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मसीह के कब्रिस्तान का विरोधाभास

(यषायाह 53 से दसवाँ संदेष)
THE PARADOX OF CHRISTS BURIAL
(SERMON NUMBER 10 ON ISAIAH 53)
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

इस संदेष का प्रचार लोस एंजलिस में बप्तीस टबरनेकल में
प्रभु का दिन अेप्रिल 7, 2013 षाम को किया गया था।
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, April 7, 2013

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ; यद्यपि उसने किसी प्रचार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी'' (यषायाह 53:9)।


मसीह के दफनाने के विशय में आपने कितने प्रचार सुने होंगे? मैं ने तो एक भी नहीं सुना, यद्यपि मैं 55 सालों से प्रचार करता हूँ और कलेषिया में 59 सालों से हूँ। मुझे याद नहीं है कि मैं ने मसीह के दफनाने का संदेष पढ़ा हो! हमने बहुत कुछ सुना होगा। उसका दफनाना कम महत्वपूर्ण नहीं है। इतना ही नहीं यह सुसमाचार का दूसरा मुद्धा है!

‘‘पवित्रषास्त्र के वचन के अनुसार यीषु मसीह हमारे पापों के लिए मर गया'' (1 कुरिन्थियों 15:3)।

यही तो सुसमाचार का पहला मुद्धा है।

‘‘और वह गाड़ा गया'' (1 कुरिन्थियों 15:4)।

यही सुसमाचार का दूसरा मुद्धा है।

हम यह कैसे कह सकते है कि हमने सुसमाचार का प्रचार किया बिना दुसरे मुद्धे को बतायें? किंतु, फिर, आज तो कई ऐसे संदेष है जो पहले या तीसरे मुद्धों पर ध्यान देते है! यही तो आधुनिक प्रचार की सबसे बड़ी कमजोरी है। हमें सुसमाचार पर ही केद्रीत होना है। मसीह के साथ और सम्मान से पेष आना है, उसे और उनके प्रायष्चित के कार्य को हमारे प्रचार में अधिक महत्व देना है।

बडे दुःख की बात है कि आज अच्छा प्रचार बहुत कम हो रहा है। मैं इस बात के लिए पूरी तरह से सहमत हूँ। आज बहुत ही कम अच्छा प्रचार किया जाता है, अलबत्, बहुत ही कम! किन्तु यह सच क्यों है? बहुतायत है क्यों कि बहुत ही कम सुसमाचार का प्रचार किया जाता है। पासबानों ‘‘ईसाई को षिखाओ'' बजाय की भट़के हुऐ लोगों को प्रचार करने से, हालाकि उनकी कलेषियों भटके हुए लोगों के संपर्क में आते है! ‘‘ईसाई'' कहलाने वालों को ‘‘नैतिक षिक्षा'' को कभी भी अच्छा प्रचार नहीं माना जाता है! जब मसीह पर केन्द्रित न हो तो, प्रचार सही अर्थ में कभी भी उमदा नहीं हो सकता!

मसीह की बातें जानने के बजाय सुसमाचार का ज्ञान कई गुना अच्छा है। सुसमाचार का सही ज्ञान ही स्वयं मसीह की ज्ञान है। यीषु ने कहा,

‘‘और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेष्वर को और यीषु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें'' (यूहन्ना 17:3)।

जॉर्ज रीकर बैरी ने कहा था कि इस वचन में ‘‘जानों'' का अर्थ है ‘‘जानों...अनुभव से'' (Greek-English New Testament Lexicon). सही अर्थ में ईसाई होना मसीह को अनुभव से जानना आवष्यक है। उनकी बातों को जानने से बचाव नहीं होता। अनुभव से हमारे पापों के लिए हुई उसकी मृत्यु को जानना आवष्यक है। उनके पुनरूथ्थान को अनुभव से जानना आवष्यक है। यही उद्धार का मार्ग है। यहीं अनंत जीवन का मार्ग है।

‘‘और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेष्वर को और यीषु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें'' (यूहन्ना 17:3)।

अगर आपने इस बातों का अनुभव न किया हो, मैं बारे में करता हूँ कि मैंने तुम्हें बेचैन किया हो। इस बारे में कोई सवाल ही नहीं उठता कि तुम सच्चे ईसाई हो, क्यों कि आपने सही अर्थ में परिवर्तन (बदलाव) अनुभव न किया हो। जब तक आप अपनी सोच नहीं बदलोगे, आप दुःखी और निराष होंगे, यीषु की षरण में आओ, और उसी में ही मात्र उद्धार है उसे पाओ।

