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अस्वीकार किया हुआ समाचार

(यषायाह 53 पर धार्मिक प्रवचन क्रमांक 2)
THE REJECTED REPORT
(SERMON #2 ON ISAIAH 53)
(Hindi)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह, 3 मार्च, 2013 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, March 3, 2013

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।


यषायाह बात करता है मसीह के सुसमाचार की। पिछले रविवार मैंने पाठ 52 के आखरी तीन पदो पर से प्रचार किया, जहाँ भविश्यवक्ता पहले से कहते है यीषु की पीड़ा, जिसका दिखावा, ‘‘यहाँ तक बिगड़ा हुआ था कि मनुश्य का सा न जान पड़ता था और उसकी सुन्दरता भी आदमियों की सी न रह गई थी'' (यषायाह 52:14)। यह यीषु का चित्र है, मारा हुआ और हमारे पापो के लिये क्रूस पर चढ़ाया हुआ, फिर मृत्यु से जिलाया हुआ, ‘‘ऊँचा, महान् और अति महान् ...'' (यषायाह 52:13)। परंतु अब, हमारे पाठ में, भविश्यवक्ता विलाप करता है, हकीकत का कि थोड़े विष्वास करेंगे उस सुसमाचार के संदेष का।

डो. एडवर्ड जे योन्ग पुरानी नियमावली के विद्धान, सहपाठी और मेरे पहले के याजक डो. तीमोथी लीन के मित्र थे। हमारे पाठ पर संभाशण करते हुए,

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?''

डो. योन्ग ने कहा कि यह ‘‘प्रष्न से अधिक आर्तनाद है। यह नकारात्मक जवाब नहीं मांगता, परंतु यह बनाया गया है सरलता से (कम क्रमांको) का ध्यान पुकारने विष्व में सही विष्वासुओं को ... भविश्यवक्ता उनके लोगो का प्रतिनिधि (है), बोलते और व्यक्त करते है हताषा कि इतने कम विष्वासु'' (एडवर्ड जे. योन्ग, पीएच.डी., ध बुक अॉफ यषायाह, यषायाह की किताब, वीलीयम बी. एरडमान्स प्रकाषक कम्पनी, 1972, भाग 3, पृश्ठ 240)।

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?''

षब्द ‘‘समाचार'' (report) का अर्थ है ‘‘घोशित हुआ संदेष''। लुथर ने इसे अनुवाद किया ‘‘हमारे प्रचार करने की'' तरह (योंग, ibid)। ‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? समांतर वर्णन पाठ में है, ‘‘और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' ‘‘यहोवा का भुजबल'' वर्णन है जो प्रभु के सामर्थ्य को संदर्भ करता है। जो समाचार हमें दिया गया उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया? किसे मसीह का बचानेवाला सामर्थ्य प्रगट हुआ?

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

यह पद दिखाता है कि आपको पहले सुसमाचार के प्रचार का विष्वास करना ही चाहिए, और फिर मसीह में परमेष्वर के सामर्थ्य द्वारा परिवर्तित हो जाओ। और फिर भी भविश्यवक्ता प्रष्न दिखाता है बहुत थोड़े विष्वास करेंगे और परिवर्तित होंगे।

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

1. पहला, मसीह की सांसारिक सेवा के दौरान थोड़े लोगो ने विष्वास किया और परिवर्तित हुए थे।

यीषु लाज़र (Lazarus) की कब्र के पास आए। यह आदमी चार दिनों से मरा हुआ था। यीषु ने उनको कहा, ‘‘पत्थर हटाओ'' (यूहन्ना 11:39)। लाज़र की बहन उन्हें रोकना चाहती थी। उसने कहा, ‘‘हे प्रभु, उसमें से अब तो दुर्गध आती है, क्योंकि उसे मरे चार दिन हो चुके है'' (ibid)। परन्तु उन्होंने यीषु की आज्ञा मानी और कब्र के मुँह के पास जो पत्थर ढँका हुआ था उसे हटाया। फिर यीषु ने ‘‘बड़े षब्द से पुकारा, हे लाज़र, निकल आ। और जो मर गया था वह कफन से हाथ पाँव बँधे हुअए निकल आया, और उसका मुँह अँगोछे से लिपटा हुआ था। यीषु ने उनसे कहा, उसे खोल दो और जाने दो'' (यूहन्ना 11:43-44)।

