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मसीह के रहस्यमयी धन का प्रचार

PREACHING THE UNSEARCHABLE RICHES OF CHRIST
(Hindi)

द्वारा डॉ.आर.एल.हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की सुबह‚ ४ मई‚ २०१४ को दि लॉस एंजीलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में प्रचार किया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, May 4, 2014

“मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूं‚ यह अनुग्रह हुआ‚ कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं।” (इफिसियों ३:८)


मैं जितना बूढा होता जा रहा हूं उतना मैं प्रेरित पौलुस से प्रेम करता जाता हूं। वह इतना विनम्र व्यक्ति है‚ और मसीह की संपदा को हमारे उपर प्रकट करता जाता है। वह बाईबल पाठ में कहता है कि वह “संतो में सबसे तुच्छ” है। पौलुस ने हमेशा अपनी प्रेरिताई को बहुत नम्र होके लोगों के समक्ष प्रगट किया। १कुरंथियों १५:९ में वह कहता है कि प्रेरितों में वह सबसे छोटा है क्योंकि उसने “मंडली के परमेश्वर” को अपने परिवर्तन से पूर्व बहुत सताया था। वह इसी बात को १तिमोथी १:१२‚१३ में भी दोहराता है।
किंतु वह यह भी कहता है कि उसे परमेश्वर ने इतना अनुग्रह दिया कि वह “मसीह के रहस्यमयी धन का प्रचार” कर सके। केनेथ व्यूस्टे ने बताया कि “रहस्यमयी” शब्द का अनुवाद यूनानी भाषा में इस प्रकार होता है कि‚ “जो खोजा न जा सके।” इसलिये कहा जाता है कि मसीह की संपदा की गहराई नापी नहीं जा सकती “वह ऐसी है जो मनुष्य की समझ से परे है” (केनेथ एस. व्यूस्टे‚ पी.एच.डी.‚ व्यूस्टे वर्ड स्टडीज ‚ इर्डमेन्स‚ १९७५‚ वॉल्यूम १‚ पेज ८४)
मुझे कई वर्षो तक कई विद्वान पास्टर्स व शिक्षकों ने कहा कि मुझे केवल सुसमाचार प्रचार तक ही सीमित नहीं रहना चाहिये‚ नहीं तो मेरे लोग सतही मसीही बन कर रह जायेंगे। मैंने लंबे समय तक इस बात पर भरोसा किया — जब तक कि मुझे स्पर्जन के संदेशों की पूरी श्रंखला न मिल गई। स्पर्जन को पढ़ लेने के पश्चात‚ मैं मसीह के उपर प्रचार की गहराई को देखकर दंग रह गया। इसलिये मैंने सोचा कि मैं सुसमाचार को अलग अलग तरीके से प्रचार करूंगा‚ जितना अलग संभव हो हर मत से प्रचार करूंगा‚ जैसा स्पर्जन ने किया। मुझे याद है मैं सोचा करता था कि‚ “मैं लंबे समय तक ऐसा प्रचार नहीं कर पाउंगा। मुझे सामग्री कम पड़ जायेगी‚ और लोग मुझे सुनकर बोर हो जायेंगे।”
मैं कितना गलत था! मैं रविवार की सुबह और रविवार की शाम की सभाओं में कई वर्षों से सुसमाचार संदेश दे रहा हूं। तब भी मुझे लगता है कि मैं सिर्फ सतह को ही कुरेद रहा हूं! अब मुझे ऐसा नहीं लगता कि मुझे संदेश सामग्री की कमी पड जायेगी‚क्योंकि अब मैं कभी न खोज सकी जाने वाली‚ व जिसकी गहराई नहीं नापी जा सके ऐसी संपदा का प्रचार कर रहा हूं‚ कि “आप इसकी–तह–तक–कभी–नहीं–पहुंच–सकते” यह मसीह की दौलत है! मेरी मदद कीजिये! मसीह की संपदा के विषय में इतना कुछ कहना है कि मैं इसे कभी कहना समाप्त भी नहीं कर पाउंगा – सौ वर्ष में भी नहीं!
क्या मसीह का सुसमाचार लगातार सुनने से हमारे लोग सतही हो जायेंगे – जैसा कि पहले मुझे कहा गया था? बिल्कुल नहीं! हमारे यहां उत्तम प्रकार के मसीही जन हैं जो हमें इस संसार में मिलेंगे! यह मैं डींग नहीं मार रहा हूं। यह साधारण सी सच्चाई है आज संसार में हमारे पास बहुत ताकतवर मसीही हैं। वे सुसमाचार प्रचार के द्वारा ही परिवर्तित हुये हैं। उन्हें सुसमाचार रूपी भोजन ही दिया गया है। इसी प्रचार के बलबूते पर वे मजबूत हुये हैं! मुझे अब यह समझ में आ रहा है जो पौलुस ने कहा था‚!

