Print Sermon

इस वेबसाईट का उद्देश्य संपूर्ण विश्व भर के पास्टर्स व प्रचारकों को, विशेषकर तीसरी दुनिया के पास्टर्स व प्रचारकों को नि:शुल्क हस्तलिखित संदेश और संदेश के विडियोज उपलब्ध करवाना है, जहां बहुत कम धर्मविज्ञान कॉलेज और बाइबल स्कूल्स हैं।

इन संदेशों की पांडुलिपियां प्रति माह २२१ देशों के १,५००,००० कंम्प्यूटर्स पर इस वेबसाइट पते पर www.sermonsfortheworld.com जाती हैं। सैकड़ों लोग इन्हें यू टयूब विडियो पर देखते हैं। किंतु वे जल्द ही यू टयूब छोड़ देते हैं क्योंकि विडियों संदेश हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। यू टयूब लोगों को हमारी वेबसाईट पर पहुंचाता है। प्रति माह ये संदेश ४२ भाषाओं में अनुवादित होकर १२०,००० प्रति माह हजारों लोगों के कंप्यूटर्स पर पहुंचते हैं। उपलब्ध रहते हैं। पांडुलिपि संदेशों का कॉपीराईट नहीं है। आप उन्हें बिना अनुमति के भी उपयोग में ला सकते हैं। आप यहां क्लिक करके अपना मासिक दान हमें दे सकते हैं ताकि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार प्रचार के इस महान कार्य में सहायता मिल सके।

जब कभी आप डॉ हायमर्स को लिखें तो अवश्य बतायें कि आप किस देश में रहते हैं। अन्यथा वह आप को उत्तर नहीं दे पायेंगे। डॉ हायमर्स का ईमेल है rlhymersjr@sbcglobal.net. .




माफ किए हुए पापीयों से बहुत प्रेम

MUCH LOVE FROM PARDONED SINNERS

डो. आर.एल. हायमर्स, जुनि द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजलिस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की षाम,
29 अप्रैल, 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, April 29, 2012

“इसलिये मैं तुझ से कहता हूँ कि इसके पाप जो बहुत थें, क्षमा हुए, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है” (लूका 7:47)।


यह सरल कहानी है। सिमोन नाम के फरासी ने यीषु को उसके घर रात के भोजन के लिये निमंत्रण दिया। जब वे खा रहे थे एक पापी औरत रोते हुए आयी, अपने आँसू से यीषु के पाँव धोए, और मलहम से उनके पाँव का अभिशेक किया। फरासी ने सोचा कि अगर यीषु भविश्यवक्ता होते तो वे जानते कि यह औरत पापी थी, और उन्होने उसे पाँव छुने नहीं दिये होते। यीषु जानते थे कि फरासी क्या सोच रहा था इसीलिये उन्होने उसे दृश्टांत कहा। यीषुने कहा वहाँ पर दो कर्जदार थे। एक को लेणदार को पैसो की बड़ी राषि देनी थी और दूसरे को उन्हें छोटी रकम देनी थी। लेणदार ने दोनो को माफ किया। यीषु ने फरासी से पूछा कौन लेणदार से ज्यादा प्रेम करेगा । फरासी ने कहा, “मैं मानता हूं कि वो, जिसे उसने ज्यादा माफ किया।” यीषु ने उसे कहा वो सही था। फिर यीषुने कहा कि औरतने उनके पाँव और उनका सिर अभिशेक करने के लिए प्राचीन रिवाज का अनुकरण किया था, जो फरासी ने नहीं किया। फिर यीषुने कहा उसने ऐसा किया क्योंकि वह ज्यादा माफ की गई थी। वह हमें पाठ तक ले आता है,

“इसलिये मैं तुझ से कहता हूँ कि इसके पाप जो बहुत थें, क्षमा हुए, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है” (लूका 7:47)।

