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बाइबल की भविश्यवाणी में यहूदी

THE JEWS IN BIBLE PROPHECY

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम, 1 जुलै, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, July 1, 2012

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषों में से इकट्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा” (यहेजकेल 36:24)।


हमारा पाठ वचन रखता है कि प्रभु ने बाइबल में यहूदियों को बार-बार दोहराया है। सिर्फ पुरानी नियमावली में ही वहाँ करीबन 25 स्पश्ट वचन है कि परमेष्वर यहूदियों को उनकी निज भूमि में इकट्ठा करेंगे, ऐसा जैसे एक हमारे पाठ में दिया गया है,

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषों में से इकट्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा” (यहेजकेल 36:24)।

इस भविश्यवाणी की परिपूर्णता एक बड़ा प्रमाण है बाइबल की यर्थाथता, और प्रभु की विष्वसनीयता का। क्या आप कभी भी बेबीलोन, या हित्तिन, या पलिष्तियों या अमालेकी से मिले हो? एक समय ये सारे महान् राश्ट्र थे। आज वे अप्रचलित है। परंतु यहूदी आज अस्तित्व में है एक आधुनिक राश्ट्र की तरह, इस्त्राएल में अपने राज्य के साथ।

फिर भी यहूदी लोग धरती के किसी भी लोग से ज्यादा बाधाओं से गुजरे करीबन 2000 वर्शो तक। 70 ए.डी. में रामीयो ने यरूषलेम में प्रवेष किया तीतुस के अधीन और 1,300,000 यहूदियों को मार डाला, और जो जीवित बचे उनको कारावास में ले गए। यरूषलेम खेत की तरह जोता गया था। इसने यहूदियों के फैलाने के काम की षुरूआत की।

पहली और दूसरी सदी के दौरान लाखों यहूदियों को बेबीलोन में इकट्ठा किया। 200 ए.डी. के वर्श तक, अंदाजित 20 लाख यहूदी वहाँ थे।

रोमी साम्राज्य में, राजा कोन्स्टान्टीन (Constantine) ने यहूदियों को न्यायरक्षा से रहित कर दिया, उनके कान काट दीये, और धुम्मकड की तरह उन्हें फेंक दीया। 5 वी और 6 ठी सदी के दौरान यहूदियों पर बहुत से विरोध लागु किये, और वे सार्वजनिक कार्यालय में आने से रोके गए थे। बहुत से यहूदी समाज पर हमले किए गए थे और हजारों यहूदी मारे गए थे।

6 ठी सदी में करीबन 60,000 मारे गये थे, और हज़ारो गुलामी में बेचे गए थे। 8 वी सदी में स्पेन में वे भयानक प्रकार से र्दुव्यवहार किए गए थे और दुःख दिए गए थे। फ्रान्स में हजारों यहूदी मृत्यु तक जलाएँ गए थे।

622 में मोहम्मद ने इस्लाम धर्म बनाया। जब यहूदियों ने ये नया धर्म स्वीकार करने से इन्कार किया, उनमें से ज्यादातर अरेबिया में मारे गए थे। इस्लाम उत्तर अफ्रिका में फैला, पष्चिमी युरोप, स्पेन से होकर क्रोस करके। मुसलमान सारे युरोप में ले जाते अगर वे चार्ल्स मार्टल और उनकी सेना द्वारा 732 ए.डी. में टुर्स की लड़ाई में उन्हें वापस नहीं फिराया होता।

8 वी सदी में, मुसलमान नेता एल. हाकिम ने यहूदियों को आदेष दिया घंटीयाँ पहनने, उपद्रव के लिये उन्हें अलग करने।

मध्य युग में जर्मन राज्यों ने यहूदियों को राजा के गुलामो की तरह देखा और वे अत्याचारपूर्वक कर से लाये गए और उपद्रव दिए गए थे। ज्यादातर युरोपीयन राश्ट्रो में वे जमीन पर अपना अधिकार रखने से बाधित थे और वे किसी भी षाला या विष्वविद्यालयों में पढ़ने से मना किए गए थे। सारे यहूदी इंग्लैंड से बाहर निकाले गए थे 1020 ए.डी. में। क्रुसेड के दौरान केथलिको ने कहा, ‘‘यहूदी को मार डालो और वो आपकी आत्‍ुमा को बचाएँगा।“