“क्योंकि मैं ने यह ठान लिया था‚ कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह‚वरन क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं” (१कुरंथियों २:२)

हम मसीह में विश्वास रखने के कारण बचाये गये हैं और उसके क्रूस पर बलिदान पर विश्वास रखने से हमारा उद्धार हुआ है। हम क्रूसित मसीह में विश्वास रखने से उसके अनुग्रह में उन्नति करते जाते हैं। हम क्रूसित मसीह में पवित्र किये गये हैं। मसीह ही “अल्फा और ओमेगा है‚ प्रारंभ व अंत है” (प्रकाशितवाक्य १:८) मसीह “विश्वास का कर्ता और (सिद्) करने वाला” (इब्रानियों १२:२) है। जैसा मैंने पिछली रात प्रचार किया था‚ मसीह “.....हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म और पवित्रता और छुटकारा” (१कुरंथियों १:३०) चूंकि हमारा छुटकारा‚ पवित्रता और महिमामयी जीवन सब कुछ मसीह में है इसलिये इससे अधिक प्रचार करने की आवश्यकता ही नहीं है! मि.गिफिथ ने अभी अभी एक पुराना जर्मन गीत जो अंग्रेजी में अनुवादित है गाया‚

जब सुबह का आकाश चमकता है मेरा दिल चिल्ला उठता है:
   यीशु मसीह की जय हो!
काम में रहूं या दुआ में‚ यीशु के पास सब ले जाता हूं:
   यीशु मसीह की जय हो!

जब सोता हूं उसकी दया आराम देती है‚ मेरी शांत आहों को‚
   यीशु मसीह की जय हो!
जब दुष्ट विचार सताते हैं‚ वह मेरी छाती में कवच बन जाता है‚
   यीशु मसीह की जय हो!

जब उदासी दिमाग पर छा जाती है? उसमें मैं आराम पाता हूं‚
   यीशु मसीह की जय हो!
सांसारिक लाभ जब कम हो जाते हैं?मेरा विश्राम तब भी उसी में हैं‚
   यीशु मसीह की जय हो!

ऐसा होने पाये‚ जब तक यह जीवन है‚मेरी आत्मा (आनंद का गीत) गाती रहे:
   यीशु मसीह की जय हो!
सदियों तक यह सनातन गीत गाती रहे:
   यीशु मसीह की जय हो!
      (“यीशु मसीह की जय हो‚”अज्ञात लेखक; एडवर्ड कासवाल द्वारा जर्मन से अनुवादित‚१८१४–१८७८)

या‚ मि.गिफिथ ने जैसे पिछली रात गाया‚

यीशु मसीह मेरे लिये बनाया गया‚ वह सब जो मुझे चाहिये‚ मुझे चाहिये।
   वह ही मेरी विनती है‚ वह ही है जो मुझे चाहिये।
विद्वता‚ धार्मिकता और सामर्थ‚ पवित्रता मुझे चाहिये बिल्कुल इसी घडी‚
   मेरा छुटकारा पूरा और मुफ्त है‚ वह ही है जो मुझे चाहिये!
(“जो मुझे चाहिये‚” लेखक अज्ञात: कॉपीराईट १९६५ डॉ.जॉन आर. राईस
      रिवाईवल स्पेशल्स नं २)”