वहाँ पर एक टीका करनेवाला विशय मुझे बाँटना ही चाहिए हमारे आगे जाने से पहले। यह संदर्भ करता है वाक्यखण्ड, “इसके पाप जो बहुत थे, क्षमा हुए ; क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया।” बिना व्याख्या (स्पश्टता) के ये षायद किसीको सोचने दे कि वह माफ की गइ क्योंकि उसने बहुत प्रेम किया था। परन्तु वो यीषु जो अर्थ देते थे उससे विपरित, पीछे फिर जाये! यह उसे माफ किए जाने की अवस्था को प्रेम करने देगा। अगर आप पद 41-43 में यीषु द्वारा दी हुई कहानी (दृश्टांत) पढ़ते हो, आप तुरंत ही देखोगे कि यह भाशांतर पूर्णरूप से विरूध्द है जो यीषु का अर्थ था उससे। ग्रीक षब्द अनुवाद किया गया था “क्योंकि” यहाँ अर्थ है “इसलिए” आधुनिक अंगे्रजी में। डो. वीलीयम हेन्ड्रीकषनने कहा कि ग्रीक षब्द जो अनुवाद किया है “क्योंकि” वो है “संबंध सूचक ... और इसीलिये ‘इसलिए’”) घ गोसपल ओफ लूका, लूका का सुसमाचार, बेकर 1981 की प्रत, पृश्ठ.492)। रेइनेकरने इसे अनुवाद किया “जिस के कारण” “because of which” (ए लीन्गवीस्टीक की टु ध न्यु टेस्टामेन्ट, झोन्डरवान, 1980 पृश्ठ.160)। डो. गीलने इसका खण्डन किया “इसीलिये उसने बहुत प्रेम किया” (एन एक्सपोझीषन ओफ ध न्यु टेस्टामेन्ट, भाग I, पृश्ठ. 575)। मेथ्यु हेन्रीने भी कहा, “इसका खण्डन होना चाहिए, इसीलिये उसने बहुत प्रेम किया ... बहुत प्रेम करना कारण नहीं था परन्तु असर थी” (मेथ्यु हेन्रीस कोमेन्ट्री ओन घ व्होल बाइबल; लूका 7: 47 पर टीप्पणी)। डो. लेन्सकीने कहा, “औरत का प्रेम माफी का कारण या निमित्त नहीं था, परन्तु उसका यह प्रेम दिखाना प्रत्यक्ष रूप मे प्रमाणित करता है कि उसके पाप माफ किए गए थे” (ध इन्टरप्रीटेषन ओफ सेंट लुकास गोसपल, अगसबर्ग 1961, पृश्ठ, 433)। इसीलिये हम इसे अनुवाद कर सकते है जैसे, “उसके पाप जो बहुत है, माफ किए गए है ; (इसीलिये जिसके कारण) उसने बहुत प्रेम किया।” 1599 जीनेवा बाइबल कहती है, “मसीह को प्रेम करनां, वो है निष्चित और सनातन गवाही पापो की माफी की ... इसलिये कृपा (प्रेम) यहॉ बात की गई है, वो निमित्त के लिये नही ले जानी चाहिए, परन्तु चिन्ह की तरह... कि उसके जीवन के पापो ने उसे माफी दी है” (लूका 7:47 पर टीप्पणी)।

“इसलिये मैं तुझ से कहता हूँ कि इसके पाप जो बहुत थें, क्षमा हुए, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है” (लूका 7:47)।

यह निष्चितरूप से महत्वपूर्ण मुददा है। मसीह के लिये सच्चा प्रेम, माफ किए जाने से आता है। अगर हम पाप की माफी का अनुभव नही करते, तो हम मसीह से प्रेम नहीं करेंगे। ये दो चीज़ स्पश्ट करता है।

1. पहला, यह स्पश्ट करता है क्यों इन बुरे दिनो में यीषु के लिये इतना कम प्रेम है।

उनकी अंत समय की भविश्यवाणी में, यीषुने कहा,

“अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा”
       (मती 24:12)।

हमारे दिनो में बहुत से मसीही का अधर्म बढ़ने के कारण प्रेम कम होता है। मेथ्यु हेन्रीने कहा, “जब अधर्म बढ़ता है, नश्ट करनेवाला अधर्म, बाधा करने वाला अधर्म, यह अनुग्रह (प्रेमका) सामान्यरूप से ठण्डा पडता है। मसीही षर्माना और एक दूसरे पर संषय करना षुरू करते है, भावनाएँ दूर हो जाती है, अंतर किया जाता है... इसलिये प्रेम किसी भी चीज पर नही आता... ताकि अधोलोक लगता है प्रभु के विरूध्द द्रोह मे टूटा हुआ, और संतो से दुष्मनी... यह देता है समय का विवादपूर्ण दृष्य; कि वहाँ पर प्रेम की ऐसी बड़ी गिरावट होगी।”

