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स्वधर्म त्याग से मुक्ति की औषधि

THE ANTIDOTE FOR APOSTASY
(Hindi)

द्वारा डा. आर.एल.हिमर्स
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

रविवार की संध्या, २३ मार्च, २०१४, को लॉस एंजिलिस के दि बैपटिस्ट टैबरनेकल में
प्रचार किया गया संदेश
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, March 23, 2014

''पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर द्रढ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था? और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।'' (२ तीमुथुयस ३˸१४−१५)


मैंने यह शीर्षक, ''स्वधर्म त्याग से मुक्ति की औषधि,'' डॉ. जे.वर्नान मैगी से उधार लिया है। कई वर्षो से डॉ.मैगी मेरे बाईबल शिक्षकों में से एक रहे हैं। जब मैं १९ वर्ष का था, मैंने सन १९६१ जनवरी में, फस्र्ट चाईनीज बैपटिस्ट चर्च लॉस एंजीलिस में जाना प्रारंभ किया था। मुझे दो बहुत महान बाईबल शिक्षक मिले, डॉ.तिमोथी लिन, जो पुराने नियम के विद्वान थे − और बॉब जोन्स यूनिवर्सिटी, तलबोट थियोलॉजीकल सेमनरी, एवं टिनिटी इवेंजलीकल सेमनरी, डीयरफील्ड, ऐलीनोईज में स्नातक स्कूल में शिक्षण किया करते थे। मैंने डॉ.लिन से बहुत कुछ सीखा, जो कई वर्षो तक मेरे पास्टर रहे। मेरे दूसरे शिक्षक डॉ. जे.वर्नान मैगी रहे, जो ५५० साउथ होप स्ट्रीट डाउन टाउन लॉस एंजीलिस के ओपन डोअर विशाल चर्च के पास्टर रहे। यह चर्च भी जिस चाइनीज चर्च का मैं सदस्य था उससे दूर नहीं था। .

तीन वर्षो तक, मैंने प्रतिदिन दो बार डॉ. मैगी को रेडियो पर सुना - उनका ''थ्रू दि बाईबल'' रेडियो कार्यक्रम प्रसारित होता था, और मैं उनका ''हाई नून'' प्रसारण भी, जो ''थ्रू दि बाईबल'' से अलग वर्णन हुआ करता था, सुनता था। मैंने ''थू दि बाईबल'' प्रतिदिन सात वर्षों तक सुना। इन दोनों विद्वानों का व्याख्यान सुनकर मैं बाईबल की शिक्षा ग्रहण करने में बहुत आत्मविश्वास से भर गया।

डॉ.लिन व डॉ. मैगी दोनों ने ही खूब समय लेकर बाईबल की भविष्यवाणी पर प्रचार किया। यद्यपि मैं अपने संदेशों को मुख्य रूप से ''उद्धार पाने'' की शिक्षा (नये जन्म) लेने पर केंदित रखता हूं। इसे मैं बाईबल की की रोशनी में ही किया करता हूं, विशेषकर अंत के दिनों में जब लोग धर्म त्याग देंगे उससे संबंधित भविष्यवाणी को लेकर मैं उद्धार पाने का संदेश दिया करता हूं। डॉ.मैगी ने सही कहा था कि का ३ रा अध्याय तीमुथुयस “अंत के दिनों का चित्रण करता है परमेश्वर के बालक इन अंत के दिनों में क्या करेंगे? अंत के बुरे दिनों की विषहर औषधि केवल परमेश्वर का वचन है'' (जे वर्नान मैगी, टी.एच.डी., थ्रू दि बाईबल, थॉमस नेल्सन पब्लिशर्स, १९८३‚ पेज ४७२; २ तीमुथुयस ३˸१४−१५ पर व्याख्या)

२ तीमुथुयस का तीसरा अध्याय अवश्य ही अंत में अधर्मी हो जाने वाले लोगों की भयानक दशा का वर्णन करता है। और अभी प्रत्येक चिन्ह यही दर्शाता है कि हम स्वधर्म त्यागने वाले खतरनाक दिनों में रह रहे हैं! ''स्वधर्म त्याग'' अर्थात ''बगावत या विरोध; अपने धर्मपालन से फिर जाना या उसका त्याग कर देना'' (वेबस्टर्स डिक्शनरी, अनाबिज्ड, कोलिंस वल्र्ड, १९७५) । हां, हमारा पवित्र धर्म शास्त्र, स्वधर्म त्याग, के लिये भी, उपचार या औषधि प्रदान करता है,

''पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर पक्का बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था? और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।'' (२ तीमुथुयस ३˸१४−१५)

इस पाठ को ध्यान से देखने पर हमें कई बातें देखने को मिलेंगी,

१. प्रथम, ''परन्तु'' शब्द पर ध्यान केंदित करें।

''पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, (२ तीमुथुयस ३˸१४)

इसका अनुवाद ''यद्यपि'' भी हो सकता है। बुरे लोग और व्यभिचारी और बुरे होते जायेंगे। धोखेबाज और धोखे खाने वाले बढते जायेंगे, ''किंतु (यद्यपि) यह जानकर द्रढ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था......।'' वे कितने भी बुरे क्यों न हो, तुम उन बातों में बने रहो जो तुमने सीखी है। यह प्रेरित पौलुस जवान तीमुथुयस को सिखा रहा है - और हमें भी।

यह संपूर्ण अंश अंतिम दिनों के चर्च की ओर इशारा करता है। हम यह जानते हैं क्योंकि हमें बताया गया है (पद ५) में कि वे ''भक्ति का भेष तो धरेंगे'' और “सदा सीखती तो रहती है (किंतु) सत्य की पहचान तक कभी नहीं पहुंचती'' (पद ७‚८) डॉ. मैगी का कथन था कि, ''नया नियम में 'अंतिम दिनों में' प्रयुक्त वाक्यांश तकनीकी रूप लिये हुये है जो चर्च की अंतिम दिनों की दशा का विवरण प्रस्तुत करता है'' (उक्त पेज नं ४६९) मैं समझता हूं वह सही कह रहे थे। ''खतरनाक समय आयेगा'' अर्थात दुखदायी और निराशाजनक समय आयेगा। यूनानी शब्द ''कैलीपोस'' से अंग्रेजी शब्द “खतरनाक'' अनुवादित होकर निकला है। इसका प्रयोग यूनानी नये नियम में एक और बाद हुआ है। मत्ती ८˸२८ में गदरेनियों के देश में पायी जाने वाली दुष्टात्माओं का वर्णन है जो ''बेहद प्रचंड'' थीं। इसलिये हमें बताया गया है प्रचंड, खतरनाक दुष्टतापूर्ण समय अंतिम दिनों के चर्च में प्रगट होगा। हमारे समय के चर्च के लोगों के उन्नीस प्रकार के वर्णन पाये जाते हैं। डॉ. मैगी ने पुन: कहा कि, ''अगर आप चर्च के इतिहास को देखो तो अवश्य कुछ चीजों का प्रमाण आपको मिलेगा, परन्तु मैं नहीं सोचता कि कोई ऐसा समय आपको मिलेगा जिसमें ऐसी सारी बातें सच हो रही हों जैसे वर्तमान में हमको देखने को मिल रही है। मेरा विश्वास है कि हम अब 'खतरनाक' युग में जी रहे हैं जैसा इस भाग में वर्णित है।'' (उक्त) हमारे समय के चर्च के लोगों के उन्नीस प्रकार के वर्णन पाये जाते हैं‚

१.  अपने आप से प्रेम रखने वाले (स्वार्थी)
२.   लोभी (पैसों के लालची, भौतिकतावादी)
३.   डींगमार
४.   घमंडी
५.  दोष लगाने वाले (पीठ पीछे बोलने वाले)
६.  माता पिता की आज्ञा का उल्लंघन करने वाले हमारे समाज में (एक
   संपूर्ण पीढी इसी तरह की बढी हुई है जिसने समाज को
   खोखला किया)
७.  नाशुक्रगुजार
८.  अपवित्र (जिसे उचित अनुचित बोलने का भेद न हो)
९.  स्वाभाविक प्रेम रहित (मन से प्रेम रहित और कठोर)
१०. वायदा तोडने वाले (वे लोग जो क्षमा भी नहीं करते और क्षमा किया
   जाना भी नहीं चाहते)
११. झूठे दोष लगाने वाले (बेबुनियाद गपशप करने वाले)
१२. अधीर (स्वयं पर नियंत्रण न रखने वाले)
१३. खतरनाक (पाशविक)
१४. अच्छी बातों को पसंद नहीं करने वाले (अच्छी मसीही संगति से दूर    रहने वाले)
१५. धोखेबात (छल करने वाले)
१६. उतावले (प्रचंड व विचारहीन)
१७. अहंकारी (गर्वीला)
१८. संसारी आनंद को परमेश्वर प्रदत्त आनंद से अधिक मधुर जानने वाला
१९. भक्ति का भेष धरने वाला, किंतु परमेश्वर की सामर्थ को मानने से
   इंकार करने वाला)

