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महान् और भययोग्य ईष्वर - भाग 4

THE GREAT AND TERRIBLE GOD – PART IV

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की शाम, 12 फरवरी 2012 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Evening, February 12, 2012

‘‘महान् और भययोग्य ईष्वर’’ (नहेम्याह 1:5)।

‘‘हे प्रभु, महान् और भययोग्य परमेष्वर’’ (दानिय्येल 9:4)।


पीछले तीन धार्मिक प्रवचन में मैंने दिखाया कि बाइबल के प्रभु, महान्, भययोग्य और भययोग्य ईष्वर है। यह संदेष लिखा गया है डो. जोन आर. राइस द्वारा ‘‘हे महान् और भययोग्य ईष्वर!’’ से (जोन. आर. राइस, डी.डी. ध ग्रेट एन्ड टेरीबल गोड, महान् और भययोग्य ईष्वर, स्वॉर्ड अॉफ ध लोर्ड प्रकाषक, 1977 की प्रत, पृपृश्ठ 7-38)।

डो. राइस ने कहा, ‘‘जब हेरी एमरसन फोस्डीक ने अपनी किताब ध मोर्डन युझ अॉफ ध बाइबल, (बाइबल का आधुनिक इस्तेमाल) में कहा कि आधुनिक लोग स्वीकार नहीं कर सकते पुरानी नियमावली में दिये हुए प्रभु के उद्देषपूर्ण सिद्धांत के संबंध बताने को, वे सिर्फ षिकायते दोहराते (थे) (अविष्वास करनेवालो) की जिसने प्रभु का तिरस्कार किया है वर्शों से ... फोस्डीक ... वर्णन करते है सारी नास्तिकता और दुराचारी लोगों का जिसने युगो से प्रभु के न्याय का तिरस्कार किया है, प्रभु जो पाप को दण्ड देते है, प्रभु जो चाहते है पश्चाताप’’ (ibid, पृश्ठ9)। यह स्मरण रखना चाहिए कि फोस्डीकने महान् चीनी सुसमाचार प्रचारक डो. जोन सन्ग को पागलखाने में रखा था, जब वे परिवर्तित हुए थे। वो दिखाता है हेरी एमरसन फोस्डीक बाइबल के परमेष्वर से कितनी नफरत करते थे! (पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये ‘‘ध रीयल कन्वरझन अॉफ डो. जोन सन्ग’’)

बहुत वर्शों तक फोस्डीक के समान अविष्वासु ने बाइबल की मसीह की क्रूस पर की तड़प की षिक्षा पर हमला और उपहास किया, इसे कहते हुए ‘‘कसाइखाने का धर्म’’। ऐसे द्रोही पापी, विचारों का विद्रोह करते है कि मसीह हकीकत में मरे मानवजाति के पाप के लिये। प्रेरितो पौलुस ने कहा, ‘‘वे मसीह के क्रूस के बैरी है’’ (फिलिप्पियों 3:18)। उसने गलातियों के कलीसिया को लिखा ‘‘क्रूस की ठोकर’’ (गलातियों 5:11) के बारे में। उसने कहा, ‘‘क्योंकि क्रूस की कथा नाष होनेवालों के लिये मूर्खता है’’ (1 कुरिन्थियों 1:18)। कई आदमीयों ने भी जिन्होंने दावा किया था बाइबल - विष्वासु होने का, इन वर्तमान वर्शों में मसीह के लहू द्वारा मुक्ति की षिक्षा के विरूद्ध में बोले!

क्रूस है, कुछ प्रकार में, सबसे भयानक पुरावा पाप के विरूद्ध प्रभु के क्रोध का। जब प्रभु ने अपना पुत्र दिया क्रूस पर लहूभरी, क्रूर, अन्याय की मृत्यु मरने, यह भययोग्य कार्य था भययोग्य और भययोग्य प्रभु का!