कौन कह सकता है कि हम ऐसे समय में नहीं जी रहे ? मैं मानता हूं कि मती 24:12 बुरे दिनो की भविश्यवाणी है जिसमे हम अब जी रहे है। कोई बाइबल की भविश्यवाणी के बारे में कुछ भी माने, कौन कह सकता है कि यह हमारे समय में लागु नहीं होता?

“अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा”
      (मती 24:12)।

जब हम कुमार थे, कलीसिया जिसका मैं सदस्य था, मेरे पहले चीनी बप्तीस कलीसिया मे जुड़ने से पहले, भयानक अलगाने से गुजरा। उस कलीसिया के सदस्यो ने एक दूसरे को दोशी ठहराया, एक दूसरे पर कलंक लगाये, और एक दूसरे पर हमले किये। मुझे याद है सोचना, “मसीहीता सत्य नहीं हो सकती। नफरत देखिये जो मसीहीयो को एक दूसरे के लिये है।” सिर्फ बाद में, मेरे बचाये जाने के बाद, मैने जाना (महसूस किया) कि ये लोग कभी भी परिवर्तित नहीं किए गए थे, कि वे मसीही थे ही नही। ये प्रेम की कमी सिर्फ प्रमाण देती है कि वे सच्चे परिवर्तन के लिये कभी भी माफ नहीं किए गए थे। “जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ प्रेम करता है।” वे जो गुस्से से कलीसिया छोड़ते है कडवाहट और प्रेम की कमी में उन्हों ने मसीह का क्षमा करनेवाला प्रेम कभी भी अनुभव नहीं किया था। आइझेक वोट्स ने यह अच्छा कहा है,

प्रभु, जब अधर्म बढ़ता है,
   और इष्वरनिन्दा साहसी होती है,
जब विष्वास मुष्किलसे मिलता है,
    और प्रेम ठण्डा पड़ जाता है।,

क्या ये आपका जल्दीसे आना नहीं है ?
    आपकी जल्दी यह चिन्त नहीं देती ?
षायद हम भरोसा न करें और जीवन जीये
   सौगंद कीतनी दिण्य ?
(“प्रभु, जब अधर्म बढ़ता है” डो आइझेक वोट्स द्वारा, 1674-1748)।

“निर्णायक्ता” आजके स्वधर्म त्याग का मुख्य कारण है। फिनेय और जिसने उनका तरीका अनुकरण किया उस समय से, हमारे कलीसियाने दस लाख बिना बचाये लोगो को सदस्य की तरह प्रवेष दिया है। इन सब लोगो को अपना हाथ उठाना था और “आगे” आना था, या “पापीयो की प्रार्थना” कहनी थी और वे सब लोग बिना प्रष्न किए सदस्य की तरह लिये गये थे। जब कि उन्होने पापका आध्यात्मिक अपराध भाव सच्चे परिवर्तन के साथ कभी भी अनुभव नहीं किया था, उन्हे यीषु के लिये थोड़ा (कम) प्रेम था, और कलीसिया इस प्रकार बिना बचाये सदस्यो से भर गया था। यह, हकीकत में, ले गया सच्चे मसीही को कलीसिया में बहुत व्याकुलता और निरूत्साह तक।

“अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा”
       (मती 24:12)।

प्रेरितो पौलुसने समय की भविश्यवाणी की थी जब कहे जानेवाले मसीही “अपने स्वयं को प्रेम करनेवाले होगे” बजाय मसीह को प्रेम करनेवालो से (2 तीमुथियुस 3:2)। हम आज उस समय मे जी रहे है जैसे “निर्णायकता” का सीधा परिणाम है।

जैसे स्वधर्म त्याग गहरा होता है, और पाप बढ़ता है कलीसिया में, चलिये कभी भी सच्चे परिवर्तितो को मसीह के करीब खींचो, और उन्हे ज्यादा प्रेम करो उनके पाप माफ करने और उनकी आत्माओं को अधोलोक से बचाने!