1298 के वर्श में युरोप में हजारो यहूदी मारे गए थे। फिर, 1350 में, काली महामारी (Black Plague) ने युरोप को निगल लिया, एक चौथाई आबादी को मारते हुए। यहूदी महामारी के लिये अपराधी ठहराए गए और युरोप में आधे यहूदी मार दीये गये थे।

1353 में फ्रान्स से सारे यहूदी निशेध किए गए थे। स्पेन और पोर्तुगल ने भी उनके प्रवेष का अस्वीकार किया। जर्मनी ने प्राग (Prague) से 1560 में, सारे यहूदियों को निकाल दिया। 1492 में स्पेन ने 800,000 यहूदियों को समुद्र में धकेला। उनमें से ज्यादातर लोग विपदग्रस्तता या डूबने से मर गए।

1411 में रोमन केथलीक कलीसिया इने तहकीकात की स्थापना की। हजारों में से कई यहूदी तहकीकात के दौरान मर गए। वे मुष्किल से इंसान समझे जाते थे।

अंदाजित 50 लाख यहूदी थे रषिया में, ज़ार (Czars) के समय के दौरान। 1881 में रषिया के कलीसिया के मुख्य ने पद्धति षुरू की जिसमें एक तिहाई यहुदी मरने थे; दूसरे एक तिहाई को रषिया छोड़ने के लिये दबाव डाला गया और एक तिहाई को रषिया के कलीसिया में जुड़ने के लिए दबाव डाला गया था।

पहले विष्वयुद्ध के दौरान यहूदी ज्यादा तड़प से गुजरे। रषिया के लोगों ने उन हजारों को साइबीरीया भेजा अपराधी की तरह। यहूदियों के विरूद्ध पोग्रोम हुआ पोलेन्ड, रूमानिया, हंगेरी और युक्रेन में।

विष्व में ज्यादातर यहूदी पूर्व युरोप में रहते थे दूसरे विष्वयुद्ध के विस्फोट में। यह हीटलर का लक्ष्य था युरोप में सारे यहूदियों का सर्वनाष कर दे। हीटलर के आंतक के साम्राज्य के दौरान साठ लाख यहूदियों का खून किया गया था, हजारों में से सेकड़ो हीटलर के एकाग्रता पड़ाव मे विशैले वायु से मारे गए थे। जब हीटलर ने पूरा किया तब हर दस में से 6 यहूदी युरोप में मारे गए थे।

फिर भी, विष्व के इतिहास में किसी भी लोगों के बुरे उपद्रव के बावजूद भी, 1948 में इस्त्राएल का यहूदी राज्य स्थापित हुआ! इस्त्राएल के पहले के मुख्य प्रधान, गोल्डा मेइर ने कहा, ‘‘लाखो षरीर (दूसरे विष्वयुद्ध में) तोडे गए थे, यहूदी जिंदा दफनाएँ गए थे, मृत्यु के लिए जलाएँ गए थे। परन्तु कभी भी किसी को भी सफलता नहीं मिली लोगों की आत्‍ुमा तोड़ने में। हम अदृष्य होने से इन्कार करते है। कोई बात नहीं कितना भी मजबूत और असभ्य और निर्दय दबाव हमारे विरूद्ध षायद हो, हम यहाँ है”।

जे. ए. क्लार्क ने कहा, ‘‘कायरों के संग्रहालय में वहाँ पर काले ग्रेनाइट का पत्थर है एक बाजु लेख के साथ (षिलालेख)। ये बनाया गया था दूसरे रामसे के पुत्र के दिनों के दौरान, करीबन 1400 बी.सी. में। फराहो ने उसकी विजय उस पत्थर पर लिखी। षिलालेख इन षब्दों के साथ खत्‍ुम होता है, ‘‘इस्त्राएल मिटाया हुआ है। इस्त्राएल को सन्तति नहीं होगी।’ परन्तु वो अभिमान फराहो को नहीं मालूम था कि प्रभु ने कहा था उनके लोग युगो युगो तक उनकी गावाही की तरह रहेंगे! फराहो सदीयों पहले ही अदृष्य हो गए थे, परन्तु यहुदी युगो युगो तक जीवित रहे!’’ (सौजन्य : पोल ली टेन, टीएच.डी., एनसायक्लोपीड़ीया अॉफ 7,700 इलस्ट्रेषन्स, एष्युरन्स प्रकाषक, 1979, पृपृश्ठ 635-637)।