सदीयों से प्रभु को आवष्यकता थी उनके लोगों की पषु का लहू बहाने, जो दर्षाते है यीषु की क्रूस पर की मृत्यु को जब वे बहायेंगे उनका लहू आदमी के पाप को चुकाने। 1,500 वर्श से निर्गमन (Exodus) और मसीह के क्रूस पर चढ़ाने के बीच हर साल औसतः 2,50,000 मेम्ने मारे गये थे। वह बनाता है कुल मिलाकर 3000 लाख से ज्यादा मेम्नों का संहार सालाना फसह के लिये इन वर्शों के दौरान। परन्तु इसमें दूसरे बलिदान का समावेष नहीं है, सुबह और षाम का बलिदान, बैल, मेढे (rams), लाल बछिया (red heifers), पिण्डुक (turtledove) और कबूतर, जो मारे गये थे। ओह, लहू की कैसी नदी! ये निदोर्श लहू था, आदमी को स्मरण कराने बहाया गया था कि पवित्र और भययोग्य प्रभु पाप को दझउ देने ही चाहिए! यह स्मरण दिलानेवाला था कि सिर्फ लहू बहाने से ही वहाँ पाप का प्रायष्चित हो सकता था। लहू की नदी, सदीयों से बह रही है, हर इस्त्राएली को स्मरण दिलाया प्रभु के पाप के विरूद्ध क्रोध कों, हर समय लहू का बलिदान होता था वो पाप के लिये प्रभु के न्याय के बारे में बोलता था। ओ महान् और भययोग्य ईष्वर! हे महान् और भययोग्य परमेष्वर!

आखिरकार, यीषु, प्रभु के पुत्र, भयानक पीड़ा और तड़प से गुजरे उस निर्दयी पुरानी नियमावली के प्रकार को परिपूर्ण करने। दुश्ट आदमी यीषु के मुँह पर थूँके। उन्होंने उनकी दाढ़ी नोंची। उन्होंने उसे अधमरा होने तक मारा। उनका षरीर हड्डीयों दिखने तक चीरा गया और उनकी पीठ से लहू दौडकर नीचे धरती पर गिर रहा था। उन्होंने काँटो से भरा मुकुट उसके लहू बहते सिर पर दबाया। उन्होंने उसके कपडे फाडे उनके नंगे होने तक। और उसे क्रूस को उठाकर मारने की जगह तक ले जाने पर विवष किया। उन्होंने उनके हाथ और पाँव कील से उस क्रूस पर ठोक दिये! यीषु वहाँ लटक गये, बडी यातना और पीड़ा में। उन्होंने उसका नंगा और लहू बहते षरीर को देखा। वे हँसे और उसका मजाक उडाया। वहाँ क्रूस पर उनका लहू धीरे से उनके पीड़ित षरीर से नीचे टपकने लगा। ओ परमेष्वर, क्यों यीषु को ऐसी दीनता, पीड़ा, यातना से गुजरना पड़ा? क्यों? क्यों?

कितने भययोग्य प्रभु जिन्होंने यीषु के लिये इस प्रकार मरने का विचार किया! ये सब प्रभु द्वारा निष्चित किया गया था। दुश्ट लोगों ने यह किया, परन्तु प्रभुने इसे निष्चित किया था। प्रेरितों पतरसने कहा, ‘‘उसी यीषु को, जो परमेष्वर की ठहराई हुई योजना और पूर्वज्ञान के अनुसार पकडवाया गया, तुम ने अधर्मियों के हाथ से क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला’’ (प्रेरितों 2:23)। उसके जख्मी हाथ और पाँव, बेधी हुई बाजु, क्रूस पर लटकने का षाप वो सब निष्चित और स्थिर किया गया था प्रभु के द्वारा, और पुरानी नियमावली में पूर्वज्ञान कहा गया था। ओह, कितने भययोग्य और भययोग्य परमेष्वर को चाहिए था यीषु मसीह को ऐसी तड़प से गुजरने हमारे पापों को चुकाने!

परन्तु यह पर्याप्त नहीं है। जब यीषु मसीह क्रूस पर चढ़ाए गये, आसमान काला हो गया। क्योंकि प्रभु पितामह अपने पुत्र से दूर हो गये थे। यीषु क्रूस पर मरने के लिये अकेले छोडे गये थे।

अकेले, अकेले उन्होंने यह सब अकेले सहा;
   उसने स्वयं को दिया, उसके अपनों को बचाने,
वे तड़पे, लहू बहाया और मरे,
   अकेले, अकेले!
(‘‘अकेले’’ बेन. एच. प्राइस द्वारा 1914)।