ज्यादा प्रेम आपको, ओ मसीह, ज्यादा प्रेम आपको!
    आप सुनो जो प्रार्थना मैं करता हूँ अपने घुटने माड़कर ;
यह मेरी उत्सुक याचना हैः
    ज्यादा प्रेम, ओ मसीह, आपको,
ज्यादा प्रेम आपको, ज्यादा प्रेम आपको!

वह समुहगान मेरे साथ गाओ!

यह मेरी उत्सुक याचना हैः
    ज्यादा प्रेम, ओ मसीह, आपको,
ज्यादा प्रेम आपको, ज्यादा प्रेम आपको!
(“ज्यादा प्रेम आपको” एलीझाबेथ पी. प्रेन्टीस द्वारा, 1818-1878)।

“इसलिये मैं तुझ से कहता हूँ कि इसके पाप जो बहुत थें, क्षमा हुए, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है” (लूका 7:47)।

2. दूसरा, यह दिखाता है कि पाप का अपराधभाव हमें यीषु को प्रेम करने तक ले जाता है जब वे हमें माफ करते है।

ओह, हाँ, यह और पाप के गहरे अपराध भाव में थी। यह पद्य हमे कहता है,

“उस नगर की एक पापिनी स्त्री ... उसके पाँवो के पास, पीछे खड़ी होकर, रोती हुई” (लूका 7:37, 38)।

यह मसीहीयों के लिये अच्छा है स्मरण करना कब वे बचाये गये थे। अगर आपने सच्चे परिवर्तन का अनुभव किया है तो आप निःसंदेह स्मरण करोगे कैसा भयानक आपने महसूस किया था जब आप पाप के अपराध भाव में थे। आप निःसंदेह स्मरण करेंगे बड़ा आराम आपने अनुभव किया जब यीषुने आपको माफ किया और आपकी आत्मा को बचाया। इसीलिये यह अच्छा है हर मसीही के लिये वापस जाना और स्मरण करना की कितना भयानक था यह उनके बचाये जाने से पहले और कितना अदभुत है की यीषुने आप जैसे दुश्ट को बचाया! जब आपका उत्साह ठंडा पडता है, और आपकी प्रार्थनाएँ और सुसमाचार प्रचार उत्साहहीन बनता है, स्मरण करो कैसे यीषुने आपको पाप से बचाया और आषाभरा जीवन दिया! यीषु की दया जो आप पर थी उसे स्मरण करना आपको उनके लिये बड़े प्रेम की ओर ले जाएगा। फिर आप कहेंगे,

यह मेरी उत्सुक याचना हैः
   ज्यादा प्रेम, ओ मसीह, आपको,
ज्यादा प्रेम आपको, ज्यादा प्रेम आपको!

इसे फिर से गाओ!

यह मेरी उत्सुक याचना हैः
    ज्यादा प्रेम, ओ मसीह, आपको,
ज्यादा प्रेम आपको, ज्यादा प्रेम आपको!

मैं किताब पढ़ रहा था, “स्वर्ग से आग” “Fire from Heaven” पोल कुक द्वारा (इवान्जलीकल प्रेस, 2009)। आदरणीय कुक ने कहा कि एक चीज जो सच्चे परिवर्तन में होती है वो है लोग पाप के अपराधभाव के अधीन आते है। उन्होने कहा, “लोग कभी भी उनके पाप के लिये स्वाभाविकरूप से अपराधभाव में नहीं आते; स्वभाव से हमे स्वयंन्याय करनेवाले है। आत्मा के विषेश कार्य की आवष्यकता है। और जब आत्मा काम करती है, पाप घृणा करने योग्य बन जाता है, व्यक्ति को नफरत करने और इसे छोड़ने तक ले जाता है... आज ज्यादा प्रचार पाप और पष्चाताप की षिक्षा छोड़ देते है।” (ibid., पृश्ठ 18)। वे कहते गये कि प्रभु का दया के लिये पुकारना यीषु के माध्यम से आमतौर पर जरूरी था। उन्होने कहा, “हमने यह टिप्पणी हमारे कलीसियाओमें खो दी है। लोग मसीह को कुछ सौपने के लिये दबाये जाते है परन्तु बहुत कम प्रभु को दया के लिये पुकारने के लिये दबाये जाते है... यह प्रभु को दया के लिये पुकारना पष्चाताप का अतिआवष्यक मुददा है” (ibid.)। पापभरा भठियारे ने “अपनी छाती पीट-पीटकर कहा, हे परमेष्वर, मुझ पापी पर दया कर” (लूका 18:13)। आदरणीय कुकने कहा,

