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क्यों रोब बेल अधोलोक के बारे में इतने गलत है?

WHY IS ROB BELL SO WRONG ABOUT HELL?

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा
by Dr. R. L. Hymers, Jr.

लोस एंजीलस के बप्तीस टबरनेकल में प्रभु के दिन की सुबह,
8 मई 2011 को दिया हुआ धार्मिक प्रवचन
A sermon preached at the Baptist Tabernacle of Los Angeles
Lord’s Day Morning, May 8, 2011

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे ...'' (मती 25:46)।


ये शायद अजीब पाठ लगे प्रवचन देने के लिय मातृदिन पर। परंतु यह धार्मिक प्रवचन हकीकत में अधोलोक के बारे में नहीं है। इस धार्मिक प्रवचन का विषय है ‘‘उभरते कलीसिया'' के याजक रोबर्ट बेल, जुनि. की गलत शिक्षा। धार्मिक प्रवचन का मुख्य मुद्दा है कि बहुत से युवा सुसमाचार प्रचारक जैसे बेल, कभी भी परिवर्तित नहीं हुए थे।

यह बहुत गलत है मसीही माताओं के लिये उनके बच्चों को प्रोत्साहन देना ‘‘शक्तिशाली प्रार्थना'' कहने और सच्चे परिवर्तन के अनुभव को लिये बिना बप्तीसमा लेने। ‘‘प्रार्थना द्वारा मुक्ति'' लाखो सुसमाचार प्रचारक बच्चों को झुठे परिवर्तन तक ले आये। इसलिये 88: सुसमाचार प्रचारक बच्चे कलीसिया छोडते है अच्छे के लिये जब वे 25 साल के होते है और बारह फिसदी जो सदा रहते है ‘‘इरादा ढकेलने'' की चाल कि त्रुटि की ओर फिरे हुए - या ‘‘उभरते कलीसिया'' की नास्तिकता में फिरे हुए। सुसमाचार प्रचारक माता का उपकार है कुछ बनाने जितना संभव हो सके नम्रतापूर्वक, ताकि उनके बच्चे सच्चे परिवर्तन का अनुभव करें। मैं हमारे कलीसिया में हर माता से यह करने की विनती करता हुँ।

बाइबल संबंधी मसीहीता पर सालाना इस्टर का हमला करना जारी रखना, टाइम पत्रिका में मुख्य कहानी थी, शिर्षक था, ‘‘क्या हो अगर अधोलोक न हो?'' (अप्रैल 25, 2011)। इस लेख का विषय था रोब बेल की अधोलोक पर अवस्था। ‘‘दुष्टात्मा को उसका कर्ज देने'', मुझे जरूर यह बताना चाहिये की टाइम के लेख का शिर्षक रोब बेल की अवस्था का स्पष्ट वर्णन नहीं करता। यह टाइम के लिये गलत राह दिखाना था कि रोब बेल अधोलोक में नहीं मानते। वे अधोलोक में विश्वास करते है - परंतु (और यही वे गलत होते है) वे नहीं मानते की यह ‘‘अमर'' है। रोबर्ट बेल, जुनि. ‘‘उभरते कलीसिया'' के प्रवक्ता जो बहुत से याजको को गहरे संदर्भ में डालने का कारण बने, उनकी अधोलोक पर ही धर्मग्रंथ की शिक्षा द्वारा। मशहुर मसीही आगेवान जैसे डो. जोन पाईपर और डो. अलबर्ट मोहलर, दक्षिणी बप्तीस बह्यज्ञानी धार्मिक पाठशाला लाउसवीले, केन्टकी के अध्यक्ष ने खुलकर बेल की गलत शिक्षा का अस्वीकार किया।

यीशु ने कहा, ‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)। बेल वो नहीं मानते। बेलने कहा, ‘‘अधोलोक अमर नहीं है और प्रेम अंत में जीतता है और सारे प्रभु में एकता पायेंगे'' (रोब बेल, लव वीन्स, हारपर वन, 2011, पृष्ठ. 109)।