मसीह को जानने के लिए, क्रूस के पास जाना आवष्यक है, उसे पूरी आस्था से देखो, जिसने हमारें पापों की सजा के लिए क्रूस पर चढे़। तुम्हें मसीह की कब्र तक आस्था के साथ जाओ ताकि

‘‘उसका मृत्यु का बप्तीस्म पाने से हम उसके साथ गाड़े गए'' (रोमियों 6:4अ),

ताकि मरे हुओ में से जिलाया गया ‘‘वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें'' (रोमियों 6:4बी)।

इस तरह हम अपने पाठ से उनके दसनाने के बारे में सीखे ताकि हम उनके साथ इसका अनुभव कर सके

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ; यद्यपि उसने किसी प्रचार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी'' (यषायाह 53:9)।

इस वचन में मसीह के दफनावें की दुविधा दिखाई देती है, मतभेद साफ है, उसकी पहेली है। और फिर हमें पहेली का हल मिलेगा।

।. पहला, उनकी कब्रिस्तान का विरोधाभास।

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ...'' (यषायाह 53:9)।

मसीह के समय में, ‘‘दुश्ट'' लोग अपराधी थे। ‘‘धनी'' लोग सम्मानित माने जाते थे। फिर उसकी कब्र दुश्टो के संग थी और साथ साथ मृत्यु के समय धनवान का साथ कैसे''? प्राचीन यहूदी टीकाकार इससे उलझन में पड़ गए। यह विरोधाभास था, उनके दिमागो से दिखनेवाला विरोधाभास।

किन्तु इस पहेली का हल यूहन्ना की सुसमाचार में है। यीषु दो चोरों के बीच क्रूस पर मरा, पहला दाहिने हाथ पर तो दूसरा बायें। उन्हें हमारे संदेष में ‘‘दुश्ट'' बताए गये है। यीषु की मृत्यु पहले हुई, जब कि दोनों चोर देर तक जींदा थे।

‘‘इस लिये कि वह तैयारी का दिन था, यहूदियों ने पिलातुस ने विनती की कि उनकी टाँगे तोड दी जाएँ और वे उतारे जाएँ, ताकि सब्त के दिन वे क्रूसों पर न रहें, क्योंकि वह सब्त का दिन बड़ा दिन था'' (यूहन्ना 19:31)।

सैनिकों ने दोनों चोर के पैर तोडें। ऐसा किया गया ताकि अपने आप साँस न ले पाएँ और जल्दी से भर जाएँ। किन्तु जब वे यीषु के पास आये, बीचवाले क्रूस पर लटकते हुए, वे तो मर चुके थे। उनमें से एक ने उसकी बाजू को भालू से भोंका पता करने के लिए कि वे मर गये है। पानी और लहू बह गया, बताते हुए कि हृदय विकार से उनकी मृत्यु हुई।

ही डीड नोट रेइन अपोन अ थ्रोन अॉफ आइवरी,
ही डाईड अपोन ध क्रोस अॉफ कालवरी;
फोर सीनर्स धेर ही काउन्टेड ओल ही ओवड बट लोस,
एंड ही सर्वेयड हीस कींगडम फ्रोम अ क्रोस।
अ रगेड क्रोस बीकेम हीस थ्रोन,
हीस कींगडम वोझ इन हार्टस् अलोन;
ही रोट हीस लव इन क्रीमसन रेड,
एंड वोर ध थोनस् अपोन हीस हेड।
(“A Crown of Thorns” by Ira F. Stanphill, 1914-1993).

किन्तु कुछ अनपेक्षित हुआ। दो खास व्यक्ति यीषु के देह का कब्ज़ा लेने आगे बढ़े। अरिमतिया के यूसुफ, एक धनवान व्यक्ति और एक यहूदी पुरनियों और नीकुदेमुस यहूदियों का अधिकारी, जो पहले यीषु के पास रात को आया था (cf. यूहन्ना 3:1-2)। वे दोनों उसके गुप्त चेले थे, किन्तु पहली बार खुले में आये थे। यह करने के लिए अपनी जान को खतरे में डाली थी। डॉ. मेकजी ने कहा था,

चलो इन दो व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण न हो। वे पृश्ठभूमि में रूके थे परन्तु अब कि प्रभु के चेले सभी जगह भेड़ की तरह भटक गए है और मुखौटे चले गए, ये दो व्यक्ति खुले में बाहर आये थे (J. Vernon McGee, Th.D., Thru the Bible, Thomas Nelson, 1983, volume IV, p. 494).