यहाँ आदमी है जो जीया प्रभु के सच्चे षान के बिना या पाप की गंभीरता से, और दिन (आता है) जब वो प्रभु का जानकार बनता है। वो पाप का गहरा अपराधभाव अनुभव करता है और प्रभु को ढूँढना षुरू करता है, कईबार निराषा के ज्ञान के साथ। वो यह करता है जबतक वो पष्चाताप तक लाया जाये और प्रभु यीषु मसीह की ओर माफी और मुक्ति के लिये देखे। फिर उसे विष्वास दिया जाता है परमेष्वर की दया और उसके पापोकी माफी का। और यह बड़े आनंद और खुषी से अनुकरण किया जाता है (ibid., पृश्ठ 119)।

“दया के लिये प्रभु को पुकारना यीषु मसीह के द्वारा” कईबार देखा जाता है उन लोगो में जो सच्चे परिवर्तन का अनुभव करते है।

आदरणीय कुकने कुछ परिवर्तन क ेलेखपत्र दिये जो दूसरी बड़ी जागृतता (1830-1830) में हुए। उन्होने बात की वीलीयम कारवोसो के परिवर्तन की जिन्होने कहा, “मेरे पास पाप के निन्दा करनेवाले स्वभाव की दृश्टि थी, और वो जो मैंने प्रभु के विरूध्द किया था, कि मैं डरता था की धरती फटेगी और मुझे निगल लेगी।” उनकी आत्मिक व्याकुलता कुछ दिनो तक रही, जबतक “मसीह प्रत्यक्ष हुए... और प्रभुने मेरे सारे पाप माफ किये, और मेरी आत्मा को आजादी दी... यह करीबन रात के नौ बजे, 7 मई 1771 को हुआ ... और मैं कभी भी वो आनंदित घंटा नहीं भूला” (ibid., पृश्ठ 74, 75)। श्रीमान कारवोसो प्रभु द्वारा दूसरी बड़ी जागृतता में बडे इस्तेमाल हुए थे।

रीचर्ड ट्रवावासने उसके जहाज की छत लहरों के बीच मे चलायी, उसके पापो का मातम करते हुए, और देखने आये कि “मुक्त करनेवाले की श्रेश्ठता में बिना रूचि के मैं सदा नश्ट होता, और ये सिर्फ मिल सकता था मसीह में विष्वास के द्वारा।” आत्मिक परिश्रम के 6 महिने बाद उसे मसीह में षान्ति मिली (ibid.)।

सोलोमन बुराल्ल दिनो तक भटके खानकार्य टकीन्गमील (Tuckingmill) में आत्मिक व्याकुलता में, जबतक उसकी प्रभु को पुकार खाण में काम करनेवालो की भीड़ को दौडते हुए लाया उनके सहायक के पास सोचते हुए की वो षारीरिक पीड़ा में था (ibid.)।

वीलीयम कारवोसो, पहला व्यक्ति जिसके बारे में मै बोला था, उनके बचाये जाने के बाद बाहर गये प्रचार करते हुए। एक सभामें उन्होने कहा,