‘‘इस पर प्रधान याजकों और फरीसियों ने महासभा बुलाई और कहा, हम करते क्या है? (हमें क्या करना चाहिए?) यह मनुश्य तो बहुत चिन्ह दिखाता है'' (यूहन्ना 11:47)।

उन्होंने देखा उसने कितने चमत्कार किए, और ड़रते थे की सारे सामान्य लोग उनके बजाय उसका अनुकरण करेंगे।

‘‘अतः उसी दिन से वे उसे मार डालने का शड्यन्त्र रचने लगे'' (यूहन्ना 11:53)।

महायाजक और फरीसियों ने मिलकर सभा रखनी षुरू की यीषु से छुटकारा पाने का श्रेश्ठ रास्ता जानने, उसे मार डालने''। प्रेरितो यूहन्ना ने कहा,

‘‘उसने उनके सामने इतने चिन्ह दिखाए, तौभी उन्होंने उस पर विष्वास न किया; ताकि यषायाह (यषायाह) भविश्यवक्ता का वचन पूरा हो जो उसने कहा : हे प्रभु, हमारे समाचार का किसने विष्वास किया है? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रगट हुआ है? '' (यूहन्ना 12:37-38)।

उन्होंने उनको पांच हजार को चमत्कारिकरूप से खिलाते देखा। उन्होंने उनको कोढ़ी को चंगा करते और अंधो की आंखे खोलते देखा था। उन्होंने उनको दुश्टो को बाहर फेंकते और लकवा वाले को बलवान स्वास्थय में उठाया। उन्होंने उनको विधवा के पुत्र को मृत्यु से जिलाते देखा। उन्होंने उनको ना सिर्फ पानी को दराख के रस में बदलते देखा, परन्तु उन्हें सुना भी

‘‘उनके आराधनालयों में उपदेष करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा'' (मती 9:35)।

और फिर भी, जब उन्होंने लाज़र को मृत्यु से जिलाया, ‘‘उसे मार डालने का शड्यन्त्र रचने लगे'' (यूहन्ना 11:53)।

‘‘उसने उनके सामने इतने चिन्ह दिखाए, तौभी उन्होंने उस पर विष्वास न किया; ताकि यषायाह (यषायाह) भविश्यवक्ता का वचन पूरा हो जो उसने कहा : हे प्रभु, हमारे समाचार का किसने विष्वास किया है? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रगट हुआ है? '' (यूहन्ना 12:37-38)।

हाँ, मसीह की सांसारिक सेवा के दौरान सिर्फ थोड़े ही लोगों ने विष्वास किया और परिवर्तित हुए।

2. दूसरा, प्रेरितो के समय के दौरान थोड़े लोगों ने विष्वास किया और परिवर्तित हुए थे।

मेहरबानी करके रोमियों 10:11-16 पर फिरो। चलिये खड़े रहते है और वह महान् वाक्यखण्ड पढ़ते है।

‘‘क्योंकि पवित्रषास्त्र यह कहता है, जो कोई उस पर विष्वास करेगा वह लज्जित न होगा। यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है और अपने सब नाम लेनेवालों के लिये उदार है। क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। फिर जिस पर उन्होंने विष्वास नहीं किया वे उसका नाम कैसे लें? और जिसके विशय सुना नहीं उस पर कैसे विष्वास करें? और प्रचारक बिना कैसे सुनें? और यदि भेजे न जाएँ तो कैसे प्रचार करें? जैसे लिखा है, उनके पाँव क्या ही सुहावने है, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते है! परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया, (यषायाह) कहता है, हे प्रभु किसने हमारे सुसमाचार पर विष्वास किया है?'' (रोमियों 10:11-16)।