यीशु ने कहा, ‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)। ग्रीक शब्द अनुवाद किया गया है ‘‘अमर'' का अर्थ है ‘‘सनातन, अनन्त'' (जेम्स स्ट्रोंग, ए डीक्शनरी अॉफ ध न्यू टेस्टामेंट) ‘‘बिना अंत का, अमर'' (ज्योर्ज रीकर बेरी, ए ग्रीक - इंग्लीश लेक्सीकन, क्रमांक 166, कोडेड टु स्ट्रोंग)। बेल इन शब्दों को धुमाते है, इसका संदर्भ करने ‘‘समय के अंतराल में शुरूआत और अंत के साथ'' (लव वीन्स, पृष्ठ 32)। परंतु जेम्स स्ट्रोंग और ज्योर्ज रीकर बेरी को ग्रीक भाषा के बारे में बहुत ज्यादा ज्ञान था रोब बेल कभी भी जानता उससे ज्यादा। और उन्होंने कहा कि ग्रीक शब्द का अर्थ है ‘‘सनातन, अनंत'' - ‘‘बिना अंत का, अमर''। यीशु ने कहा, ‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।

रोब बेलने पुकारा जो यीशु ने कहा, ‘‘मार्ग-भ्रष्ट और जहरीला'' (लव वीन्स पृष्ठ. अपपप)। मेरे साथी, डो. सी. एल. केगन ने कहा, ‘‘ये स्पष्ट है की बेल नफरत करता है और रोकता है बाइबल की ऐतिहासिक मसीहीता खास करके मसीह के मृत्यु के बाद के न्याय के मंतव्य का। डो. जोन गील (1697-1771) को गहरी जानकारी थी बाइबल संबंधी भाषाओं की। मती 25:46 पर समालोचना देते हुए डो. गील ने कहा,

उन्हें सदा रहनेवाली (अनंत) सजा मीलनी ही चाहिये ... और वो भी दोनो आत्मा और शरीर में, जैसे पापो का रेगिस्तान : जो अनंत प्रभु के विरूध किये गये थे, मर्यादायुक्त जीव के द्वारा संतुष्ट नहीं हो सकते; जो इसीलिये जरूर सदा इसकी सजा सहन करनी चाहिये क्योंकि इसका प्रदूषण और अपराध सदा रहेगा (जोन गील, डी.डी., एन एक्सपोझीशन अॉफ ध न्यु टेस्टामेंट, ध बेप्टीस्ट स्टानर्डड बेरर, 1989 में फिर से छपा हुआ, भाग 1, पृष्ठ. 318; मती 25:46 पर टीप्पणी)।

हाँ, प्रभु यीशु मसीह ने कहा,

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।

इस धार्मिक प्रवचन में मेरा तात्पर्य अनंत दण्ड की शिक्षा को बचाना नहीं है। मैं वो मानता हॅुं, अगर आप अब इसमें विश्वास नहीं करते, जब से मसीह इसके बारे में बोले इतनी स्पष्टता और इतनी बार चार सुसमाचार में। इसलिये, मैं बचाव नहीं करूंगा अनंत दण्ड की शिक्षा का इस धार्मिक प्रवचन में। मेरा तात्पर्य, इस धार्मिक प्रवचन में, रोब बेल क्यों अस्वीकार करता है अधोलोक के अनंत स्वभाव का, उसे स्पष्ट करना है। और मुझे ऐसा लगता है कि वहाँ पर मुख्य दो कारण है वो प्रभु यीशु मसीह के वचनों ‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' का अस्वीकार करता है।

I. पहला, रोब बेल ‘‘अनंत दण्ड'' का अस्वीकार करता है क्योंकि वो स्वतंत्र विचार के सिध्धांत द्वारा व्याकुल था।

रोब बेल पासाडोना, केलिफोर्निया में फूलर थीयोलोजी धार्मिक पाठशाला से स्नातक हुए थे, ये वहाँ था कि बेल व्याकुल हुए थे बाइबल के अधिकार से।