यह सभी झूठे मसीहियों के प्रकार हैं जो अधर्म को मानने वाले चर्चेस में व सेमनरियों में शिक्षा प्राप्त कर रहे होते हैं। वे बाहरी रूप से परमेश्वर के सेवक कहलाते हैं, किंतु वास्तव में उनके व्यवहार व तौर तरीकों से वे शैतान के सेवक हैं।

वे उन स्त्रियों के समान हैं जो ''सदा सीखती तो रहती है किंतु सत्य तक कभी नहीं पहुंचती'' (पद ७) आज के युग में इसी प्रकार के लोगों की भरमार है। मुझे इसी प्रकार के कई अनुभव हुये हैं - जो मैंने संसार में गैर मसीहियों से नहीं प्राप्त किये वे मुझे चर्च के लोगों ने प्रदान किये।

मैंने देखा है कि बैपटिस्ट भी एक दूसरे के बाल जड से उखाडने में लगे रहते हैं। वे एक दूसरे के लिये अपशब्दों में बात करते हैं, एक दूसरे के उपर गीत की पुस्तिका फेंकते हैं - यह सब मैंने रविवार सुबह एक चर्च की आराधना जो लगभग ११ बजे होती है उसमें देखा है। मैंने देखा कि एक क्वायर डायरेक्टर को उठा कर फेंक दिया गया, और तब तक मारा गया जब तक कि उसका चेहरा लहूलुहान न हो गया, उसकी जेबें लूट ली गई ताकि उसमें से चर्च की चाबियां निकाल सकें। ये सब चर्च के ''डीकन्स'' द्वारा किया गया कार्य था। यह १९५० की बात है जब लोग एक दूसरे के प्रति ऐसा अभद्र व्यवहार करते थे। यह केलीफोर्नियां के हन्टींगटन पार्क के बैपटिस्ट चर्च की घटना है।

तबसे मैंने ऐसे कई चर्च अगुवों को देखा है जो बच्चों के साथ यौन उत्पीडन करते हैं एवं चर्च के कोष में से पैसा चुराते हैं; वे पास्टर के बाल पकड लेते हैं, जबकि दूसरा जन उसके पेट में मुक्के मारता जाता है, वे इंटरनेट पर एक दूसरे के लिये झूठ बोलते हैं। वे ऐसे अनेक अत्याचार पूर्ण कार्य एक दूसरे के लिये करते हैं जिनका वर्णन नहीं किया जा सकता। जिस व्यक्ति ने मुझे संडे स्कूल में पढाया था उसने बंदूक की नोक पर बैंक लूट ली। मेरी सेमनरी के बैपटिस्ट प्राध्यापक ऐसा वर्णन करते थे कि यीशु का शव कुत्तों ने खा लिया, मसीह का दूसरा आगमन है ही नहीं, बाईबल की लगभग सभी पुस्तकें जालसाजी हैं, मूसा जैसा कोई आदमी हुआ ही नहीं, मिस्र से कभी इजरायलियों का निर्गमन हुआ ही नहीं, और ऐसी कई तरह की गलत शिक्षायें दी जाती रही है। मेरे एक प्राध्यापक ने, अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