अरिमतिया के यूसुफ और नीकुदेमुस ने यीषु के षव को लिया। यूसुफ धनी व्यक्ति था और उसने षव को नयी कब्र में रखा,

‘‘जो उसने चट्टान में खुदवाई थी, और कब्र के द्वार पर बडा पत्थर लुढ़काकर चला गया'' (मती 27:60)।

इस तरह मसीह की कब्रस्ताप के विरोधाभास को समझाया। हाँ, उसने अपनी कब्र क्रूस पर दो चोरों के बीच की मृत्यु को लेकर बनवाई। किन्तु दफनाया गया ‘‘मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ'' (यषायाह 53:9), धनवान की कब्र में। मसीह के खलनायक दुश्ट की मृत्यु का अनुभव किया किन्तु धनवान के संगी सन्मान से कब्रिस्तान प्राप्त हुआ। यही बताता है कि हमारे प्रभु के अपमान का अंत हुआ। उनके षव को दो चोरों की तरह कोई साधारण कब्र में नहीं फेंका गया था। उसे तो मान सम्मान के साथ एक धनवान और सम्मानित व्यक्ति की कब्र में रखा गया था। और इससे यह विरोधाभास, जिससें कईबार प्राचीन षिक्षकों को उलझन में ड़ालता है जिन्होने इसका अभ्यास किया, हमारा संदेष सादा बनाया था।

‘‘और उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ'' (यषायाह 53:9)।

किन्तु और एक कारण भी है कि मसीह ने अपनी कब्र दुश्टों और धनवान के साथ क्योंं बनवाई। जैसे मैने कहा था, यूहदी लोगो की सोच थी कि अपराधी और नियम को तोडनेवाले ‘‘दुश्ट'' और ‘‘धनवान'' सम्मानित व्यक्ति थे। यीषु ने ‘‘अपनी कब्र'' इन दोनों समूह के संग बनायी थी यह बताता है कि प्राचीन षिक्षक ‘‘दुश्ट'' और ‘‘धनवान'' को अलग करने में गलत थे। वैसे दो समूह थे ही नहीं दोनों समूह पापी थे।

आज भी यह सही है। सम्मानित लोग ‘‘दुश्ट'' लोगों के तरह पापी हैै। जैसे ही मैं संदेष का इस हिस्से को लिखाने बैठा, एक टेलीमारकेटर ने फोन किया, और ‘‘रूढिवादी'' सेवर्कार के लिए चंदा पूछा। उसने कहा, ‘‘इन निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण रीति से अमेरिका गुजर रहा है - गर्भपात, इझरायल को साथ देने में नाकामयाब या एक ही लिंग षादी?'' मैंने कहा, ‘‘उनमें से कोई भी नहीं। सबसे महत्वपूर्ण बात का सामना अमेरिका कर रहा है कि अपने पासबान कलेषियों के लोगोें के पाप के बारे में बताते नहीं है।'' इससे क्या मतलब था मेरा? मेरा मतलब था गर्भपात, एक ही लिंग से षादी या तो इझरायल को साथ देने में नाकामयाब ये सब लक्षण है, यह सही में बीमारी नहीं है, किंतु बिमारी के लक्षण है। तुम इन लक्षणों का इलाज कर सकते हो, किंतु यह बहुत दिनों तक अच्छा नहीं रहेगा जब तक आप आंतरिक रोग का इलाज न करोगे। और यह रोग है पाप-पाप उदार और रूढिवादी दोनों को भी मारता है; डेमोक्रेट और रीपब्लिकन पाप जैसे दोनों ‘‘दुश्ट'' और ‘‘धनवान'' के लिए घातक है।