आप बैठ सकते हो।

ध्यान दिजीये की पवित्रषास्त्र का यह वाक्यखण्ड कहता है, पद 12 में,

‘‘यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं; इसलिये कि वह सब का प्रभु है और अपने सब नाम लेनेवालों के लिये उदार है'' (रोमियों 10:12)।

प्रेरितो पौलुस द्वारा यह यीषु के फिर से स्वर्ग में उठने के तीस वर्शो से थोड़े कम समय में लिखा गया था। इस प्रकार, पौलुस ने रोमियों की किताब लीखी प्रेरितो के किताब के बाद के हिस्सों के दरम्यान। वो यहूदि और अन्यजाति (यूनानी) दोनो से बात करता था, जब कि यीषु ने लगभग विष्‍ोश करके यहूदीयों से बात कि। पौलुस ने कहा, ‘‘यहूदियों और यूनानियों मे कुछ भेद नहीं''। सारे आदमीयों को आवष्यकता है मसीह की!

और फिर भी, उनकी विष्‍ोश करके बीन यहूदि प्रेक्षकों को, पौलुस ने वही समान बात कही जो यीषु ने कही थी, यषायाह 53:1 से कथन करते हुए, विलाप करते है हकीकत का कि सिफ तुलनात्मक थोड़े यूनानियों ने विष्वास किया - और यषायाह 53:1 को कथन करते है दिखाने कि भविश्यवक्ता ने कहा था, प्रार्थनापत्र द्वारा की ज्यादातर यूनानि सिर्फ थोड़े ही ज्यादा उत्तरदायी होंगे सुसमाचार यहूदियों से थोड़ा अधिक। पौलुस ने यषायाह की फरियाद से कथन किया यह दिखाने।

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

यूनानि (अन्य जाति) यहूदियों से अधिक ज्यादा सुसमाचार से उदार है। फिर भी, तौ भी, सिर्फ तुलनात्मकरूप से थोड़े ही यूनानियों ने यीषु में विष्वास किया पौलुस और दूसरे प्रेरितो के समय में महान् पुनःउद्धार था, जैसे हम प्रेरितो की किताब में देखते है। फिर भी वो षक्तिषाली पुनःउद्धार लाये सिर्फ थोड़े ही अन्यजातियों को मसीह में मुक्ति के लिये। सुसमाचार प्रचार मुष्किल था, रोमियों के बीच भी!

दोनों मसीह और प्रेरितो ने सिर्फ थोड़े ही परिवर्तित देखे। इस प्रकार, पहली सदी के मसीही निष्चित की हुई लघुमती में थे, और बाधित लघुमती उस पर! और इसलिये, दोनों यूहन्ना और पौलुस ने हमारे पाठ को कथन किया स्पश्ट करने ज्यादातर लोगों का सुसमाचार को प्रतिबन्ध स्पश्ट करना क्यो ज्यादातर जो उन्हें प्रचार करते सुनते थे अपरिवर्तित रहे।

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

और यह मसीही इतिहास के युगो तक सच रहा। हमेषा, हर समय में, सिर्फ थोड़े लोग सुसमाचार में विष्वास करते है और सच्ची तरह से परिवर्तित होते है। और वह आज भी विष्व में सच है। कुछ नहीं बदला। जो हमें लाता है हमारे आखरी मुद्दे पर।

3. तीसरा, थोड़े लोगों ने विष्वास किया और आज परिवर्तित है।

हमारे अपने समय में हम कयीबार सामना करते है यषायाह के विलाप की सच्चाई से, उस षोकयुक्त प्रष्न में,

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

दुःखदरूप से, हमें कहना ही चाहिए कि थोड़े लोग आज सुसमाचार प्रचार में विष्वास करते है, और थोड़े बचाए गये है मसीह के सामर्थ्य के द्वारा। हमारे प्यारे रिष्तेदार भी कयीबार मसीह का अस्वीकार करते है। और आप में से ज्यादातर जानते है कि सिर्फ थोड़े ही परिवर्तित होते है उन में से जिन्हें हम कलीसिया में प्रचार सुनने लाते है। मैं उस पर तीन टीप्पणी करूँगाः