... सेंकडो एक साथ पुकार रहे थे दया के लिये। कोई आत्मा की बडी व्यग्रता में एक घंटे तक रहा, कोई दो, कोई छ, कोई नौ, बारह और कोई पंद्रह घंटो तक, परमेष्वरने उनकी आत्माओं से षान्ति की बात करने से पहले, फिर वे उठे, उनकी बाँह बढ़ायी, और प्रभुके अद्भूत कार्य की घोशणा की, एैसी षक्ति के साथ, कि बाजुमे खड़े रहनेवाले एक क्षण में चौंक जाते, और जमीन पर गिरते और उनकी आत्माओं के लिए (परेषानी में) चिल्लाते (ibid., पृश्ठ 80)।

आदरणीय कुकने कहा, “इससे हमें आष्चर्य नहीं होना चाहिए, नाही इसे हमे चेतावनी देनी चाहिए। हमें क्या चिन्ता होनी चाहिए कि यह हुआ इतनी विरलता से” आज (ibid., पृश्ठ 83)। वीलीयम कारवोसोने कहा,

एक षाम मैंने स्मीथ भाइयो के घर चाय लीः हमारे प्रार्थना में जाने के लिये मिलने से कुछ क्षण पहले एक जो मेरे लिये अपरिचित था, कमरे मे आयाः मैंने जल्दी से प्रार्थना में अपना मुँह नहीं खोला, फिर वो गहरी जागृतता मे था; और चिल्लाया (परेषानी में उसकी आत्मा के लिये। मैं सोचता हूँ मैंने मेरे जीवन में ऐसा आदमी कभी भी नहीं देखा जिसकी आत्मा के लिये पीड़ा बड़ी थी...कुछ परिश्रम के बाद उसे दया मिली और आनंद से प्रमाणित किया कि (मसीह) ने उसके सारे पापो को माफ किया है ( ibid., पृश्ठ 85)।

वीलीयम कारवोसोने कहा,

मैं जल्दीसे वहाँ गया; और देखा कुछ व्याकुल आत्माएँ छोटी कलीसिया में, जो वहाँ कुछ दिन और रातों से थी प्रार्थना मे परिश्रम करते हुए ... दृढ विष्वास से आत्मा इतनी षक्तिषाली रूप से चलती थी, कि बहुत जिसके पास खिलवाड़ करनेवाला था वे अपने घुटनो के बल नीचे गिर रहे थे प्रार्थना करने उनके काम के बीच में। हकीकत में, कई दिनो से कुछ छोटा सा अलग हो रहा था परन्तु उसे ध्यान देने से जो गहरी पीड़ा में थे प्रभु के साथ उनकी आत्मा की मुक्ति के लिये... प्रभु करे परमेष्वर उनसे कोमलता से व्यवहार करे, और अनंत जीवन मे दया दिखाएँ। आमीन और आमीन (ibid., पृपृश्ठ 87,88)।

एक औरत जिसने तीस वर्शो तक कलीसिया में हाजरी दी वो अपरिवर्तित रही, विधिवत् धर्मनिश्ठ। वह चेतावनी दी गयी थी संतुश्ट रहने बिना प्रभुके पुत्र द्वारा स्वीकारे जाने के खतरे से, और स्वर्ग में जाने की नामुमकिनता बिना फिर से जन्मे। उसके मनमें चुभा, वो घुटनो के बल गिरी पापके अपराधभाव के अधीन, और प्रभु को पुकारना षुरू किया दया के लिये। “प्रभु, मुझे अधोलोक में गिरने से बचाइये”, वो चिल्लायी। उसकी पुकार जोर से और तीव्र हुई, और तुरंत ही प्रभु दयालुरूपसे उसकी आत्मा से मिले और उसे दि “मुक्ति की जानकारी ... पापो के प्रायष्चित के द्वारा और वह प्रभु की सराहना पुकारने लगी।” प्रभु का उसे गवाही की तरह इस्तेमाल करने के परिणाम स्वरूप सभाओ की श्रेणी रखी गयी। “प्रभु की आत्मा का अपराधी प्रमाणित करने का काम इतना महान था कि अवसरों पर लोगों का प्रभु को दया के लिये पुकारना उनके घरों में से भी रास्ते पर चलते लोगो को सुनाई पडता था” (ibid., पृश्ठ 90)।