फ्रेडरीक II 1712 से 1786 तक जिये। प्रुषीया के राजा की तरह वो जाने गए फ्रेडरीक ध ग्रेट (महान फ्रेडरीक)। वो बाइबल के अविष्वास के समय में जिया था। एक षाम उसने जो उसके दरबार में थे उन्हें बुलाया, ‘‘क्या कोई भी मुझे ठोस दलील दे सकता है प्रभु के अस्तित्व के लिये?’’ राजा के पादरी (Chaplain) ने जवाब दिया, ‘‘यहूदी, जहाँपनाह! यहूदी परमेष्वर के अस्तित्व का बड़ा प्रमाण है।’’ पादरी के जवाब ने हकीकत में प्रभु के अस्तित्व का बड़ा प्रमाण दिया है। परमेष्वर ने यहूदियों से अपना वचन निभाया। यहुदीयों का बचाव और इस्त्राएल का आधुनिक राज्य, प्रभु के अस्तित्व का बड़ा प्रमाण है जिसने कहा,

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषों में से इकट्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा” (यहेजकेल 36:24)।

मैं पश्चाताप करता हूँ, क्या आप कभी भी बेबीलोन या हितिन्न या, पलिष्तियों या अमालेकी को मिले हो? एक समय ये सारे बड़े राश्ट्र थे। आज वे अप्रचलित है। परन्तु यहूदी आज अस्तित्व में है एक आधुनिक राश्ट्र की तरह, इस्त्राएल में अपने राज्य के साथ! मैं यरूषलेम गया हूँ और मैं जानता हूँ यह सच है!

यरूषलेम! यरूषलेम! गाओ, क्योंकि रात बीत चुकी है!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!
(‘‘पवित्र षहर” फ्रेडरीक इ वेधर्ली द्वारा, 1848-1929)।

इसे मेरे साथ गाओ!

यरूषलेम! यरूषलेम! गाओ, क्योंकि रात बीत चुकी है!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!

डो. एम. आर. डेहानने कहा कि यहूदियों का इस्त्राएल लौटना मसीह के दूसरे बार आने का बड़ा चिन्ह है। डो. डेहानने कहा,

     पच्चीस सो सालो के लिये इस्त्राएल की महान बहुमती थी, और पीछले उन्न्‍ीस सौ वर्शों के लिए करीबन सारे इस्त्राएल, संसार के चार कोनों में बिखर गए है। इस्त्राएल के लोग तिरस्कृत और बाधित, घृणित और दबाए गए थे। उनका पूरी तरह नाष का प्रयत्न बार बार और फिर से किया गया था, हमन (Haman) के दिनों से वर्तमान समय तक। इस सारे प्रयत्नों के बावजूद भी, वे कभी भी समाप्त नहीं हुए। वे राश्ट्रो में से खो नहीं गये, उन्होंने अपनी पहचान लोगो की तरह बना रखी है समाप्त न होनेवाले और प्रभु के वचन की तरह अनंत। अब (1948 से) यह लोग अन्य जातियों में बिखर गए थे, अचानक से फिर से जन्में और उनके प्राचीन निज देष में स्वतंत्र राश्ट्र की तरह स्थापित हुए ... हजारों वर्शों से आदमीयों ने कहा, ‘‘प्रभु हमेंषा इस्त्राएल के साथ है, यहूदी राश्ट्र की तरह फिर से पेलेस्टीन (Palestine) कभी भी नहीं लौटेंगे।’’ वे सारे गलत साबित हुए, क्योंकि सिर्फ परमेष्वर ही सच हो सकते है। यह सब पहिले से ही कहा गया था, सदीयों और युगो पहले पुरानी नियमावली के भविश्यवक्ता द्वारा (एम. आर. डेहान, एम.डी., ‘‘ध साइन अॉफ ध ज्यु’’, ‘‘यहूदी का चिन्ह’’, साइन्स अॉफ ध टाइम्स, समय के चिन्हों में, क्रेगल प्रकाषन, 1996 की प्रत, पृश्ठ 25-26)।