कलर धार्मिक पाठशाला पहले विश्वास के कथनने कहा, ‘‘किताब जिसमे पूराने और नयी नियमावली के नियम मौलिकरूप में पूर्णरूप से उत्तेजित और सारे दोष पूरी तरह और भागो मे दिये गये है। यह किताब स्थापित करता है लिखे हुए प्रभु के वचन विश्वास और व्यवहार का एक मात्र भूल न करनेवाला कायदा'' (हेरोल्ड लीन्डसेल पीएच. डी. ध बेटल फोर ध बाइबल में कथन किया हुआ, झोन्डरवान प्रकाशन घर, 1978 की प्रत, पृष्ठ 107)। इस प्रकार, फूलर धार्मिक पाठशाला का विश्वास के मौलिक कथन ने बाइबल की आंतरिक्तता सिखाई, की पवित्रशास्त्र, ‘‘सारे दोष से मुक्त है पूर्णता में और भागों में'', और वो कि बाइबल है ‘‘लिखे हुए प्रभु के वचन, विश्वास और व्यवहार का एक मात्र भूल न करनेवाला कायदा''। इसके बावजूद कि उनका विश्वास के पहले कथनने कहा की, वो बाद में बदला गया। परंतु फूलर धार्मिक पाठशाला ने मौलिक रूप से सिखाया जो बाइबल अपने बारे में कहता है,

‘‘सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने और सुधारने, ओर धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है'' (2 तीमुथियुस 3:16)।

मैं लौटकर आऊँगा और तुमसे कहुँगा कैसे फूलर धार्मिक पाठशाला बदली और कैसे इसने रोब बेल को व्याकुल किया जब ये एक स्वतंत्र संस्था बनी। परंतु पहले मैं आपके लिये पढुंगा डाँ. डब्ल्यु. ए. क्रीसवेल (1909-2002) का कथन पवित्रशास्त्र की आंतरिक्तता के विषय में।

डो. क्रीसवेल, डल्लास, टेक्सास के पहले बेप्टीस्ट कलीसिया के पूराने याजक उनकी सीमाचिन्ह किताब व्हाय आय प्रीच घेट ध बाइबल इझ लीटरली टु, में 2 तीमुथियुस 3:16 के बारे में कहा। डो. क्रीसवेल ने कहा,

‘‘सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है।'' दो शब्द इस पाठ में इस्तेमाल हुए है हमें भेट देते है देवदूत संबधंी मंतव्य पावन पवित्रशास्त्र की प्रेरणा के विषय में। एक शब्द है लेखन, जिसका अर्थ है ‘‘लिखावट'', और दूसरा है थीयोप्नेयुटोस, जिसका अर्थ है ‘‘प्रभु ने सॉस ली''। ये लिखावट है, पवित्रशास्त्र, वो है ‘‘प्रभु की सांस'', जो प्रेरणारूप है। मौलिक चर्मपत्र पर हर वाक्य, शब्द, रेखा, चिन्ह, मुद्दा, कलम के प्रहार, संक्षेप लिखना और शिर्षक वहां रखा गया था प्रभु की प्रेरणा के द्वारा। वहांॅ पर किसी और चीज का प्रश्न ही नहीं हो सकता ... वहांॅ बहुत से है जो इसका अस्वीकार करते है और कहते है कि पवित्रशास्त्र की प्रेरणा मिली थी चिन्ह में भागों में, टूक्डो में, विभागो में। कैसे भी, ऐसी कोई भी शिक्षा बाइबल में नहीं पायी जाती है। एैतिहासीक किताब, मोझेक की व्यवस्थापन की किताब; कविता संबंधी किताब, भविष्यवाणी, सुसमाचार पत्र, अपोकाल्पिसे, सारे प्रेरित हुए है हर विवरण में। प्रेरणा समावेश करती है नमूना और तात्पर्य भी, शब्द और विचार भी। यह कही जाती है प्रेरणा की मौलिक कल्पना, जो प्रचन्डता से अस्वीकार की गई है बहुत से आधुनिक बह्यज्ञानी द्वारा ... परंतु मैं आग्रह करता हुं उस पर और उपस्थित करता हूँ, कोई सिध्धांत नहीं सिवा जो बाइबल में पाया गया है (डब्ल्यु ए. क्रीसवेल, पीएच.डी., व्हाय आय प्रीच घेट ध बाइबल इझ लीटरली टु, ब्रोडमेन प्रेस, 1969 की प्रत, पृपृष्ठ. 33-34)।