पाप हृदय में रहता है। मनुश्य का हृदय गलत है, तो उसके बाहरी कार्य ही नहीं। पाप उसके अंदर के विचार और इच्छा ओं पर काबू पाता है। तुम्हारा पाप से भरा हृदय तुम्हें गलत सोचने के लिए कहता है। फिर आपका पापी स्वभाव परमेष्वर से प्रतिकार करने को हिलाता है और फिर आप जिस पाप के बारे में सोचते है। उसे करते हो। पाप अपने आंतरिक जीवन पर हावी करता है और अधिकारयों से प्रतिकार करवाता है, परमेष्वर के प्रति का विद्रोह इतना षक्तिषाली होता है कि उसे बदलने के लिए आप कुछ नहीं कर पाते, या तो आपके पर का नियंत्रण। आप इस स्थान पर लाया जाय, जहाँ आप प्रेरित के साथ कहो, ‘‘मैं कैसा अभागा मनुश्य हूँ! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?'' (रोमियो 7:24)। तभी आप यीषु की कब्र ‘‘दुश्ट'' और ‘‘धनवान'' के साथ का महत्व समझोगे - ‘‘उसकी मृत्यु में।'' आपकी जो कोई भी पृश्ठभूमि हो, मसीह आपके लिए मरा और दफनाया गया ताकि आपके पाप माफ किया और निकाल दिया। जैसे डॉ. जे. विलबर चेपमेन ने गाया है, ‘‘बरीड़, ही कॅरीड माय सीन फार अवेय'' (“One Day” by Dr. J. Wilbur Chapman, 1859-1918). मात्र मसीह ही आपके पाप माफ़ करेगा! केवल मसीह ही आपके पाप का विद्रोही दिल बइल सकते है!

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ'' (यषायाह 53:9)।

॥. दूसरा, विरोधाभास की व्याख्या की है।

संदेष का दूसरा आधा भाग बताता है कि मसीह क्यों, लज्जाजनक चोरों के बीज मरें, मान सम्मान के साथ दफनाया गया था। कृपया खडे होकर, इन षब्दों की षुरूआत के साथ वचन का दूसरा आधा भाग पढिए, ‘‘यद्यपि उसके किसी प्रकार का उपद्रव...'' (यषायाह 53:9)।

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ; यद्यपि उसने किसी प्रचार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी'' (यषायाह 53:9)।

आप बैठ सकते है।

यही कारण है मसीह के सम्माननीय कब्रिस्तान का। यह सम्मान उसके समर्थ था क्योंकि उसने किसी प्रकार का उपद्रव नहीं किया; न तो किसी को दुःखाया। वह उत्पीड़न या चोरी, हत्या या किसी प्रकार की क्रूरता का दोशी नहीं किया गया था। उसने कभी किसी भी भीड़ को भडकाया नहीं या यहूदी, या रोमियो कि सरकार के खिलाफ दंगा षुरू किया। उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी। उसने कभी गलत षिक्षा नहीं दी थी। उसने लोगों को कभी फसाया नहीं था जैसे उस पर इल्जाम लगाया था। वह बात बिलकुल झूठ थी। उसने कभी किसी को सच्चे परमेष्वर की आराधना करने से रोका नहीं था। उसने हमेषा मुसा के नियम को रखा था और मान दिया था, और भविश्यद्वाणी को भी। वह उनके धर्म या उनकी राज्य का दुष्मन नहीं था। अलबत, वह किसी पाप का दोशी नहीं था। प्रेरित पतरस ने कहा था कि मसीह,

‘‘न तो उसने पाप किया और न उसके मुँह से छल की कोई बात निकली'' (1 पतरस 2:22)।

डॉ. यंग ने बताया, ‘‘(मसीह) सम्माननीय कब्रस्तान दिया गया उनके असम्माननीत मृत्यु के बाद क्योंकि उनकी संपूर्ण निर्दोशता के कारण। (के बाद से) उसने अपराधिक दुष्मन जैसा व्यवहार नहीं किया, उसे उनके साथ लज्जाजनक कब्रस्तान मिलता नहीं था, किन्तु एक सम्मानित कब्रस्तान धनवान के संगी।''

इससे मुझे सर विंस्तन चर्चील की याद आती है, जिसने सम्माननीय कब्रस्तान का चुनाव किया था उनकी पिता की बगल में गाँव के कलेषिया के आंगन में, बजाय उनके अपने पिता के दुष्मनों के बीच, से धोखेबाज इंग्लंड के लोगों के बीच, फिर भी उन्हें बड़े धूमधाम के साथ विब्मींस्तर अेबेए, के समारोह में दफनाया गया, इसके बावजूद भी हिटलर और उसकी नाजी षासन के चेहरे में विष्चासघाती तुश्टीकरण के उनके कार्य करते है। यद्यपि चर्चील पुर्नजीवित ईसाई नहीं थे, वे सम्मानीय व्यक्ति थे।