इस प्रकार के पद में, प्रभु ने कहा

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषों में से इकट्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा” (यहेजकेल 36:24)।

1864 मे करीबन देढ सौ वर्श पहले, यहेजकेल 37:1-10 पर प्रचार करते हुए, महान स्पर्जनने कहा,

     इस्त्राएल अब कलंकित किया है राश्ट्रो के नकषे से; उसके पुत्र दूर और लंबे बिखर गए है; उसकी पुत्रीयाँ पृथ्वी की सारी नदीयों के बाजु में मातुम कर रही है ... परन्तु उसे फिर से सुधरना है ‘‘जैसे मृत्यु से।’’ जब उसके अपने पुत्रो ने उसकी सारी आषा छोड़ दी है, फिर प्रभु उसके लिये उपस्थित होते है ... वो पहचानी जाती है ... वहाँ पर फिर से निज सरकार होगी ... राश्ट्र संयुक्त होना चाहिए ... ‘‘मैं तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा,’’ यह वचन है प्रभु का उनको ... उन्हें राश्ट्रीय प्रसिद्धि होनी चाहिए जो उन्हें मषहूर बनाएँगा ...
     अगर वहाँ पर षब्दों को अर्थ है यह इस पाठ (यहेजकेल 37) का अर्थ होना चाहिए। मैं आषा करता हूँ कभी भी न सीखे प्रभु के अर्थ को उनके अपने षब्दों से तोडने की कला। अगर वहाँ पर कुछ भी स्पश्ट और सरल है, वो है इस अध्याय के अर्थ का अक्षरषः ज्ञान - अर्थ आित्‍ुमक या आध्याित्‍ुमकता से दूर नहीं करना है - प्रमाण देना चाहिए कि ... इस्त्राएल के दस जाति वर्ग को अपने निज देष में फिर से पुनःस्थापित करना है ... अगर वहाँ पर षब्दों का अर्थ है : इस्त्राएल अभी भी पुनःस्थापित होना बाकी है। (सी. एच. स्पर्जन, ‘‘ध रीस्टोरेषन और कर्न्वजन अॉफ ज्युझ,’’ ‘‘यहूदियों की पुनःस्थापना और परिवर्तन”, ध मेट्रोपोलीटन टबरनेकल पुलपीट, पीलग्रीम प्रकाषन, 1991 में फिर से छपा हुआ, भाग X, पृपृश्ठ 428-429)।

स्पर्जनने वो षब्द 1864 में कहे थे, यहूदियों के इस्त्राएल राश्ट्र में लौटने और पुनःस्थापित होने के 1948 के चौरासी वर्श पहले। स्पर्जन को कैसे मालूम पड़ा कि यह होगा? उसे यह मालूम था क्योंकि वे हमारे पाठ के अक्षरषः सच्चाई पर विष्वास करते थे,

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषों में से इकट्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहुँचा दूँगा” (यहेजकेल 36:24)।

स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल ने 1917 में भविश्यवाणी दी स्पर्जन के समान। स्कोफिल्ड की टीप्पणी कहती है, ‘‘इस्त्राएल अब है ... फैलाव में, जहाँ से वो पुनःस्थापित होगा” (ध स्कोफिल्ड स्टडी बाइबल, 1917, ओक्सफर्ड विष्वविद्यालय प्रेस, उत्पति 15:18 में अब्राम की वाचा पर टीप्पणी, पृश्ठ 25)। इकतीस वर्श बाद, 1948 में, इस्त्राएल का राश्ट्र पुनःस्थापित हुआ, वैसे ही जैसे बाइबल ने कहा था ये हेागा!

जब मैं ईष्वरहित उदार दक्षिणी बप्तीस धार्मिक पाठषाला, सान फ्रान्सिसको के उत्तर में पहले 70 में पढ़ता था, दो प्राध्यापको ने सिखाया कि पुनःस्थापित का वचन सिर्फ भूतकाल के लिए था, कि वे सारे यहुदियों को उनके बेबीलोन में कारावास से पुनःस्थापित करने का संदर्भ करते थे और इस में से किसी भी वचन ने इस्त्राएल का 1948 में पुनःस्थापित करने का संदर्भ नहीं किया। यहाँ कुछ थोड़े कारण हैं कि वे गलत थे :

