हैं उससे आप को अपने भीतर दुष्टात्माओं से छुटकारा मिलता है!

यीशु मसीह क्रूस पर आप के पापों का दंड चुकाने के लिये मरे। उन्होंने अपना लहू बहाया कि आप के विचारों और हृदय को सब प्रकार के पापों से शुद्व कर सके। वे मरकर फिर जी उठे कि आपको जीवन प्रदान करें और आपको − दुष्टात्माओं के द्वारा दिये गये अंधेपन से बचा लें।

महान प्रचारक और गीतकार चार्ल्स वेस्ली ने (१७०७−१७८८) कहा था,

पापों को रदद करके वह उनकी ताकत को तोड़ता है,
   वह पाप में बंदी लोगों को आजाद करता है;
उसका लहू अति घृणित को भी साफ करता है;
   उसका लहू जो मेरे लिये उपलब्ध है।
(‘‘वे जो हजारों जिह्वा हैं'' चार्ल्स वैस्ली,१७०७−१७८८)

मसीह ‘‘पाप की ताकत को तोड़ते'' हैं! मसीह ‘‘बुरे कर्मो के प्रभाव से ग्रसित लोगों'' को छुड़ा लेते हैं। एक सुबह मेरे साथ उन्होंने ऐसा ही किया जब मैं बीस साल का था − और वे आप के लिये भी ऐसा कर सकते हैं! आज सुबह यहां सैकड़ों लोग होंगे जो आप को बता सकते हैं कि यीशु ने उनको बुरे कर्मो कें प्रभाव से मुक्त किया और दुष्टात्मा से छुड़ाया। अगर यीशु ने आप को बचाया है तो अपने स्थान पर खड़े होकर बताइयें! − अब आप बैठ सकते हैं। मसीह आप के लिये भी वह कर सकते हैं जो उन्होंने इन में से प्रत्येक के लिये किया!

२. दूसरी बात, यह जवान लड़का अकेला था।

बाइबल कहती है, कि वह जवान ‘‘न घर में रहता था वरन कब्रों में रहा करता था'' (लूका ८:२७) । मेरी पत्नी और मैं वहां होकर आये हैं पहाड़ी पर बसी उन कब्रों को हमने देखा है − पहाड़ी की चटटानों में वे छेद हैं जहां शवों को रखा जाता है। बाइबल कहती है,

‘‘वह लगातार रात-दिन कब्रों और पहाड़ो में चिल्लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था'' (मरकुस ५:५)

कई जवान लड़कियां अपने आप को रेजर से घायल कर लेती हैं। वे बता नहीं पाती हैं उन्होंने ऐसा क्यों किया? मैंने एक छोटी लड़की को टेलीविजन पर देखा, जिसने कई बार अपने को घायल कर लिया था। इंटरव्यू लेने वाले ने कहा, कि उसने ऐसा क्यों किया। उसने उत्तर दिया कहा, ‘‘मैं नहीं जानती। मैं ऐसा करने को बाघ्य हो गई थी, मैं ऐसा करने से रूक ही नहीं पायी।’’ इस छोटी लड़की को यीशु की जरूरत है! यीशु उसके दिमाग में बसे बुरे विचारों से मुक्ति दिला सकते है!

हम जिस पाठ को पढ़ रहे हैं उसमें यह लड़का अकेला है! दुष्टात्माओं ने इसको अपने परिवार से दूर करके, उस निर्जन में रहने को मजबूर कर दिया था, जहां यीशु उसको मिले। आज अमेरिका और पश्चिम देशों में युवाओं के अंदर अकेलेपन से बढ़कर कोई समस्या नहीं है। अकेलापन! जवान जितनी समस्याओं का अनुभव करते हैं उनकी जड़ अकेलेपन में है। द बीटल्स का एक प्रसिद्व गीत है, ‘‘ऑल दि लोनली पीपल व्हेअर डू दे कम फ्राम?’’ (‘‘ऐलीनोर रिग्बी’’)

फिलिप स्लेटर ने एक पुस्तक लिखी थी दि पर्सूट ऑफ लोनलीनेसः अमेरिकन कल्चर एट दि ब्रेकिंग पाईंट (बेकन प्रेस २००६ संस्करण) दि पर्सूट ऑफ लोनलीनेस में लेखक ने देश में टेक्नोलॉजी को ‘‘अकेलेपन के प्रति बढ़ती लत’’ का जिम्मेदार माना है। मि. स्लेटर ने कहा, ‘‘अमेरिका में ऑटोमोबाइल्स ने सामाजिक जीवन को नष्ट करने में बड़ी भूमिका निभायी है। इसने़.......इन्हें तितर बितर कर दिया कि वे एक दूसरे से अपरिचित हो गये’’ (पेज १२६, १२७)