जब मैंने इस प्रोजेक्ट को हाथ में लिया कि मैं सुसमाचार को विविध तरीके से प्रचार करूंगा‚ मैं डर गया कि मेरे संदेशों में इंटरनेट पर इतनी अपील नहीं दिखाई पडेगी। किंतु मैं उन लोगों की प्रतिकिया जानकर उत्साह से भर गया जो मेरे संदेशों को पढ़ते हैं। उदाहरण के लिये‚ पिछले महिने‚ १००‚९८९ लोगों ने मेरी वेबसाईट को “पसंद” किया‚ और हमको कितने ही उत्साहित ई मेल मिलती रहती है। इंडोनेशिया के एक मिशनरी ने पिछले महिने यह संदेश‚ मेरे तिहोत्तरवें जन्मदिन पर भेजा। मुझे इसे पढ़ने में झिझक है क्योंकि ऐसा लगेगा कि मैं डींग मार रहा हूं। किंतु यह इतना खूबसूरत लिखा था कि मैं इसे आपको पढ़कर सुनाना पसंद करूंगा। अंग्रेजी उसकी पहली भाषा नहीं है। वह इंडोनेशियन बोलता है। इसलिये मैं जानता हूं कि उसे इतना खूबसूरत संदेश लिखने में कितना वक्त लगा होगा।