यीषु की पुकार, भजनसंहिता 22:1 में भविश्यवाणी की गयी थी; वो उनके द्वारा क्रूस पर कही गयी, ‘‘हे मेरे परमेष्वर, हे मेरे परमेष्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?’’ (मती 27:46)। प्रभु ने यीषु को छोड़ा। प्रभु ने अपना चेहरा यीषु की ओर से फिराया नहीं होता, तो उद्धारक को प्रभु के पापीयों को छोड़ने की जगह नहीं ले जाया जाता।

वे क्रूस पर अकेले चढ़े की षायद दूसरे बचाए जाए;
   फिर प्रभु और आदमी द्वारा अकेला छोड़ा गया,
उसने उसका जीवन दिया।
   अकेले, अकेले उन्होंने यह सब अकेले सहा;
उसने स्वयं को दिया, उसके अपनों को बचाने,
   वे तड़पे, लहू बहाया और मरे,
अकेले, अकेले!

समूहगान गाओ,

अकेले, अकेले उन्होंने यह सब अकेले सहा;
   उसने स्वयं को दिया, उसके अपनों को बचाने,
वे तड़पे, लहू बहाया और मरे,
   अकेले, अकेले!

यीषु ने बहुत बड़ा दर्द महसूस किया होगा जब उन्होंने उनकी दाढ़ी को झटका देकर काटा। उन्होंने ज्यादा दर्द महसूस किया होगा जब उन लोगों ने उन्हें लकड़ी से मारा और उनके सिर पर काँटो का मुकुट दबाया। मैं जानता हूँ कोडो से मारना, जब उन्होंने उनकी पीठ को चीथंरो में काटने से दुःखकारक यातना हुई होगी। आदमी कई बार ऐसी कोड़ो की मार से मर भी जाते है। यह निष्चित है कि कील जो उन्होंने उनके हाथ और पाँव में ठोके उससे उनको न कहनेवाली पीड़ा हुई होगी। मैं निष्चित हूँ कि उनके क्रूस के आसपास की भीड़ के उपहासने उनका मन तोड़ दिया होगा।

यहूदा (Judas) ने उनको धोखा दिया। पतरसने उनका अस्वीकार किया। सभी चेले उनको छोडकर भाग गये। लोग जो चंगे हुए थे और जिसे खाना खिलाया था, अब उनका मजाक करते थे। वे जिसे वो बचाने आये थे उन्होंने ही उसे मार डाला। उनके अकृतज्ञता (ingratitude) से उन्हें बड़ा षोक हुआ होगा।

परन्तु वहाँ पर प्रभुपितामह के उनको छोड़कर दूर जाने और उसे क्रूस पर अकेला छोड़ने की हकीकत से ज्यादा दर्द और कहीं नहीं था। ओ भययोग्य परमेष्वर! कितना महान् आपका क्रोध था अपने स्वयं के पुत्र को हमारी जगह दण्ड देने का! हे भययोग्य ईष्वर, जिसे हमारे पापों को चुकाने के लिये ऐसी कीमंत की आवष्यकता हुई।

कोई आष्चर्य नहीं कि धरती हिली और थर्रायी सी बड़ी पीड़ा में, ऐसी अन्याय की पीड़ा, ऐसी भयानक किमंत पाप की। कोई आष्चर्य नहीं कि ऐसा षोक लगता था प्रकृति के मन को तोड़ने जब यीषु क्रूस पर मरे। ओ भययोग्य, भययोग्य परमेष्वर! प्रभु कैसे पाप से तिरस्कार करते है!

परन्तु रूकिये! जब मैं सर्वषक्तिमान प्रभु की ओर देखता हूँ, मैं उन्हें विलाप करते देखता हूँ। ‘‘क्योकि परमेष्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ...’’ (यूहन्ना 3:16)। मैंने बाते कही की कैसे यीषु तड़पे। परन्तु प्रभुपितामह भी तड़पे थे। हरएक पीड़ा जो पुत्रने अनुभव की थी वो पीड़ा प्रभु के मन में भी हुई। में मानता हूँ कि क्रूस पर चढ़ाकर मारना, टूटे हुए मन के प्रभु को पापीयों की दुश्ट जाति जो अधोलोक में जानी चाहिए थी उसे वापस लाने के लिये चित्रित करती है! ओह, प्रभु का क्रोध पाप पर भयानक और भययोग्य है, परन्तु उनकी दया भी महान् है!