1. गोल्डन गेट बेप्टीस्ट धार्मिक पाठषाला के प्राध्यापक गलत थे क्योंकि इस्त्राएल की पुनःस्थापना की पुरानी नियमावली की भविश्यवाणी कई बार वाक्य खण्ड ‘‘आने वाले दिनों’’ ‘‘latter days’’ से जोड़े गए है। दश्टांत के तौर पर, यहेजकेल 37 मे इस्त्राएल के पुनःस्थापना की भविश्यवाणी तुरंत ही अनुकरण की गई, 38 वे पाठ मे, वाक्यखण्ड, ‘‘अन्त के वर्शों में तू उस देष में आएगा जो तलवार के वष से छूटा हुआ होगा और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे’’ (पद 8)। ये पद 16 में और भी छोटा किया गया है, जहाँ हमें कहा गया है ‘‘अन्त के दिनोें में ऐसा ही होगा’’। इसलिये भविश्यवाणी अन्त के वर्शों के अन्त के दिनों के लिये है - दूसरे षब्दों में, अन्त के दिनों में मसीह के दोबारा आने से पहले। दूसरे स्पश्ट द्रश्टांत के लिये पढ़ो होषे 3:4-5,

‘‘क्योंकि इस्त्राएली बहुत दिन तक बिना राजा, बिना हाकिम, बिना यज्ञ, बिना लाठ, और बिना एपोद या गृह देवताओं के बैठे रहेंगे। उसे बाद वे अपने परमेष्वर यहोवा और अपने राजा दाऊद को फिर ढूँढने लगेंगे, और अन्त के दिनों में यहोवा के पास और उसकी उत्तुम वस्तुओं के लिए थरथराते हुए आएँगे” (होषे 3:4-5)।

2. गोल्डन गेट बेप्टीस्ट धार्मिक पाठषाला में उदार प्राध्यापक गलत थे क्योंकि यह वाक्यखण्ड सामान्य रूप से कहता है कि यहूदी लौटकर आएँगे, उनके परिवर्तित होने से पहले, जो बेबीलोन के लौटने का संदर्भ नहीं करते, परंतु अन्तिुम लौटने में मसीह के दोबारा आने से पहले। द्रश्टांत के तौर पर यहेजकेल 36:24-27 कहता है,

‘‘मैं तुम को जातियों में से ले लूँगा, और देषो मे ंसे इकठ्ठा करूँगा; और तुम को तुम्हारे निज देष में पहूँचा दूँगा। मैं तुम पर षुद्ध जल छिड़कूँगा और तुम षुद्ध हो जाओगे; और मैं तुम को तुम्हारी सारी अषुद्धता और मूरतों से षुद्ध करूँगा। मैं तुम को नया मन दूँगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्‍ुमा उत्पन्न करूँगा और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकालकर तुम को मांस का हृदय दूँगा। मैं अपना आत्‍ुमा तुम्हारी भीतर देकर ऐसा करूँगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मानकर उनके अनुसार करोगे” (यहेजकेल 36:24-27)।

    क्योंकि पद 26 और 27, नये जन्म के विशय में, अभी तक कभी भी परिपूर्ण नहीं हुई है, यह भविश्यवाणी को अंतिुम ढेर (ingathering) का इतिहास के अन्त में संदर्भ करना ही चाहिए।

3. गोल्डनगेट बेप्टीस्ट धार्मिक पाठषाला के उदार प्राध्यापक गलत थे, क्योंकि मसीह ने इस्त्राएल की पुनःस्थापित की भविश्यवाणी यरूषलेम की 70 ए.डी. की गिरावट के बाद की थी। मसीह ने कहा,

‘‘वे तलवार के कौर हो जाएँगे, और देषों के लोगों में बन्दी होकर पहुँचाए जाएँगे; और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूषलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा” (लूका 21:24)।