रोब बेल नहीं मानते जो डो. डब्ल्यु ए. क्रीसवेल ने कहा। वो पवित्रशास्त्र के सारे वचनो की प्रेरणा (पूर्णरूप से मौखिक प्रेरणा) में विश्वास नहीं करते। क्यों? क्योंकि वो फूलर धार्मिक पाठशाला से स्नातक हुआ है। फूलर धाम्रिक पाठशाला ने पहले 1970 में उसकी मतसंबंधी कथन में बदलाव किये थे, बेल के वहां जाने से बहुत पहले। फूलर अब पढाता है कि बाइबल अशुद्ध से भरा हैं ये कैसे हुआ उसकी और ज्यादा पूरी स्पष्टता के लिये, पढीये डाँ. हेरोल्ड लीन्डसेल की किताब, ध बेटल फोर ध बाइबल, अध्याय 6ठा, शिर्षक है ‘‘ध स्टे्र्र्र्र्रन्‍ज केस अॉफ फूलर थीयोलोजीकल सेमीनरी'' (झोन्‍डरवान प्रकाशन घर, 1978 की प्रत, पृपृष्‍ठ. 106-121)। फूलर धार्मिक पाठशाला अब और नहीं मानता बाइबल के प्रेरणात्‍मक वचनों के वचन में (पूर्णरूप से मौखिक प्रेरणा)।

रोब बेल इस धार्मिक पाठशाला से स्नातक हुए। उन्होंने वहां सीखा बाइबल के वचनों पर विश्वास नहीं करने। रोब बेल वहां पर सीखे पवित्रशास्त्र को घुमाना। इसीलिये डो. रीचर्ड माऊ, फूलर धार्मिक पाठशाला के वर्तमान अध्यक्ष, रोब बेल की किताब को बचाते है जो हमला करती है अधोलोक के अनंत दण्ड पर। डो. माऊ, फूलर धार्मिक पाठशाला के अध्यक्ष ने कहां ‘‘यह काफी मुश्किल है (फूलर को साथ देना) और बंद दिमाग के साथ आओ जो अटल सीमा आध्यात्मविद्या के बारे में'' (टाइम, पइपक, पृष्ठ. 43)।

ठीक है, मैं दो धार्मिक पाठशाला से स्नातक हुआ हूँ जो फूलर के जितनी ही स्वतंत्र थी, और फिर भी मैं आता हूँ ‘‘पूरे स्थिर मन'' कि बाइबल सत्य है ‘‘पूर्णता और भागों में। मैंने नई प्रकाशित होने को तैयार समालोचना और साद्रश्य समालोचना और बार्थ, ब्रुनर, टिलिच, रूडॉल्फ बल्टमॅन, और दूसरे स्वतंत्र जो रोब बेलने अभ्यास किया है, उनका अभ्यास किया है। फिर भी मैंने कभी भी इब्रानियों और ग्रीक बाइबल के प्रेरणात्मक वचनो के वचन को मानना नहीं छोडा। और क्योंकि मैं बाइबल के वचनों में विश्वास करता हूँ, मुझे कोई परेशानी नहीं है ‘‘आध्यात्म विद्या के बारे में निश्चिंत सीमा'' मानने में। प्रभु यीशु मसीह ने कहा,

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।

मुझे शायद ये अच्छा न लगे। ये शायद मेरे शरीर को आकर्षित न करें। परंतु मसीह ने यह कहां है। मैं यह मानता हूँ। और ये स्थापित करता है! वहां पर ‘‘घुमानेवाला कक्ष'' नहीं है। जैसे लुथर ने यह रखा, ‘‘मेरा अंतःकरण प्रभु के वचनो तक है''

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।

परंतु मैं सहमत हूँ कि वहांॅ पर दूसरा भी कारण है कि क्यों रोब बेल प्रभु यीशु मसीह के उस वचनो का अस्वीकार करते है।

II. दूसरा, रोब बेल ‘‘अनंत दण्ड'' का अस्वीकार करते है क्योंकि उसे निर्णायक्ता द्वारा धोखा दिया गया था।

फुलर धार्मिक पाठशाला में स्वतंत्रता ने बेल के बाइबल के विश्वास को नष्ट किया क्योंकि, उनके अपने से न्याय करते, उसने ‘‘निर्णय'' किया बजाय सच्चे अनुभव से परिवर्तन के। रोब बेल करीबन मेरे पौत्र बनने जितना युवा है। अगर वो यह धार्मिक प्रवचन इन्टरनेट पर पढता है, और इतनी दूर आता है, मैं आशा रखता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि वो फिर से सोचेगा उसके अपने ‘‘परिवर्तन'' को। मैं प्रसन्न होऊँगा अगर वो सच्चे परिवर्तन का अनुभव करता है। बाइबल कहता है,