युवा लोग अपनी कार में बैठकर सांता बार्बरा और बर्कले कालेज पढ़ने निकल जाते है। यह ब हुत आसान है पर वे अपने सारे मित्रों को खो देते हैं। कालेज की उम्र में युवा लोग बहुत अकेले होते है। आप कहते हैं कि, ‘‘हम एक दूसरे के संपर्क में रहेंगें।’’ आप का कहने का आशय है कि आप एक दूसरे को संदेश भेजते रहेंगे। क्या इससे आप ‘‘संपर्क’’ में बने रहते हैं? नहीं − फोन से वास्तविक रूप से ‘‘संपर्क’’ नहीं हो पाता है।

ग्वाटेमाला में मेरी पत्नी की दादी बहुत चुस्त और सामाजिक तौर पर सक्रिय महिला है। उनके पुत्रों ने उनके लिये घर में टेलीफोन रखने का विचार किया। उन्होनें कहा, ‘‘अगर मैं टेलीफोन रख लूंगी तो तुम मुझसे कभी मिलने नहीं आओगे।’’ जब मैं जवान लोगों को देखता हूं कि वे चलते चलते हुए फोन से चिपके हुए हैं मुझे अच्छा नहीं लगता है। सच्चे मित्रों का स्थान अक्सर एक मशीन ले लेती है।

क्या आप ने ‘‘हर’’ शीर्षक वाली मूवी देखी है? मैं इसके लिये आप को प्रेरित नहीं कर रहा हूं। यह ऐसे अकेले युवा के बारे में है जिसे कंप्यूटर से प्रेम हो जाता है, कि वह उसे ‘‘सामंता’’ कहता है। मैंने इसे नहीं देखा है। इसमें कुछ मुखर सैक्स के दश्य हैं। परंतु बहुत से बौद्विक युवाओं ने इसे देखा है इसमें एक लड़का है जिसे मशीन से इश्क है। आप इस मूवी के बारे में एक विकिपीडिया लेख यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। मैं इसे देखने के लिये आप को प्रेरित नहीं करूंगा।

मैं मानता हूं कि अमेरिकंस और यूरोप के युवाओ के अकेलेपन को शैतान ने उपयोग में ले लिया है और उन्हें गुलाम बना लिया है। वह युवा जिसने चार नौसैनिकों को मारा, वह ‘‘कंप्यूटर’’ के द्वारा आयसिस संगठन के संपर्क में था। वह वास्तव में अकेला था! यीशु जिस आदमी से मिला वह कब्रों में अकेला रहता था। वह दुष्टात्माओं के नियंत्रण में था! सचमुच परमेश्वर हमारी सहायता करे!

मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप अपने सेल फोन और से छुटकारा पा लेवें। पंरतु मेरा कहना है, ‘‘कि ये मशीनें आप को वश में नहीं करने पाये! कंप्यूटर से बाहर निकलिये कि आप कुछ सच्चे मित्र बना पाये! कंप्यूटर से कुछ ज्यादा देर तक दूर रहिये − तो आप इस चर्च में हमेशा के मित्र बना पायेंगे! कब्रों में रहने वाले इस आदमी के बारे में यह गीत सुनिये।

घर और मित्रों से दूर बुरी आत्मा उसे ले गयी,
   कब्रों में वह दुर्गति में वह रहता था;
दुष्टात्माओं ने उसे घेरा उसने सब से दूर अपने को कर लिया,
   तब यीशु आये और उस कैदी को मुक्त किया।
जब यीशु आते हैं ऐसी ताकत का नाश होता है;
   जब यीशु आते हैं आंसू पोंछ दिये जाते हैं।
वह दुख ले लेते हैं और महिमा से भर देते हैं,
   जब यीशु साथ में रहने आ जाते हैं तो सब कुछ बदल जाता है।
(‘‘दैन जीजस कैम’’ ओस्वाल जे स्मिथ,१८८९−१९८६;
      होमर रोडेहीवर का संगीत, १८८०−१९५५)

युवा लोगों, मै आप को चर्च आने के लिये प्रेरित कर रहा हूं। यहां रविवार की सुबह और रविवार की रात आया कीजिये। यहां शनिवार की रात भी आइये! मैं आप से प्रतिज्ञा करता हूं − कि हम मित्र हो जायेंगे! मैं आप से प्रतिज्ञा करता हूं − अगर आप हमारे पास आयेंगे तो आप अकेला महसूस नहीं करेंगे! आमीन!