    मसीह ने कहा कि इस्त्राएल का राश्ट्र ‘‘रौंदा जाएगा’’ अन्य जातियों की परवषता के अधीन जब तक ‘‘अन्य जातियों का समय पूरा न हो’’ भविश्य में। डो. वीलबर एम. स्मीथ ने कहा कि लूका 21:24 एक सबसे स्पश्ट पद है बाइबल मे ंजो दिखाते है कि इस्त्राएल की पुनःस्थापना होगी जैसे ‘‘अन्य जातियों का समय’’ अन्त तक आता है, और मसीह का दोबारा आना होने में ही है। डो. जोन. एफ. वालवुर्ड ने पृश्ठ 49-51 उनकी किताब आर्मागेडन, ओइल एन्ड मिडल इस्ट, पर समान कथन दिया। यहूदियों का उनके निज देष में लौटना दिखाता है कि इस युग का अन्त और मसीह का दोबारा आना करीब है (देखिये डो. एड. डोबसन को भी फाइनल साइन्स, आखरी चिन्ह, हार्वेस्ट हाऊस, 1996, पृश्ठ 118)।

4. गोल्डन गेट बेप्टीस्ट धार्मिक पाठषाला के उदार प्राध्यापक गलत थे, क्योंकि प्रभु यीषु मसीहने संदर्भ किया था मंदिर के पुनःनिर्माण के आने का मती 24:15 में जब ‘‘उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को, जिसकी चर्चा दानिय्येल भविश्यवक्ता के द्वारा हुई थी, पवित्र स्थान में खड़ी हुई (देखोगे)’’। वो नहीं हो सकता था जब तक यहूदी पहले लौटै, जैसे उनहोंने 1948 में करना षुरू किया था और पवित्रस्थान (मंदिर) को पुनःनिर्माण करना, जो वे करेंगे करीब के भविश्य में।


इसलिए, मैंने जाना कि वो पुरानी नियमावली के प्राध्यापक गोल्डन गेट धार्मिक पाठषाला में हर जगह ऐसे आध्यात्मिकतासे अंधे थे जैसे मसीह के समय में फरासी।

प्रेम से प्यारा, हम निष्चिंतता से कह सकते है कि महान् पुराने बाइबल षिक्षक डो. डेहान एकदम सच थे जब उन्होंने कहा था, ‘‘अब, हमारी पीढ़ी में ... ये सब होना षुरू हुआ है। पवित्रषास्त्र हमें कहता है कि जब वो होता है तो प्रभु का आना करीब है। अगर वहाँ पर अन्त के दिनों के और कोई चिन्ह नहीं है, (इस्त्राएल के पुनःस्थापित का चिन्ह) पर्याप्त होगा। यीषु फिर से आ रहे है’’ (डेहान, ibid, पृश्ठ 31)। मेहरबानी करके खडे रहो जैसे हम वो समूहगान फिर से गाते है

यरूषलेम! यरूषलेम! गाओ, क्योंकि रात बीत चुकी है!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!
होसाना सर्वोत्तम उचाँई पर, होसाना सदा के लिये ज्यादा!

अब मैं तीन विचारों के साथ बंद करता हूँ। पहला, यहूदियों को उनके निज देष में पुनःप्राप्ति दिखाता है बाइबल की पूरी यर्थाथता और विष्वस्तता। दूसरा, यहूदियों का उनके निज देष में पुनःप्राप्ति दिखाता है कि बाइबल की भविश्यवाणी अक्षरषः सच है। इसीलिये, अधोलोक के बारे में चेतावनी आपको डर के साथ थर्राने चाहिए और मसीह को ढूँढना बहुत सारी गंभीरता के साथ। तीसरा, यहूदियों पर मसीह की नम्र दया आपको महसूस करानी चाहिए कि यीषु आप पर भी दया कर सकते है और आपको आपके पापों से बचा सकते है। वो ही समान महान् षक्ति के साथ जो उन्होंने यहूदियों को उनके निज राश्ट्र में लाने में इसतेमाल कि थी, यीषु आपको आपके पाप से बाहर ला सकते है, आपको नया जन्म दे सकते है, उनके बहुमूल्य लहु द्वारा। मैं आपसे कहता हूँ, ‘‘आज रात प्रभु मसीह पर भरोसा करो! उसने इस्त्राएल पर दया की, और वे आप पर दया करेंगे’। जैसे बार्टीम्युस ने उन्हें तरह पुकारा, ‘‘यीषु, मुझ पर दया करो! यीषु, मुझ पर दया करो!’’

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्र :यहेजकेल 36:16-24।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
”पवित्र षहर” (फ्रेडरीक इ. वेधर्ली द्वारा, 1848-1929)।