      आपके संदेश में बार बार बजती एक मीठी धुन है जैसे बीथोवन की सिंफनी की पांचवी धुन हो। यही बात बार बार सुनाई देती है। लहू पर और मसीह द्वारा दिये गये छुटकारे पर प्रचार का कितना महत्व है‚ और परिवर्तन पर प्रचार‚ जो बार बार आपके संदेशो में आता है। आप “निर्णयवाद” के विरूद्ध प्रचार करते हो और अनेकों बार चर्च में व्याप्त अराजकता की ओर संकेत दिया। जैसे बीथोवन का पांचवा सुर मधुर ध्वनि देता है वैसे ही इन विषयों को बार बार सुनने से मन में बहुत आनंद की अनुभूति होती है। ये विषय बार–बार‚ बार–बार गूंजते हैं।
      आपके संदेश हमारे कानों में गूंजते हैं और हमें याद दिलाते हैं कि जीवन क्या है और मौके कैसे हमारे आगे से निकलते जाते हैं। इसलिये मसीह का सतत प्रचार चलते रहना चाहिये ताकि किसी को भी मन फिराने का अवसर मिल सके। हमारे जीवन व अवसर सूखी पत्तियों की तरह है जो तने से अलग हो जाते हैं‚ अपनी जडों से बिछड जाते हैं‚ अपनी आजादी में उडते फिरते हैं‚ जैसे मदमस्त होकर नाच रहे हों‚ हवा के साथ बहाव में बह जाते हैं‚ और एक दिन बरबाद होकर समाप्त हो जाते हैं। पहले तो हमें आजादी अच्छी लगती है‚ पर जैसे जैसे समय बीततना है आजादी गायब हो जाती है‚ तब हमें पता चलता है हमारे जीवन से कुछ निकलने वाला नहीं है और हमने परमेश्वर के लिये काम करने का मौका भी खो दिया। आपका संदेश हमारे कानों में बारंबार गूंजता है कि हम केवल संदेश के देखने वाले और सुनने वाले ही न बने रहे‚ किंतु संदेश पर अमल करने वाले भी बनें। हमारे जीवन और उसके अंदर जो अवसर हमें मिलते हैं वह सुंदर इंद्रधनुष के रंगो के समान है जो हमारी आंखों को अदभुत सौंदर्य दिखाते हैं; किंतु जब तूफान आते हैं तो इस इंद्रधनुष का सौंन्दर्य और अस्तित्व खत्म हो जाता है। हमें अक्सर सुसमाचार प्रचार का सुंदर अवसर मिलता है‚ किंतु हम इसे हल्का जानकर बस इसकी सुंदरता को निहारते भर हैं‚ जब तक कि इसकी गहराई को हम जानते नहीं। अवसर खो देने पर कुछ नहीं बचता केवल खालीपन के। हमें समय दिया गया है कि हम खोई हुई आत्माओं तक पहुंचे। यद्यपि कई बाधायें आती हैं‚ तौभी अवसर भी अनेक मिलते हैं। जो आज मारे प्रचार को अस्वीकार करते हैं; निश्चित उनमें से कुछ मसीह को ग्रहण करेंगे। आपके संदेश हमारे कानों में गूंजते हैं और हमें बार बार यह महसूस करवाते हैं कि कार्य करने की हमारी ताकत कमजोर हो गई है। हमारे जीवन व कार्य लहरों की तरह शोर मचाते हैं‚ हमें चुनौती देते हैं‚ तब हमारी भीतरी ताकत क्षीण हो जाती है और छोटी छोटी तरंगों में विभाजित हो जाती है। जब वे किनारे से जाकर टकराती है – जैसे हमारा पक्का निश्चय‚ हर समय मजबूत नहीं रहता। कभी कभी हम अति उत्साहित हो जाते हैं‚ और कभी अपने आप को अकेला महसूस करते हैं और कार्य करने की इच्छा नहीं होती। जब हमारी आत्मा के अंदर आग जलती रहती है‚ तो उस प्रज्जवलित आग को जलने दीजिये ताकि हमारा प्रचार व सेवा सतत चलती रहे। आपके संदेश हमारे कानों में गूंजकर प्रेरित करते रहते हैं जैसा कि प्रेरित ने कहा‚ “प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।” (रोमियों १२:११)
      आपके संदेश सदैव याद दिलाते हैं कि परमेश्वर के वचन में क्या लिखा है‚ “मनुष्य की आयु घास के समान होती है‚ वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है‚ जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता‚ और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।” (भजन १०३:१५–१६)
      आपके संदेशों के लिये धन्यवाद। आपकी स्फूर्ति के लिये धन्यवाद जो आप हमारे भीतर भरते हैं‚ हमें बताते रहते हैं कि हमें सतत सुसमाचार प्रचार करते रहना चाहिये। आप जो कुछ करते हैं उन सब बातों के लिये प्रभु हमारे मसीहा‚ यीशु मसीह में आपको धन्यवाद।
      आपको जन्मदिन मुबारक हो‚ पास्टर साहब। परमेश्वर आपको व आपके परिवार व आपके लोगों को आशीष देवे।
      सेवकाई में आपका पुत्र‚
      एडी

यह मन को छू लेने वाला संदेश मुझे इंडोनेशिया के एक विश्वसनीय मिशनरी ने भेजा। इसने मेरे मन को छू लिया‚ इसलिये मैंने इसे आपके साथ बांटा। सचमुच‚ हमें सुसमाचार प्रचार करते जाना चाहिये। हमें बडी लगन से “मसीह की रहस्यमय संपदा को” बताते रहने के लिये कठिन मेहनत करनी चाहिये।

मैं मानता हूं कि हरेक मसीही को अक्सर सुसमाचार सुनना चाहिये। “मसीह की रहस्यमय संपदा” केवल अविश्वासियों के लिये ही नहीं है। सच में‚ इफिसियों को लिखी पत्री में लिखा गया है‚ “उन पवित्र और मसीह यीशु में विश्वासी लोगों के नाम जो इफिसुस में हैं” (इफिसियों १:१) प्रेरित पौलुस ने इस महान पत्री में सुसमाचार से कई बिंदु दिये हुये हैं। बाईबल की पुस्तकों में से यह एक मेरी पसंदीदा पुस्तक है क्योंकि यह यीशु को बहुत महिमामंडित करती है‚ एवं सुसमाचार को स्पष्ट रूप से घोषित करती है। प्रेरित इन मसीहियों को यह याद दिलाकर उत्साहित करता है क यीशु ने उन्हें बचाने के लिये क्या किया। यहां मेरे पसंद के दो पद हैं।

“तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए‚ और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे‚ और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे‚ मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।” (इफिसियों २:१२–१३)

“प्रत्येक मसीही को बार बार सुसमाचार सुनना चाहिये। हमें यह याद होना चाहिये कि हमारे जीवन में कोई आशा नहीं थी‚ हम संसार में बिना परमेश्वर के थे। हमें यह याद होना चाहिये कि “हम मसीह के लहू में उंचे उठाये गये।”

मैं एक पास्टर‚ जो नार्थन आयरलैंड के‚ टिनिटी प्रेसबिटेरियन चर्च न्यूटाउन एवे के रेव्ह.वारेन पील थे‚ उनका बडा अदभुत संदेश पढ रहा था। बैनर आँफ ट्रूथ मेगजीन में छपा उनका संदेश यह इशारा करता है कि सभी मसीहियों को‚यहां तक कि पास्टर्स को भी‚ अक्सर सुसमाचार सुनने की जरूरत है। उन्होंने लिखा था‚ “हमें सुसमाचार सुनना आवश्यक है और प्रतिदिन हमारे जीवनों में विश्वास करना आवश्यक है” (बैनर आँफ ट्रूथ मेगजीन अगस्त/सितंबर, २०१३, पेज ४) । कितनी अच्छी बात लिखी है‚ प्रचारक ने! यहां वे कारण इस प्रकार है। वे किसी विशेष क्रम में नहीं दिये हुये है। जैसा मैं सोचता गया इन बिंदुओं को लिखता गया। शायद आप इनसे अधिक भी सोच सकते हैं। यहां मैं कुछ कारणों की सूची प्रस्तुत करूंगा कि क्यों मसीही लोगों को सुसमाचार प्रचार सुनने की आवश्यकता है।

१. सुसमाचार हमें दोषी महसूस करने की भावना से मुक्त करता है। (पास्टर पील ने इसे अपने संदेश में बताया)

२. सुसमाचार हमें भविष्य की आशा देता है – क्योंकि मसीह मरे हुओं में से जी उठा और पुन: आने वाला है!

३. सुसमाचार हमें आराम देता है। (यीशु ने कहा‚ “मैं तुम्हे विश्राम दूंगा‚ मत्ती ११:२५)

४. सुसमाचार हमें शैतान के उपर जय देता है (“और वे मेम्ने के लोहू के कारण जयवंत हुए‚” प्रकाशितवाक्य १२:११)

५. सुसमाचार दुआ में हमें भरोसा देता है (“सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है‚” इब्रानियों १०:१९)

६. सुसमाचार कष्ट के समय हमें सहने की ताकत देता है। (“अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिस ने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा‚” १पतरस ५:१०)

७. सुसमाचार हमें उन वस्तुओं को पूरा करने की ताकत देता है जो हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमसे संभव होगी (“जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं‚” फिलि.४:१३)

८. सुसमाचार हमें यह भरोसा देता है कि हम अनुग्रह में बढते जायेंगे (“और मुझे इस बात का भरोसा है‚ कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है‚ वही यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा‚” फिलि.१:६)