इस प्रकार के ये सभी लोग सदर्न बैपटिस्ट चर्चेस में बढे हुए थे। इन सभी ने ''आगे जाकर'' ''पापियों वाली प्रार्थना'' दोहराई और बपतिस्मा लिया। बहुत समय तक तो मैं चकरा गया था कि क्या मसीही लोग ऐसी बातों पर विश्वास रखते हैं, क्या मसीहियों का आचरण इतना दुखदायी होता है। जब मैंने इन बातों के विषय में बोलना आरंभ किया, तो उन्होंने मुझे चेतावनी दी कि मैं ''परेशानी खडी करने वाला'' कहला सकता हूं, और मुझे सदर्न बैपटिस्ट चर्च से बाहर जाना पड सकता है। बाद में मैंने उन गलत शिक्षाओं पर आधारित एक पुस्तक भी लिखी। जिसे ''इनसाईड दि सदर्न बैपटिस्ट कन्वेंशन'' शीर्षक दिया गया।

जब मैंने सदर्न बैपटिस्ट सेमिनरी से स्नातक किया तो मुझे प्रेसबिटेरियन सेमनरी से डॉक्टोरेट करने भेजा गया। प्रेसबिटेरियन सेमनरी भी इतनी ही खराब निकली! वहां एक प्राध्यापक तो नास्तिक थे, और इस बारे में डींगे भी हांकते थे! मैंने यह जाना कि इन दोनों सेमनरियों के कई प्राध्यापक नया जन्म पाये हुये लोग नहीं है, न ही उन्होंने सच्चे मन परिवर्तन को कभी जाना है। वे मसीही भी बिल्कुल नहीं है। मैं जानता हूं आपमें से किसी को लगेगा कि यह बढ चढकर कहा जा रहा है, किंतु मैं अपको विश्वास दिलाता हूं कि परमेश्वर की नजर में बढ चढ कर कहना या कहानी गढना जैसा कोई शब्द नहीं है। जो कुछ मैंने कहा है वह वास्तविकता है।

मैंने स्वयं अपनी आंखों से अंतिम समय के चर्च के भटके हुये सदस्यों के वे उन्नीस अवगुण देखे हैं। इसी को ''अंतिम दिनों'' का स्वधर्म त्याग कहते हैं। संसार के किसी भी भाग में, किसी भी डिनोमिनेशन में यह घटनायें होती ही हैं। मैं जानता हूं चर्चेस में ऐसी अराजकता और अधर्म का बढना देखकर जवान लोग पीछे हट गये हैं और चर्च से विरक्त हो गये हैं। मुझे याद है एक जवान बडे उत्साह से भरकर सुसमाचार प्रचारक बनने के लिये सदर्न बैपटिस्ट सेमिनरी में आया। जाने से पहले उसने मुझसे कहा, ''यहां आगे पढने से क्या फायदा? ये लोग अपने प्रचारकों को क्या सिखा रहे हैं। वे स्वयं तो कुछ भी विश्वास नहीं रखते।”

२. दूसरा, पद चौदह के उपर ध्यान लगायें।

''पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर पक्का बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था।'' (२ तीमुथुयस ३˸१४−१५)

इस अधर्म के बुरे दिनों में एक मसीही क्या कर सकता है? अधर्म के विष को मारने वाली औषधि बाईबल है, परमेश्वर का जीवित वचन। प्रेरित पतरस ने बाईबल को कहा है, ''एक ज्योति जो अंधकार में चमकती है'' (२ पतरस १˸१९)