यीषु, जाहिर है, सबसे बडा व्यक्ति है जो कभी रहता था। हाँ, वह था और है, ‘‘मसीह यीषु जो मनुश्य है'' (1 तीमुथियुस 2:5)। उनकी महानता इसी हकीकत में है कि उसने स्वेच्छा से अपना जीवन दिया हमारे पापों की भुगतान के रूप में और पिता परमेष्वर के नजरिये से। क्रूस पर मरने के कुछ ही समय पहले, यीषु ने कहा,

‘‘इससे बडा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे'' (यूहन्ना 15:13)।

अ रगेड क्रोस बीकेम हीस थ्रोन,
हीस कींगडम वोझ इन हार्टस् अलोन;
ही रोट हीस लव इन क्रीमसन रेड,
एंड वोर ध थोनस् अपोन हीस हेड।

और अब, मेरे मित्रों, यीषु के साथ आप क्या करोगे जो मसीह कहलाता है? जैसे सी. एस. लेवीस ने बताया कि यहाँ दो संभव उत्तर है - ‘‘उस पर थूंक सकते है और दानव जैसे मार डाल सकते है, या तो उसकी षरण में जाकर प्रभु और परमेष्वर पुकार सकते हो।'' आपके लिए कौन सा है? तीसरा चुनाव है कि उनकी ओर पूरे तरीके से ध्यान न दे, और जीवन जीते रहे मानों उनके दर्द और पीड़ा कोई मायने नहीं रखता। मुझे उनके लिए दुःख लगता है जिन्होने तारणहार का ऐसा अनादर किया है। मैं प्रार्थना करता हूँ आप उनमें से एक न हो। वे ऐसे लोग है जिनको टी. एस. ऐल्यीट ने ‘‘ध हॉलो मेन'' कहा है - व्यक्ति जो जीवन में मात्र सुख के पल के लिए जीते है। हाँ, मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप उनमें से एक न हो, क्योंकि उनके लिए नर्क में बहुत ही गहरा स्थान होगा।

लेस्त आइ फर्गोट गीस्मेन;
लेस्त आइ फर्गोट थाईन एगोनी;
लेस्त आइ फर्गोट धाई लव फोर मी,
लीद मी टु कॅल्वरी।
(“Lead Me to Calvary” by Jennie E. Hussey, 1847-1958).

मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप यीषु के पास आये, पूर्ण दील से विष्वास करे और मृत्यु से जीवन की ओर जाएँ सच्चे ईसाई परिवर्तन में।

चलों सब साथ मिलकर खडे हो। अगर आप हमसे यीषु द्वारा पाप से षुद्ध होने की बात करना चाहते हो, तो खडे होकर अभी सभागृह के पिछवाडे जाईए। डॉ. केगन आपको एकांत स्थान में ले जायेंगे जहाँ हम बात कर सकें। श्रीमान ली, कृपया करके जिन्होने उत्तर दिया है उनके लिए प्रार्थना करें।

(संदेश का अंत)
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संदेश से पहले पढ़ा हुआ वचन डॉ. क्रेग्टन एल. चॉन द्वारा : यषायाह 53:1-9।
संदेश के पहले श्री. बेंजामीन कीनकेइड ग्रीफिथ ने अकेले गाना गाया :
“A Crown of Thorns” (by Ira F. Stanphill, 1914-1993)/
“Lead Me to Calvary” (by Jennie E. Hussey, 1874-1958).


रूपरेखा

मसीह के कब्रिस्तान का विरोधाभास

(यषायाह 53 से दसवाँ संदेष)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘उसकी कब्र भी दुश्टों के संग ठहाराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ; यद्यपि उसने किसी प्रचार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी'' (यषायाह 53:9)।

(1 कुरिन्थियों 15:3-4; यूहन्ना 17:3; रोमियों 6:4)

।. पहला, उनकी कब्रिस्तान का विरोधाभास, यषायाह 53:9अ; यूहन्ना 19:31;
मती 27:60; रोमियों 7:24।

॥. दूसरा, विरोधाभास की व्याख्या की ह, यषायाह 53:9ब; 1 पतरस 2:22;
1 तीमुथियुस 2:5; यूहन्ना 15:13।