वीलीयम कारवोसो एक आदमी का परिवर्तन इन षब्दोमें वर्णन करते है,

सुनते हुए की उसने प्रार्थना करना षुरू किया था, मुझे उसकी मुलाकात लेने विनती की गयी थी। मैं उससे बहुत लंबा नही (बोला) उसकी ज्यादा गहरी जागृतता से पहले, और दया के लिये जोर से पुकारना षुरू किया। उसके साथ प्रार्थना करने के बाद मैंने उसे छोड़ दिया। षाम को मैंने उसे फिर से बुलाया; और जब मैं उसे निर्देष कर रहा था प्रभु के मेम्ने की ओर जो संसार के पाप ले लेता है, प्रभुने उनकी दया खोली उसकी आत्मा पर, और वह पुकारने लगा, “मेरा बोझ चला गया, परमेष्वरने मेरे सारे पाप माफ कर दिये है; महिमा, महिमा उनके नाम को!” मै बाद में उसे कयी बार मिला और देखा उसका विष्वास अडग था (ibid., पृश्ठ 90)।

आदरणीय कुकने कहा, कि उन लोगोने खोये हुए लोगो को “पापीयो की प्रार्थना” कहने नही भेजा। उन्होने कहा, “उन्होने सुसमाचार प्रचार किया और इसे कार्यान्वित किया नित्य उपदेषो के साथ, परन्तु यह करने के बाद उन्होने खोजनेवाले को प्रभुके हाथों में छोड़ दिया।” वे मानते थे कि मुक्ति, प्राथमिकता में पापीका मसीह के पास आने में नही है, परन्तु जैसे मसीह पापी के पास आते है पवित्र आत्मा की षक्ति में। और वे नहीं मानते थे कि मसीह आने के लिये कर सकते थे कुछ मानवीय “निर्णय” के द्वारा। “इस कारण से उन्होने छोड़े वो अपराध प्रमाणित उनके पापो को पुकारते हुए दया के लिये, और उन्हे दबाते हुए, पुकारने और फिर से पुकारने जबतक प्रभु उनकी गवाही लाते है उनकी आत्मा द्वारा कि वे उनके बच्चे बन जाए... उन्होने आदमी और औरतों को दबाया सुसमाचार मानने के लिये; परंतु वे इससे भी आगे गये, और पापीयो को दबाया प्रभु को ढूँढने और उन्हे पुकारने दया के लिये। वे जानते थे की सच्चे अपराधभाव के अधीन, और सच्चे पष्चाताप के प्रमाण की तरह, पापी उत्साह सहित और गंभीरता से यह करेगा और वो कि प्रभु उनकी पुकार सुनेंगे। (वे) प्रभु की दया सामान्यरूप से नहीं ली; यह ढूँढनी चाहिए... प्रभु को ढूँढनेवाले पापीयों को प्रतिसाद देना ही चाहिए, और जब उन्होंने वो किया वे सीधे ही आत्मा से षान्ति की बात करेंगे। आदमी देखा गया था मुक्ति के लिये पूरी तरह प्रभु पर आधारित... वहाँ पर सच्चा बाइबल संबंधी प्रभाव था फिर आज ज्यादातर सुसमाचार प्रचार करनेवाला कलीसिया में पाया जाता है... वे मानते थे कि जब तक प्रभु काम नही करते वे षक्तिहीन थे उनके नाम में कुछ भी पाने के लिये / यह स्पश्ट करता है क्यों उन्होने इतनी बहुत प्रार्थना की और इतनी बड़ी उत्सुकता के साथ” (ibid., पृपृश्ठ 104,105)। यीषुने कहा,

“इसके पाप जो बहुत थे, क्षमा हुए, (क्योंकि) इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है। और उसने स्त्री से कहा, तेरे पाप क्षमा हुए” (लूका 7:47,48)।