‘‘अपने आप को परखो कि विश्वास मे हो कि नहीं। अपने आप को जाँचो'' (2 कुरिन्थियों 13:5)।

मैं दो लोगो को जानता हूँ जो मेरे साथ स्वतंत्र धार्मिक पाठशाला में पढते थे जो बाद में सच्चे रूप से परिवर्तित हुए थे। मैं प्रार्थना करता हूं की वो रोब बेल को भी हो।

मुझे ये ऐसा लगता है की रोब बेल ने प्रार्थना की थी कहे जानेवाली ‘‘पापीयों की प्रार्थना'' बिना पुनःजीवित और परिवर्तित हुए। उनकी किताब में बेल कहते है,

       ‘‘एक रात जब मैं प्रार्थमिक शाला में था मैंने प्रार्थना की थी घुंटनो के बल बैठकर मेरे कमरे मे मेरे पालंग के करीब ... मेरे मातापिता मेरे पास में ही थे, मैंने यीशु को मेरे मन में आमंत्रित किया। मैंने प्रभु से कहां की मैं मानता हूँ कि मैं पापी था और यीशु आये मुझे बचाने के लिये और मुझे मसीही बनना था।''
       मुझे अभी भी याद है वो प्रार्थना उसने मुझे कुछ किया। कुछ मेरे अंदर। निर्दोष दरजे में शाला की तरह कुछ, मैं मानता हूं की प्रभुने मुझे प्रेम किया ओर यह की यीशु आये मुझे वो प्रेम दिखाने और वो कि मैं उस प्रेम का स्वीकार करने के लिये आमंत्रित किया गया था (रोब बेल, लव वीन्स, पइपक, पृपृष्ठ. 193-194)

यहाँ पर क्या गलत है? कुछ चीजें। पहला, उसने यीशु को आमंत्रित किया आने ‘‘(उसके) मनमें।'' वो प्राणनाशक है। बाइबल हमें बार बार कहता है कि यीशु मसीह ऊपर स्वर्ग में है प्रभु के दाहिने हाथ पर बैठे हुए। बाइबलने कभी भी एक बार भी खोये हुए पापीयों से नहीं कहा ‘‘यीशु को उनके मनमें आमंत्रित करो।'' पवित्रशास्त्र कोई एक भी पद में यह नहीं सिखाता। दूसरा उसने कहा ‘‘प्रभु (उसने) वह माना कि (वह) पापी था''। हा, मैं सोचता हूँ उसने प्रभु से वो कहा। परंतु क्या वो पापो के अपराधभाव के अधीन था? वो नहीं कहता कि वो था। क्या वो अपने पापभरे स्वभाव से सहमत था, सर्वशक्तिमान प्रभु के क्रोध और दण्ड के योग्य? उसने कहा वो ‘‘निर्दोष दरजे की शाला'' का बालक था जब उसने वो प्रार्थना की थी। आप कैसे ‘‘निर्दोष'' और उसी समय पापो के सच्चे अपराधभाव के अधीन भी हो? (यूहन्ना 16:8-9)। उसने कहा, मैं ‘‘मानता हूं कि यीशु मुझे बचाने आये''- किससे? जब से उसने महसूस किया वो ‘‘निर्दोष'' था, उसने निश्चिंत ही महसूस नहीं किया कि उसे बहुत जरूरत है यीशु द्वारा उसके पापो के माफी की। कोई ताजुब्ब नहीं कि वहांॅ पर कोई निर्देश नहीं है कि मसीह उसकी जगह क्रूस पर मर रहे थे। कोई ताजुब्ब नहीं कि वहॉ पर मसीह का लहू उसे पापो से शुध्ध करता है उसका कोई निर्देश नहीं! पापो का कोई भी अपराध भाव नहीं! क्रूस का कोई वर्णन नहीं! लहू का कोई वर्णन नहीं! सिर्फ लाक्षणिक नई सुसमाचार प्रचारित प्रार्थना का वर्णन। फिर रोब बेल ने कहा, ‘‘मुझे वो प्रार्थना अभी भी याद हैं उसने मुझे कुछ किया।'' मुझे लगता है वो सच है। उस प्रार्थना ने उसे कुछ किया था। इसने उसको धोखा दिया।