जिन चीजों ने मुझे सेमनरी छोडने से बचाया और सेवकाई छोडने से भी बचाया वह इस पद की लिखी बातें थी, ''पर तू इन बातों पर जो (तू ने सीखी) है और प्रतीति की थी यह जानकर (बना रह); कि तू ने मैंने उन्हें किन लोगों से (सीखा था)'' (२ तीमुथुयस ३˸१४) जवान तीमुथुयस ने धर्मशास्त्र अपनी नानी, अपनी मां, और स्वयं प्रेरित पौलुस से सीखा था (२ तीमुथुयस १˸२‚५) । मैंने भी बाईबल व अधर्मीपन की ये भविष्यवाणी; मेरे शिक्षक डॉ. मैगी व डॉ.लिन से सीखी है। जिस संदेश को सुनकर, मेरा मन परिवर्तित हुआ था वह संदेश डॉ. चाल्र्स जे वुडबिज का था, जो फुलर थियोलॉजिकल सेमनरी के उदारवादीपन के विरूद्ध बोले थे, जहां से उन्होंने इसी से संबंधित विवाद को लेकर इस्तीफा भी दे दिया था। डॉ. वुडबिज ने ''अंतिम दिनों के'' ''मखौल उडाने वालों'' का भी वर्णन किया है। जिसका वर्णन २ पतरस के तीसरे अध्याय में मिलता है। उनके इसी संदेश के दिन मैं बचाया गया था (२ पतरस ३˸३) इसलिये मैं जानता था कि मेरे उदारवादी सेमनरी में दाखिले लेने के पहले से स्वधर्म त्याग मौजूद था। मैंने तो सदैव बाईबल पर पूर्णत: निर्भर होना सीखा था, बजाय मेरे अपरिवर्तित शिक्षकों के विचारों पर निर्भर रहने के। मैंने डॉ. वुडबिज, डॉ.लिन और डॉ. मैगी से परमेश्वर के वचन पर विश्वास रखना सीखा है। उस स्वधर्म त्याग वाली सेमनरी में मेरे जीवन के लिये अनमोल वचन भजन संहिता ११९˸९९ से था,

''मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों (बाइबल) पर लगा है'' (भजन ११९˸९९)

जवानों‚ में जानता हूं कि वे आपके कॉलेज में क्या सिखाते हैं। मैंने भी अपना स्नातक बी.ए.१९७० में लॉस ऐंजीलिस सिटी कॉलेज और केलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से पूरा किया। मैं जानता हूं वे मसीहत पर आक्रमण करते हैं। वे मसीहियों का मजाक उडाते हैं और यीशु का मखौल उडाते हैं। मैं जानता हूं जब मैं कॉलेज में था उन दिनों की अपेक्षा आज परमेश्वर के लिये अडिग खडे रहना अधिक कठिन है। इन स्वधर्म त्याग वाले बुरे दिनों में हर बात जवानों के विपरीत है यहां तक कि राष्ट्रपति भी हमारे विरोध में है। किंतु मैं जानता हूं जो विश्वास रखते हैं भजन उनके लिये क्या कहता हैं,

“तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है उससे भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं।” (भजन ११९˸१३०)

और‚

''तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है'' (भजन ११९˸१०५)

''इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मागों से बैर रखता हूं'' (भजन ११९˸१२८)

अभी मि.गिफिथ ने जो गीत गया, उसके शब्दों को पुन: सुनिये,

अविश्वास और शक के तूफान के बीच, हम डरते हैं,
एक पुस्तक शाश्वत (हमें चाहिये) पकडे रहना,
युगों युगों से यह समान है,
यह ईश्वर की पुस्तक है, और बाईबल इसका नाम है!
पुरानी पुस्तक व पुराना विश्वास चटटान है जिस पर मैं खडा!
पुरानी पुस्तक व पुराना विश्वास इस जमी की चारदीवारी है!
तूफान व तनाव में वे परीक्षा झेलते,
हर भूमि व देश मे वे धन्य मानते;
पुराना विश्वास व पुरानी पुस्तक
हमारे देश की आशा है!
   (''पुरानी पुस्तक व पुराना विश्वास'' द्वारा जॉर्ज एच.केर, १९१४)

३. तीसरा, पंद्रहवें पद पर ध्यान दें।

''.............पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर पक्का बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था।'' (२ तीमुथुयस ३˸१५)

डॉ.मार्टिन ल्यॉड- जोन्स ने कहा था '' बाईबल से हटकर मुझे परमेश्वर के बारे में कोई ज्ञान नहीं'' (ग्रेट डॉक्ट्रीन्स आँफ दि बाईबल (१) पेज ३६) उन्होने कहा, ''ऐसी कोई अन्य पुस्तक नहीं है जिसमें ईश्वर की आवाज हो'' (सुसमाचारिय संदेश, पेज २५)

“पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर पक्का बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था।'' (२ तीमुथुयस ३˸१५)