यह सच है कि नहेम्याह ने प्रभु को ‘‘भययोग्य’’ कहा। यह सच है कि दानिय्येल ने प्रभु को ‘‘भययोग्य’’ कहा। परन्तु उन दोनों ने कहा प्रभु को ‘‘उन पर दया थी जो उन्हें प्रेम करते थे और उनका आदेष रखते थे।’’ यीषु मसीह की मृत्यु में हम देखते है, ना सिर्फ प्रभु का न्याय, परन्तु उनका नास्तिक पापीयों के लिये प्रेम और दया भी। प्रभु आप जैसे पापीयों से इतना प्रेम करते है कि उन्होंने अपने पुत्र को आपकी जगह मरने भेजा आपके पापों की कींमत चुकाने उस भयानक क्रूस पर! ओ दयावान प्रभु।

मुझे एक षब्द भी नहीं कहना चाहिये भयानक चीजों को सरल करने जो मेंने पाप के विरूद्ध प्रभु के क्रोध के बारे में कहीं है। उनका क्रोध पाप के विरूद्ध भययोग्य हैं। और वहाँ पर सिर्फ एक ही रास्ता है कि आप प्रभु के पाप के विरूद्ध के क्रोध और गुस्से से बच सको। वो है माफी के लिये यीषु मसीह के पास आना। अगर आप पश्चाताप करो और यीषु की ओर फिरो, प्रभु आप पर दया रखेंगे। प्रभु की ओर फिरो, प्रभु आप पर दया रखेंगे! प्रभु का क्रोध आपकी ओर से फिर जाएगा और आप बचाये जाओगे उनके पुत्र के बलिदान द्वारा आपके पापो के लिये। बाइबल कहता है, ‘‘जो उस पर विष्वास करता है, उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विष्वास नहीं करता, वह दोशी ठहर चुका; इसलिये कि उसने परमेष्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विष्वास नहीं किया’’ (यूहन्ना 3:18)। जिस पल आप मसीह पर भरोसा करते हो, और उनके पास विष्वास से आते हो, आप और ज्यादा देर तक अपराधी नहीं रहोगे! परन्तु अगर आप मसीह का अस्वीकार करते हो तो आप ‘‘पहिले से अपराधी ठहरते हो’’।

यीषु आपके जैसे पापीयों के उद्धारक है! उन्होंने आपके पाप का कर्ज क्रूस पर चुकाया ! जिस पल आप यीषु के पास आते हो आप प्रभु के साथ शांति पायेगे। जिस पल आप यीषु के पास आते हो आप महान् और भययोग्य ईष्वर के न्याय से बच सकते हो!

डो. एषेल नेटलेटन की गीतमाला से एक गीत के षब्द है आपको मदद करने के लिये। श्रीमान ग्रीफिथ ने इसे गाया था मेरे धार्मिक प्रवचन प्रचार करने से पहले। मैं चाहता हूँ वे इसे फिर से गाये। षब्दों पर ध्यान दिजीये!

आओ दीन पापी, जिसकी छाती में,
   हजारों विचार घुमते है;
आओ, तेरे दोश और भय दबाकर
   और ये आखरी निष्चय कर

‘‘मैं यीषु के पास जाऊँगा, चाहे मेरे पाप
   ‘‘पहाडों के समान खडे है;
‘‘मुझे उनका राजगृह मालूम है, मैं अंदर - प्रवेष करूँगा
   ‘‘चाहे जो कुछ भी विरोध कर

‘‘उनके सिंहासन के आगे लम्बा पड़ा रहुँगा मैं
   ‘‘और वहाँ मेरे दोश स्वीकार करूँगा,
‘‘मैं उनसे कहुँगा, मैं दुश्ट दरिद्र हूँ,
   ‘‘बिना उनके विषिश्ट अनुग्रह के।

‘‘मैं नश्ट हो सकता हूँ अगर मैं आऊँ,
   मैंने प्रयत्न करने का निष्चय कर लिया,
‘‘क्योंकि अगर मैं दूर रहूँगा,
   मैं जानता हूँ मुझे सदा के लिये मरना ही है।’’
(‘‘निष्चय करना’’ एडमन्ड जोनेस द्वारा, 1722-1765)

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढ़ा हुआ पवित्रशास्त्र : मती 27:26-35।
धार्मिक प्रवचन से पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘निष्चय करना’’ (एडमन्ड जोनेस द्वारा, 1722-1765)।