(1) पहला, बाइबल हमें कहाँ कहता है कि ज्यादातर लोग बचाए जाएँगे? यह नहीं कहता। हकीकत में, यीषु ने कहा इससे विरूद्ध। उन्होंने कहा,

‘‘सकेत फाटक से प्रवेष करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाष को पहुँचाता है; और बहुत से है जो उस से प्रवेष करते है। क्योंकि सकेत है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है; और थोड़े है जो उसे पाते है'' (मती 7:13-14)।

वहाँ थोड़े है जो इसे पाते है! हमें सदा वो अपने मन में रखना चाहिए जब हमारे सुसमाचार प्रचार के प्रयत्न के परिणाम में थोड़े परिवर्तन होते है हम अधिक की आषा करते है उससे।

और, फिर दूसरी बात मैं कहूँगा वो यह है।

(2) हमारा सुसमाचार प्रचार करने का लक्ष्य कितने परिवर्तित होंगे उस पर आधारित नहीं हैं, चाहे प्रतिसाद बड़ा है या छोटा, हमारी आँखे कभी भी कितने परिवर्तित हुए उस पर स्थिर नहीं होनी चाहिए। हमारा लक्ष्य आधारित है परमेष्वर की आज्ञापालन पर। हमारी आँखे सदा प्रभु पर ही होनी चाहिए, और हमारा आज्ञा-पालन उनको जब हम सुसमाचार प्रचार करने जाते है; और हमारी आँखे सदा परमेष्वर पर ही रखनी चाहिए, और हमारा उन पर आज्ञा-पालन जब हम सुसमाचार प्रचार करते है! मसीह ने हमें कहा,

‘‘तुम सारे जगत में जाकर सारी सृश्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो'' (मरकुस 16:15)।

वही है जो मसीह ने हमसे करने को कहा और हमें यह करना ही चाहिए चाहे लोग सुने या नहीं; चाहे वे परिवर्तित है या नहीं। हमें सुसमाचार प्रचार करना ही चाहिए क्योंकि मसीह ने हमें यह करने को कहा है! हमारी सफलता इंसानी प्रतिसाद पर निर्भर नहीं होती! नहीं! हमारी सफलता निर्भर है मसीह की आज्ञा पालन ijA इसी लिए हमें सुसमाचार प्रचार करने जाना चाहिए चाहे वे सुसमाचार पर विष्वास करे या नहीं!

और, फिर, वहाँ तीसरी बात है जो इसमें से बाहर आती है।

(3) क्या आप मसीह पर विष्वास करते हो? क्या आप मसीह के पास विष्वास से आओगे? चाहे अगर आपके परिवार से कोई भी और आपके मित्रो में आप के पास परिवर्तित न हो, क्या आप मसीह को ढूँढोगे? क्या आप उनके पास आओगे? स्मरण करो कि मसीह ने कहा,

‘‘जो विष्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विष्वास न करेगा वह दोशी ठहराया जाएगा'' (मरकुस 16:16)।

आप यीषु के पास आओगे, परिवर्तित होगे और फिर बपतिस्मा लोगे? या आप बड़े समुदाय के लोगों में होंगे जो उद्धारक का अस्वीकार करते है, और सदा के लिये अधोलोक की ज्वाला में नश्ट होंगे?