मैं प्रार्थना करता हूँ कि मसीही माताऐं हर जगह उनके बच्चों को अर्थहीन ‘‘मसीह के लिये निर्णय'' में भेजना बंद करेगीं। हमारे युवा लोगो को जरूरत है कुछ बहुत गहरा। उनका मन बदलने की जरूरत है, और सिर्फ प्रभु ही वो कर सकते है। माताओं को यह प्रतीत होना चाहिये कि उनके बच्चों का अनंत भाग्य प्रभु का उनको पापो का अपराधी प्रमाणित करने और उन्हें मसीह तक ले जाने पर निर्भर करता हैं। माताओं को प्रार्थना करनी चाहिये ‘‘बिना रूके'' प्रभु के लिये की यह उनके अनुग्रह का कार्य उनके बच्चों पर करें।

ओह, युवा लोग, रोब बेल की तरह धोखे में मत आना। प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आपको आपके अपराध महसूस कराये - प्रभु को की वो आपको स्पर्जन कि तरह महसूस कराये। पंद्रह साल के बच्चे की तरह, स्पर्जन ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं स्वयं को इतनी भयानकता से अपराधी कि मुझे याद है अनुभव, कि अगर प्रभु मुझे पापो के लिये सजा नहीं देते, उसके लिये वह करना उचित होगा।'' अगर प्रभु आपको ऐसा महसूस कराते है तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करने से, जब वे कहते है,

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे'' (मती 25:46)।

हकीकत में, आप, आश्चर्यचकित होंगे कि आप स्वयं नहीं जाते ‘‘अनंत दण्ड में''। डो. मार्टीन लोयड - जोनेस ने कहा, ‘‘ये सिर्फ मनुष्य है जो उसके अपराध देखने लाया जाता है इस तरह जो मसीह की ओर भागते है छुटकारे और मुक्ति के लिये'' (डो. मार्टीन लोयड - जोनेस, एम.डी., स्टडीस इन ध सरमन ओन ध माउन्ट, इन्टर वर्सीटी, 1959, पृष्ठ. 235)।

में प्रार्थना करता हुँ कि प्रभु की आत्मा आपको पाप के गहरे अपराधभाव के अधीन लायेगी। मैं प्रार्थना करता हुँ कि प्रभु आपको यीशु मसीह तक ले जायेंगे, आपकी जगह उनकी मृत्यु क्रूस पर माफी के लिये और उनके लहू द्वारा पापो से शुद्धि। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप अनुभव करेंगे सच्चे परिवर्तन का प्रभु के अनुग्रह और मसीह की तडप के द्वारा। आमीन।

(संदेश का अंत)
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धार्मिक प्रवचन के पहले डो. क्रेगटन् एल. चान द्वारा पढा हुआ पवित्रशास्त्र : 2 थिस्सलुनीकिया 1:7-10।
धार्मिक प्रवचन के पहले श्रीमान बेन्जामिन किनकेड ग्रीफिथ द्वारा गाया हुआ गीत :
‘‘मैं जानता हुँ की बाइबल सत्य है'' (डो. बी. बी. मेककीन्नी द्वारा, 1886 - 1952)।


रूपरेखा

क्यों रोब बेल अधोलोक के बारे में इतने गलत है?

डो. आर. एल. हायर्मस, जुनि. द्वारा

‘‘ये अनंत दण्ड भोगेंगे ...'' (मती 25:46)।

I.    पहला, रोब बेल ‘‘अनंत दण्ड'' का अस्वीकार करता है क्योंकि वो
स्वतंत्र विचार के सिध्धांत द्वारा व्याकुल था, 2 तीमुथियुस 3:16।

II.    दूसरा, रोबल बेल अनंत दण्ड का अस्वीकार करते है क्योंकि उसे
निर्णायक्ता द्वारा धोखा दिया गया था, 2 कुरिन्थियों 13:5;
युहन्ना 16:8-9।