बाईबल हमें मसीह के बारे में सिखाती है। जब एक आदमी बाईबल की बातें सुनता है और इसमें परमेश्वर द्वारा कही गई बातों पर विश्वास लाता है, तो वह मसीह को जानना चाहेगा। बाईबल पर विश्वास आपको नहीं बचाता है। परमेश्वर का अचूक वचन मसीह की ओर आपको ले चलता है। उद्धार कैसे पाया जा सकता है? यह केवल मसीह यीशु पर विश्वास रखने के द्वारा पाया जा सकता है! बी.बी.मेक किने एक पुराने सदर्न बैपटिस्ट ने लिखा,

मैं जानता हूं, मैं जानता हूं, मैं जानता हूं बाईबल सत्य है;
दिव्य तौर से प्रेरित संपूर्ण मार्ग है ये,
मैं जानता हूं बाईबल सत्य है।
   (''मैं जानता हूं बाईबल सत्य है'' द्वारा डॉ. बी.बी.मेक किने, १८८६−१९५२)

आप यह विश्वास भी कर सकते हैं कि बाईबल सत्य है और आप पाप में खोये इंसान भी हो सकते हैं! बचाये जाने के लिये आपको बाईबल का पालन करना होगा और मसीह यीशु पर विश्वास रखना होगा। बाईबल बताती है मसीह हमारे पापों के लिये मरे। बाईबल बताती है कि हमारे पाप का दंड चुका दिया गया, ''मसीह के लहू बहाये जाने पर विश्वास रखकर'' (रोमियों ३˸२५) बाईबल बताती है, ''प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास रखो, तो तुम बचाये जाओगे'' (प्रेरितों के काम १६˸३१) आपको केवल ''मसीह यीशु पर विश्वास लाने से ही उद्धार मिलेगा'' (२ तीमुथुयस ३˸१५) डॉ. ए.डब्ल्यू.टोजर ने कहा था,

एक पश्चातापी आत्मा के लिये विश्वास परमेश्वर का दिया हुआ उपहार है उसका मनुष्य के कियाकलापों से कोई संबंध नहीं है। विश्वास एक चमत्कार है; यह वह क्षमता है जिसके द्वारा परमेश्वर अपने पुत्र, पर विश्वास लाने के योग्य बनाता है (ए.डब्ल्यू.टोजर, डी.डी., मैन: दि डवेलिंग प्लेस आँफ गॉड, किश्चयन पब्लिकेशन, १९६६‚ पेज ३३)

आप पाप से पीडित हैं, अतिशीघ्रता से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस अवस्था में परमेश्वर, मसीह यीशु पर विश्वास लाने के लिये आपको विश्वास प्रदान करेगा।

अगर आप यीशु द्वारा पापों की शुद्धि के बारे में हमसे बातें करना चाहते हैं, तो निवेदन है कि अपनी जगह छोडकर आँडीटोरियम के पिछले हिस्से में आ जाइये। डॉ.कैगन आपको वहां से दूसरे कमरे में ले जायेंगे जहां हम बात व प्रार्थना कर सकते हैं। डॉ. चॉन, निवेदन है कि आप प्रार्थना करें कि आज सुबह कोई यीशु पर विश्वास लाये। आमीन!

(संदेश का अंत)
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संदेश के पूर्व धर्मशास्त्र पढा गया मि.ऐबेल प्रुद्योमें: २ तीमुथुयस ३˸१−७‚१२−१५
संदेश के पूर्व एकल गाना गाया गया। मि.बैंजामिन किन्केड गिफिथ:
''पुरानी पुस्तक व पुराना विश्वास'' (द्वारा जॉर्ज एच.केर, १९१४)


रूपरेखा

स्वधर्म त्याग से मुक्ति की औषधि

द्वारा डा. आर.एल.हिमर्स

''पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी है और प्रतीति की थी, यह जानकर द्रढ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था? और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।'' (२ तीमुथुयस ३˸१४−१५)

१.  प्रथम, ''परन्तु'' शब्द पर ध्यान केंदित करें २ तीमुथुयस ३˸१४अ‚५‚७‚८

२.  दूसरा, पद चौदह के उपर ध्यान लगायें‚ २ तीमुथुयस ३˸१४ ब; २
पतरस १˸१९; ३˸३; भजन ११९˸९९‚ १३०‚ १०५‚ १२८

३.  तीसरा, पंद्रहवें पद पर ध्यान दें २ तीमुथुयस ३˸१५; रोमियों
३˸२५; प्रेरितों के काम १६˸३१