‘‘परन्तु जो विष्वास न करेगा वह दोशी ठहराया जाएगा'' (मरकुस 16:16)।

यह मेरी प्रार्थना है कि आप उस समुदाय के बीच नहीं होंगे जो अधोलोक में नश्ट होते है, परन्तु आप हमारे साथ स्थानीय कलीसिया में जुड़ोंगे। विष्व से बाहर आओ! यीषु के पास विष्वास से आओ! इस स्थानीय कलीसिया में आओ। और सदा के लिये और सारी अनन्तता के लिये बचाए जाओ यीषु के लहू और धार्मिकता द्वारा।

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

आप षायद उन में से एक हो जो विष्वास करता है और परिवर्तित है! षायद आप उन थोड़े में से एक हो जो जब सुसमाचार प्रचार किया जाता है उस पर विष्वास करते है। आप षायद कहो, ‘‘हाँ, यीषु मरे मेरे पापों के लिये। हाँ, वे मृत्यु से उठे। हाँ, मैं उनके पास विष्वास से आता हूँ।'' आप षायद उन थोड़े में से एक हो जिनको प्रभु का भुजबल प्रगट हुआ हो, जैसे आप मुक्ति का अनुभव करो यीषु पर भरोसा करने के द्वारा, ‘‘परमेष्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है'' (यूहन्ना 1:29)। आप षायद उन में से एक हो जो यीषु के पास आते है, और उनके बहुमूल्य लहू द्वारा आपके पापो से षुद्ध होते हो। प्रभु आपको अनुग्रह दे, हमारे समाचार पर विष्वास करने मुक्ति का अनुभव करे पापो से मुक्ति का प्रभु यीषु मसीह द्वारा! आमीन!

मेहरबानी करके खड़े रहो और ‘‘मैं आ रहा हूँ, प्रभु'', गाओ आपके गीत के पर्चे का गीत क्रमांक सात।

मैं सुनता हूँ आपके स्वागत का स्वर
   जो मुझे बुलाता है प्रभु, आपके पास
आपके बहुमूल्य लहू में षुद्ध होने
   जो काल्वरी पर बहा।
मैं आ रहा हूँ, प्रभु!
   आ रहा हूँ अभी आपके पास!
मुझे साफ करो, मुझे षुद्ध करो लहू में
   जो काल्वरी पर बहा।

यद्यपि आना कमजोर और दुश्ट हो,
   आप करेंगे मेरा सामर्थ्य निष्चय,
आप करेंगे मेरी दुश्टता पूरी तरह षुद्ध,
   जब तक पूरी तरह दाग रहित और षुद्ध।
मैं आ रहा हूँ, प्रभु!
   आ रहा हूँ अभी आपके पास!
मुझे साफ करो, मुझे षुद्ध करो लहू में
   जो काल्वरी पर बहा।
(‘‘मैं आ रहा हूँ, प्रभु'' लेवीस हार्टसफ द्वारा, 1828-1919)।

अगर आपको हमारे साथ बात करनी हो यीषु द्वारा आपके पापो से षुद्ध होने के बारे में, मेहरबानी करके अभी सभागृह के पिछे जाओ। डो. केगन आपको षान्त जगह ले जाएंगे जहाँ हम बात कर सके। डो. चान मेहरबानी करके आओ और उनके लिये प्रार्थना करो जिन्होंने प्रतिसाद दिया है।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान एबेल प्रुद्योम्म द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र : यषायाह 52:13-53:1।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
                            ‘‘काँटो का मुकुट'' (इरा. एफ. स्टानफिल द्वारा, 1914-1993)।


रूपरेखा

अस्वीकार किया हुआ समाचार

(यषायाह 53 पर धार्मिक प्रवचन क्रमांक 2)

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विष्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट किया?'' (यषायाह 53:1)।

(यषायाह 52:14,13)

1. पहला, मसीह की सांसारिक सेवा के दौरान थोडे लोगो ने विष्वास किया और परिवर्तित हुए थे, यूहन्ना 11:39, 43-44, 47, 53; 12:37-38;
मती 9:35।

2. दूसरा, प्रेरितो के समय के दौरान थोड़े लोगों ने विष्वास किया और परिवर्तित हुए थे, रोमियों 10:11-16।

3. तीसरा, थोड़े लोगों ने विष्वास किया और आज परिवर्तित है,
मती 7:13-14; मरकुस 16:15,16; यूहन्ना 1:29।