३. तीसरी बात, यह जवान यीशु से डरता था।

बाइबल कहती है,

‘‘और ऊंचे शब्द से चिल्लाकर कहा हे यीशु, परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे’’ (मरकुस ५:७)

वह यीशु से डर गया। यह बात, भी, आजकल के युवाओं में देखने को मिलती है। यीशु और यह चर्च आप की मदद कर सकता है, पर आप डर जाते हैं! आप वायदा करने से डरते है। आप प्रति सप्ताह चर्च में हमारे साथ समय बिताने से डर सकते हैं। मैं केवल यह कह सकता है कि इससे मुझे दुख होता है। भय शैतान से आता है। वह ऐसा क्यों करता है? क्योंकि वह जानता है कि अगर आप हमारे साथ और यीशु के साथ आयेंगे। वह आप को खो देगा।

जब मैं १९ साल का था तो मैं रात्रि में लोस ऐंजीलिस की गलियों में घूमा करता था। मेरे हाई स्कूल के मित्र जा चुके थे। मैं अकेला था, बहुत अकेला। एक शनिवार रात मैं ओलवेरा की गली में घूम रहा था। मैं चाइना टाउन को पार कर गया। मैं येल स्ट्रीट पर मुड़ गया। उस गली के पार मैंने एक चर्च देखा। मैंने दरवाजे पर खटखटाया और एक जवान लड़की लोरना लूम ने दरवाजा खोला उसने अगले दिन मुझे रविवार को चर्च आने को कहा। मै अगले दिन वहां गया। और मैं बहुत सालों तक वहां गया। यीशु ने मुझे बचाया जब मैं उस चर्च में था। मेरे बहुत से सच्चे और लंबे समय तक बने रहने वाले मेरे मित्र बने, जैसे लोरना और मर्फी लूम।

हमसे डरिये मत! यीशु से मत डरिये! हमारे पास आइये और हम आप का भला करेंगे! हमारे साथ आइये और मैं आप से वायदा करता हूं, चर्च आप का जीवन भले के लिये बदल कर रख देगा। अगर आप हमारे पास अगले सप्ताह फिर से आयेंगे − और यीशु के भी पास आयेंगे − आप को खुशी होगी कि आपने हजारों वर्षो के लिये अच्छा कार्य कर लिया!

गदरेनियों में रहने वाले मनुष्य के अंदर से यीशु ने दुष्टात्मा को निकाल दिया! हां, यीशु मसीह ने उसे बचा लिया! हां यीशु मसीह द्वारा वह बचा लिया गया!

तो मनुष्यों ने मसीहा को समर्थ पाया,
   वे आवेग, लालसा और पाप पर काबू नहीं कर पाये;
उनके टूटे हुए मनों ने उन्हें उदास और अकेला बना दिया,
   तब यीशु आये उनके साथ भीतर स्वयं वास किया।
जब यीशु आते हैं ऐसी ताकत का नाश होता है;
   जब यीशु आते हैं आंसू पोंछ दिये जाते हैं।
वह दुख ले लेते हैं और महिमा से भर देते हैं,
   जब यीशु साथ में रहने आ जाते हैं तो सब कुछ बदल जाता है।

यीशु आप को शैतान से मुक्त कर सकते है! यीशु आप को जीवन और सामर्थ दोनों दे सकते हैं! यीशु आप का जीवन बदल सकते हैं! हमें एक मौका दीजिये कि हम आप को यीशु मसीह की ओर मार्ग दिखायें! वापस आइये और हम आप को मार्ग दिखायेंगे! कोई कह सकता है कि, ‘‘हम शैतान या दुष्टात्मा को नहीं मानते।’’ तो ठीक है। एक समय था मैं भी नहीं मानता था। पर महत्वपूर्ण बात यह नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह जान लें कि यीशु आप से प्रेम रखते हैं। यह महसूस करें कि हम भी आप से प्रेम रखते हैं! यह वह जगह है जहां हम लंबे समय के मित्र बना सकते हैं। यह वह जगह है जहां आप से प्रेम किया जायेगा और आप को ग्रहण किया जायेगा! मसीह में अपना विश्वास रखिये, जो परमेश्वर का एकमात्र पुत्र है। वह आप को क्रूस पर अपनी मौत के द्वारा, आप के पापों का दंड अपने उपर लेकर,अनंतकाल तक के लिये बचायेगा। आमीन!


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(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व ऐरोन यांसी द्वारा धर्मशास्त्र पढ़ा गया: मत्ती ८:२८−३४
संदेश के पूर्व बैंजमिन किंकेड ने यह गीत गाया:
(‘‘दैन जीजस कैम’’ ओस्वाल जे स्मिथ, १८८९−१९८६;
होमर रोडेहीवर का संगीत, १८८०−१९५५)


रूपरेखा

वर्तमान में दुष्टात्मायें

DEMONS TODAY

डॉ आर एल हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

‘‘और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे। और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला'' (मरकुस ५:१−२)

१.  प्रथम, यह युवा जन दुष्टात्माग्रस्त था, इफिसियों ६:१२; २:२

२.  दूसरी बात, यह जवान लड़का अकेला था, लूका ८:२७; मरकुस ५:५

३.  तीसरी बात, यह जवान यीशु से डरता था, मरकुस ५:७