षिक्षा या बाइबल के पद में विष्वास करना आपको कुछ अच्छा नहीं कर सकते। आप इस प्रकार बचाये नहीं जाओगे। परमेष्वरने आपको जागृत करना ही चाहिए। प्रभुने आपको आपके पापो के लिये परेषान करना ही चाहिए। प्रभु आपको दिखाने चाहिए जो संकट में आप हो, और न्याय जो आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। प्रभु आपको यीषु के पास ले जाने चाहिए आपके पापो की माफी के लिए। यह चीजे आपके सामर्थ्य में नहीं है। सिर्फ आप जो कर सकते हो वो है पापी भंठियारे की तरह पुकारना, जिसने उसकी छाती पीट-पीटकर और प्रार्थना की “हे परमेष्वर, मुझ पापी पर दया कर” (लूका 18:13)। मेहरबानी करके आपके गीत के पर्चे के गीत क्रमांक 7 पर फिरो, “मुझ पर दया कर।” मेहरबानी करके खडे रहो और इसे गाओं। यह “भूला हुआ” गीत है पुरानी बेपटीस्ट गीतमाला से।

टूटे हुए मन और अपराधी निष्वास के साथ
    थर्राता हुआ पापी प्रभु मैं पुकारता हूॅ;
आपका माफ करनेवाला अनुग्रह धनवान और मुक्त है;
    ओ प्रभु! मुझ पर दया कर!

मैं अपनी परेषान छाती पीटता हूं,
    दोश के साथ मेरे सारे पाप से जो मैने किए हैः
सिर्फ मसीह और उनका लहू मेरी याचना है;
    ओ प्रभु! मुझ पर दया कर!

दूर मैं खडा रहता हूँ आँखो में आँसू लिये,
    मैं उन्हे आसमान तक उठाने का साहस नहीं करता,
परन्तु आपने मेरे सारे दुःख देखेः
    ओ प्रभु। मुझ पर दया कर!

टूटे हुए मन और अपराधी निष्वास के साथ
   थर्राता हुआ पापी प्रभु मैं पुकारता हूॅ;
आपका माफ करनेवाला अनुग्रह धनवान और मुक्त है;
    ओ प्रभु! मुझ पर दया कर!
(“मुझ पर दया कर” कोर्नेलीयस एल्वेन द्वारा, 1797- 1873; याजक द्वारा ठीक किया हुआ; “ये मध्यरात्रि, और जैतुन की डाल” की तर्ज पर)।

(संदेश का अंत)
आप डॉ0हिमर्स के संदेश प्रत्येक सप्ताह इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं क्लिक करें
www.realconversion.com अथवा www.rlhsermons.com
क्लिक करें ‘‘हस्तलिखित संदेश पर।

आप डॉ0हिमर्स को अंग्रेजी में ई-मेल भी भेज सकते हैं - rlhymersjr@sbcglobal.net
अथवा आप उन्हें इस पते पर पत्र डाल सकते हैं पी. ओ.बॉक्स 15308,लॉस ऐंजेल्स,केलीफोर्निया 90015
या उन्हें दूरभाष कर सकते हैं (818)352-0452

ये संदेश कॉपी राईट नहीं है। आप उन्हें िबना डॉ0हिमर्स की अनुमति के भी उपयोग में ला सकते
 हैं। यद्यपि, डॉ0हिमर्स के समस्त वीडियो संदेश कॉपीराइट हैं एवं केवल अनुमति लेकर
ही उपयोग में लाये जा सकते हैं।

धार्मिक प्रवचन से पहले डो. क्रेगटन एल चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रषास्त्रः
     लूका 7:36-48)
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान ब्रन्जामिन कीनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीतः
“ज्यादा प्रेम आपको” (एलीझाबेथ पी. प्रेन्टीस्स द्वारा, 1818-1878)।


रूपरेखा

माफ किए हुए पापीयो से बहुत प्रेम

डो. आर. एल. हायमर्स, जुनि. द्वारा

“इसलिये मैं तुझ से कहता हूँ कि इसके पाप जो बहुत थें, क्षमा हुए, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया; पर जिसका थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है” (लूका 7:47)।

1.  पहला, यह स्पश्ट करता है क्यों इन बुरे दिनो में यीषु के लिये इतना कम प्रेम है, मती 24:12; 2 तीमुथियुस 3:2।

2.  दूसरा, यह दिखाता है कि पाप का अपराधभाव हमें यीषु को प्रेम करने तक ले जाता है जब वे हमें माफ करते है, लूका 7:37, 38; 18:13; 7:47-48।