कुछ सप्ताह पहले मैंने “मेरे प्रारंभिक जीवन” पर संदेश दिया। मैंने उसमें बताया कि जब मैं जवान लडका था तब मैंने कितनी परेशानियां झेली। शैतान ने उस संदेश को एक जवान लडके के दिमाग में हेर फेर कर दिया। उस जवान लडके ने बताया कि वह डर गया था कि यीशु को मानने से उसे भी इन परेशानियों में से होकर गुजरना पडेगा। दखिये शैतान किस तरह बातों को घुमाता है!मेरे संदेश का मकसद यह था कि प्रभु यीशु मसीह मुझे उन सब कठिनाइयों में से बाहर निकलने की ताकत देते चले गये। मसीह आपको भी जीवन की इन चुनौतियों का साहस से मुकाबला करने की ताकत देगा! अपने पापों को मानो‚ और यीशु का विश्वास करो! वह अपने लहू से आपके सारे पापों को धो डालेगा और आपको एक नया व अच्छा जीवन देगा ताकि वह जीवन सदैव आपके पास सुरक्षित रहेगा! यहां एक गीत है जो मैंने लडके के रूप में सीखा था‚

मैं मसीह के पास जाने के लिये तैयार हूं‚
   मेरे पाप और बुरी जिंदगी छोडकर;
वही एक सच्चा जन है‚ वही न्यायी है‚
   उसके पास जीवन है।
मैं उसके पास शीघ्रता से जाउंगा‚ शीघ्र मुक्त होके मैं खुश हूं‚
   मेरे यीशु‚ महान‚ सबसे उंचे प्रभु‚मैं आपके पास आता हूं।
(“मैं तैयार हूं” द्वारा पामर हार्ट सॉफ १८४४–१९३२)

अपने पापों सेमन फिराइये और आज ही यीशु पर भरोसा कीजिये! आपको कभी भी इस बात का पछतावा नहीं होगा! आप इसके बाद अपने शेष जीवन में सुसमाचार के बारे में ही प्रतिदिन सोचा करेंगे। आपके पापों का दंड चुकाने के लिये मसीह ने क्रूस पर अपनी जान दी। यीशु ने आपको आपके सारे पापों से शुद्ध करने के लिये लहू बहाया। यीशु आपको जीवन देने के लिये मरे हुओं में से जी उठा! अपने पाप से फिर जाइये और उसका विश्वास कीजिये! आपको कभी पछतावा नहीं होगा!

अगर आप अपने बचाये जाने के बारे में और सच्चे मसीही बनने के विषय में बात करना चाहते हैं, तो अपना स्थान छोडकर आँडिटोरियम के पिछले हिस्से में आ जाईये। डॉ.कैगन आपको दूसरे कमरे में ले जायेंगे जहां हम दुआ कर सकते हैं डॉ.चॉन, आपसे निवेदन है कि आप दुआ करें कि कोई आज सुबह यीशु पर ईमान लाये। आमीन।


अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स आप से सुनना चाहेंगे। जब आप डॉ हिमर्स को पत्र लिखें तो आप को यह बताना आवश्यक होगा कि आप किस देश से हैं अन्यथा वह आप की ई मेल का उत्तर नहीं दे पायेंगे। अगर इस संदेश ने आपको आशीषित किया है तो डॉ हिमर्स को इस पते पर ई मेल भेजिये उन्हे आप किस देश से हैं लिखना न भूलें।। डॉ हिमर्स को इस पते पर rlhymersjr@sbcglobal.net (यहां क्लिक कीजिये) ई मेल भेज सकते हैं। आप डॉ हिमर्स को किसी भी भाषा में ई मेल भेज सकते हैं पर अंगेजी भाषा में भेजना उत्तम होगा। अगर डॉ हिमर्स को डाक द्वारा पत्र भेजना चाहते हैं तो उनका पता इस प्रकार है पी ओ बाक्स १५३०८‚ लॉस ऐंजील्स‚ केलीफोर्निया ९००१५। आप उन्हें इस नंबर पर टेलीफोन भी कर सकते हैं (८१८) ३५२ − ०४५२।

(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व धर्मशास्त्र पढा गया मि.ऐबेल प्रुद्योमें: (इफिसियों ३:१–८)
संदेश के पूर्व एकल गाना गाया गया। मि.बैंजामिन किन्केडगिफिथ:
(“यीशु मसीह की जय हो‚”अज्ञात लेखक; एडवर्ड कासवाल द्वारा जर्मन से अनुवादित‚१८१४–१८७८)